भानु प्रताप उपाध्याय
बडौत। नाथ संप्रदाय की शमशान भूमि (समाधि) लूम्ब से अवैध कब्जे हटवाने एवं शमशान भूमि की चारदीवारी करने के लिए नाथ समाज के लोगों ने तहसीलदार बडौत को सौंप ज्ञापन। बीते दिनों लूम्ब में नाथ शमशानों पर अवैध कब्जाधारीयों द्वारा नाथ समाज की महिला के शव का अन्तिम संस्कार करने में बाधा उत्पन्न की गयी थी।
नाथ समाज लूम्ब के लोगों ने उप जिलाधिकारी बडौत के नाम से सम्बौधित ज्ञापन तहसीलदार प्रदीप कुमार को सौंपते हुये बताया कि संपूर्ण भारत वर्ष में जहाँ-जहाँ नाथ संप्रदाय के संन्यासी या गृहस्थ लोग निवास करते है। वहाँ नाथ सम्प्रदाय की शमशान भूमि अलग है। इन्हें समाधि कहते हैं। नाथ सम्प्रदाय में मृत्यु के बाद शव का अन्तिम संस्कार मृतक की अंतिम इच्छा इच्छा के अनुसार तीन प्रकार से किया जाता है। (1) अग्नि के द्वारा, (2) समाधि देकर और (3) जल प्रवाह करके। आज भी नाथ पंथीयों में ये तीनों परम्परा कायम हैं।
बागपत जनपद के गाँव लूम्ब में नाथ सम्प्रदाय की रवन्यु रिकार्ड में दर्ज खसरा स० 300 मी० रकाब 0.3160 परगना छपरौली के नाम से दर्ज अलग शमशान भूमि हैं। जिस पर दबंग व्यक्तियों ने अवैध कब्जे कर रखे है। सैकड़ों वर्षों से इन्हीं शमशानों में नाथ समाज के लोग अपनी रीति के अनुसार अन्तिम संस्कार करते आ रहे है।
दिनांक 25/09/2020, दिन- शुक्रवार को गाँव- लूम्ब में नाथ सम्प्रदाय की 55 वर्षिय महिला सुरेश देवी पत्नी देशपाल की मृत्यु हो जाने के बाद शव के अन्तिम संस्कार करने समाधि स्थल पहुँचे तो समाधि पर अवैध कब्जा करने वाले दबंग व्यक्तियों ने शव का अन्तिम संस्कार करने से रोका कई घंटों तक शव रास्ते में पडा रहा। फिर पुलिस के हस्तक्षेप के बाद शव का अन्तिम संस्कार हुआ।
उप जिलाधिकरी व पुलिस क्षेत्राधिकारी बडौत के हस्तक्षेप के बाद भी शमशानों में कब्जे की स्थिति ज्यों की त्यों है। ये लोग भविष्य में शव का अन्तिम संस्कार न करने की चेतावनी दे रहे है। जिससे नाथ समाज के लोगों में डर और रोष है।
नाथ समाज के लोगों ने तहसीलदार प्रदीप कुमार को गाँव लूम्ब में नाथ सम्प्रदाय की शमशान भूमि पर हो रहे अवैध कब्जे हटवाने और इनकी चार दिवारी कराने के एवं शव का अन्तिम संस्कार रोकने की घटना की पुनरावृत्ति न हो की मांग करते हुए उपजिलाधिकरी बडौत को सम्बौधित ज्ञापन सौंपा।
इस अवसर पर समाजसेवी आर०आर०डी० उपाध्याय, धर्मेन्द्र कुमार, चौहल सिंह, सुरेश देशपाल, कमल, प्रदीप, रामपाल, कैलाश, जय कुमार आदि उपस्थित रहे।