रविवार, 11 अक्टूबर 2020

महिलाओं को कमर दर्द से राहत देगा 'ब्लाउज'

महिलाओं को कमर दर्द से राहत देगा ये ब्लाउज, जानिए इसकी खासियत।


लंदन। कमर दर्द से परेशान मरीजों के लिए एक अच्छी खबर है। फ्रांस स्थित लिली यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के शोधकर्ताओं ने ‘एटलस’ नाम का एक ऐसा ब्लाउज तैयार किया है, जो रीढ़ की हड्डी पर पड़ने वाले दबाव में कमी लाकर कमर दर्द की छुट्टी करेगा। निर्माण दल से जुड़े रॉजर हैकनी ने बताया कि ‘एटलस’ में लगे अत्याधुनिक सेंसर और मोटर कमर के उस हिस्से में मौजूद मांसपेशियों में खिंचाव लाते हैं, जो दर्द का सबब हैं। इससे दर्द के एहसास में तो कमी आती ही है, साथ ही व्यक्ति झुककर किए जाने वाले काम भी आसानी से निपटा पाता है। पेरिस में कमर दर्द से जूझ रहे 32 मरीजों पर इस ब्लाउज के इस्तेमाल के सकारात्मक नतीजे देखने को मिले हैं। सभी मरीज दर्दनिवारक दवाएं खाए बगैर ही तकलीफ से निजात पाने और सामान्य जीवन जीने में सफल रहे।              


जीत की लय बरकरार रखना चाहेगी हैदराबाद

आईपीएल-13: जीत का क्रम जारी रखना चाहेगी हैदराबाद।


आबुधाबी। पूर्व चैंपियन सनराइजर्स हैदराबाद इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 13वें संस्करण में दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में राजस्थान रॉयल्स से भिड़ेगी। हैदराबाद ने अपने पिछले मैच में किंग्स इलेवन पंजाब को हराया था और अब उसकी कोशिश अपने जीत के क्रम को बनाए रखने की होगी।
राजस्थान के सामने उसके लिए यह आसान भी लगता है। क्योंकि शुरुआत में दम दिखाने वाली 2008 की विजेता टीम धीरे-धीरे अपनी लय खो चुकी है और हार झेल रही है। उसके प्रदर्शन में निरंतरता नहीं है और न ही उसके स्टार खिलाड़ी अपनी उस फॉर्म को दिखा पा रहे हैं जो उन्होंने शुरुआत में दिखाई थी। इस मैच में राजस्थान के बेन स्टोक्स के खेलने की उम्मीद थी जिन्होंने शनिवार को अपना क्वारंटीन पीरियड पूरा कर लिया है, लेकिन शनिवार को दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ खेले गए मैच के बाद स्मिथ ने कहा कि स्टोक्स अगले मैच में खेलेंगे या नहीं इस पर अभी स्थिति साफ नहीं है क्योंकि उन्होंने अभ्यास नहीं किया है।
स्मिथ ने कहा, “स्टोक्स ने ज्यादा अभ्यास नहीं किया है, उनका क्वारंटीन कल खत्म हुआ है। इसलिए देखना होगा कि वह अगले मैच में खेलते हैं या नहीं।” अगर स्टोक्स खेलते हैं तो यह राजस्थान के लिए बड़ी राहत होगी और उसे गेंदबाजी के साथ-साथ मध्य क्रम में जिस मजबूती की जरूरत है वो मिलेगी। स्टोक्स अपने देश के जोफ्रा आर्चर के साथ मिलकर टीम के लिए मजबूत गेंदबाजी आक्रमण तैयार करेंगे। लेकिन अगर नहीं आते हैं तो राजस्थान को नुकसान ही है।
लेकिन एक खिलाड़ी टीम को मैच नहीं जिताता। इसके लिए जरूरी है कि बाकी के खिलाड़ी भी योगदान दें। कप्तान स्टीव स्मिथ, जोस बटलर और संजू सैमसन शुरूआती गुरराहट के बाद शांत हैं और इनके बल्ले से रन नहीं निकल रहे हैं। वहीं गेंदबाजी में अपने पिछले मैच में राजस्थान ने शारजाह क्रिकेट स्टेडियम जैसे छोटे मैदान पर खेले गए मैच में दिल्ली कैपिटल्स को बड़ा स्कोर नहीं करने दिया गया था। लेकिन राजस्थान के गेंदबाज अपने इसी कसे हुए प्रदर्शन को कायम रख पाते हैं या नहीं यह देखना होगा।
वहीं हैदराबाद की बात की जाए तो राजस्थान पर उसका पलड़ा भारी है और इसका कारण उसकी गेंदबाजी है। भुवनेश्वर कुमार के बाहर होने के बाद भी टीम पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है और टीम के गेंदबाजों ने अच्छा किया है। कमजोर राजस्थान के सामने तो यह गेंदबाजी आक्रामण और खतरनाक साबित हो सकता है। संदीप शर्मा, खलील अहमद और टी. नटराजन ने तेज गेंदबाजी का भार साझा किया है तो वहीं स्पिन में राशिद खान से बेहतर टीम के पास कोई हो नहीं सकता।
बल्लेबाजी में जरूर टीम को अपने शीर्षक्रम के भरोसा ही रहना होगा। डेविड वार्नर और जॉनी बेयरस्टो की जिस जुगलबंदी का इंतजार फैंस को था वो किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ पिछले मैच में देखने को मिली। दोनों ने पहले विकेट के लिए 160 रन जोड़े। अगर यह दोनों इसी फॉर्म को बरकरार रखते हैं तो राजस्थान के लिए समस्या ही होगी। इन दोनों के अलावा मनीष पांडे और केन विलियम्सन है जिनसे रन करने की उम्ममीदें।
टीमें (सम्भावित)
सनराइजर्स हैदराबाद। डेविड वार्नर (कप्तान), अभिषेक शर्मा, बैसिल थम्पी, भुवनेश्वर कुमार, बिली स्टानलेक, जॉनी बेयरस्टो, केन विलियम्सन, मनीष पांडे, मोहम्मद नबी, राशिद खान, संदीप शर्मा, शहबाज नदीम, श्रीवत्स गोस्वामी, सिद्धार्थ कौल, खलील अहमद, टी. नटराजन, विजय शंकर, रिद्धिमान साहा, विराट सिंह, प्रीयम गर्ग, जेसन होल्डर, संदीप बवांका, फाबियान ऐलेन, अब्दुल समद, संजय यादव।
राजस्थान रॉयल्स: स्टीव स्मिथ (कप्तान), अंकित राजपूत, बेन स्टोक्स, जोफ्रा आर्चर, जोस बटलर, महिपाल लोमरोर, मनन वोहरा, मयंक माकंर्डे, राहुल तेवतिया, रियान पराग, संजू सैमसन, शशांक सिंह, श्रेयस गोपाल, वरुण एरॉन, रॉबिन उथप्पा, जयदेव उनादकट, यशस्वी जायसवाल, अनुज रावत, आकाश सिंह, कार्तिक त्यागी, डेविड मिलर, ओशाने थॉमस, अनिरुद्ध जोशी, एंड्रयू टाई, टॉम कुरैन।             


प्यार में पागल अधिकारी ने गिफ्ट किया मकान

प्यार में पागल अधिकारी ने गिफ्ट किया मकान, तबादला होते ही प्रेमिका ने दूसरे से लड़ा लीं आंखें। पता चला तो ऐसे फटा प्यार का बम।


लखनऊ। इन दिनों सेना के अफसर और उनकी मासूका का मामला काफी चर्चा में है। बरेली में तैनाती के दौरान युवती से जब उनका प्यार परवान चढ़ा तो उन्होंने एक घर उसे तोहफे में दे दिया लेकिन जब उनका ट्रांसफर सहारनपुर हुआ तो मासूका किसी डॉक्टर से दिल लगा बैठी। धोखा खाये सैन्य अफसर ने कोर्ट से नोटिस भेजकर युवती से घर खाली करवाने के लिए कहा। इस पर युवती रोती हुई थाने पहुंची पर वहां भी उसको निराशा ही हाथ लगी।
सैन्य अफसर का आरोप है, बदायूं निवासी युवती ने उन्हें प्यार के झांसे में लिया। पूर्व में वे जाट रेजीमेंट सेंटर बरेली में तैनात थे। इसी बीच उनकी युवती से मुलाकात हुई। मेल-मुलाकात का दौर बढ़ने के बाद कुछ ही दिन में दोनों को एक-दूसरे से प्यार हो गया। अफसर ने प्रेमिका को पीलीभीत रोड सेटेलाइट के पास एक आलीशान घर खरीदकर गिफ्ट कर दिया। घर गिफ्ट करने के कुछ दिन बाद उनका तबादला सहारनपुर हो गया। ट्रांसफर के बाद भी वे बरेली आते-जाते रहे लेकिन कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन के कारण 11 माह तक वह बरेली नहीं आ सके। इधर, युवती किसी डॉक्टर से दिल्लगी कर बैठी। डॉक्टर का सैन्य अफसर के गिफ्ट किये मकान में आना जाना शुरू हो गया। मकान के पड़ोस में सैन्य अफसर के एक दोस्त का घर भी है जब उनके दोस्त ने उनकी प्रेमिका और डॉक्टर के बीच के किस्से बताये तो सैन्य अफसर को पहले तो विश्वास नहीं हुआ लेकिन जब डॉक्टर को उन्होंने युवती के साथ देखा तो उनके बीच काफी गर्मागर्मी हो गई। धोखा खाने के बाद सैन्य अफसर ने युवती से मकान छीनने का निर्णय लिया। सैन्य अफसर ने युवती से मकान वापस लेने के लिए सहारनपुर न्यायालय में वाद दायर किया। कोर्ट से जब युवती के पास नोटिस पहुंचा तो वह मकान छिनने के डर से परेशान हो गई। शनिवार को वह थाना बारादरी में समाधान दिवस में पहुंची। खुद को बेकसूर बताते हुए इंस्पेक्टर व अन्य पुलिसकर्मियों से सैन्य अफसर से समझौता कराने की बात कही। पुलिसकर्मियों ने सैन्य अधिकारी से बात की, लेकिन उन्होंने युवती से संबंध रखने से इनकार कर दिया। इसके बाद युवती रोती हुई थाने से चली गई।             


दोस्त ने दोस्त को ही कार में जिंदा जलाया

दोस्त को शराब पिलाई फिर गला रेता और कार में ही जिंदा जला डाला। 


बिलासपुर। लाखों रुपयों का कर्ज लेकर मौज मार रहे एक व्यापारी का दिमाग इतना खतरनाक खेल खेल देगा, शायद ही कोई सोच सकता है। हिसार में कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां एक शातिर व्यापारी ने गांव के साथी लड़के को कार से बहुत दूर ले जाकर दारू पी। जब लड़के को खूब नशा हो गया, तब उसका गला रेत डाला और बाद में उसी कार में लिटाकर आग लगा दी। घटना बिलासपुर गांव की है। जहां के रहने वाला राममेहर वयापार का काम करता है। राममेहर ने लाखों रुपये का कर्ज बैंक और सूदखोरों से ले रखा है। आये दिन उसको कोई न कोई तलाशता रहता था। पुलिस के मुताबिक व्यापारी ने दिमाग लड़ाया कि मैं अगर अपनी कार में किसी और को फूंक दूंगा तो लोग मुझे मरा समझेंगे और मैं चुपके से कहीं और फरार हो जाऊंगा। यही सोच वह गांव के अपने एक सहपाठी रमलू को बिना कुछ किसी को बताये कार में बैठाकर साथ ले गया। बहुत दूर जाकर अकेले में उसने रमलू के साथ दारू पी। रमलू जल्दी नशे में आ गया। इसी का फायदा उठा राममेहर ने रमलू का गला रेत डाला। उसके बाद इधर-उधर देख कार में ही आग लगा दी। जिसमें रमलू जलकर जिंदा मर गया। घटना के बाद राममेहर गायब हो गया।
एसपी लोकेंद्र सिंह ने बताया कि राममेहर गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी ने बताया है कि ऐसा इसलिए किया ताकि लोग समझें कि व्यापारी को किसी ने कार में जला दिया। और लोग व बैंक पैसा न मांगने आएं। मगर शातिर दिमाग कामयाब नहीं हो सका। रमलू शराब पीने का आदि था। उसके छह बच्चे हैं।             


मंदिर के महंत को बदमाशों ने मारी गोली

उत्तर प्रदेशः राम जानकी मंदिर के महंत को बदमाशों ने मारी गोली हालत गंभीर।


लखनऊ। गोंडा के इटियाथोक थाना क्षेत्र के तिर्रेमनोरमा इलाके में बदमाशों ने राम जानकी मंदिर के एक महंत को गोली मार दी। बता दें कि महंत पर सोते समय रात में करीब डेढ़ बजे जानलेवा हमला किया गया। वहीं महंत को गोली मारे जाने से इलाके में हड़कंप मच गया है। फिलहाल महंत सम्राट दास की हालत गंभीर है। जिसके बाद उन्हें लखनऊ रेफर कर दिया गया है। लोगों का कहना है। कि मंदिर की बेशकीमती जमीन पर भू-माफियाओं की नजर है। आशंका जताई जा रही है। कि इसी जमीन की खातिर महंत पर जानलेवा हमला किया गया है।               


एसिडिटी के लक्षण, उपचार और परहेज

एसिडिटी के लक्षण कारण इलाज उपचार और परहेज


मनोज सिंह ठाकुर


जब पेट की गेस्ट्रिक ग्लेंड एसिड का उत्पादन बढ़ाने लगती है। तो इस स्थिति को एसिडिटी कहते हैं। सामान्य रूप से हमारा पेट हाइड्रोक्लोरिक एसिड का स्राव करता है। जो खाने को पचाने और तोडऩे का काम करता है। जब कोई व्यक्ति एसिडिटी से जूझता है। तो उसके शरीर में अपच, गैस्ट्रिक सूजन, हार्टबर्न, एसोफेगस में दर्द पेट में अल्सर और पेट में जलन जैसे लक्षण दिखते हैं।
एसिडिटी क्या है। जब पेट की गेस्ट्रिक ग्लेंड, एसिड का उत्पादन बढ़ाने लगती है। तो इस स्थिति को एसिडिटी कहते हैं। सामान्य रूप से हमारा पेट हाइड्रोक्लोरिक एसिड का स्राव करता है। जो खाने को पचाने और तोडऩे का काम करता है। जब कोई व्यक्ति एसिडिटी से जूझता है।। तो उसके शरीर में अपच, गैस्ट्रिक सूजन, हार्टबर्न, एसोफेगस में दर्द पेट में अल्सर और पेट में जलन जैसे लक्षण दिखते हैं। एसिडिटी आम तौर पर खाने की गलत आदतों, स्ट्रेस, धूम्रपान, शराब के सेवन, एक्सरसाइज का अभाव और खराब लाइफस्टाइल के चलते होती है। इसके अलावा एसिडिटी अधिकतर उन लोगों को भी होती है। जो नॉनवेज का ज्यादा सेवन करते हैं। या ऑयली और स्पासी फूड खाना पसंद करते हैं। नॉन स्टेरायडल एंटी इन्फ्लामेट्री ड्रग जैसी कुछ दवाएं लोगों को गैस्ट्रिक एसिडिटी से राहत दिला सकती हैं। लेकिन इस स्वास्थ्य समस्या में डॉक्टर की मर्जी के बिना कोई भी दवा लेना सही नहीं होगा।
एसिडिटी से पीडि़त लोगों को खाना खाने के बाद एसोफेगस में दर्द (गर्दन का ठीक निचला हिस्सा) और पेट में जलन व खट्टी डकारें आने जैसे लक्षण दिखते हैं। कभी-कभी, एसिडिटी वाले लोगों को कब्ज और अपच की समस्या भी हो जाती है। अम्लता का इलाज एंटासिड और खाने की आदतों व लाइफस्टाइल में बदलाव कर किया जा सकता है। एंडोस्टिज्म नामक एक नई तकनीक भी एसिड रिफ्लक्स से राहत दे सकती है। हालांकि एसिडिटी से जल्द आराम पाने के लिए कई जबरदस्त घरेलू नुस्खे भी मौजूद हैं। उन्हें अपनाकर भी एसिडिटी से आराम मिलता है।
एसिडिटी के लक्षण क्या हैं। एसिडिटी के सामान्य संकेत और लक्षण कुछ इस प्रकार दिखते हैं। पेट में जलन, गले में जलन, बेचैनी, डकार आना, जी मिचलाना, मुंह का स्वाद खट्टा स्वाद, खट्टी डकार, कब्ज़, एसिडिटी के कारण क्या हैं।
नॉन वेजिटेरियन और स्पासी फूड का सेवन।
स्मोकिंग और एल्कोहल का सेवन
तनाव लेना। पेट की बीमारियां जैसे पेप्टिक अल्सर गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग, पेट में मरोड़, आदि।
नॉन-स्टेरायडल एंटी इन्फ्लामेट्री ड्रग जैसी दवाओं का सेवन, आदि। एसिडिटी का इलाज क्या है।
आमतौर पर, एसिडिटी का इलाज एंटासिड की मदद से किया जाता है। जिसमें मैग्नीशियम या कैल्शियम या एल्यूमीनियम युक्त यौगिक होते हैं। ये एंटासिड पेट में मौजूद अतिरिक्त एसिड को बेअसर करते हैं। जिससे इसके लक्षणों से राहत मिलती है। एसिडिटी जैसी स्वास्थ्य समस्या में आपके डॉक्टर आपको हिस्टामाइन ब्लॉकिंग एजेंट (रिसेप्टर ब्लॉकर्स) जैसे कि सिमेटिडिन, रेनिटिडाइन, फेमोटीडीन या निजाटिडाइन या प्रोटोन पम्प इन्हिबटर जैसे ओमेप्रोजोले और लानसोप्राज़ोल लेने की सलाह दे सकते हैं। हालांकि एसिडिटी रोग के लिए सर्जरी भी उपलब्ध है। लेकिन ऐसे बहुत कम केस होते हैं। जिनमें सर्जरी की जरूरत पड़ती है। वैसे एसिडिटी का इलाज घरेलू नुस्खो से भी किया जा सकता है। केला, तुलसी, ठंडा दूध, सौंफ, जीरा, लौंग, इलायची, पुदीना या पुदीना के पत्ते, अदरक, आंवला आदि एसिडिटी के लिए बेस्ट घरेलू नुस्खे माने जाते हैं। एसिडिटी से बचाव क्या है। सीमेटीडाइन
निम्नलिखित तरीकों से एसिडिटी की समस्या से बचा जा सकता है। मसालेदार भोजन का सेवन न करें।
अपनी डाइट में ज्यादा से ज्यादा फल और सब्जियां शामिल करें। खुद को हाइड्रेट रखें।
खाने को चबा चबाकर खाएं।
डिनर और नींद के बीच में कम से कम 3 घंटे का अंतर रखें
तुलसी के पत्ते, लौंग, सौंफ आदि चबाएं।
अनावश्यक रूप से द।             


थकावटः थाली में जरूर रखें ब्रेन-फूड

बाद में पछताना नहीं चाहते हैं, तो थाली में जरूर रखें ब्रेन-फूड।


मनोज सिंह ठाकुर


बात करते हुए यह भूल जाना कि हम क्या बोलने वाले थे। कोई भी सामान रखने के बाद ध्यान ना आना कि कहां रखा है। यदि आपके साथ भी दैनिक जीवन में इस तरह की स्थितियां बनती हैं। तो इसका अर्थ है। कि आपका दिमाग बहुत जल्दी और बहुत अधिक थक जाता है। साथ ही आपकी एकाग्रता भी ठीक से काम नहीं कर रही है। यहां जानें किस तरह ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर फूड्स इन समस्याओं से निजात पाने में आपकी सहायता कर सकते है।


ब्रेन ना हेल्थ के लिए है खबहुत जरूरी
आपको जानकर हैरानी हो सकती है। कि ब्रेन हेल्थ के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड कुछ इस तरह काम करता है। जैसे हमारे पेट की भूख मिटाने के लिए रोटी। जिस तरह रोटी खाकर पेट को शांति और पोषण मिलता है। ठीक उसी तरह ओमेगा-3 फैटी एसिड हमारे ब्रेन को पोषण देकर उसे स्वस्थ रखता है। कई बीमारियों का एक इलाज ओमेगा-3 फैटी एसिडः ओमेगा-3 फैटी एसिड की सहायता से अल्जाइमर (भूलने की बीमारी) सोमनिया (नींद ना आना), तनाव, चिंता, अवसाद जैसे कई मानसिक विकारों को होने से रोका जा सकता है।
ओमेगा-3 फैटी एसिड दिमाग में बननेवाले हॉर्मोन्स को संतुलित बनाए रखने में भी बड़ी भूमिका निभाता है। इसके साथ ही ब्रेन की नर्व्स को सूखने और सिकुडऩे से बचाने में भी ओमेगा-3 फैटी एसिड बहुत प्रभावी होता है।
याददाश्त को बनाए रखेः अल्जाइमर की समस्या के मुख्य कारणों में यह बात भी शामिल है। कि यदि डायट में ओमेगा-3 फैटी एसिड का अभाव रहता है। तो याददाश्त से जुड़ी यह बीमारी बढ़ती उम्र के साथ अपनी चपेट में ले लेती है। यानी जो लोग संपूर्ण डायट का सेवन नहीं करते हैं। उन्हें अल्जाइमर होने का खतरा अधिक होता है। डिप्रेशन को दूर करने में सहायक
कई अलग-अलग क्लिनिकल रिसर्च में यह बात सामने आ चुकी है। कि डिप्रेशन का इलाज करा रहे रोगियों को यदि दवाओं के साथ ही ओमेगा-3 फैटी एसिड रिच डायट या इसके सप्लिमेंट्स दिए जाएं तो रोगी की स्थिति में जल्दी सुधार होता है। हालांकि इस बात के कारण अभी तक पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो पाए हैं। कि ओमेगा-3 फैटी एसिड डिप्रेशन के स्तर को कम करने में किस तरह कार्य करता है। लेकिन यह साफ है। कि इसका उपयोग अवसाद की रोकथाम में बेहतर और जल्दी सुधार देता है। हैरान करती है यह बात
मेडिकल स्टडीज में यह बात भी सामने आई है। कि सामान्य लोगों में ब्रेन के विकास में ओमेगा-3 फैटी एसिड सप्लिमेंट्स द्वारा कोई परिवर्तन नहीं देखा जाता है। जबकि डिप्रेशन और पर्सनैलिटी डिसऑर्डर से जूझ रहे पेशंट्स पर इसका कमाल का असर देखने को मिलता है। रिसर्चर्स एक बात और साफ करते हैं। कि ओमेगा-3 फैटी एसिड के लिए फिश ऑइल सप्लिमेंट्स के स्थान पर फिश का सेवन करना कहीं अधिक प्रभावी होता है। यानी मछली के तेल से तैयार सप्लिमेंट्स की तुलना में फिश खाना अधिक लाभकारी होता है। जो मीट-मछली नहीं खाते है। जो लोग नॉनवेज नहीं खाते हैं। वे प्लांटे बेस्ड डायट और ड्राई फ्रूट्स के माध्यम से अपने शरीर में ओमेगा-3 फैटी एसिड की पूर्ति कर सकते हैं। इन लोगों को बादाम और अखरोट का सेवन मुख्य रूप से करना चाहिए। इसके साथ ही आप हरी फलियों और ताजे फलों और साबुत अनाज से भी अपने शरीर में हुई पोषक तत्वों की कमी को दूर कर सकते हैं। अपने ब्रेन को हेल्दी और ऐक्टिव रखने के लिए आप ऑर्गेनिक फूड्स का सेवन करें।             


यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई  संदीप मिश्र  लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन को लेकर उत्तर प्रदेश में भी 7 दिनों के...