रविवार, 11 अक्तूबर 2020

थकावटः थाली में जरूर रखें ब्रेन-फूड

बाद में पछताना नहीं चाहते हैं, तो थाली में जरूर रखें ब्रेन-फूड।


मनोज सिंह ठाकुर


बात करते हुए यह भूल जाना कि हम क्या बोलने वाले थे। कोई भी सामान रखने के बाद ध्यान ना आना कि कहां रखा है। यदि आपके साथ भी दैनिक जीवन में इस तरह की स्थितियां बनती हैं। तो इसका अर्थ है। कि आपका दिमाग बहुत जल्दी और बहुत अधिक थक जाता है। साथ ही आपकी एकाग्रता भी ठीक से काम नहीं कर रही है। यहां जानें किस तरह ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर फूड्स इन समस्याओं से निजात पाने में आपकी सहायता कर सकते है।


ब्रेन ना हेल्थ के लिए है खबहुत जरूरी
आपको जानकर हैरानी हो सकती है। कि ब्रेन हेल्थ के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड कुछ इस तरह काम करता है। जैसे हमारे पेट की भूख मिटाने के लिए रोटी। जिस तरह रोटी खाकर पेट को शांति और पोषण मिलता है। ठीक उसी तरह ओमेगा-3 फैटी एसिड हमारे ब्रेन को पोषण देकर उसे स्वस्थ रखता है। कई बीमारियों का एक इलाज ओमेगा-3 फैटी एसिडः ओमेगा-3 फैटी एसिड की सहायता से अल्जाइमर (भूलने की बीमारी) सोमनिया (नींद ना आना), तनाव, चिंता, अवसाद जैसे कई मानसिक विकारों को होने से रोका जा सकता है।
ओमेगा-3 फैटी एसिड दिमाग में बननेवाले हॉर्मोन्स को संतुलित बनाए रखने में भी बड़ी भूमिका निभाता है। इसके साथ ही ब्रेन की नर्व्स को सूखने और सिकुडऩे से बचाने में भी ओमेगा-3 फैटी एसिड बहुत प्रभावी होता है।
याददाश्त को बनाए रखेः अल्जाइमर की समस्या के मुख्य कारणों में यह बात भी शामिल है। कि यदि डायट में ओमेगा-3 फैटी एसिड का अभाव रहता है। तो याददाश्त से जुड़ी यह बीमारी बढ़ती उम्र के साथ अपनी चपेट में ले लेती है। यानी जो लोग संपूर्ण डायट का सेवन नहीं करते हैं। उन्हें अल्जाइमर होने का खतरा अधिक होता है। डिप्रेशन को दूर करने में सहायक
कई अलग-अलग क्लिनिकल रिसर्च में यह बात सामने आ चुकी है। कि डिप्रेशन का इलाज करा रहे रोगियों को यदि दवाओं के साथ ही ओमेगा-3 फैटी एसिड रिच डायट या इसके सप्लिमेंट्स दिए जाएं तो रोगी की स्थिति में जल्दी सुधार होता है। हालांकि इस बात के कारण अभी तक पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो पाए हैं। कि ओमेगा-3 फैटी एसिड डिप्रेशन के स्तर को कम करने में किस तरह कार्य करता है। लेकिन यह साफ है। कि इसका उपयोग अवसाद की रोकथाम में बेहतर और जल्दी सुधार देता है। हैरान करती है यह बात
मेडिकल स्टडीज में यह बात भी सामने आई है। कि सामान्य लोगों में ब्रेन के विकास में ओमेगा-3 फैटी एसिड सप्लिमेंट्स द्वारा कोई परिवर्तन नहीं देखा जाता है। जबकि डिप्रेशन और पर्सनैलिटी डिसऑर्डर से जूझ रहे पेशंट्स पर इसका कमाल का असर देखने को मिलता है। रिसर्चर्स एक बात और साफ करते हैं। कि ओमेगा-3 फैटी एसिड के लिए फिश ऑइल सप्लिमेंट्स के स्थान पर फिश का सेवन करना कहीं अधिक प्रभावी होता है। यानी मछली के तेल से तैयार सप्लिमेंट्स की तुलना में फिश खाना अधिक लाभकारी होता है। जो मीट-मछली नहीं खाते है। जो लोग नॉनवेज नहीं खाते हैं। वे प्लांटे बेस्ड डायट और ड्राई फ्रूट्स के माध्यम से अपने शरीर में ओमेगा-3 फैटी एसिड की पूर्ति कर सकते हैं। इन लोगों को बादाम और अखरोट का सेवन मुख्य रूप से करना चाहिए। इसके साथ ही आप हरी फलियों और ताजे फलों और साबुत अनाज से भी अपने शरीर में हुई पोषक तत्वों की कमी को दूर कर सकते हैं। अपने ब्रेन को हेल्दी और ऐक्टिव रखने के लिए आप ऑर्गेनिक फूड्स का सेवन करें।             


'कॉग्रेस' प्रदेश प्रभारी पुनिया कोरोना पॉजिटिव

कॉग्रेस प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया कोरोना पॉजिटिव।


रायपुर। कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रभारी पी एल पुनिया के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने की खबर के बाद सत्ता के गलियारों में हड़कंप मचा हुआ है। पुनिया की सैंपलिंग शनिवार की सुबह हुई थी। और इस दौरान पुनिया ने किसान रैली में भी हिस्सा लिया था। जो केंद्र सरकार द्वारा लाये गए कृषि बिल के खिलाफ था बताया जाता है। कि पुनिया ने यहां आकर राज्य के कई मंत्री नेताओं से मुलाकात की है। खुद मुख्यमंत्री और प्रदेश के कई मंत्रियों ने उनके साथ मीटिंग की थी। जैसे ही पुनिया के पॉजिटिव होने की खबर आई सभी को जांच होने तक क्वारंटाइन होने को कहा गया है। पुनिया ने मरवाही चुनाव के सम्बंध में कांग्रेस भवन में एक बैठक भी ली थी। वहां हुए बैठक के बाद पुनिया ने एक प्रेस कांफ्रेंस भी किया था। और चुनाव के बारे में रणनीति संबंधी बातें मीडिया को बताई थी। मरवाही उपचुनाव में प्रत्याशी के नाम तय किये जाने के लिए भी माथा पच्ची हुई है। जिसके संबंध में चर्चा के लिए पुनिया मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष सहित कई मंत्रियों से मुलाकात की है।
इसके बाद पुनिया रायपुर में एक किसान रैली में शामिल हुए जिसे केंद्र सरकार द्वारा लाये किसान बिल के विरोध में आयोजित किया गया था। पुनिया ने इस संबंध में एक ट्वीट भी किया था। देर रात पुनिया की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई और प्रदेश के सत्ता के गलियारों में हड़कंप मच गया।


               


हाथरस: भाभी के आरोप पर महिला बोली

हाथरस: नक्सली भाभी के आरोप पर महिला बोली ‘मैं इंसानियत के नाते परिवार से मिलने गई थी, रिश्तेदार नहीं हूं।


मनोज सिंह ठाकुर
फेक नक्सल भाभी ने तोड़ी चुप्पी हाथरस पीड़िता की भाभी होने से किया इंकार


हाथरस। हाथरस कांड में शनिवार को मीडिया में रिपोर्ट आई कि गैंगरेप पीड़िता के घर पर फर्जी रिश्तेदार बनकर एक महिला रह रही थी। महिला के ऊपर नक्सली होने और परिवार को सरकार के खिलाफ भड़काने के आरोप लगे। इन सबके बीच सोशल मीडिया पर पर एक नक्सली भाभी भी ट्रेंड होने लगा। अब इस महिला ने खुद मीडिया के सामने आकर अपनी पहचान बताई है। और कहा है। कि वह परिवार से एकजुटता दिखाने गई थी।
सोशल मीडिया पर दो महिला को विडियो वायरल हो रहे थे। जिसमें वह सीपीएम और सीपीआई नेताओं से बात करती दिख रही थी। इसी आधार दावा किया जाने लगा कि महिला का नक्सल कनेक्शन है। महिला की पहचान डॉ. राजकुमारी बंसल (41) के रूप में हुई थी। जो मध्य प्रदेश के जबलपुर की रहने वाली है। वह नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के फर्माकॉलजी विभाग में लेक्चरर है।
परिवार ने मुझे रोका, इसलिए मैं रुकी
महिला ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि वह 4 अक्टूबर को पीड़िता के परिवार से मिलने हाथरस गई थी। और 6 अक्टूबर को जबलपुर लौट आई। महिला ने बताया मैं केवल परिवार से एकजुटता दिखाने गई थी। मैं अगले दिन ही वापस आना चाहती थी। लेकिन परिवार ने मुझसे रुकने की गुजारिश की। आज मैं हैरान हूं। यह बिल्कुल गलत है। वे लोग ऐसे बिना किसी सबूत के किसी को कैसे नक्सली बोल सकते है।
हाथरस के नक्सल कनेक्शन पर क्या बोली एसआईटी
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था। कि एसआईटी महिला का पता लगा रही है। लेकिन एक वरिष्ठ पुलिसकर्मी ने बताया कि एसआईटी हमेशा शासनादेश पर गठित की जाती है। इस केस में पुलिस के मामले को हैंडल करने की भूमिका की जांच करनी है। किसी भी पुलिसकर्मी ने कथित नक्सली लिंक की जांच पर कमेंट तो नहीं किया हालांकि उन्होंने इस बात की पुष्टि जरूर की तो महिला की पहचान को प्रमाणित करने के लिए वे जबलपुर पुलिस के संपर्क में हैं।
विडियो में सीताराम येचुरी से बात कर रही थी। महिला
विडियो में राजकुमारी सीपीएम-सीपीआई के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल से बात करती दिख रही हैं। जो मंगलवार को परिवार से मिलने आए थे। विडियो में सीताराम येचुरी कहते दिख रहे हैं। वे न्याय मांग रहे हैं। इस पर सहमति जताते हुए राजकुमारी कहती हैं। ‘किसी का रात में दाह संस्कार कैसे किया जा सकता है। यह किसी के भी साथ हो सकता है। प्रशासन को ऐसा नहीं करना चाहिए था।
मैं गरीब परिवार से हूं सिस्टम की हकीकत जानती हूं’
एक दूसरे विडियो में राजकुमारी कह रही हैं।मैं यहां इंसानियत के नाते आई हूं। मैं परिवार की संबंधी नहीं हूं लेकिन मैं तीन दिन से यहां हूं। मैं उनके लिए लड़ना चाहती हूं। राजकुमारी ने बताया मेरा कोई राजनीतिक संबंध नहीं है। मैं गरीब परिवार से आती हूं और यह समझती हूं कि सिस्टम कैसे कमजोर वर्ग को दबाता है। जब मैंने रात में अंतिम संस्कार के बारे में पढ़ा तो मैं हिल गई। किसी भी मीडियापर्सन या नेता को परिवार से मिलने नहीं दिया जा रहा था। इसलिए मैंने सोचा कि मुझे भी एक आम नागरिक के रूप में परिवार से मिलने की कोशिश करनी चाहिए।
मदद करने से रोकने का तरीका
जब राजकुमारी गांव गई तो हाथरस पुलिस ने उनकी पहचान को लेकर पूछताछ की। उन्होंने कहा मदद करने की कोशिश कर रहे लोगों के खिलाफ षड्यंत्र करना दूसरों को जरूरतमंदों तक पहुंचने से रोकने का एक तरीका मात्र है। उन्होने बताया कि पुलिस ने अभी तक उनसे कोई संपर्क नहीं किया है।
हमें हमारी लड़की के लिए न्याय चाहते हैं।
दूसरी ओर पीड़ित परिवार का कहना है। कि वह अफवाहों से थक चुके हैं। कभी कॉल डीटेल रेकॉर्ड से परिवार और आरोपी के बीच कनेक्शन साबित करने की कोशिश जा रही है। तो कभी आरोपी जेल से पत्र लिखकर खुद को पीड़िता का दोस्त बता रहा है। और पीड़िता के परिवार पर ही उसे पीटने का आरोप लगा रहा है। पीड़िता की भाभी ने कहा यहां हर जगह से लोग आ रहे हैं। इसका यह मतलब नहीं है। कि उन्हें गाली दी जाए और षडयंत्र रचने का आरोप लगाया जाए। हम सभी हमारी लड़की के लिए न्याय चाहते हैं।               


बेटी की हत्या कर मां के साथ किया गेंगरेप

बिहारः बेटी की हत्या कर मां के साथ युवकों ने किया गैंगरेप नहर में मिली बेसुध महिला।


बक्सर। महिला अपनी छोटी बेटी के साथ बैंक जा रही थी। इस दौरान रास्ते में रोकर युवकों ने उसके साथ गैंगरेप किया। यही नहीं उसकी छोटी बेटी की हत्या भी कर डाली यह घटना बक्सर के मुरार थाना क्षेत्र की है।
नहर में मिली बेसुध महिलाः जब महिला बैंक से घर नहीं पहुंची तो घरवाले उसे खोजने निकले। परिजनों ने देखा कि नहर में महिला बेसुध पड़ी हुई थी। उसकी बेटी की मौत हो चुकी थी। दोनों को एक साथ बांधकर आरोपियों ने फेंक दिया था। परिजन उससे इलाज के लिए हॉस्पिटल में भर्ती कराए है। पीड़िता काफी डरी हुई है। बेटी की हत्या गला दबाकर की गई है। होश में आने के बाद परिजनों को घटना की जानकारी दी।
पुलिस जांच में जुटी
होश में आने के बाद पीड़िता ने कुछ आरोपियों के नाम बताए हैं। जिसके बाद पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है। बक्सर एसपी ने कहा कि पुलिस परिजनों और पीड़िता का बयान दर्ज कर केस दर्ज करेगी और मामले की जांच करेगी।  इस घटना के बाद इलाके में दहशत का माहौल है। और लोगों में गुस्सा है। ग्रामीणों ने आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने और कड़ी सजा देने की मांग की है।             


बिहारः परिवार के 6 लोगों को दिया जहर

बिहारः अवैध संबंध का विरोध करना पड़ा भारी महिला ने परिवार के 6 लोगों को चाय में मिलाकर पिलाया जहर।


मधुबनी। इस वक्त की बड़ी खबर मधुबनी से आ रही है। जहां अवैध संबंध का विरोध करना एक परिवार को महंगा पड़ा अवैध संबंध का विरोध करने पर महिला ने परिवार के छह सदस्यों को चाय में जहर मिलाकर पिला दिया है। जहरीली चाय पीने से महिला के देवर की मौत हो गई है। वहीं उसके दो बच्चों की हालत गंभीर बताई जा रही है।
मामला बधुबनी के बिस्फी थाना इलाके के सादुल्लहपुर की है। जहां महिला ने अवैध संबंध के कारण अपने देवर सास और तीन बेटों को जहरीली चाय दे दी और फिर खुद भी पी ली जहरीली चाय पीने से महिला के देवर की मौत हो गई है। वहीं 10 साल के अभिषेक और 6 साल के प्रभात कुमार की हालत गंभीर बताई जा रही है। बाकि के तीन लोगों की हालत खतरे से बाहर है। सभी का इलाज डीएमसीएच में चल रहा है। मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच जांच में जुट गई है। वहीं आसपास के लोग इस बार में कुछ भी कहने से बच रहे है। लेकिन सभी दबे जुबान से कह रहे हैं। कि महिला चंदा देवी ने अवैध संबंध के कारण पूरे परिवार को तबाह कर दिया।             


भारत की सीमा पर 60,000 सैनिक तैनात

वॉशिंगटन डीसी। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने 'खराब बर्ताव' और क्वॉड समूह के देशों के सामने खतरे पैदा करने के लिए चीन को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि उसने भारत की उत्तरी सीमा पर 60,000 सैनिक तैनात किए हैं। अमेरिका, जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया पर आधारित ‘क्वॉड’ देशों के विदेश मंत्री मंगलवार को टोक्यो में मिले थे। कोरोना वायरस महामारी शुरू होने के बाद से व्यक्तिगत उपस्थिति वाली यह उनकी पहली वार्ता थी। '60 हजार चीनी सैनिक तैनात'। यह बैठक हिंद-प्रशांत क्षेत्र, दक्षिण चीन सागर और पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के आक्रामक सैन्य बर्ताव की पृष्ठभूमि में हुई। इस बैठक से लौटने के बाद पोम्पियो ने शुक्रवार को गाइ बेनसन शो पर कहा, 'भारतीय देख रहे हैं कि उनकी उत्तरी सीमा पर 60,000 चीनी सैनिक तैनात हैं।' उन्होंने कहा, 'मैं भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान के अपने समकक्षों के साथ था, चार बड़े लोकतंत्रों, चार शक्तिशाली अर्थव्यवस्थाओं, चार राष्ट्रों के इस प्रारूप को क्वॉड कहते हैं। इन सभी चारों देशों को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की ओर से पेश खतरों से जुड़े वास्तविक जोखिम हैं।'                 


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