बाद में पछताना नहीं चाहते हैं, तो थाली में जरूर रखें ब्रेन-फूड।
मनोज सिंह ठाकुर
बात करते हुए यह भूल जाना कि हम क्या बोलने वाले थे। कोई भी सामान रखने के बाद ध्यान ना आना कि कहां रखा है। यदि आपके साथ भी दैनिक जीवन में इस तरह की स्थितियां बनती हैं। तो इसका अर्थ है। कि आपका दिमाग बहुत जल्दी और बहुत अधिक थक जाता है। साथ ही आपकी एकाग्रता भी ठीक से काम नहीं कर रही है। यहां जानें किस तरह ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर फूड्स इन समस्याओं से निजात पाने में आपकी सहायता कर सकते है।
ब्रेन ना हेल्थ के लिए है खबहुत जरूरी
आपको जानकर हैरानी हो सकती है। कि ब्रेन हेल्थ के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड कुछ इस तरह काम करता है। जैसे हमारे पेट की भूख मिटाने के लिए रोटी। जिस तरह रोटी खाकर पेट को शांति और पोषण मिलता है। ठीक उसी तरह ओमेगा-3 फैटी एसिड हमारे ब्रेन को पोषण देकर उसे स्वस्थ रखता है। कई बीमारियों का एक इलाज ओमेगा-3 फैटी एसिडः ओमेगा-3 फैटी एसिड की सहायता से अल्जाइमर (भूलने की बीमारी) सोमनिया (नींद ना आना), तनाव, चिंता, अवसाद जैसे कई मानसिक विकारों को होने से रोका जा सकता है।
ओमेगा-3 फैटी एसिड दिमाग में बननेवाले हॉर्मोन्स को संतुलित बनाए रखने में भी बड़ी भूमिका निभाता है। इसके साथ ही ब्रेन की नर्व्स को सूखने और सिकुडऩे से बचाने में भी ओमेगा-3 फैटी एसिड बहुत प्रभावी होता है।
याददाश्त को बनाए रखेः अल्जाइमर की समस्या के मुख्य कारणों में यह बात भी शामिल है। कि यदि डायट में ओमेगा-3 फैटी एसिड का अभाव रहता है। तो याददाश्त से जुड़ी यह बीमारी बढ़ती उम्र के साथ अपनी चपेट में ले लेती है। यानी जो लोग संपूर्ण डायट का सेवन नहीं करते हैं। उन्हें अल्जाइमर होने का खतरा अधिक होता है। डिप्रेशन को दूर करने में सहायक
कई अलग-अलग क्लिनिकल रिसर्च में यह बात सामने आ चुकी है। कि डिप्रेशन का इलाज करा रहे रोगियों को यदि दवाओं के साथ ही ओमेगा-3 फैटी एसिड रिच डायट या इसके सप्लिमेंट्स दिए जाएं तो रोगी की स्थिति में जल्दी सुधार होता है। हालांकि इस बात के कारण अभी तक पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो पाए हैं। कि ओमेगा-3 फैटी एसिड डिप्रेशन के स्तर को कम करने में किस तरह कार्य करता है। लेकिन यह साफ है। कि इसका उपयोग अवसाद की रोकथाम में बेहतर और जल्दी सुधार देता है। हैरान करती है यह बात
मेडिकल स्टडीज में यह बात भी सामने आई है। कि सामान्य लोगों में ब्रेन के विकास में ओमेगा-3 फैटी एसिड सप्लिमेंट्स द्वारा कोई परिवर्तन नहीं देखा जाता है। जबकि डिप्रेशन और पर्सनैलिटी डिसऑर्डर से जूझ रहे पेशंट्स पर इसका कमाल का असर देखने को मिलता है। रिसर्चर्स एक बात और साफ करते हैं। कि ओमेगा-3 फैटी एसिड के लिए फिश ऑइल सप्लिमेंट्स के स्थान पर फिश का सेवन करना कहीं अधिक प्रभावी होता है। यानी मछली के तेल से तैयार सप्लिमेंट्स की तुलना में फिश खाना अधिक लाभकारी होता है। जो मीट-मछली नहीं खाते है। जो लोग नॉनवेज नहीं खाते हैं। वे प्लांटे बेस्ड डायट और ड्राई फ्रूट्स के माध्यम से अपने शरीर में ओमेगा-3 फैटी एसिड की पूर्ति कर सकते हैं। इन लोगों को बादाम और अखरोट का सेवन मुख्य रूप से करना चाहिए। इसके साथ ही आप हरी फलियों और ताजे फलों और साबुत अनाज से भी अपने शरीर में हुई पोषक तत्वों की कमी को दूर कर सकते हैं। अपने ब्रेन को हेल्दी और ऐक्टिव रखने के लिए आप ऑर्गेनिक फूड्स का सेवन करें।