प्याज को लेकर सरकार का बड़ा फैसला।
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। प्याज निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के करीब एक महीने बाद केंद्र सरकार ने इसमें ढील दी है। वाणिज्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा है कि प्याज के निर्यात में आंशिक ढील दी जा रही है ताकि बेंगलुरु और कृष्णपूरम में उगाए जाने वाले प्याज को 10 हजार मिट्रिक टन तक का निर्यात किया जा सके। इसे तत्काल रूप से लागू भी कर दिया गया है। हालांकि, केंद्र सरकार ने नासिक से प्याज निर्यात की मंजूरी नहीं दी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, 31 मार्च 2021 तक प्याज का निर्यात केवल चेन्नई पोर्ट से ही किया जाएगा। इसके लिए निर्यातकों को कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के हॉर्टिकल्चर विभाग से प्याज निर्यात करने के लिए सर्टिफिकेट प्राप्त करना होगा। इस सर्टिफिकेट में प्याज की मात्रा के बारे में भी जानकारी होगी।इसके लिए निर्यातकों को लोकल डीजीएफटी कार्यालय में भी रजिस्ट्रेशन करना होगा, जहां से निर्यात को मॉनिटर किया जाएगा। वित्त वर्ष 2020 में भारत से 32.8 करोड़ डॉलर कीमत के फ्रेश प्याज का निर्यात किया गया था। सूखे प्याज की बात करें तो यह भी 11.23 करोड़ डॉलर कीमत का निर्यात किया गया था। अप्रैल-जुलाई के बीच बांग्लादेश में प्याज का निर्यात 158 फीसदी तक बढ़ चुका था। इसके बाद सितंबर में केंद्र सरकार प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि, प्याज के किसानों के साथ बांग्लादेश और नेपाल ने भी सरकार के इस फैसले का विरोध किया था। प्याज के लिए ये दोनों देश भारत पर ही निर्भर हैं। बीते कई साल से सरकार को प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाना पड़ता है। पिछले साल ही 29 सितंबर को सरकार ने प्याज निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। महाराष्ट्र और हरियाणा में चुनाव से ठीक पहले प्याज की कीमतों में तेजी देखने को मिली थी। राजधानी दिल्ली में प्याज का खुदरा भाव 80 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया था। हालांकि, सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाये जाने के बाद राहत मिली।
प्रतिबंध के 5 महीने के बाद सरकार ने निर्यात की मंजूरी दे दी थी। 15 मार्च से शुरू हुए निर्यात के बीच घरेलू बाजार में एक बार फिर प्याज की आवक कम हो गई। दरअसल, इस साल कुछ राज्यों भारी बारिश और बाढ़ की वजह से प्याज के उत्पादन पर असर पड़ा।