अब UP की सड़कों पर मिलेगा इम्यूनिटी का डोज योगी सरकार 175 रास्तों को बनाएगी
कोरोना काल में दो कदम आगे बढ़कर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक खास प्लान तैयार किया है। अब यूपी के सड़कों पर लोगों को इम्यूनिटी बूस्ट करने वाले पौधें मिल जाएंगे।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की सड़कों पर अब इम्यूनिटी का डोज मिलेगा। स्वच्छ हवा के साथ बीमारियों से लड़ने को मजबूती भी मिलेगी। योगी सरकार ने प्रदेश की 175 सड़कों को हर्बल बनाने की योजना पूरी कर ली है। पीपल, नीम, तुलसी, गिलोय, अश्वगंधा जैसी 30 प्रजातियों के 38 हजार से ज्यादा हर्बल और आयुर्वेदिक पौधे सड़कों के दोनों तरफ लगाए गए हैं। ये हर्बल पौधे सड़कों पर प्रदूषण कम करने के साथ ही संक्रामक बीमारियों का रास्ता भी रोकेंगे। मजबूती के साथ कोरोना से जंग लड़ रही योगी सरकार ने भविष्य की चुनौतियों से निपटने की तैयारी भी कर ली है।
कोरोना जैसी किसी भी संक्रामक बीमारी से पार पाने के लिए राज्य सरकार की रणनीति लोगों की इम्यूनिटी मजबूत करने की है। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोक निर्माण विभाग को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर कुछ सड़कों को हर्बल मार्ग के तौर पर विकसित करने के निर्देश दिए थे। योजना के तहत प्रदेश से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों समेत राज्य सरकार की सड़कों को चिन्हत कर दोनों तरफ पीपल, नीम, गिलोई, मेंथा, लेमन ग्रास, भ्रिंगराज, मुई, आंवला, ब्राहमी, तुलसी, अनंतमूल, ग्वारपाठ,अवश्वगंधा और हल्दी जैसे आयुर्वेदिक और हर्बल पौधे लगाने के निर्देश दिए गए थे। मुख्यमंत्री की प्राथमिकता में शामिल इस योजना पर लोक निर्माण विभाग ने काम पूरा कर लिया है। लोक निर्माण विभाग के मुताबिक योजना में 18 मंडलों के जिलों से एक सड़क को हर्बल मार्ग के तौर पर विकसित किया गया है।
मार्ग के किनारे मिलेंगे ये पौधे मासपर्णी, सप्तपर्णी, जत्रोफा, जलनीम, छोटा नीम, सहजन, पीपल, मिलोई,मेंथा,लेमन ग्रास,भ्रिंगराज,मुई,आंवला,ब्राहृमी,तुलसी,अनंतमूल,अश्वगंधा,ग्वारापाठा और हल्दी बिना अतिरिक्त खर्च के पूरी कर ली योजना। तकरीबन 800 किमी की हरबल मार्ग योजना की खास बात यह भी रही कि लोकनिर्माण विभाग ने बिना किसी अतिरिक्त खर्च के इस योजना को अंजाम तक पहुंचा दिया। पीलब्ल्यूडी के अधिकारियों के मुताबिक विभाग में मौजूद संसाधन और कर्मचारियों के सहयोग से बिना किसी अतिरिक्त बजट के इस योजना को पूरा किया गया है। पौधे तैयार करने उनकी रोपाई और देखभाल के लिए विभागीय कर्मचारियों को प्रशिक्षित कर तैयार किया गया है।