मंगलवार, 6 अक्टूबर 2020

सप्ताह में 3 बार जरूर पियें 'अनार का जूस'

सप्ताह में तीन बार जरूर पियें अनार जूस, यह हो रहा बड़ा फायदा। 


लंदन। हमेशा जवान और स्वस्थ दिखना है तो सप्ताह में दो से तीन बार अनार का जूस का सेवन करें। ऐसा करने से सफेद बालों से लेकर कमजोर हड्डियों और झुर्रियों की समस्या से काफी हद तक राहत मिलेगी। ब्रिटेन स्थित लैबोरेटरी ऑफ इंटीग्रेटिव सिस्टम्स फिजियोलॉजी (एलआईएसपी) के हालिया शोध में यह दावा किया गया है। रिसर्चर ने बताया कि अनार में ‘यूरोलिथिन-ए’ नाम का एक यौगिक भरपूर मात्रा में पाया जाता है। यह कोशिकाओं के बूढ़े होते या मृत पड़ चुके ‘माइटोकॉन्ड्रिया’ को रिसाइकिल करता है। ‘माइटोकॉन्ड्रिया’ किसी भी कोशिका का ऊर्जा केंद्र कहलाता है। उम्र ढलने के साथ इसकी कार्यक्षमता में गिरावट आने लगती है। कुछ मामलों में यह जहर में भी तब्दील हो सकता है। मुख्य शोधकर्ता जेसिका निब्स ने दावा किया कि ‘यूरोलिथिन-ए’ एकमात्र ऐसा ज्ञात यौगिक है, जो ‘माइटोकॉन्ड्रिया’ को रिसाइकिल करने की क्षमता रखता है। ‘माइटोकॉन्ड्रिया’ के हमेशा सक्रिय और ऊर्जावान बने रहने से हड्डी-मांसपेशियों में क्षरण, बाल पकने, आंखों की रोशनी घटने और त्वचा पर झुर्रियां पड़ने सहित बुढ़ापे से जुड़े तमाम लक्षण लंबे समय तक आसपास नहीं फटकते। विटामिन ए, सी और ई की मौजूदगी भी अनार को लंबी उम्र की सौगात देने में सक्षम बनाती है।
निब्स और उनके साथियों ने सी-एलिगन नस्ल के केंचुए पर ‘यूरोलिथिन-ए’ का असर आंका। यह केंचुआ जन्म के आठ से दस दिन के भीतर ही बूढ़ा होने लगता है। उन्होंने दस केंचुओं को लगातार एक हफ्ते तक ‘यूरोलिथिन-ए’ की खुराक दी। इससे उनकी उम्र औसतन 45 फीसदी तक बढ़ गई। ‘माइटोकॉन्ड्रिया’ की कार्यक्षमता में सुधार से मांसपेशियों का सक्रिय बने रहना इसकी मुख्य वजह था। अध्ययन के नतीजे ‘लाइफ एक्सटेंशन जर्नल’ के हालिया अंक में प्रकाशित किए गए हैं। कैंसर से बचाव में भी बहुत कारगर।
अनार अपने ट्यूमर-रोधी गुणों के लिए भी जाना जाता है। यह फ्री-रैडिकल को कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने से रोकता है। विभिन्न अध्ययनों में इसे कोशिकाओं में सूजन और जलन की समस्या दूर रखने में खासा असरदार पाया गया है। यूएस नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के एक अध्ययन में तो स्तन, प्रोस्टेट, आंत और फेफड़ों के कैंसर का खतरा घटाने के लिए नियमित रूप से अनार का सेवन करने की सलाह तक दी गई है।             


स्टार क्रिकेटर नजीब का निधन, लगा झटका

स्टार क्रिकेटर का निधन, क्रिकेट जगत को तगड़ा झटका। 


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। क्रिकेट जगत के लिए एक बुरी खबर है।
अफगानिस्तान के सलामी बल्लेबाज नजीब ताराकई का निधन हो गया है। नजीब जिंदगी की जंग हार गए और आज उनकी मृत्यु हो गई। 29 साल के ताराकई को अफगानिस्तान में एक सड़क दुर्घटना में घायल होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वे आईसीयू में थे, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी। ताराकई के निधन पर अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने गहरा दुख जताया है। अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने इस बारे में जानकारी दी और अफगान क्रिकेट को हुए बड़े नुकसान पर दुख व्यक्त किया है। अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने ट्विटर पर लिखा, “एसीबी और क्रिकेट प्रेमी देश अफगानिस्तान ने अपने आक्रामक ओपनिंग बल्लेबाज और बहुत ही उम्दा इंसान नजीब ताराकई को खो दिया है। एक दुखद ट्रैफिक दुर्घटना में उनकी मौत हो गई। अल्लाह उस पर अपनी कृपा करें।”             


हिंसा रोकने के लिए रात में किया अंतिम संस्कार

हाथरस पीड़िता का अंतिम संस्कार रात में क्यों किया, यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दी ये दलील।


नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार ने हाथरस में सामूहिक दुष्कर्म और हत्या कांड की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच के निर्देश देने का उच्चतम न्यायालय से भी अनुरोध किया है। साथ ही पीड़िता का शव रात में जलाने पर कहा कि यदि युवती की लाश रात को नहीं जलाई जाती तो अगली सुबह हिंसा भड़क सकती थी। योगी सरकार ने कहा है कि इस घटना के बहाने कुछ मीडियाकर्मी और राजनीतिक दल जातीय और सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने के कुत्सित प्रयास में जुटे हैं।
सरकार ने कहा, प्रशासन को इस बात की खुफिया जानकारी थी कि बड़ी संख्या में कुछ राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता और कुछ अराजक तत्व जमा होने लगे थे। सुबह जातीय हिंसा भड़क सकती थी और सामाजिक सौहार्द बिगड़ सकता था। इसलिए पीड़िता के घरवालों की रजामंदी के बाद लाश का सांस्कृतिक रीति रिवाजों का पालन करते हुए अंतिम संस्कार किया गया था।
उत्तर प्रदेश सरकार ने हाथरस मामले की सुनवाई से पहले ही बगैर नोटिस के अपनी ओर से मंगलवार सुबह एक हलफनामा दायर किया, जिसमें कहा गया है कि हाथरस कांड के बहाने राज्य सरकार को बदनाम करने के उद्देश्य से सोशल मीडिया, टीवी और प्रिंट मीडिया पर आक्रामक अभियान चलाए गए। राज्य सरकार ने कहा कि कुछ मीडियाकर्मी और राजनीतिक दलों के लोग हाथरस कांड के बहाने अपने निहित स्वार्थ के लिए जातीय और सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं।
हलफनामा में कहा गया है, ”क्योंकि यह मामला पूरे देश के आकर्षण के केंद्र में आ गया है, इसलिए इसकी केंद्रीय एजेंसी से जांच होनी चाहिए।” योगी सरकार ने हाथरस केस में हलफनामा दायर करके शीर्ष अदालत को सीबीआई जांच का निर्देश देने की मांग की। उसने मामले में अब तक हुई जांच का विस्तृत ब्योरा न्यायालय को सौंपा और दावा किया कि कुछ निहित स्वार्थ निष्पक्ष न्याय के रास्ते में रोड़ा अटका रही हैं। शीर्ष अदालत से सीबीआई जांच की निगरानी करने का भी आग्रह किया गया है।
हलफनामा में कहा गया है कि राज्य सरकार सीबीआई जांच की सिफारिश कर चुकी है ताकि निहित स्वार्थों की ओर से फैलाए जा रहे झूठ और प्रपंच से पर्दा उठ सके। राज्य सरकार ने विभिन्न मेडिकल रिपोर्टों का हवाला देकर कहा है कि युवती के साथ दुष्कर्म होने की प्रथम दृष्टया कोई रिपोर्ट नहीं है।             


पीड़िता के परिजनों को धमकाना नहीं करेंगे बर्दाश्त

हाथरस पीड़िता के परिजनों को धमकाया जा रहा, नहीं करेंगे बर्दाश्त कांग्रेस।


नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी तथा पार्टी की उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने हाथरस की पीड़ित युवती के परिजनों के साथ पुलिस के व्यवहार की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि उन्हें धमकाया तथा डराया जा रहा है। और इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। राहुल गांधी ने ट्वीट किया दुनिया की कोई भी ताकत मुझे हाथरस के इस दुखी परिवार से मिलकर उनका दर्द बांटने से नहीं रोक सकती। कांग्रेस नेता ने कहा। इस प्यारी बच्ची और उसके परिवार के साथ उप्र सरकार और उसकी पुलिस द्वारा किया जा रहा व्यवहार मुझे स्वीकार नहीं। किसी भी हिन्दुस्तानी को ये स्वीकार नहीं करना चाहिए।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा “उत्तर प्रदेश सरकार नैतिक रूप से भ्रष्ट है। पीड़िता को इलाज नहीं मिला समय पर शिकायत नहीं लिखी, शव को जबरदस्ती जलाया, परिवार कैद में है। उन्हें दबाया जा रहा है। अब उन्हें धमकी दी जा रही कि नार्को टेस्ट होगा। ये व्यवहार देश को मंजूर नहीं। पीड़िता के परिवार को धमकाना बंद कीजिए। इस बीच कांग्रेस ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी के सांसदों तथा अन्य वरिष्ठ नेताओं का एक दल आज हाथरस जाएगा और पीड़ित परिजनों के साथ हो रहे पुलिस बर्ताव के बारे में विस्तृत जानकारी लेगा।                 


दंगा भड़काने की साजिश के अहम सबूत मिलेंं

हाथरस की घटना को लेकर प्रदेश में थी दंगे भड़काने की तैयारी, जांच एजेंसियों को मिले साजिश के अहम सबूत।


अशीष तिवारी


लखनऊ। रिपोर्ट डॉक्टर इब्राहिम कुरैशी ब्यूरो चीफ उत्तर प्रदेश
यूपी में हाथरस की घटना को लेकर पूरे देश में आक्रोश था। यही नहीं, इस घटना से जुड़ी कई अफवाहों को फैला कर कुछ संगठन योगी सरकार के खिलाफ माहौल बनाना चाहते थे।हाथरस मामले में जांच एजेंसियों को योगी सरकार के खिलाफ खतरनाक साजिश के अहम सुराग मिले हैं। हाथरस के बहाने योगी सरकार को बदनाम करने के लिए बड़ी साजिश रची गई थी। हालांकि सरकार की सतर्कता के चलते प्रदेश में जातीय और सांप्रदायिक दंगे भड़काने की साजिश नाकाम हुई। खबर ये भी है। कि हाथरस के बहाने उत्तर प्रदेश में जातीय और सांप्रदायिक उन्माद पैदा करने की कोशिश की गई थी। इसके अलावा दंगे भड़काने के लिए अफवाहों और फर्जी सूचनाओं का सहारा लिया गया था।यही नहीं, सोशल मीडिया का भी दुरूपयोग हुआ। प्रमाण मिलने पर लखनऊ में मुकदमा दर्ज किया गया है। हाथरस मामले में मायावती बीजेपी के मुखपत्र की तरह काम कर रही हैं। आप नेता संजय सिंह
योगी सरकार के मंत्री ने किसान कानून के विरोध पर साधा निशाना  कहा।कांग्रेस राज में किसानों की स्थिति बदतर हुई
प्रयागराज। होर्डिंग के विवाद में दबंगों ने सरेआम दुकानदार को पीटा, वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने दर्ज किया केसः जितेंद्र हत्याकांड में बागपत पुलिस का सनसनीखेज खुलासा पति को रास्ते से हटाने के लिये पत्नी ने डेढ़ लाख की सुपारी देकर कराई हत्या। इस पूरी साजिश में पीएफआई, एसडीपीआई और सरकार के निशाने पर रहे माफियाओं की मिलीभगत के ठोस सुराग मिले हैं। प्रदेश में अराजकता पैदा करने के लिए बड़े पैमाने पर फंडिंग की गई।
साजिश में सीएए के उपद्रव में शामिल रहे संगठनों की भूमिका के भी सबूत मिले. उपद्रवियों के पोस्टर लगाए जाने उपद्रवियों से वसूली कराए जाने और घरों की कुर्की कराने जाने की सीएम योगी की सख्त कार्रवाइयों से परेशान तत्वों ने ये पूरी योजना बनाई था। हाथरस घटना से जुड़ी खबरें जैसे पीड़ित लड़की की जीभ काटे जाने अंग भंग करने और गैंगरेप से जुड़ी तमाम अफवाहें उड़ा कर नफरत की आग भड़काने की कोशिश की गई थी। यही नहीं। अफवाह फैलाने के लिए ढेरों वैरिफाइड सोशल मीडिया एकाउंट का भी इस्तेमाल किया गया। फिलहाल जांच एजेसियां वैरिफाइड एकाउंट का ब्यौरा तैयार करने में जुटीं हैं। अफवाहें फैलाने और नफरत पैदा करने के लिए चंडीगढ की घटना की मृतका की तस्वीरें हाथरस की बेटी की बता कर वायरल की गई। आपको बता दें कि एक बड़े चैनल के स्क्रीन शाट में छेड़छाड़ करके नफरत भरे पोस्टर तैयार किए गए इस पर मुकदमा भी दर्ज किया गया है। दंगे भड़काने की साजिश के लिए तमाम आपत्तिजनक और फोटो शाप्ड तस्वीरों का भी जमकर इस्तेमाल हुआ। दूसरे राज्यों की शवों की फोटो शाप्ड तस्वीरों को हाथरस की पीड़िता की तस्वीरें बताकर नफरत पैदा करने की कोशिश की गई। रिपोर्ट डॉक्टर इब्राहिम कुरैशी ब्यूरो चीफ उत्तर प्रदेश।              


सिनेमाघरों की टिकट बिक्री में आया बदलाव

सिनेमाघरों के खुलने के लिए गाइडलाइंस जारी 50% टिकट बिक्री के अलावा ये होंगे बदलाव


नई दिल्ली। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने सिनेमाघरों और मल्टीप्लेक्स में परिचालन से संबंधित दिशा निर्देश जारी किए हैं। ये जगहें कोविड -19 महामारी के मद्देनजर छह महीने से अधिक समय तक बंद रहने के बाद 15 अक्टूबर से फिर से खोले जाने के लिए निर्धारित हैं। नए दिशानिर्देशों के अनुसार, सिनेमा हॉल को 50% ऑक्युपेंसी के साथ संचालित करने की अनुमति है। ताकि लोगों के बीच पर्याप्त सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखी जा सके। ये सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई सीट न बदले। मंत्रालय ने कहा है। कि स्क्रीनिंग की शो टाइमिंग भी बदली जाएगी और भीड़भाड़ से बचने के लिए पर्याप्त संख्या में बॉक्स ऑफिस काउंटर खोले जाएंगे। उन्होंने इंटरवल के दौरान दर्शकों को भीड़ से बचने को कहा है। सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए सिनेमाघरों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) की घोषणा की। अपने आवास पर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 50 प्रतिशत बैठने की क्षमता के साथ 15 अक्टूबर से सिनेमा हॉल खोलने की अनुमति होगी। साथ ही मास्क पहनना और दर्शकों के बीच एक सीट की दूरी रखना अनिवार्य होगा।
उन्होंने कहा सिनेमा घर पिछले सात महीनों से बंद हैं। वे अब 15 अक्टूबर से खुलेंगे। लोगों की सुरक्षा के लिए हमने एसओपी तैयार की है। उन्होंने कहा सिनेमा घरों में 50 प्रतिशत लोगों के बैठने की अनुमति होगी। एक कुर्सी छोड़कर बैठने की व्यवस्था की जाएगी। मास्क लगाना अनिवार्य होगा। साथ ही सैनिटाइजर जरूरी है। जावड़ेकर ने बताया कि कोरोना से बचाव के बारे में जागरूकता फैलाने वाली एक मिनट की एक फिल्म दिखाया जाना या इस बारे में घोषणा किया जाना अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा एक शो खत्म होने के बाद पूरा हॉल सैनिटाइज करना होगा तभी दूसरा शो आरंभ होगा। सिंगल स्क्रीन में टिकट बुकिंग के लिए ज्यादा खिड़कियां खोलनी होंगी। सभी जगह ऑनलाइन टिकट बुकिंग को बढ़ावा दिया जाएगा। पैक्ड खाना मिलेगा। उन्होंने उम्मीद जताई की एसओपी का पालन होगा और लोग 15 अक्टूबर से सिनेमाघरों में जाकर फिल्में देख सकेंगे। इसके लिए उन्होंने सभी को शुभकामनाएं भी दीं। बता दें कि भारत पिछले 24 घंटों में 61,267 नए कोरोना मामले सामने आए हैं। और 884 लोगों की मौत एक रिपोर्ट दर्ज की गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार कुल 66,85,083 मामलों में 9,19,023 सक्रिय मामले हैं। 56,62,491 ठीक हो चुके और 1,03,569 लोगों की मौत हो चुकी है।                   


संक्रमण में लगातार गिरावट से मिली राहत

कोरोना से मिल गई है। देश को जीत महीनेभर बाद आया ऐसा सुकून


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। देश मे एक महीने में कोरोना वायरस  (कोविड-19) के सबसे कम मामलों की संख्या दर्ज की गई जिसमें सोमवार को 59,980 नए मामले सामने आए। एचटी के डैशबोर्ड के आंकड़ों के अनुसार कोविड -19 सकारात्मक मामलों की कुल संख्या 66,85,083 हो गई है।और इसी अवधि में 884 नई मौतों के साथ। कुल 1,03,622 कोविड -19 सकारात्मक मामलों ने देश में वायरल बीमारी के कारण आज तक दम तोड़ दिया है। कोविड -19 के कारण पहली मौत 12 मार्च को दक्षिण भारत में हुई थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है। कि लगातार दो हफ्तों तक देश में सक्रिय कोविड -19 मामले एक मिलियन से कम रहे हैं।
सक्रिय मामलों की संख्या महत्वपूर्ण है। क्योंकि यह वास्तविक बीमारी के बोझ को राष्ट्रीय स्तर पर बताता है। इसके अलावा, सोमवार को लगभग एक मिलियन परीक्षण किए गए हैं। कोविड -19 का पता लगाने के लिए परीक्षण किए गए नमूनों की कुल संख्या लगभग 80 मिलियन तक पहुंच गई है। 23 जनवरी को, जब देश में पहला कोविड -19 टेस्ट किया गया था, तो भारत में सिर्फ एक प्रयोगशाला थी। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) एपेक्स वायरोलोजी प्रयोगशाला। पुणे में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन का उपयोग करते हुए कोविड 19 परीक्षण आयोजित करती है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार 10 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से पिछले 24 घंटों में 903 मौतें दर्ज की गई हैं। इन जगहों से  82% नई मौतें सामने आई हैं। कल हुई 36% मौतों में महाराष्ट्र से 326 कर्नाटक से 67 लोगों की मौतें सामने आईं। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार 10 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से पिछले 24 घंटों में 903 मौतें दर्ज की गई हैं। इन जगहों से  82% नई मौतें सामने आई हैं। कल हुई 36% मौतों में महाराष्ट्र से 326 कर्नाटक से 67 लोगों की मौतें सामने आईं।               


यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई  संदीप मिश्र  लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन को लेकर उत्तर प्रदेश में भी 7 दिनों के...