मंगलवार, 6 अक्टूबर 2020

अश्विन ने फिंच को दी ‘मांकड़िंग’ की चेतावनी

अश्विन ने फिंच को दी ‘मांकड़िंग’ की चेतावनी कहा।यह पहली और आखिरी चेतावनी थी।बच गया बड़ा विवाद।


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। दिल्ली कैपिटल्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के बीच सोमवार को दुबई में खेले गए IPL 13 के मैच में बड़ा विवाद होने से बच गया। दरअसल दिल्ली केऊ गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन ने RCB के बल्लेबाज एरॉन फिंच को मांकड़िंग की चेतावनी दी। अश्विन ने फिंच को दी ‘मांकड़िंग’ की चेतावनी कहा। यह पहली और आखिरी चेतावनी थी। बच गया बड़ा विवाद। दिल्ली कैपिटल्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के बीच सोमवार को दुबई में खेले गए IPL 13 के मैच में बड़ा विवाद होने से बच गया दरअसल दिल्ली के गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन ने RCB के बल्लेबाज एरॉन फिंच को मांकड़िंग की चेतावनी दी।
मांकड़िंग को लेकर पिछले IPL सीजन में विवाद खड़ा हो गया था। किंग्स इलेवन पंजाब के तत्कालीन कप्तान रहे रविचंद्रन अश्विन का राजस्थान रॉयल्स के बल्लेबाज जोस बटलर को मांकड़ करने का विवाद सुर्खियों में रहा था। मांकड़िंग को लेकर सख्त रवैया रखने वाले रविचंद्रन अश्विन ने इस बार ऐसा नहीं किया। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की पारी के तीसरे ओवर में अश्विन ने नॉन स्ट्राइकर एंड पर क्रीज से बाहर निकलने पर एरॉन फिंच को चेतावनी दी। अश्विन इस ओवर की चौथी गेंद डालने से पहले ही एरॉन फिंच को क्रीज से बाहर निकलता देख नॉन स्ट्राइकर एंड की तरफ मुड़ गए हालांकि उन्होंने गेंद को विकेट पर नहीं मारा अश्विन ने बल्लेबाज एरॉन फिंच को मांकड़ करने की चेतावनी देनी चाही। अश्विन के मांकड़िंग नहीं करने से डग आउट’ में बैठे दिल्ली कैपिटल्स के कोच रिकी पोंटिंग बहुत खुश हुए अश्विन ने मैच के बाद ट्वीट किया। 
स्पष्ट कर दूं  2020 के लिए पहली और अंतिम चेतावनी. बाद में मुझे दोष मत देना। उन्होंने रिकी पोंटिंग और एरॉन फिंच को टैग करते हुए लिखा। वैसे हम अच्छे दोस्त हैं।
बता दें कि पिछले सीजन में एक मैच में रविचंद्रन अश्विन ने राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ जोस बटलर को बिना गेंद फेंके ही नॉन स्ट्राइकिंग छोर पर रन आउट कर मांकड़िंग विवाद को हवा दे दी अश्विन ने बटलर को आईपीएल के इतिहास में पहली बार 'मांकड़िंंग’ का शिकार बनाया उस समय बटलर 43 गेंद में 69 रन बनाकर खेल रहे थे और अश्विन ने चेतावनी दिए बिना उन्हें मैनकाइंड से आउट किया जिससे उनकी खेलभावना को लेकर सवाल भी उठे।
खेल के नियमों के अनुसार तीसरे अंपायर ने बटलर को आउट दिया लेकिन ऐसे विकेट खेलभावना के विपरीत माने जाते हैं। इसके बाद बटलर और अश्विन के बीच तीखी बहस भी हुई। मैच के बाद जब अश्विन से मांकड़िंगऔर खेल भावना को लेकर उठ रहे सवाल के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा मेरी ओर से यह बहुत सहज था। यह योजना नहीं थी। या ऐसा कुछ भी नहीं था। यह खेल के नियमों के भीतर है।
क्या होती है। मैनकाइंड। पूर्व भारतीय स्पिनर वीनू मांकड़ के नाम पर पड़ा यह आउट करने का तरीका क्रिकेट के नियमों के अतंर्गत है। लेकिन कुछ इसे खेल भावना के खिलाफ मानते हैं। वीनू मांकड़ ने 1947 में इसी तरीके से ऑस्ट्रेलिया के बिल ब्राउन को आउट किया था। मैच में दूसरे छोर पर खड़ा बल्लेबाज अगर गेंदबाज के हाथ से गेंद छूटने से पहले क्रीज से बाहर निकल आए तो उसे रन आउट करने को मांकड़िंग कहते हैं। भारतीयों में कपिल देव ने दक्षिण अफ्रीका के पीटर कर्स्टन को 1992-93 की सीरीज के दौरान मांकडिंंग से आउट किया था। वहीं, घरेलू क्रिकेट में स्पिनर मुरली कार्तिक ने बंगाल के संदीपन दास को रणजी ट्रॉफी मैच में इसी तरह से आउट किया था।             


अजीज फल की 8 वरायटीज के बारे में बताया

आपने कितनी तरह के सेब खाए हैं। यहां जानें इस हर दिल अजीज फल की 8 वरायटीज के बारे में।


मनोज सिंह ठाकुर
सबसे अधिक सेहतमंद फलों की जब भी बात आती है। तो सेब का नाम पहली पंक्ति में होता है। तभी तो स्वस्थ जीवन जीने के लिए हर दिन एक सेब खाने की सलाह दी जाती है। हममें से ज्यादातर लोग सेब की 3 से 4 वरायटीज के बारे में ही जानते हैं। लेकिन दुनियाभर में मुख्य रूप से 8 प्रकार के सेब सबसे अधिक खाए जाते हैं। जबकि दुनिया में साढ़े सात हजार से अधिक किस्म के सेब पाए जाते हैं। इनके रंग अलग होने के साथ ही गुणों में भी हल्का अंतर होता है। लेकिन ये सभी स्वास्थ्य के लिए अमृत समान होते हैं।
क्लासिक रेड सेबः कश्मीरी सेब लगभग पूरी दुनिया में पसंद किए जाते हैं। इन सेब को इनकी खूबसूरत रंगत के आधार पर क्लासिक रेड कैटिगरी में रखा गया है। ये सेब खाने में बहुत अधिक रसीले होते हैं।
मैकिन्टोश ऐपलः मैंकिटोश ऐपल गहरा गुलाबी शेड लिए हुए सुर्ख लाल सेब होता है। यह सेब अपने गूदे के कारण एक अलग पहचान रखता है। क्योंकि इसका गूदा बहुत मुलायम और दानेदार होता है। यही वजह है कि इसका उपयोग कैंडी जैम और जेली जैसी चीजें बनाने में अधिक किया जाता है।
फूजी ऐपलः फूजी ऐपल लाल-पीला और गुलाबी रंग के मिक्स शेड के साथ बहुत ही खूबसूरत दिखने वाला सेब होता है। इसे देखते ही मुंह में पानी आ जाता है। खास बात यह है। कि जितना दिखने में आकर्षक होता है। यह सेब खाने में भी उतना ही क्रंची होता है।
ग्रीन ऐपलः क्लासिक रेड के बाद सबसे अधिक पसंद किया जानेवाला सेब है। हरा सेब इसको ग्रेनी स्मिथ के नाम से भी जाना जाता है। आमतौर पर ऐपल जूस बनाने में इसी सेब का उपयोग किया जाता है। क्योंकि यह अन्य सेब की तुलना में बहुत अधिक रसीला होता है।
पीला सेेबः जैसा कि ना से ही साफ है। कि इस सेब का छिलका पीला होता है। और इसकी रंगत कहीं-कही से सुनहरी होती है। इस कारण इसे गोल्डन ऐपल और येलो ऐपल के नाम से भी जाना जाता है। इस सेब का उपयोग मुख्य रूप से ऐपल ड्रिंक्स और वेब्रेज बनाने में किया जाता है।
हनीक्रिस्प ऐपलः हनी क्रिस्प ऐपल बाहर से हल्का हरा होता और इस पर लाल सुर्खी होती है। (यानी इसके छिलके का बेस हल्के हरे रंग का और ऊपर से सुर्ख लाल रंग के शेड्स होते हैं।) इस सेब का स्वाद खाने में शहद जैसी मिठास लिए हुए होता है। साथ ही यह बहुत क्रिस्पी भी होता है। आमतौर पर इस सेब का उपयोग फ्रूट सैलेड बनाने में किया जाता है।
बाल्डविन ऐपलः बाल्डविन सेब चटख लाल रंग का होता है। और अन्य किस्म के सेबों की तुलना में दिखने में अधिक आकर्षक भी होता है। इस सेब की फसल सर्दियों के मौसम में अधिक होती है। इस कारण इसे विंटर ऐपल भी कहा जाता है।
इस सेब को रेड डिलिशियस ऐपल के नाम से भी जाना जाता है। लेकिन सेब की अन्य किस्मों की अपेक्षा यह फल मार्केट में कम उपलब्ध होता है। स्वाद में यह रसीला और क्रंची होता है।
गाला ऐपलः का अर्थ होता है। जिसमें बहुत सारी चीजों का संगम हो। अगर सेब के बारे में इस शब्द का उपयोग किया जाता है। तो इसका अर्थ है। कि अलग-अलग तरह के सभी सेबों की खूबियां अपने आप में समेटे हुए। सभी खूबियों से भरपूर सेब।
गाला सेब अन्य प्रकार के सेबों की तुलना में काफी बड़े होते हैं। इस सेब की खास बात यह होती है। कि इसका छिलका सेब के अंदरूनी हिस्से की तुलना में अधिक मीठा होता है। यही कारण है। कि इसको छिलके सहित खाया जाता है।
गाला ऐपल बाहर से दिखने में फूजी ऐपल की तरह ही होता है लेकिन आकार में उससे बड़ा होता है। तो अब आप जान चुके हैं। कि सेब की सबसे अधिक पसंद की जानेवाली प्रजातियों की खूबियां क्या हैं। ऐसे में आप अपनी जरूरत और मूड के हिसाब से सेब के स्वाद का लुत्फ उठाएं।              


फॉलो करेंगे तो नहीं रहेगा कोरोना का खतरा

जिम जाने से पहले और बाद में फॉलो करेंगे ये 5 टिप्स, तो नहीं रहेगा कोरोना का खतरा


मनोज सिंह ठाकुर
लंबे समय से कोरोना के कारण लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं। और बाहर निकलना अवॉइड कर रहे हैं। जिसके चलते हर कोई काफी चिड़चिड़ा महसूस कर रहा है। और लोग अपनी फिजिक पर भी ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। लेकिन अब जिम खुल चुके हैं। और लोग भारी संख्या में जिम जा भी रहे हैं। आंकड़े बता रहे हैं। जिम खुलने के बाद कोरोना मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। सही एहतियात न बरतने के कारण लोग इस वायरस की चपेट में आ रहे हैं। वर्तमान समय में भारत दूसरा ऐसा देश बन गया है। जहां सबसे ज्यादा अधिक कोरोना संक्रमित मरीज हैं। जबकि तीसरा ऐसा देश है। जहां कोरोना से अब तक सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं। इससे आप समझ ही गए होंगे कि हम लोगों को इस वायरस से कितना सावधान और सतर्क रहने की जरूरत है। लंबे समय से कोरोना के कारण लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं। और बाहर निकलना अवॉइड कर रहे हैं। जिसके चलते हर कोई काफी चिड़चिड़ा महसूस कर रहा है। और लोग अपनी फिजिक पर भी ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। लेकिन अब जिम खुल चुके हैं और लोग भारी संख्या में जिम जा भी रहे हैं। आंकड़े बता रहे हैं। जिम खुलने के बाद कोरोना मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। सही एहतियात न बरतने के कारण लोग इस वायरस की चपेट में आ रहे हैं। इसलिए जरूरी है। कि आपको जिम जाने के पहले से लेकर जिम जाने और जिम से वापिस आने के बाद अपनाए जाने वाले सुरक्षा तरीकों की जानकारी हो। आज हम आपको ऐसे ही कुछ जरूरी टिप्स दे रहे हैं।
तबीयत खराब होने पर जिम अवॉइड करें
चाहे आपको कोरोना हो या न हो यदि आपकी तबीयत सही नहीं है। तो आपको बाहर निकलने से बचना चाहिए। और ऐसा सिर्फ इन दिनों ष्टश1द्बस्र-19 के चलते ही नहीं बल्कि हर समय करना चाहिए। क्योंकि स्वास्थ्य खराब होने पर आपका शरीर कमजोर रहता है और आप संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं। साथ ही आप अपनी वजह से दूसरे लोगों को भी प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए तबीयत खराब होने पर जिम न जाएं। बल्कि अपने दोस्तों और जिम के साथी को भी ऐसा करने की सलाह दें।
वेंटिलेशन का भी रखें ध्यान
यदि आपका जिम आउटडोर है। या अच्छी तरह से वेंटिलेशन है। तो यह उन जिमों की तुलना में अधिक सुरक्षित है जो पूरी तरह से पैक होते हैं। या बेसमेंट में होते हैं। इनडोर जिम में बैक्टीरिया, वायरस और फंगी के पनपने के चांस अधिक होते हैं साथ ही वहां संक्रमण का खतरा भी अधिक होता है।
सैनिटाइज आइटम करें कैरी
अपने साथ हैंड सैनिटाइजऱ, डिसइन्फेक्टेंट वाइप्स सैनिटाइजऱ स्प्रे डिस्पोजेबल टिशू या तौलिया जैसी चीजें कैरी करें और समय समय पर इनका इस्तेमाल करें। जब आप जिम जाते हैं। तो कोरोना की चपेट में आने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। इसलिए इन्हें अपने जिम बैग में कैरी करें और बाहर निकलने से पहले खुद को अच्छी तरह सैनिटाइज़ कर लें।
शेयरिंग अवॉइड करें
अपने गियर कैरी करें और कुछ दिनों तक ऐसे उपकरणों का यूज़ करने से बचें जो सभी लोगों द्वारा यूज़ किए जा रहे हों। विशेष रूप से फोम रोलर्स और एक्सरसाइज बॉल्स का उपयोग करने से बचें। साइकलिंग मशीन ट्रेडमिल, डम्बल, बारबेल और वेटेड प्लेटों से भी दूर रहें।
सोशल डिस्टेंसिंग करें फॉलो
जिम जाने के बाद सोशल डिस्टेंसिंग को फॉलो करना सबसे ज्यादा जरूरी है। व्यायाम करते समय लगातार मास्क पहनें और लोगों से दूरी बनाकर रखें। ऐसे समय मे अपना जिम स्लॉट चुनें जब कम लोग वहां आते हों। इससे आपके वायरस की चपेट में आने की संभावना भी कम हो जाएगी।             


69 हजार शिक्षक भर्ती, नेता किया गिरफ्तार

69 हजार शिक्षक भर्ती मामले का मास्टर। माइंड भाजपा नेता गिरफ्तार।


बृजेश केसरवानी
प्रयागराज। यूपी में 69 हजार शिक्षक भर्ती में पेपर लीक कर गड़बड़ी कराने के आरोपी बीजेपी नेता चंद्रमा सिंह यादव को सोमवार को एसटीएफ ने प्रयागराज से गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार नेता सूबे की योगी सरकार के एक कैबिनेट मंत्री का प्रतिनिधि भी रह चुका है। शिक्षक भर्ती में गड़बड़ी कराने का वो मास्टरमाइंड माना जाता है। एसटीएफ के लिए बना हुआ था चुनौती। चंद्रमा यादव की गिरफ्तारी न होने पर जांच एजेंसी यूपी एसटीएफ और सरकार की खासी किरकिरी हो रही थी। वो लम्बे समय से पुलिस और एसटीएफ के लिए चुनौती बना हुआ था। एसटीएफ की प्रयागराज यूनिट ने सोमवार शाम उसे सिविल लाइंस इलाके में हिन्दू हॉस्टल चौराहे के पास से गिरफ्तार किया है। एसटीएफ ने उसके पास से एक अदद मोबाइल फोन आधार कार्ड और कुछ पैसे भी बरामद किए हैं।
बीजेपी के रसूखदार नेताओं में शामिल। चंद्रमा यादव को प्रयागराज में बीजेपी के रसूखदार नेताओं में जाना जाता है। वो लम्बे अरसे तक प्रयागराज से जुड़े यूपी के एक मौजूदा कैबिनेट मंत्री का प्रतिनिधि रहा है। चंद्रमा बीजेपी के किसान मोर्चे की प्रदेश कार्यसमिति का सदस्य रहा है तो साथ ही पार्टी की महानगर इकाई में उपाध्यक्ष भी रह चुका है। वो शहर के ही ट्रांसपोर्ट नगर इलाके में चलने वाले पंचम लाल आश्रम इंटर कालेज का संचालक भी है। पहले भी हो चुका है। गिरफ्तार पहली से बारहवीं क्लास तक चलने वाले कॉलेज में सिर्फ 200 बच्चे ही पढ़ते हैं। पूरे कॉलेज में सिर्फ 12 कमरे हैं। चंद्रमा इससे पहले जनवरी महीने में टीईटी परीक्षा का पेपर लीक करने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। जून महीने के पहले हफ्ते में ही वो जमानत पर जेल से छूटा था। लेकिन उसी समय 69 हजार शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ था। एसटीएफ को सौंपी गई थी। जांच
प्रयागराज पुलिस ने इस फर्जीवाड़े में गिरोह के सरगना डॉ केएल पटेल के साथ ही चंद्रमा यादव को भी नामजद किया था। प्रयागराज के सोरांव थाने में एफआईआर दर्ज होने और कई बड़ी मछलियों के जाल में फंसने के हफ्ते भर बाद ही न सिर्फ इस मामले की जांच एसटीएफ को सौंप दी गई थी। बल्कि तत्कालीन एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज का तबादला भी कर दिया गया था। सेंटरसे ही करवाता था पेपर लीकः मा यादव अपने रसूख का इस्तेमाल कर अपने कॉलेज को बड़ी परीक्षाओं का सेंटर बनवाता था। वो अपने सेंटर से ही पेपर लीक कर उसे केएल पटेल के साल्वरों से सॉल्व कराता था। चंद्रमा यादव का गैंग इन सॉल्व पेपर्स को ब्लूटूथ और दूसरी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के जरिए अभ्यर्थियों तक पहुंचाता था। इसके बदले यह लोग अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेते थे। कैबिनेट मंत्री से जुड़ा होने की वजह से करीब डेढ़ सौ दिनों तक फरार रहने वाले चंद्रमा को लेकर विपक्षी पार्टियां इस मामले पर खूब सियासत भी कर रहीं थीं।             


खेतों में पराली जलाने वालों पर होगी कार्यवाही

स्ट्रा रेक एवं बेलर के बिना कम्बाइन से फसल कटाई करने वाले स्वामी और खेतों में पराली जलाने वालों पर होगी विधिक कार्यवाही। जिलाधिकारी


सुनील श्रीवास्तव


संतकबीर नगर। जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने शासन के निर्देश के क्रम में जनपद के कृषकों से फसल के अवशेष पराली जलाये जाने से उत्पन्न हो रहें प्रदूषण के रोकथाम के दृष्टिगत फसल अवशेष।पराली खेतों में न जलाये जाने की अपील की है। जिलाधिकारी ने खेतों में फसल अवशेष/पराली जलाये जाने से होने वाले नुकसान जैसे वायुमण्डलीय प्रदूषण, भूमि उर्वरा शक्ति पर दुष्प्रभाव, जैविक खाद बनाने में लाभकारी सूक्ष्म जीव का नष्ट हो जाना, पशुओं के चारे की समस्या, अग्निकाण्ड की घटनायें आदि से बचने हेतु सम्बंधित अधिकारियों जैसे जिला पंचायत राज अधिकारी, जिला कृषि अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा है। कि वर्तमान में धान के फसल की कटाई के समय कम्बाईन हार्वेस्टर के साथ सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम अथवा स्ट्रा रिपर अथवा स्ट्रा रेक एवं बेलर का उपयोग किया जाना अनिवार्य कर दिया गया है। उन्हांने बताया है कि धान फलस कटाई से पहले सभी कम्बाईन हार्वेस्ंिटग मशीन स्वामी यह सुनिश्चित करले की उनके कम्बाईन हार्वेस्ंिटग मशीन के साथ सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम अथवा स्ट्रा रिपर अथवा स्ट्रा रेक एवं बेलर लग जाए। अन्यथा की दशा में उक्त व्यवस्था के बैबर कोई भी कम्बाईन हार्वेस्ंटग मशीन यदि फसल कटाई करते हुए पायी जाएगी तो उसके स्वामी के विरूद्ध नियमानुसार विधिक कार्यवाई करते हुए कम्बाईन हार्वेस्ंटग मशीन सीज कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि फसल अवशेष जलाये जाने के घटनाये प्रकाश में ना आने पाये दोषी पाये जाने वाले के विरूद्ध नियमानुसार दण्डात्मक कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये गये है।
जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने मा0 राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण के नियम एवं शर्तो का हवाला देेते हुए बताया कि फसल अवशेष जलाने पर खेत के क्षेत्रफल के अनुसार अर्थदण्ड जैसे 02 एकड़ से कम क्षेत्रफल वाले कृषक से रू0 2500 प्रति घटना, 02 एकड़ से 05 एकड़ क्षेत्रफल वाले कृषक से रू0 5000 प्रति घटना तथा 05 एकड से उपर क्षेत्रफल वाले कृषक से रू0 15000 प्रति घटना निर्धारित किया गया है। इस साथ ही पुनरावृत्ति करने वाले कृषकों के विरूद्ध अतिरिक्त विधिक कार्यवाही अर्थदण्ड वसूले जाने का भी प्राविधान किया गया है। जिलाधिकारी ने जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देशित किया है। कि ग्राम पंचायतों में दर्शनीय स्थलों पर इस आशय से सम्बंधित नियमानुसार निर्धारित प्रारूप पर वाॅल पेंटिंग कराई जाए। उन्होंने जनपद की किसानों से पराली। फसल अवशेष अन्य कृषि अपशिष्ट न जलाने बल्कि खेत में मिलाकर मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बढाने, फसल की उपज बढाने, पशुओं की चारे की व्यवस्था सुनिश्चित करने और अपने पर्यावरण को सुरक्षित रखने में सहयोग करने की अपील की है।               


हाथरसः 6 वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म, तोड़ा दम

हाथरस में फिर दूसरी बार छह साल की बच्ची की दुष्कर्म के बाद इलाज के दौरान हुई मौत शव को सड़क पर रख कर परिजनों ने लगाया जाम
हाथरस। एक और बेटी की दुष्कर्म के बाद मौत हो गई है।दरअसल 15 दिन पहले सादाबाद क्षेत्र के मई जटोई निवासी 6 वर्षीय बालिका के साथ अलीगढ़ जिले के इगलास गांव में रेप की घटना हुई थी। लड़की का दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था। जहां 15 दिन बाद लड़की की मौत हो गई है। घटना से गुस्साए परिजनों ने शव को सड़क पर रखकर जाम लगा दिया है। परिजनों की मांग है कि जब तक सही आरोपी नहीं पकड़ा जाएगा और इगलास कोतवाल को निलंबित नहीं किया जाएगा। तब तक वे बच्ची का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।मौके पर भारी मात्रा में पुलिस फोर्स तैनात है। इस मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया है। लेकिन परिवार का आरोप है कि पुलिस ने सही आरोपी को नहीं पकड़ा है। लड़की के पिता ने कहा कि तीन महीने पहले मेरी दो लड़कियों को उसकी मौसी अपने घर लेकर गई थी। वहां पर मौसी के लड़के ने लड़की के साथ रेप किया। मेरी मांग है कि पुलिस मेरी बड़ी लड़की को वापस लाए और सही आरोपी को गिरफ्तार करे।अभी पुलिस ने गलत लड़के को गिरफ्तार किया है। जो मानसिक रूप से विक्षिप्त है।वहीलड़की के पिता ने इगलास के एसओ पर लापरवाही करने का आरोप लगाया है। मेरी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।मेरी मांग है कि असली अपराधी को गिरफ्तार किया जाए और इगलास के एसओ को सस्पेंड किया जाए। पिता की शिकायत है कि जिला प्रशासन उसकी सुध नहीं रहा है। इस मामले में सादाबाद के डीएसपी ब्रम्हम सिंह ने कहा कि लड़की की मां की मौत हो गई थी। इसके बाद वह अपनी मौसी के साथ रहती थी। मौसी के लड़के ने घटना को अंजाम दिया है। इगलास के इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया गया है और मामले की जांच की जा रही है। मौके पर अलीगढ़ के एएसपी भी मौजूद हैं।                


हाथरसः पीएफआई जुड़े 4 लोग गिरफ्तार किए

हाथरस जाते समय पीएफआई से जुड़े चार लोग गिरफ्तार
संदीप मिश्र


लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस ने चार लोगों को हिरासत में लिया है। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और इसके एक सहयोगी संगठन से जुड़े हैं। चारों को सोमवार रात मथुरा से उस समय गिरफ्तार किया गया। जब वे दिल्ली से हाथरस जा रहे थे।
पुलिस ने कहा कि सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए कि कुछ संदिग्ध दिल्ली से हाथरस जाने के रास्ते में हैं, उन्होंने एक टोल प्लाजा पर एक कार को रोका। चारों से पूछताछ की गई और माथ टोल प्लाजा पर हिरासत में ले लिया गया।
इन चारों की पहचान मुजफ्फरनगर के अतीक-उर रहमान, मलप्पुरम के सिद्दीक, बहराइच के मसूद अहमद और रामपुर के आलम के रूप में हुई है। इनके पास से मोबाइल फोन, लैपटॉप और कुछ साहित्य, जो शांति और व्यवस्था पर प्रभाव डाल सकते थे। उन्हें जब्त कर लिया गया।
पुलिस ने पूछताछ के दौरान कहा कि यह पता चला है कि चारों का संबंध पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उसके सहयोगी संगठन कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) से है। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि आगे की पूछताछ जारी है।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने पहले संगठन पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार ने नागरिक कानूनों के खिलाफ राज्य में हिंसक विरोध प्रदर्शन के लिए पीएफआई को दोषी ठहराया था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘हाल की घटनाओं’ का उल्लेख कर कहा कि अराजकतावादी तत्व हाथरस की घटना के बाद राज्य में सांप्रदायिक और जातिगत हिंसा को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं।                 


यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई  संदीप मिश्र  लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन को लेकर उत्तर प्रदेश में भी 7 दिनों के...