अधिकतर लोग मीठा खाने के शौकीन होते हैं। ऐसे में ज्यादातर मीठे पकवान चीनी के इस्तेमाल से ही बनाए जाते हैं। यह भी एक सच्चाई है। कि चीनी का ज्यादा इस्तेमाल सेहत के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। क्योंकि चीनी में बहुत अधिक मात्रा में कैलोरी होती है। ऐसे में यदि हमारी दिनचर्या बहुत अधिक शारीरिक मेहनत करने वाली नहीं है। तो चीनी शरीर को नुकसान भी पहुंचा सकती है। ऐसे में इन दिनों सामान्य शक्कर के स्थान पर ब्राउन शुगर का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है।
चीनी से कैसे अलग है। ब्राउन शुगर
चीनी गुड़ आदि गन्ने से तैयार किए जाते हैं। लेकिन चीनी मिलों में जब शक्कर तैयार की जाती है तो उसे साफ करने और ज्यादा मिठास पाने के लिए कई प्रकार के केमिकल मिलाए जाते हैं। चूंकि गुड़ प्राकृतिक रूप है। लेकिन केमिकल डालकर जब और अधिक मिठास वाले तत्व एकत्रित करते हैं। तो शक्कर में मिठास बढ़ती है। इसी कारण शक्कर में कैलोरी की मात्रा भी बढ़ जाती है। वहीं इसमें उपयोग किए जाने वाले केमिकल के साइड इफेक्ट का खतरा बना रहता है। वहीं ब्राउन शुगर वास्तव में गुड़ का ही एक शुद्ध रूप होता है। वास्तव में यह गुड़ और शक्कर के बीच का एक रूप है। जिसे बगैर केमिकल तैयार किया जाता है। और सेहत के लिए फायदेमंद भी होती है।
शनिवार, 3 अक्टूबर 2020
ज्यादा चीनी-मीठा खाने से बेहद खतरा
मास्क लगाए, लक्षण दिखते हैं टेस्ट करवाएं
सतर्कता ही बचाव। बीपी, शुगर, दमा वालों की ही मौत का मिथक अब टूट गया, 40/ मौतें ऐसी जो सिर्फ कोरोना की वजह से ही हुई।
मास्क जरूर लगाएं लक्षण दिखते ही टेस्ट करवाएं।
नई दिल्ली। राजधानी और प्रदेश में कोरोना से हुई मौतों ने वह सारे मिथक तोड़ दिए हैं। जो शुरुआती दौर में स्थापित थे और कहा जाता था कि शुगर, बीपी, हाईपरटेंशन और दमा रोगियों के साथ अधिक उम्र वालों के लिए खतरा ज्यादा है। अब प्रदेश में 400 से ज्यादा मौतें ऐसे लोगों की हुई हैं। जो स्वस्थ थे। और सिर्फ कोरोना संक्रमण से कारण मौत से जंग हार गए। डाक्टरों का कहना है। कि कोरोना वायरस से संक्रमित स्वस्थ लोगों को सही समय पर इलाज नहीं मिला तो यह फेफड़ों को इतना नुकसान पहुंचा सकता है। कि जीवन बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। राजधानी।प्रदेश में कोरोना के इलाज में लगे डाक्टरों ने इस आंकड़े के आधार पर अपील की है कि कोरोना वायरस से सुरक्षा बहुत जरूरी है। और जब तक वैक्सीन नहीं आती, मास्क ही वैक्सीन है। यही नहीं अगर स्वस्थ लोगों को भी महसूस होता है। कि उन्हें कोरोना के लक्षण हैं। जो जांच में बिलकुल देरी नहीं करनी चाहिए क्योंकि जल्दी जांच से जान आसानी से बच सकती है।
राजधानी में 18 मार्च को पहला केस आया और 29 मई को पहली मौत हुई तो लगा था कि कोरोना उतना खतरनाक नहीं होगा। जितना पड़ोसी या दूसरे राज्यों में था। भास्कर ने कोरोना का इलाज कर रहे डॉक्टरों से जाना कि कोरोना से मरने वालों में सबसे ज्यादा किस बीमारी के लोग हैं। डायबिटीज व हाइपरटेंशन वाले मरीजों के लिए कोरोना काल साबित हो रहा है। इसके अलावा कैंसर, हार्ट, किडनी, लीवर व दूसरी बीमारियों से पीड़ित मरीजों की भी मौत हुई है। हाइपरटेंशन व डायबिटीज की चर्चा करना इसलिए भी जरूरी है। क्योंकि इसे कॉमन बीमारी माना जाता है। अनियमित खानपान व जीवनशैली से यह दोनों बीमारी होती है। एक खतरनाक आंकड़ा यह भी है कि कोरोना संक्रमण से मरनेवालों में अधिकांश 45 से 50 की उम्र के थे। हालांकि ज्यादा रिस्क 60 या इससे ज्यादा की उम्र वालों को है। लेकिन युवाओं की भी जान गई है। जानकारों का दावा है कि 150 से ज्यादा युवा होंगे, जिनकी मौत कोरोना से हुई। मृतकों में 18 वर्ष से कम उम्र के तीन से चार किशोर भी हैं।
एक्सपर्ट व्यू । स्वस्थ लोगों में भी लक्षण दिखें तो तुरंत जांच करवाएं।"मृतकों में आधे मरीज ऐसे हैं। जिन्हें डायबिटीज व हाइपरटेंशन था। डायबिटीज कैंसर, हार्ट या दूसरी बीमारी हो तो निश्चित रूप से कोरोना का रिस्क बढ़ जाता है। स्वस्थ लोगों को को लक्षण दिखने पर तुरंत जांच करनी चाहिए क्योंकि ऐसे में इलाज आसान होता है। पॉजिटिव आने पर अस्पताल या होम आइसोलेशन में रहकर इलाज कराएं। इससे मौतों की संख्या कम की जा सकती है। जो लोग लक्षण के बावजूद जांच में देरी कर रहे हैं। उनके लिए खतरा ज्यादा है। क्योंकि देरी से इलाज मौतों के मामले में बड़ा फैक्टर है। लोग जांच से घबराएं, बीमारी पता चल जाएगी तो आइसोलेशन अच्छा इलाज है।
हैदराबाद ने चेन्नई को 7 रन से हराया
हैदराबाद ने चेन्नई को 7 रन से हराया।धोनी IPL में छठवीं बार नॉटआउट रहते हुए टीम को नहीं जीता सके सीजन में चेन्नई की लगातार तीसरी हार। प्रियम गर्ग जीत के हीरो।
चैन्नई। आईपीएल के 13वें सीजन के 14वें मैच में सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) ने चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) को 7 रन से हरा दिया। हैदराबाद ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी करते हुए 165 रन का टारगेट दिया। जवाब में चेन्नई 5 विकेट पर 157 रन ही बना सकी।
चेन्नई के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी नाबाद पवेलियन लौटे, लेकिन टीम को जीत नहीं दिला सके। आईपीएल में ऐसा उनके साथ छठी और इस सीजन में दूसरी बार हुआ है। इससे पहले वे राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ शारजाह में भी 29 रन बनाकर नाबाद लौटे थे। लेकिन टीम को जीत नहीं दिला सके। चेन्नई की सीजन में यह लगातार तीसरी हार है। जीत के हीरो युवा बल्लेबाज प्रियम गर्ग (51) रहे।
धोनी-जडेजा ने 72 रन की पार्टनरशिप की
एमएस धोनी और रविंद्र जडेजा ने 5वें विकेट के लिए 72 रन जोड़े। जडेजा ने 35 बॉल पर 50 रन बनाए। जडेजा को नटराजन ने आउट किया। धोनी 47 रन बनाकर नॉट आउट रहे। इन दोनों के अलावा सिर्फ फाफ डु प्लेसिस ही 22 रन बना सके। बाकी बल्लेबाजों ने टीम को निराश किया।
वॉटसन और रायडू सस्ते में आउट
शेन वॉटसन और अंबाती रायडू मैच में कुछ खास नहीं कर सके। वॉटसन की खराब फॉर्म इस मैच में जारी रही। वे सिर्फ एक रन ही बना सके। वॉटसन को भुवनेश्वर कुमार ने आउट किया। इसके बाद रायडू (8) को टी नटराजन ने पवेलियन का रास्ता दिखाया।
चेन्नई ने 10 ओवर में सीजन का सबसे कम स्कोर बनाया
चेन्नई ने 10 ओवर में 4 विकेट खोकर 44 रन बनाए। ये इस सीजन में 10 ओवर में सबसे कम स्कोर है। इससे पहले भी चेन्नई ने इसी मैदान पर दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ 10 ओवर में 3 विकेट पर 47 रन बनाए थे। वहीं, दिल्ली ने दुबई में ही किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ 3 विकेट पर 49 रन बनाए थे।
प्रियम ने लगाई पहली फिफ्टी, हैदराबाद का स्कोर 164/5
इससे पहले टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए हैदराबाद ने 5 विकेट पर 164 रन बनाए। हैदराबाद के लिए प्रियम गर्ग और अभिषेक शर्मा ने पांचवें विकेट के लिए 71 रन की पार्टनरशिप की। दोनों ने इसके लिए 43 बॉल खेलीं। प्रियम गर्ग ने आईपीएल के अपने चौथे ही। मैच में पहली फिफ्टी लगाई। उन्होंने 26 बॉल पर नाबाद 51 रन बनाए। वहीं, अभिषेक ने 24 बॉल पर 31 रन बनाए।
विलियम्सन और बेयरस्टो नहीं चले
हैदराबाद के बल्लेबाज इस मैच में कुछ खास नहीं कर सके। जॉनी बेयरस्टो (0) को मैच के पहले ही ओवर में दीपक चाहर ने आउट किया। इसके बाद मनीष पांडे (29) और डेविड वॉर्नर (28) अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में नहीं बदल सके। मनीष को शार्दुल ठाकुर और वॉर्नर को पीयूष चावला ने आउट किया। केन विलियम्सन 9 रन ही बना सके। उन्हें अंबाती रायडू और एमएस धोनी ने रनआउट किया।
धोनी के नाम एक और रिकॉर्ड
धोनी आईपीएल में सबसे ज्यादा 194 मैच खेलने वाले खिलाड़ी बन गए हैं। उन्होंने अब तक कुल 194 मैच खेले हैं। इसके बाद सुरैश रैना (193), रोहित शर्मा (192) और दिनेश कार्तिक (185) का नंबर आता है। रैना ने ट्विटर पर बधाई देते हुए लिखा कि मुझे खुशी है। कि मेरा रिकॉर्ड आपने तोड़ा।
सस्ते।महंगे खिलाड़ियों का परफॉर्मेंस
सीएसके में कप्तान धोनी सबसे महंगे खिलाड़ी रहे। फ्रेंचाइजी उन्हें एक सीजन के 15 करोड़ रुपए देगी। धोनी मैच में 36 बॉल पर 47 रन बनाकर नाबाद रहे लेकिन टीम को जीत नहीं दिला सके। 80 लाख रुपए कीमत वाले दीपक चाहर सबसे सस्ते खिलाड़ी रहे। उन्होंने मैच में 31 रन देकर 2 विकेट लिए।
वहीं हैदराबाद के सबसे महंगे खिलाड़ी डेविड वॉर्नर हैं। उन्हें इस सीजन का 12.50 करोड़ रुपए मिलेंगे। वॉर्नर अच्छी शुरुआत के बावजूद कुछ खास नहीं कर सके और 29 बॉल पर 28 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। प्लेइंग इलेवन में टी नटराजन सबसे सस्ते प्लेयर रहे। उन्होंने 43 रन देकर 2 विकेट लिए।
चेन्नई ने 3 और हैदराबाद ने 2 बार खिताब जीता
महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली चेन्नई ने लगातार दो बार 2010 और 2011 में खिताब जीता था। पिछली बार यह टीम 2018 में चैम्पियन बनी थी। वहीं चेन्नई पांच बार( 2008, 2012, 2013, 2015 और 2019) आईपीएल की रनरअप भी रही। दूसरी ओर हैदराबाद ने 2 बार (2009 और 2016) खिताब अपने नाम किया।
छत्तीसगढ़ः कुल 2637 नए संक्रमित मिलें
पहलें 100 मौतें 80 दिन में, सिर्फ 47 दिन में गई 903 जानें, प्रदेश में 2637 नए मरीज।
रायपुर में 395 नए मरीज मिले, 16 की गई जान
रायपुर। छत्तीसगढ़ में शुक्रवार को कोरोना से 16 जानें गईं और इसी के साथ मौतों की संख्या 1003 पर पहुंच गई है। पिछले डेढ़ महीने यानी केवल 47 दिन में 903 मरीजों की कोरोना से जान गई है। जबकि शुरुआती सौ मौतें 80 दिन में हुई थीं। कोरोना से प्रदेश में मृत्यु की दर 0.8 प्रतिशत है। हालांकि यह राष्ट्रीय मृत्यु दर 1.6 प्रतिशत से अभी आधी ही है। छत्तीसगढ़ में 17 अगस्त से 2 अक्टूबर तक हुई 903 मौतें रोजाना लगभग 19 के औसत से हुई हैं। जबकि 29 मई से 16 अगस्त तक केवल 1.25 फीसदी मरीजों की जान गई। रायपुर समेत प्रदेश में अगस्त व सितंबर में सबसे ज्यादा मौतें हुईं। दरअसल कोरोना के शुरुआती दौर यानी मार्च से जून तक हल्के या बिना लक्षण वाले मरीज ज्यादा थे। जिनका प्रतिशत अब घटकर 65 फीसदी हो गया है। अर्थात, अब अस्पतालों में पहुंचने वाले कुल मरीजों में से 35 फीसदी सांस में तकलीफ या बुखार के साथ पहुंच रहे हैं। इनमें भी सांस में तकलीफ वाले ज्यादा हैं। इन्हें ऑक्सीजन बेड के साथ आईसीयू और कई बार वेंटिलेटर की भी जरूरत पड़ रही है।
प्रदेश में 1.18 लाख संक्रमित
प्रदेश में शुक्रवार को 2637 नए कोरोना मरीजों की पहचान की गई जिसमें 395 मरीज रायपुर के हैं। रायपुर में 3 समेत 16 मरीजों की मौत भी हुई है। नए केस के बाद प्रदेश में मरीजों की संख्या 118792 हो गई है। जबकि एक्टिव केस 29693 है। वहीं इलाज के बाद 88095 मरीज स्वस्थ हुए हैं। दूसरी ओर, रायपुर में मरीजों की संख्या 34582 व एक्टिव केस 10254 है। 23891 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। 437 मरीजों की कोरोना से जान गई है।
गर्भवती महिलाओं के लिए महासमुंद में बने कोविड अस्पताल में संक्रमित महिला ने बच्ची काे दिया जन्म
महासमुंद। गर्भवती महिलाओं के लिए बनाए गए विशेष कोविड अस्पताल में गुरुवार की रात पहली डिलीवरी कराई गई। कोरोना पॉजिटिव महिला ने स्वस्थ बच्ची काे जन्म दिया। कोरोना के बढ़ते केस देखते हुए तुमगांव सीएचसी को प्रसूताओं के लिए कोविड हॉस्पिटल बनाया गया है। यहां उनकी जांच, इलाज के साथ इमरजेंसी में डिलीवरी की व्यवस्था भी है। एमआ डॉ. विकास चंद्राकर ने बताया कि ईमलीभाठा निवासी 32 वर्षीय महिला को 10 दिन से होम आइसोलेशन में थी। प्रसूता का वजन कम था। वह सदमे में भी थी। रायपुर एम्स या मेकाहारा में बेड नहीं हाेने पर यहीं डिलीवरी कराई गई। यहां टीम में एएमओ वीरेंद्र नायक, एएनएम अंकिता नेताम, रेखा बघेल और विनीता डोंगरे तैनात हैं।
मौत की रफ्तार
29 मई - पहली मौत
16 अगस्त - 100 मौतें
2 अक्टूबर- 1000 मौतें
ये है मौत होने की वजह
सीनियर गैस्ट्रोसर्जन डॉ. देवेंद्र नायक व चेस्ट एक्सपर्ट डॉ. आरके पंडा का कहना है। कि टेस्ट में देरी के कारण इलाज में देरी हो रही है। इसलिए अस्पताल में लोगों को बचाना मुश्किल हो रहा है। क्योंकि जब तक मरीज अस्पताल पहुंचते हैं। तब तक देर हो चुकी होती है। कई मरीजों ने अस्पताल पहुंचने के 10 से 12 घंटे के बीच दम तोड़ा है। वहीं 50 से ज्यादा मरीज मृत हालत में अस्पताल के दरवाजे तक पहुंचे हैं। कोरोना संक्रमितों का अस्पताल में ब्राॅट डेड पहुंचना इसलिए गंभीर है। क्योंकि इसी से साबित हो रहा है। कि लोग अब भी इस संक्रमण को लेकर उतने गंभीर नहीं हैं।
गुजरातः श्रद्धालु ने चढ़ाया सवा किलो 'सोना'
अंबाजी शक्तिपीठ में श्रद्धालु ने चढ़ाया सवा किलो सोना, पहचान गुप्त रखते हुए स्वर्णदान किया
गांधीनगर। अंबाजी शक्तिपीठ में एक श्रद्धालु ने सवा किलोग्राम (68.20 लाख रु. कीमत) सोना अर्पित किया है। मनोकामना पूरी होने पर राजकोट के इस श्रद्धालु ने पहचान गुप्त रखते हुए स्वर्णदान किया। अंबाजी शक्तिपीठ देवी की पावन 51 शक्तिपीठ में से एक है। देवी मंदिर को स्वर्णमय बनाने की योजना चल रही है। नए शिखर पर स्वर्ण आवरण चढ़ाने के लिए 223 किलोग्राम सोना चाहिए। मंदिर के पास 13 किलो 612 ग्राम सोना है।
एमपीः गुड्डू के खिलाफ मैदान में होगें गहलोत
मध्य प्रदेश उप चुनाव का घमासान।बसपा ने 10 प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी की सांवेर में सिलावट और गुड्डू के खिलाफ मैदान में होंगे विक्रांत सिंह गहलोत
भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा की 28 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए बहुजन समाज पार्टी ने 10 प्रत्याशियों की दूसरी सूची आज यानी शुक्रवार को जारी कर दी। इसमें सांवेर से भाजपा के संभावित तुलसी सिलावट और कांग्रेस के प्रेमचंद गुड्डू के खिलाफ विक्रांत सिंह गहलोत को मैदान में उतारा है। उपचुनाव में यह प्रत्याशी भाजपा और कांग्रेस दोनों का ही गणित बिगाड़ सकते हैं। इससे पहले बसपा ने 8 प्रत्याशियों की सूची जारी की थी।
मध्यप्रदेश उपचुनाव की तैयारियां तेज हो गई है। कांग्रेसी 24 सीटों पर प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर चुकी है। वहीं भाजपा भी अपने प्रत्याशियों की सूची एक-दो दिन में फाइनल कर सकती है। भाजपा की 25 सीटों पर सीटों पर प्रत्याशियों के नाम लगभग फाइनल हैं। शुक्रवार को बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती के आदेश पर मध्य प्रदेश के बसपा अध्यक्ष इंजीनियर रामाकांत पीप्पल की ओर से 10 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी गई है।
बसपा की शुक्रवार को जारी हुई 10 प्रत्याशियों की दूसरी सूची।
कौन-कहां से होगा बसपा का उम्मीदवार
कुछ दिन पहले ही बसपा में शामिल हुए पूर्व मंत्री महेंद्र बौद्ध को बसपा ने भांडेर (दतिया) से, इंजीनियर पूरन सिंह अहिरवार को सांची (रायसेन), हरपाल माझी को ग्वालियर, महेश बघेल को ग्वालियर पूर्व, रमेश डाबर को बमोरी (गुना), विक्रांत सिंह गहलोत को सांवेर (इंदौर) से चुनाव लड़ाया जाएगा। वहीं शंकर सिंह चौहान को सुवासरा (मंदसौर), जितेंद्र वाशिंदे को मांधाता (खंडवा), गोपाल सिंह भिलाला को ब्यावरा (राजगढ़), गजेंद्र बंजारा को आगर से प्रत्याशी चुना गया है। इसके पहले बसपा 8 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की थी। इसमें मुरैना की जौरा, मुरैना, अंबाह, मेहगांव, गोहद, डबरा, पोहरी और करैरा सीटें शामिल थीं।
कांग्रेस को नुकसान पहुंचा सकती है। बसपा
ग्वालियर-चंबल अंचल में बसपा के वोटों की अच्छी-खासी संख्या है। 2018 के चुनावों में यहां की ज्यादातर सीटों में बसपा के प्रत्याशी दूसरी पोजीशन पर रहे थे। ऐसे में लड़ाई त्रिकोणीय होने की पूरी संभावना है। बसपा की भूमिका कांग्रेस के वोट बैंक को सेंध लगाने वाली हो सकती है। जिन सीटों की घोषणा की गई है। इनमें ज्यादातर सीटों पर 2018 में बसपा के उम्मीदवार सेकेंड पोजीशन पर रहे थे। अब कांग्रेस के साथ जैसे ज्योतिरादित्य सिंधिया भी नहीं हैं। ऐसे में इन चुनावों में बसपा भारतीय जनता पार्टी को ही फायदा पहुंचाती दिख रही है।
बसपा की 8 प्रत्याशियों की पहली सूची।
ग्वालियर-चंबल संभाग में कितनी वजनदार है। बसपा
बसपा का दावा है कि 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में ग्वालियर-चंबल संभाग की 15 सीटों पर उसे निर्णायक वोट मिले थे। दो सीटों पर उसके प्रत्याशी दूसरे क्रम पर रहे, जबकि 13 सीटें ऐसी थीं। जहां बसपा प्रत्याशियों को 15 हजार से लेकर 40 हजार तक वोट मिले थे। ग्वालियर-चंबल की जिन सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं। उनमें से मेहगांव, जौरा, सुमावली, मुरैना, दिमनी, अंबाह, भांडेर, करैरा और अशोकनगर में पूर्व में बसपा जीत दर्ज करा चुकी है। पिछले चुनाव में गोहद, डबरा और पोहरी में बसपा दूसरा दल रहा । जबकि ग्वालियर पूर्व और मुंगावली में उसकी मौजूदगी नतीजों को प्रभावित करने वाली साबित हुई। डेढ़ साल पहले मुरैना में भाजपा की पराजय में बसपा की मौजूदगी प्रमुख कारण था। इसके अलावा पोहरी, जौरा, अंबाह में बसपा के चलते भाजपा तीसरे नंबर पर पहुंच गई थी।
पीड़िता की मृत्यु हो जाने पर रोष प्रकट किया
भानु प्रताप उपाध्याय
जलालाबाद। समाजवादी पार्टी कार्यलय पर देर शाम को हाथरस रेप पीड़िता मनीषा बाल्मीकी की मृत्यु हो जाने पर हाथरस पुलिस द्वारा रात के समय दाह संस्कार करने पर कार्यकर्ताओ द्वारा रोष प्रकट किया गया। जिसमे पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष अब्दुल गफ्फार मलक ने कहा की बिना औलाद वाले बिटिया का दर्द क्या जाने। योगी और मोदी जी को बेटियों का दर्द जानकर समँझ कर दरिंदो को फांसी दे देनी चाहिए। कार्यकर्त्ताओ द्वारा मोमबत्ती जलाकर पीड़िता की आत्मा की शांति के लिए प्राथर्ना की. रविंद्र प्रधान जोगी, विपिन सैनी, समीर मंसूरी, जाबिर राव, मरगूब राव, हाजी इम्तियाज़ तेली, दानिश मलक, जावेद कुरैशी आदि।
यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें
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