गुरुवार, 1 अक्टूबर 2020

31 अक्टूबर तक यात्राओं पर प्रतिबंधः कनाडा

कनाडा में यात्रा पर प्रतिबंध की अवधि 31 अक्टूबर तक बढ़ाई।


ओटावा। कनाडा ने कोरोना वायरस (कोविड-19) के मद्देनजर विदेशियों की यात्रा पर लगायी गयी पाबंदी की अवधि 31 अक्टूबर तक बढ़ा दी है। सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री बिल ब्लेयर ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा, हम अमेरिकी नागरिकों को छोड़ कर विदेशी नागरिकों की कनाडा में आने पर लगायी गयी पाबंदी की अवधि 31 अक्टूबर तक बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह आदेश कुछ अमेरिकी नागरिकों, संघीय सरकार द्वारा अनुमति प्राप्त किये अस्थायी विदेशी श्रमिकों तथा कुछ निजी व्यक्तियों जैसे राजनयिक तथा विमानों के क्रू मेंबर पर लागू नहीं होगा।               


आगराः 15 अक्टूबर तक स्कूल बंद किए

आगरा। कोरोनो वायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर आगरा जिला प्रशासन ने धार्मिक स्थलों और शैक्षणिक संस्थानों को 15 अक्टूबर तक बंद रखने का फैसला किया है। स्कूल और कॉलेज प्रबंधन ने उम्मीद जताई थी कि सामान्य कक्षाएं 1 अक्टूबर से शुरू हो जाएंगी, लेकिन ऐसा नहीं हूंं। मंदिरों के पुजारी इस बात से निराश हैं कि अधिमास में उन्हें पूजा पाठ करने की अनुमति नहीं होगी। बता दें कि अधिमास तीन साल में एक बार आता है और ये अशुभ माना जाता है।इस बीच, आगरा में कोरोना वायरस के 57 नए मामले सामने आए, जिसके बाद यहां कुल मामलों की संख्या 5,760 हो गई, जिसमें से 4,875 मरीज ठीक हो गए हैं। जिले में अब तक कोविड-19 से 127 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सक्रिय संक्रमितों की संख्या 758 है।               


बेटियों पर बड़े अत्याचार का किया विरोध

अधिवक्ता संघ ने मार्च निकालकर कानून-व्यवस्था और बेटियों पर हो रहे हमलों पर जताया विरोध।


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। अधिवक्ता संघर्ष समिति के बैनर तले आज वकीलों ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था में गिरावट और बेटियों की सुरक्षा को लेकर मार्च निकाला। गाजियाबाद बार एसोसिएशन कार्यालय में चौ. चरण सिंह की प्रतिमा से शुरू होकर यह मार्च कलेक्ट्रेट पहुंचा, जहां प्रशासनिक अधिकारियों को एक ज्ञापन सौंपा गया। राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन में वकीलों ने प्रदेश की बिगड़ती कानून-व्यवस्था और बेटियों पर हो रहे हमलों को लेकर राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की मांग की गई। समिति के सदस्य नाहर सिंह यादव ने कहा कि हाथरस की घटना में पुलिसकर्मियों को सजा देने के बजाय सरकार उन्हें बचाने में लगी हुई है। ऐसी निकम्मी सरकार को तुरंत बरखास्त किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हाथरस के बाद बलरामपुर और बुलंदशहर में भी बेटियों के साथ बलात्कार की घटनाएं हो गई है। इसके लिए प्रदेश की भाजपा सरकार जिम्मेदार है। वकीलों ने आरोपियों की संपत्ति को कुर्क करने और इन मामलों की सुनवाई प्रदेश से बाहर की कोर्ट में कराने की भी मांग की है।               


भिड़ंत में फिर 2 लोग गंभीर घायल हुए

अतुल त्यागी


भिड़ंत में बाइक सवार दो लोग गंभीर रूप से हुए घायल। 


हापुड़। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने घायलों को 108 की मदद से कराया पास के निजी अस्पताल में भर्ती।
घायलों की हालत नाजुक होने पर किया मेरठ मेडिकल के लिए रेफर। थाना धौलाना क्षेत्र के दौलतपुर डीकरी रजवाहे के पास की घटना।


अफवाहें कैसी-कैसी ? 'संपादकीय'

अफवाहें कैसी-कैसी ?     'संपादकीय'
कोविड-19 कोरोना वायरस के कारण ब्रह्मांड में अफरा-तफरी मची हुई है। ठंडे क्षेत्र अथवा राष्ट्र के लिए यह बहुत कष्ट कारक सिद्ध होगा। कोरोना वायरस को लेकर अलग-अलग तरह की अफवाहें फैल रही है। जिसमें सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि अब मच्छरों से भी संक्रमण फैल रहा है।
 यह एक मोनोपोली है जिसके तहत देश की अधिकांश जनता को पीड़ा और समस्याओं में जीवन यापन करना पड़ रहा है। किंतु उसके बावजूद भी देश का प्रत्येक नागरिक शासन और प्रशासन में विश्वास रखते हुए आगे बढ़ रहा है। लॉकडाउन जैसी व्यवस्था प्रतिस्थापित करने के बाद देश में अपराध इस हद तक बढ़ गया है। जिसका शायद देश के किसी नागरिक को भी अनुमान नहीं था। देश में सामूहिक दुष्कर्म, उसके बाद सामूहिक दुष्कर्म, उसके बाद नाबालिगों से सामूहिक दुष्कर्म और प्रशासनिक व्यवस्था का वास्तविक चेहरा देखकर प्रत्येक व्यक्ति का हृदय विचलित और विभोर होना स्वभाविक है। देश की आर्थिक व्यवस्था किस अवस्था से गुजर रही है, यह बात शायद किसी से छिपी नहीं है ? देश का प्रत्येक नागरिक इस बात के प्रति चिंतित है। देश के राष्ट्रपति को जन्मदिन की शुभकामना दी गई है। लेकिन राष्ट्रीय समस्याओं को लेकर किसी प्रकार का कोई मनन नहीं किया जाता है। केवल नीतियों को जनता पर लादने का कार्य किया जा रहा है। क्या भारत की जनता नरेंद्र मोदी की गुलाम है ? शायद इस गलतफहमी को पालने की गलती देश के प्रधानमंत्री ने कर ली हैं। देश की जनता लोकतांत्रिक व्यवस्था में निर्मित संविधान के अनुसार सहयोग कर रही है। देश में जनता का शासन है, जनता को पीड़ित करने के लिए किसी को शासक नहीं बनाया जाता है, यही लोकतांत्रिक व्यवस्था का सिद्धांत होता है। इसके बावजूद देश में अपराधिक गतिविधियां किस प्रकार से और किस दर से बढ़ रही है ? इसके अनुपात को देखकर मन भयभीत हो जाता है। इस प्रकार की सरकार जो महिलाएं, युवती और नारी समाज के प्रति समर्पित भाव के अनुसार कार्य नहीं कर रही है। ऐसी सरकार से क्या उम्मीद, क्या अपेक्षा की जा सकती है ? देश की जनता न सोई हुई है और न मुर्दा है। इसके बावजूद भी समर्पण की भावना के साथ देश के शासकों के साथ खड़ी हुई है। आखिर किस प्रकार के दंड का दंश जनता झेल रही है। सरकार की उदारवादी नीतियां राष्ट्र के कष्ट का कारण बनेगी। 
राधेश्याम 'निर्भयपुत्र'                  


दशहराः उत्सव नहीं होगा, ना बड़ा आयोजन

इस बार दशहरा उत्सव में नहीं होगा कोई बड़ा आयोजन, प्रतीकात्मक रूप से रावण के पुतले का होगा दहन।


सुप्रिया पांडे


रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में इस बार दशहरा उत्सव में कोई बड़ा आयोजन होने का आसार नजर नहीं आ रहा है। जिला प्रशासन के साथ देर शाम रावण दहन समिति के पदाधिकारियों की हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि दशहरा उत्सव का कोई बड़ा आयोजन नहीं होगा, बल्कि प्रतीकात्मक रूप से पुतला दहन का कार्यक्रम किया जाएगा।
डब्ल्यूआरएस कॉलोनी के मैदान में रावण के पुतले का कद भी घटा दिया जाएगा। कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले इस बार नजर नहीं आएंगे। परंपरा को बनाए रखने के लिए पूजा पाठ के साथ प्रतीकात्मक पुतला का दहन होगा। बता दें कि हर बार डब्ल्यूआरएस मैदान में भव्य कार्यक्रम किया जाता था।
इस मामले में एडीएम विनीत नंदनवार ने बताया कि सभी प्रमुख समितियों के साथ बैठक आयोजित की गई थी। जिसमें से कुछ ने रावण दहन न करने का फैसला लिया है। साथ ही कुछ लोगों ने प्रतीकात्मक रूप से पुतला दहन करने का फैसला लिया है। आज शाम तक व्यापारी लैटर पैड में जिला प्रशासन को अपनी राय देंगे। उसके बाद आदेश जारी किया जाएगा।             


सोने-चांदी में फिर आई भारी गिरावट

नई दिल्ली। सोने-चांदी की कीमतों में सुबह अच्छी-खासी गिरावट देखी गई है। एमसीएक्स पर दिसंबर का सोना वायदा 0.5 फीसदी गिरकर 50,386 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। तीन दिनों में यह सोने की दूसरी गिरावट है। वहीं चांदी की बात करें, तो एमसीएक्स पर चांदी वायदा दो फीसदी लुढ़ककर 61,267 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई। पिछले सत्र में, सोना एक फीसदी यानी लगभग 500 रुपये बढ़ गया था, जबकि चांदी 1,900 रुपये प्रति किलोग्राम महंगी हुई थी। सात अगस्त के 56,200 रुपये की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद सोने में काफी उतार-चढ़ाव आया है। इस हफ्ते की शुरुआत में यह 49,500 रुपये से नीचे चला गया था।                  


न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जनपद के टाउन हॉल में मंगलवार को सामाजिक न्याय क्रांति मोर्चा ...