गुरुवार, 1 अक्टूबर 2020

टाटा मोटर्स का यूपी के विकास में योगदान

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री अशोक कटारिया ने कहा है कि टाटा मोटर्स कंपनी का उत्तर प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इस कंपनी द्वारा प्रदेश में अनेक इकाइयां स्थापित की गई हैं, जिनमें बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार उपलब्ध है। श्री कटारिया यहां सुल्तानपुर रोड पर हाईवे स्थित कबीरपुर में टाटा मोटर्स द्वारा अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त नवनिर्मित गुंजन सर्विस सेन्टर का उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह सर्विस स्टेशन उच्च गुणवत्ता का एक बेहतर उदाहरण है। प्रदेश सरकार की औद्योगीकरण नीति से इस उद्यम को प्रोत्साहन मिला है। उन्होंने कहा कि इसमें बीएस-6 वाहनों के लिए प्रदेश की पहली रीजनरेशन-वे की स्थापना की गई है। इस सर्विस स्टेशन की इस क्षेत्र में बड़ी आवश्यकता थी, जिसे टाटा कंपनी ने मूर्तरूप दिया।


परिवहन मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में औद्योगीकरण को नई गति देने के लिए कटिबद्ध है। इसमें वृहत औद्योगिक इकाईयों का सहयोग अपेक्षित है। राज्य सरकार ने उद्यमियों और निवेशको को हर स्तर पर आवश्यक सहूलियतें और सुविधाएं प्रदान करने की व्यवस्था की है। उन्होंने प्रदेश और देश के विकास में टाटा कंपनी के योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि यह कंपनी विकास के कार्यक्रमों को उद्योगों की स्थापना करके अहम भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि इस अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त इस सर्विस सेंटर के माध्यम से लोग भरपूर लाभ उठा सकेंगे।


संचारी रोग नियंत्रण अभियान का तीसरा चरण

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज ‘विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान’ के तृतीय चरण का शुभारम्भ किया। इस मौके पर उन्होंने विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान से सम्बन्धित जागरूकता वीडियो का लोकार्पण भी किया। यह अभियान 01 अक्टूबर, 2020 से 31 अक्टूबर, 2020 तक संचालित किया जाएगा। इससे पूर्व, मार्च, 2020 एवं माह जुलाई, 2020 में विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान के क्रमशः प्रथम व द्वितीय चरण संचालित किये गये थे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के नेतृत्व में विभिन्न विभागों के समन्वय, डब्ल्यू0एच0ओ0, यूनीसेफ जैसी संस्थाओं के सहयोग एवं जनसहभागिता के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा विगत 03 वर्षाें से संचारी रोगों के नियंत्रण के लिए अभियान संचालित किया जा रहा है। इन अभियानों से प्रदेश में संचारी रोगों पर प्रभावी नियंत्रण हुआ है। इस दिशा में राज्य की सफलता देश व दुनिया के लिए एक उदाहरण है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के 38 जनपदों में प्रतिवर्ष संचारी रोगों से बड़ी संख्या में लोग प्रभावित होते थे। पूर्वी उत्तर प्रदेश 40-45 वर्षाें से दिमागी बुखार से प्रभावित होता रहा। गोरखपुर सहित आसपास के जनपदों में वर्ष 1977 से वर्ष 2017 तक प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में लोग दिमागी बुखार से प्रभावित होते थे। वर्ष 2017 में वर्तमान प्रदेश सरकार ने दिमागी बुखार के मरीजों के उपचार के साथ-साथ संक्रमण से बचाव की दिशा में प्रयास प्रारम्भ किया। इसके अन्तर्गत स्वास्थ्य विभाग को नोडल विभाग बनाकर ग्राम्य विकास, पंचायतीराज, कृषि, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, नगर विकास आदि विभागों के अन्तर्विभागीय समन्वय से स्वच्छता एवं सेनिटाइजेशन, शुद्ध पेयजल की उपलब्धता तथा बीमारी के प्रति जन जागरूकता के कार्यक्रम प्रारम्भ किये गये। साथ ही, स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रभावी सर्विलान्स की व्यवस्था भी प्रारम्भ की गयी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2016 एवं वर्ष 2017 में क्रमशः 4,353 एवं 5,417 लोग दिमागी बुखार से प्रभावित हुए थे एवं 715 तथा 748 दिमागी बुखार से पीड़ित मरीजों की मृत्यु हुई थी। इसकी तुलना में वर्ष 2020 में 823 लोग दिमागी बुखार से प्रभावित हुए। इनमें से मात्र 25 की मृत्यु हुई। दिमागी बुखार से ग्रसित होने वालों की संख्या तथा इस रोग की मृत्यु दर में राज्य सरकार के प्रयासों के फलस्वरूप काफी गिरावट आयी है। उन्होंने कहा कि दिमागी बुखार के विरुद्ध सफलता अन्तर्विभागीय समन्वय और टीम वर्क से प्राप्त हुई है। इस उपलब्धि को अन्य क्षेत्रों में भी दोहराया जा सकता है।
कार्यक्रम में अपने स्वागत सम्बोधन में अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि माह अक्टूबर, 2020 में संचारी रोग नियंत्रण अभियान का तृतीय चरण संचालित किया जा रहा है। इस समय डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया, दिमागी बुखार जैसी कई संक्रामक बीमारियां होती हैं। इस संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान के तहत टीकाकरण से छूटे बच्चों व माताओं को सूचीबद्ध किया जा रहा है। भविष्य में अभियान चलाकर उनका टीकाकरण कराया जाएगा।             


हदः यूपी में बढ़ रही हैं गैंगरेप की वारदाते

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में इन दिनों अपराध का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। हाथरस के बाद अब बलरामपुर में 22 साल की छात्रा के साथ गैंगरेप का मामला सामने आया है। अस्पताल ले जाने के दौरान उसकी मौत हो गई,इसे लेकर राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री और बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने योगी सरकार पर हमला बोला है। मायावती ने कहा,”योगी आदित्यनाथ को मैं बताना चाहती हूं कि आपने एक महिला के पेट से जन्म लिया है,आपको दूसरों की बहन-बेटी को अपनी बहन-बेटी समझना चाहिए,यदि आप उनकी हिफाज़त नहीं कर सकते तो बेहतर यही है कि आपको खुद ही पीछे हट जाना चाहिए।खुद ही इस्तीफा दे देना चाहिए,उन्होंने कहा,मुझे 99 नहीं 100% भरोसा हो गया है कि वर्तमान में यूपी के CM,सरकार चलाने में सक्षम नहीं है,बेहतर यही है कि आप या तो नेतृत्व परिवर्तन करें और यदि आप नहीं कर पा रहे हैं तो यहां पर राष्ट्रपति शासन लगाएं. कम से कम उत्तर प्रदेश की जनता के ऊपर रहम करें,यही मेरी अपील है।
मायावती ने कहा,’हाथरस की घटना के बाद मुझे ऐसा लग रहा था कि शायद यूपी सरकार कुछ हरकत में आएगी,यूपी के मनचले लोग जो बहन-बेटियों का उत्पीड़न कर रहे हैं,उन पर अंकुश लगाएगी,पर ऐसा नहीं हुआ।आज सुबह मैंने बलरामपुर की एक घटना न्यूज़ में देखी जिसने मुझे झकझोर कर रख दिया.उन्होंने कहा, ”अगर वह महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकते तो यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को इस्तीफा दे देना चाहिए। मैं केंद्र सरकार से आग्रह करती हूं कि उन्हें उनके स्थान पर भेजा जाए- गोरखनाथ मठ,यदि वह मंदिर पसंद नहीं करते,तो उन्हें राम मंदिर निर्माण का कार्य दिया जाना चाहिए। बसपा प्रमुख ने कहा, ”उत्तर प्रदेश में वर्तमान भाजपा सरकार में कानून का नहीं बल्कि गुंडों, बदमाशों, माफियाओं, बलात्कारियों एवं अन्य अराजक तत्वों का राज चल रहा है,यहां की कानून व्यवस्था पूरी तरह से दम तोड़ चुकी है,खासकर इस सरकार में यहां की बहन-बेटियां बिलकुल सुरक्षित नहीं है।             


धोनी और उनकी पत्नी में अलग योजना बनाई

नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान, महेंद्र सिंह धोनी और उनकी पत्नी साक्षी ने क्रिकेट से परे विभिन्न और अन्य खेलों में रन बनाने की योजना बनाई है। वे एक वेब श्रृंखला के साथ ओटीटी अंतरिक्ष में प्रवेश कर रहे हैं। साक्षी और एमएसडी ने अपने बैनर धोनी एंटरटेनमेंट को 2019 में डॉक्यूमेंट्री 'द रोम ऑफ द लायन' के साथ लॉन्च किया। अब, वह एक वेब श्रृंखला लेकर आ रहा है, जो एक नवोदित लेखक द्वारा लिखित एक अप्रकाशित पुस्तक का रूपांतरण है। साक्षी ने कहा, 'मैंने रचनात्मक कार्रवाई में विचारों और सोच को पेश करने की प्रक्रिया पर अधिक ध्यान दिया है। स्क्रीन पर जीवन के लिए एक अवधारणा को देखने की खुशी मुझे रोमांचित करती है, और हम यह सुनिश्चित करते हैं कि प्रक्रिया गुणवत्ता-उन्मुख है। जब हम 'द रोअर ऑफ द लायन' विकसित कर रहे थे, तो हमने सोचा कि मनोरंजन उद्योग में प्रवेश करने का यह सही समय है। ' उन्होंने कहा, 'नई परियोजना असाधारण रूप से अच्छी तरह से लिखी गई है और लेखक द्वारा बनाई गई दुनिया रोमांचक है जिसे हम आपकी स्क्रीन पर लाने का इंतजार कर रहे हैं, यह जादुई यथार्थवाद है। यह एक पौराणिक विज्ञान-कथा है जो एक रहस्यमय 'अघोरी' की यात्रा के बारे में बताती है। दिलचस्प बात यह है कि धोनी को कंपनी का अल्फा कहा जाता है और साक्षी को कंपनी का अल्फा कहा जाता है। साक्षी ने कहा, 'माही का सेना के प्रति प्यार जगजाहिर है। हमने पदनाम को एक रैंक देने और इसे एक अलग स्पर्श देने के बारे में सोचा। यह सशस्त्र बलों के लिए हमारे सम्मान और प्रशंसा का विस्तार है।               


सांसद रवि किशन को वाई प्लस सुरक्षा

बीजेपी सांसद और अभिनेता रवि किशन को मिली वाई प्लस सुरक्षा।


नई दिल्ली। बॉलीवुड और भोजपुरी अभिनेता बीजेपी सांसद रवि किशन की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। रवि किशन को वाई प्लस कैटेगिरी की सिक्योरिटी दी गई है। रवि किशन के खिलाफ हो रही बयानबाजी और बॉलीवुड मामलों में उनके बयान के बाद ये सुरक्षा बढ़ाई गई है। अपनी सुरक्षा बढ़ाए जाने के बाद रवि किशन ने ट्वीट किया है। ट्वीट में उन्होंने अपनी सुरक्षा बढ़ाए जाने की जानकारी दी है। साथ ही खुद को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ऋणी बताया है।
रवि किशन ने ट्वीट कर लिखा- आदरणीय श्रद्धेय योगी आदित्यनाथ महाराज जी, पूजनीय महाराज जी, मेरी सुरक्षा को देखते हुए आपने जो वाई+ सुरक्षा मुझे उपलब्ध करवाई है। इसके लिए मैं, मेरा परिवार तथा मेरे लोकसभा क्षेत्र की जनता आपकी ऋणी है और आपका धन्यवाद करती है। मेरी आवाज़ हमेशा सदन मे गूंजती रहेगी।
बीते सितंबर महीने में रवि किशन ने एक बयान में दावा किया कि पड़ोसी मुल्क चीन और पाकिस्तान हिन्दुस्तान की युवा पीढ़ी को बर्बाद करने के लिये नशीले पदार्थों की तस्करी करा रहे हैं। रवि किशन ने कहा था कि नशे के इस जंजाल में बड़ी संख्या में फिल्म इंडस्ट्री के लोग भी शामिल हैं।                


पाक गोलीबारी में 2 जवान शहीद, 4 घायल

कुपवाड़ा में पाकिस्तानी गोलीबारी में दो जवान शहीद, चार घायल।


श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में नियंत्रण रेखा के पास पाकिस्तानी सैनिकों ने गुरुवार को संघर्ष विराम का उल्लंघन कर गोलीबारी की जिसमें दो जवान शहीद हो गए और चार अन्य घायल हो गए। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने बताया कि पाकिस्तानी सैनिकों ने जिले के नौगाम सेक्टर में अग्रिम चौकियों और नियंत्रण रेखा से सटे रिहायशी इलाकों में बिना किसी उकसावे के अंधाधुंध गोलीबारी की। उन्होंने बताया कि गोलीबारी में दो सैनिक शहीद हो गए और चार अन्य घायल हो गए। कर्नल कालिया ने बताया कि सीमा के इस ओर से सैनिकों ने उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया। पाकिस्तानी सैनिकों को हालांकि कितना नुकसान हुआ, यह अब तक पता नहीं चल सका है।               


वैक्सीन में चाहिए सार्क के लिवर का तेल

मानवजाति को कोरोना से बचाने बड़ी संख्या में चढ़ानी पड़ेगी शार्कों की बलि, वैक्सीन के निर्माण में उनके लीवर से मिलने वाले तेल का होगा इस्तेमाल।


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। कोरोना के खिलाफ चल रही लड़ाई में शार्क को बड़ी मात्रा में बलि दी जाने वाली है। एक अनुमान के अनुसार, मानव जाति के लिए  पर्याप्त मात्रा में कोरोना वैक्सीन बनाने के लिए करीबन 5 लाख शार्क का कत्ल करना पड़ेगा। इससे तय हो गया है कि कोरोना केवल इंसानों के लिए ही नहीं बल्कि अन्य जीव-जंतुओं के लिए भी मौत का संदेश लेकर आया है। सभी वैक्सीन में सुरक्षा के लिए लिहाज से एडजावुंट नाम का एक तत्व होता है, लैटिन में जिसका अर्थ ‘मदद’ होता है, जिससे वैक्सीन की प्रतिरोधक क्षमता को और सुदृढ़ होती है। इस एडजावुंट की मदद से वैक्सीन अतिरिक्त एंटीबॉडी निर्मित करता है, जो उपभोक्ता को रोग के खिलाफ लड़ने में ज्यादा मदद करता है। तमाम तरह के एडजावुंट में से एक स्कॉवालिन है, यह प्राकृतिक तेल शार्क के लीवर में हुआ करती है। इस स्कॉवालिन को हासिल करने के लिए शार्क की हत्या करनी पड़ती है। एक टन स्कॉवालिन को हासिल करने के लिए 3000 शार्क को मारने की जरूरत होती है। कैलिफोर्निया, अमेरिका में सक्रिय शार्कएलाइज  संरक्षण समूह ने चेतावनी दी है कि दुनिया के सभी लोगों को कोविड19 के एक डोज के निर्माण के लिए करीबन 2.5 लाख शार्क की हत्या करनी पड़ेगी, और यदि दो डोज देना पड़ा तो करीबन 5 लाख शार्क को मारना पड़ेगा। हालांकि, स्कॉवालिन अन्य जानवरों के भी लीवर में पाया जाता है, लेकिन इस नैसर्गिक कंपाउंड के लिए व्यावसायिक तौर पर मुख्य स्रोत शार्क का ही इस्तेमाल किया जाता है। संरक्षणवादियों के एक अनुमान के अनुसार, कॉस्मेटिक्स, मशीन ऑयल और अन्य उत्पादों में स्कॉवालिन की जरूरत को पूरा करने के लिए हर साल करीबन 30 लाख शार्क को मारा जाता है। संरक्षणवादियों को भय है कि वैक्सीन के वृहद पैमाने पर निर्माण की वजह से न केवल शार्क की आबादी को खतरा पैदा हो जाएगा, बल्कि उनकी पूरी प्रजाति पर खतरा मंडराने लगेगा, क्योंकि इनमें प्रजनन जल्दी नहीं होता है। यही नहीं स्कॉवालिन से परिपूर्ण गुल्पर शार्क और बास्किंग शार्क की आबादी पहले ही खतरनाक तौर पर कम हो चुकी है, ऐसे में और हत्या किए जाने से इनका दुनिया से सफाया ही हो जाएगा। हालांकि, शार्क के प्रजातियों की संरक्षण के लिए वैज्ञानिक गन्ना के खमीरीकरण से निर्मित सिंथेटिक स्कॉवालिन के निर्माण की दिशा में तेजी से काम कर रहे हैं, लेकिन जिस तरह से कोरोना फैल रहा है, और जिस शिद्दत से वैक्सीन की जरूरत महसूस हो रही है, उसमें आशंका इसी बात की है कि अनुमानित संख्या से कहीं ज्यादा शार्कों की कुर्बानी देनी पड़ेगी।             


सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया

सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया  बृजेश केसरवानी  प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी ...