सोमवार, 28 सितंबर 2020

ड्राइवर ने रेड सिग्नल में दौडाई रेलगाड़ी

ट्रेन ड्राइवर ने रेड सिग्नल में दौड़ा दी मालगाड़ी जानिए फिर क्या हुआ।


लखनऊ। बरेली से लखनऊ की ओर मालगाड़ी लेकर जा रहे बरेली जंक्शन के दो लोको पायलट ने काकोरी स्टेशन पर रेड सिग्नल के बावजूद मालगाड़ी को दौड़ा दिया। लापरवाही के आरोप में दोनों लोको पायलट का लखनऊ में मेडिकल हुआ। लखनऊ से दूसरे लोको पायलट भेजकर मालगाड़ी को आगे रवाना कराया गया। वह तो अच्छा हुआ जो मालगाड़ी डिरेलमेंट होने से बच गई। मुरादाबाद डिवीजन ने दोनों लोको पायलट को बुक ऑफ कर दिया है। सोमवार को मंडल ऑफिस तलब किया गया। दोनों पर निलंबन की कार्रवाई हो सकती है।
रेल सूत्रों का कहना है। कि रविवार रात 8:00 बजे श्रमजीवी गुजारने के लिए काकोरी स्टेशन पर सिग्नल दिया गया। मालगाड़ी रोकने के लिए रेड सिग्नल था। मगर बरेली के लोको पायलट ज्ञानचंद और अमित कुमार ने अनदेखी करते हुए मालगाड़ी दौड़ाकर होम सिग्नल पार कर दिया। जबकि मालगाड़ी को रोकने के बाद पॉइंट बनाकर दूसरे ट्रैक से गुजारा जाना था। मगर दोनों लोको पायलट ने रेड सिग्नल के बाद भी अनदेखी करते हुए सिग्नल ओवरशूट कर दिया। काकोरी स्टेशन मास्टर ने सिग्नल ओवरशूट की रेल कंट्रोल को सूचना दी। माल गाड़ी को रुकवाया गया।
लोको पायलट ज्ञान चन्द्र और अमित कुमार का मेडिकल कराया। मलिहाबाद में करीब आधा घंटे तक श्रमजीवी खड़ी रही। उत्तर रेलवे मुरादाबाद रेल मंडल के सीनियर डीओएम ने लोको पायलट ज्ञान चन्द्र और अमित कुमार को बुक ऑफ कर दिया। सोमवार को दोनों को मंडल आफिस तलब किया है। इस तरह की लापरवाही में सीधे निलंबन की कार्रवाई होती है। अगर माल गाड़ी की स्पीड अधिक होती तो लोको पायलट की लापरवाही से बड़ा रेल हादसात्र तक गाड़ी लेकर जानी थी। वहां से स्टॉफ़ चेंज होता।                   


विधेयकों के खिलाफ लाया जाएगा प्रस्ताव

मुख्यमंत्री भूपेश बधेल ने कहा-कृषि विधेयकों के खिलाफ छत्तीसगढ़ विधानसभा में लाया जाएगा प्रस्ताव।


रायपुर। संसद में पारित किए गए तीन कृषि विधेयकों को असंवैधानिक  करार देते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार को कहा कि इसका विरोध करते हुए राज्य विधानसभा के अगले सत्र में एक प्रस्ताव लाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि इन विधेयकों के क्रियान्वयन के खिलाफ जरूरत पड़ने पर कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी।
बघेल ने यह आरोप भी लगाया अनुबंध कृषि के जरिए किसानों की जमीन कॉरपोरेट घरानों को सौंपने की साजिश की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र ने इन विधेयकों को पिछले दरवाजे से ऐसे वक्त में लाया जब देश कोरोना वायरस महामारी से लड़ रहा है। और मीडिया बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत की कवरेज (गुत्थी सुलझाने) में व्यस्त है। बघेल ने कहा हम राज्य विधानसभा के अगले सत्र में (कृषि विधेयकों का विरोध करते हुए) एक प्रस्ताव लाएंगे और यदि जरूरत पड़ी तो उन्हें लागू किये जाने के खिलाफ (हम) कानूनी लड़ाई लड़ेंगे।बघेल ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार किसानों के हितों के लिये प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा।केंद्र के पास कृषि पर विधान बनाने की शक्ति नहीं है। जो कि राज्य सूची का विषय है। लोकसभा में पारित तीनों कृषि विधेयक असंवैधानिक हैं। और (संविधान के) संघीय ढांचे का उल्लंघन करते हैं।उन्होंने कहा कि विधेयक का मसौदा शांता कुमार समिति की रिपोर्ट के आधार पर तैयार किया जो किसान विरोधी गरीब विरोधी है।और सिर्फ कॉरपोरेट घरानों के (हितों के) लिये है। बता दें  कई राज्यों के किसान इन विधेयकों को संसद द्वारा पारित किए जाने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
बघेल ने शांता कुमार समिति की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए आशंका जताई कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) निकट भविष्य में अपनी प्रासंगिकता खो सकता है। और किसानों को अपनी फसल के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) नहीं मिलेगा।
संसद ने हाल ही में संपन्न हुए मॉनसून सत्र में कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 तथा आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक को पारित किया है जिसे अभी राष्ट्रपति की मंजूरी नहीं मिली है।


मुख्यमंत्री ने तीनों विधेयकों पर केंद्र पर झूठ बोलने और किसानों को गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने श्रम सुधार विधेयकों को लेकर भी केंद्र की आलोचना करते हुए कहा कि ये श्रमिकों के हित में नहीं हैं।
सुशांत मामले में मीडिया कवरेज के बारे में पूछे जाने पर बघेल ने कहा वहां 50 ग्राम गांजा बरामद हुआ और पूरा देश इसके पीछे पड़ा हुआ है। और हमारे राज्य में पुलिस प्रतिदिन 10 क्विंटल वर्जित वस्तु जब्त कर रही है। लेकिन इसे लेकर कोई चर्चा नहीं हो रही।उन्होंने कहा 50 ग्राम गांजा बरामद करना एनसीबी (स्वापक नियंत्रण ब्यूरो) का काम नहीं है। बल्कि यह थानेदार का काम है।             


कानूनः प्रदर्शन की आग पहुंची 'दिल्ली'

किसान कानून के खिलाफ प्रदर्शन की आग दिल्ली पहुंची, संसद भवन के पास टैक्टर में लगा दी आग।


नई दिल्ली। किसान कानून के खिलाफ प्रदर्शन की आग दिल्ली तक पहुंच गई है। दिल्ली के इंडिया गेट में किसानों ने ट्रैक्टर में आग लगा दी है। पंजाब और हरियाणा के बाद किसानों का प्रदर्शन देश की राजधानी में संसद के बिल्कुल पास तक पहुंच गया है। संसद के करीब इंडिया गेट पर किसानों ने टैक्टर में आग लगा दी. हालांकि प्रदर्शनकारियों को इक्कठा होने नहीं दिया गया।दिल्ली में इंडिया गेट और आस पास के वीआईपी इलाकों में धारा 144 लागू है। और कोरोना वायरस के मद्देनजर लोगों को इकट्ठा होने की इजाजत नहीं है।
पिछले दो हफ्तों से जिन किसान बिलों को लेकर संसद से सड़क तक लड़ाई छिड़ी थी। वो अब कानून बन गए हैं। लेकिन राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद भी बिल को लेकर बवाल थमा नहीं है। पंजाब में किसानों और सियासी दलों का विरोध और तेज हो रहा है।किसान संगठनों ने पंजाब में रेल रोको प्रदर्शन 29 सितंबर तक बढ़ा दिया है। बिल के खिलाफ अकाली दल जगह-जगह रैली कर रहा है।
शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती के मौके पर आज पंजाब में किसानों का आंदोलन और तेज होगा। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह भगत सिंह के गांव जाएंगे जहां वो किसान आंदोलन के समर्थन में धरना भी देंगे। बिल को राष्ट्रपति की मंज़ूरी के बाद भी कांग्रेस के तेवर कड़े हैं।
कृषि बिलों को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलना अति दुर्भाग्यपूर्ण
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने रविवार को कृषि बिलों को राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद इसे निराशाजनक और काफी दुर्भाग्यपूर्ण बताया।इन बिलों का किसान पंजाब में विरोध कर रहे हैं। यहां जारी एक बयान में सुखबीर ने कहा कि यह सच में देश के लिए काला दिन है।क्योंकि राष्ट्रपति ने देश की भावना को दरकिनार कर दिया।             


कृषि बिलों पर देश के लिए काला दिनः सिंह

कृषि बिलों पर राष्ट्रपति ने किए नहस्ताक्षर अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा- देश के लिए काला दिन।


नई दिल्ली। विपक्षी दलों और देश के कई राज्यों के किसानों के भारी विरोध के बीच राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को तीनों कृषि विधेयकों पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के साथ ही ये विधेयक अब कानून बन गए हैं। शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने इसे भारत के लिए काल दिन बताया है।
सुखबीर बादल ने कहा यह वास्तव में भारत के लिए एक काला दिन है। कि राष्ट्रपति ने राष्ट्र के विवेक के रूप में कार्य करने से इनकार कर दिया है। हमें बहुत उम्मीद थी। कि वह इन बिलों को संसद में पुनर्विचार के लिए लौटा देंगे जैसा कि अकाली दल और कुछ अन्य विपक्षी दलों ने मांग की थी।
गौरतलब है। कि इन कृषि विधेयकों का भारी विरोध हो रहा है। खासतौर से पंजाब और हरियाणा के किसान इस बिल के विरोध में सड़कों पर उतरे हुए हैं।वहीं दूसरी तरफ विपक्षी दल भी इन विधेयकों का विरोध कर रहे हैं। यहां तक की एनडीए में शामिल शिरोमणि अकाली दल ने इन बिलो का विरोध  करते हुए पहले सरकार और फिर एनडीए से बाहर जाने का फैसला कर लिया।  बता दें शिरोमणि अकाली दल बीजेपी का सबसे पुराने सहयोगियों में से एक रहा है।
इससे पहले महाराष्ट्र सरकार में राजस्व मंत्री और कांग्रेस नेता बाला साहेब थोराट ने कहा कि महाराष्ट्र में इन कानूनों को लागू नहीं किया जाएगा। थोराटा ने कहा संसद द्वारा पारित बिल किसान विरोधी है। इसलिए हम इसका विरोध कर रहे हैं।महाविकास अघाड़ी भी इसका विरोध करेगी और महाराष्ट्र में इसे लागू नहीं होने देगी। शिवसेना भी हमारे साथ है। हम एक साथ बैठेंगे और एक रणनीति बनाएंगे।               


फायरिंग में 2 की मौत, आरएएफ तैनात

राजस्थान हिंसा। पुलिस फायरिंग में दो की मौत के बाद आरएएफ तैनात।


जयपुर। राजस्थान पुलिस ने सोमवार को पुष्टि की है। कि पिछले चार दिनों में हिंसा की आग में जल रहे डूंगरपुर में हालात को नियंत्रित करने के लिए पुलिस द्वारा की गई फायरिंग में दो लोगों की मौत हो गई है। और अन्य दो घायल हो गए हैं।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) भूपेंद्र सिंह ने कहा  पिछले चार दिनों में उदयपुर-अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर भड़की हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई और दो गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। रविवार रात से अतिरिक्त पुलिस बल और रैपिड एक्शन फोर्स की तैनाती की गई है।
उन्होंने कहा कि पुलिस को स्थिति को नियंत्रित करने और सार्वजनिक संपत्ति और लोगों की जान बचाने के लिए शनिवार को फायरिंग करनी पड़ी जिसमें दो की मौत हो गई और दो घायल हो गए। उन्होंने कहा कि घायल खतरे से बाहर हैं। उन्होंने कहा कि कुल 24 मामले दर्ज किए गए हैं और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की दो कंपनियों और राजस्थान आर्म्ड कांस्टेबुलरी (आरएसी) की छह कंपनियों की तैनाती की गई है।
अधिकारी सभी घटनाक्रमों पर नजर बनाए हुए हैं। पिछले हफ्ते, शिक्षक भर्ती परीक्षा के हजारों अभ्यर्थी सड़कों पर उतर आए और एनएच-8 पर पथराव किया और वाहनों को आग लगा दी। उन्होंने एसटी अभ्यर्थियों द्वारा सामान्य श्रेणी के लिए आरक्षित 1,000 से अधिक रिक्त पदों को भरने की मांग की। गुरुवार शाम से राजमार्ग लगभग 10 किलोमीटर तक अवरुद्ध रहा। हिंसा में कई पुलिस वाहनों को आग लगा दी गई और कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।             


कृषि कानून के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन

नई दिल्लीः 2020 कृषि कानून के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन जारी।


नई दिल्ली। देश भर में किसानों के भारी विरोध के बीच तीनो कृषि बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गयी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के कृषि बिल को मंजूरी देते ही फिर से देश भर में किसानों का विरोध शुरु हो गया है। कृषि कानून के खिलाफ किसानों ने आज कर्नाटक बंद बुलाया है। दिल्ली के इंडिया गेट में किसानों ने ट्रैक्टर में आग लगा दी है। वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह आज धरना पर बैठेंगे। कश्मीर में कानून के खिलाफ कांग्रेस ने प्रदर्शन किया। जबकि छत्तीसगढ़ किसान यूनियन पांच अक्टूबर को अपना विरोध दर्ज करेगा।
कर्नाटक में कृषि बिल, भूमि सुधार अध्यादेशों कृषि उपज मंडी समिति (APMC) में संशोधन और श्रम कानूनों के विरोध में आज किसान संगठनों द्वारा बुलाए गए एक राज्यव्यापी बंद को देखते हुए कालाबुरागी में पुलिस बलों को तैनात किया गया है। बंद के दौरान पूरे राज्य में किसानों ने प्रदर्शन करने की योजना बनायी है। हालांकि राज्य सरकार ने कहा है। कि बंद के दौरान सरकारी दफ्तर खुले रहेंग।आवश्यक सेवाएं जारी रहेगी।
कृषि कानून का विरोध दिल्ली के राजपथ तक पहुंच गया है। पंजाब यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं नें नये कृषि कानूनों का विरोध करते हुए इंडिया गेट के पास ट्रैक्टर में आग लगा दी और विरोध प्रदर्शन करने लगे। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि आज वो खाटकर कला शहीद भगत नगर में तीनों कृषि कानून के खिलाफ धरना पर बैठेंगे।
महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में नये कृषि कानून को लागू नहीं करने का एलान किया है। सरकार का कहना है। कि यह किसान विरोधी कानून है। इसलिए इसे राज्य में लागू नहीं किया जायेगा महा विकास अगाड़ी भी राज्य में इस कानून के लागू होने का विरोध कर रहा है। महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री बाला साबेह थोराट ने कहा कि हम सभी एक साथ बैठकर इसके लिए रणनीति तैयार करेंगे।
जम्मू कश्मीर के सांबा में ऑल जेके किसान संघ द्वारा नये कृषि कानून का विरोध में प्रदर्शन किया गया। कानून का विरोध करते हुए कार्यकर्ताओं ने कहा कि देश के 70 फीसदी लोग खेतीबारी करते हैं। लेकिन सरकार ने मात्र पांच फीसदी लोगों को खुश करने के लिए किसान विरोधी कानून पास किया है।
कृषि कानून के विरोध में छत्तीसगढ किसान यूनियन ने बैठक कि और फैसला किया की आगामी पांच अक्टूबर को कानून के विरोध में यूनियन द्वारा प्रदर्शन किया जायेगा यूनियन ने आरोप लगाया कि इस कानून से पूजीपतियों और उद्योगपतियों को लाभ होगा। यह कानून किसानों के हित में नहीं है।             


यादव के कार्यकर्ताओं पर बरसी लाठियां

लखनऊ। शिवपाल यादव के कार्यकर्ताओं पर बरसीं लाठियां।


लखनऊ। मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने जा रहे प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया।अपनी पन्द्रह सूत्रिय मांगों को लेकर प्रसपा कार्यकर्ता मुख्यमंत्री आवास घेरने जा रहे थे। पुलिस ने उन्हें रास्ते में रोकने की कोशिश की। इसके बाद पुलिस और कार्यकर्ताओं  में नोकझोंक हो गई। इसके बाद पुलिस ने कार्यकर्ताओं पर लाठी चार्ज कर दिया। साथ ही पुलिस ने कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में भी लिया।             


डीएम की अध्यक्षता में मासिक बैठक आयोजित

डीएम की अध्यक्षता में मासिक बैठक आयोजित  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा की अध्यक्षता में विकास भवन के सभाकक्ष में ...