उमय सिंह साहू
नई दिल्ली। मौत के सौदागरों ने दंगों के लिए उत्तर-पूर्वी दिल्ली को सोच समझकर चुना था। फरवरी महीने में भड़के साम्प्रदायिक दंगों को लेकर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अपने आरोप पत्र में बड़ी साजिश का खुलासा किया है। कोर्ट में दाखिल आरोपपत्र में पुलिस ने दावा किया है कि एक बड़ी साजिश के तहत उत्तर-पूर्वी दिल्ली को दंगों के लिए चुना गया था। पुलिस ने आरोपपत्र में कहा है कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली के अलग तरह की आर्थिक, सामाजिक व जनसंख्या के समीकरणों के आधार पर दंगों के लिए इस स्थान को चुना गया था। यहां दंगों के लिए समुदाय विशेष के लिए भीड़ को जुटाना और उन्हें भड़काकर दंगा कराना आसान था। कड़कड़डूमा स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत की अदालत में पेश आरोपपत्र में कहा गया है कि जहां से दंगों की शुरुआत हुई वह अतिसंवेदनशील इलाका है। जबकि दक्षिणी-पूर्वी दिल्ली में यह काम दंगों की साजिश रचने वालों के लिए आसान नहीं होता। यहां दंगे फैलाने का मुख्य उद्देश्य यह भी था कि समुदाय विशेष को भड़का कर दंगे शुरु करवा दिए जाएं और खुद इसकी साजिश का नेतृत्व कर रहे नेता घर पर टीवी पर दिल्ली को जलता हुआ देखें। जबकि इन दंगों का नुकसान उन लोगों को उठाना पड़ा जोकि रोज कमाते व रोज खाते हैं।