बुधवार, 23 सितंबर 2020

जानकारी छुपाने में व्यस्त गाजियाबाद पुलिस

अवतिका में व्यापारी के घर से लाखों की लूट मीडिया से जानकारी छुपाने में व्यस्त रही गाज़ियाबाद पुलिस।


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। एसएसपी गाज़ियाबाद कलानिधि नैथानी द्वारा अपराधों पर काबू पाने के दावों के बीच कविनगर थाना क्षेत्र के अवंतिका इलाके से सामने आया है। यहां पर किराना कारोबारी के घर में घुसकर बदमाशों ने हजारों की नगदी और लाखों के जेवरात लूट लिए हैं। बदमाश घर में खिड़की की ग्रिल काटकर दाखिल हुए थे। आश्चर्य की बात यह है। कि घटना की जानकारी देने के स्थान पर पुलिस मामले में मीडिया से जानकारी छुपने में व्यस्त रही। स्थानीय मीडिया द्वारा जब मौके पर पहुंचे सीओ से जब जानकारी मांगी गई तो वो मीडिया से आंखें चुराते हुए नजर आए और बिना कुछ बोले गाड़ी में बैठ कर चले गए।
परिवार को बंधक बनाकर हुई लुट
बताया जा रहा है। कि बदमाश रेलवे लाइन के किनारे से आए थे ।और घर की ग्रिल काटकर दाखिल होते ही उन्होंने पूरे परिवार को बंधक बना लिया। बदमाशों की संख्या 4 से 6 के बीच हो सकती है। हालांकि पुलिस इस संख्या के बारे में अभी कुल कर कुछ नहीं कह रही है। वारदात की जानकारी मिलने के 4 घंटे बाद भी पुलिस की पूछताछ परिवार से पूरी नहीं हो पाई। परिवार भी काफी ज्यादा सहमा हुआ है। पुलिस ने परिवार को मीडिया से बात करने से मना कर दिया है। अपनी नाकामी छुपाने के लिए पुलिस अब पीड़ितों पर भी दबाव बनाने की कोशिश पर आमादा है।                    


शिलान्यास करने पहुंचे तो जनता ने लगाए नारे

काम बोलता है । सड़क निर्माण का शिलान्यास करने पहुंचे अरविंद चौधरी तो जनता ने लगाए नारे


वसुंधरा। गाज़ियाबाद के वार्ड 36 में सेक्टर 10-12 की मुख्य सड़क का कार्य 2 सालों से लंबित था, जिसको लेकर स्थानीय निवासियों में काफी रोष था। लेकिन स्थानीय पार्षद अरविंद चौधरी के प्रयास के बाद नगर निगम ने निर्माण कार्य शुरू कर दिया है । 2 वर्ष पूर्व पार्षद ने इस सड़क निर्माण का अथक प्रयासों से पास करा लिया था।लेकिन सड़क पानी की पाइप लाइन की लीकेज होने के कारण निर्माण विभाग कार्य को शुरू नहीं कर पा रहा था।
विभागीय खींचा-तानी में लटके सड़क का निर्माण को लेकर पार्षद अरविन्द चौधरी ने नगर आयुक्त से में मुलाकात कर कार्य को शुरू कराने की मांग की। नगर आयुक्त ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पत्र जारी कर निर्माण विभाग को कार्य शुरू करने के आदेश जारी किया लंबे इंतज़ार के बाद आखिर इस सड़क के निर्माण का कार्य शुरू हो ।गया।
पार्षद अरविन्द चौधरी चिन्टू ने  कहा कि इस कार्य में काफी ज्यादा देरी हो गयी है। लेकिन हमें खुशी है।कि आखिर ये कार्य शुरू हो गया । यह सड़क इन दो सेक्टरों की प्रमुख सड़क थी । जो हमारे वार्ड के विभिन्न सेक्टरों को जोड़ती थी । इस कार्य के लिए मैं नगर आयुक्त व उनकी टीम का धन्यवाद देना चाहूंगा , जिन्होंने तत्काल प्रभाव से इस पर कार्यवाही के आदेश दिए । इस कार्यक्रम में वसुंधरा जोनल प्रभारी सुनील राय , जुम्मन सिंह ,  मयूर , बिक्रम सिंह , गणेश लाल , नितिन त्यागी ,  अमर सिंह , राजेंद्र सिंह, उपस्थित रहे ।               


अस्पताल से गायब है स्वाइन फ्लू की वैक्सीन

करोड़ों संक्रमण के बीच जिला अस्पताल से गायब है। स्वाइन फ्लू की वैक्सीन।


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। बदलते मौसम के बीच अब कोरोना संक्रमण के साथ गाज़ियाबाद में स्वाइन फ्लू का भी खतरा मंडराने लगा है। इस सीजन में अब तक स्वाइन फ्लू के तीन मरीज भी मिल चुके हैं जिसके स्वास्थ्य विभाग ने शासन से वैक्सीन भेजने की मांग की थी। अफसोस की बात है। कि शासन स्तर से अभी तक जिले में वैक्सीन नहीं भेजी गई है।
अब तक चिह्नित तीनों मरीज इंदिरापुरम क्षेत्र से हैं। हालांकि फिलहाल तीनों मरीज स्वस्थ हैं। लेकिन शासन से मेडिकल स्टाफ के वैक्सीनेशन के लिए वैक्सीन भेजने की मांग की गई थी। इस संबंध में स्टेट सर्विलांस अधिकारी को पत्र भेजे हुए एक महीने से ज्यादा समय हो चुका है।लेकिन अब तक जिले में वैक्सीन की सप्लाई नहीं की गई है।
वैक्सीन नहीं आने से स्वास्थ्यकर्मी भी परेशानी में हैं। उन्हें डर है।कि कोरोना संक्रमण के बीच यदि स्वाइन फ्लू के और मरीज निकले तो परेशानी बढ़ सकती है। आपको बता दें कोरोना और स्वाइन फ्लू का संक्रमण लगभग एक जैसे तरीके से ही फैलता है। और दोनों के लक्षण भी लगभग समान ही होते हैं। जिसके चलते दोनों संक्रमण में अंतर करना काफी मुश्किल होता है। सीएमओ ने इस संबंध में स्टेट सर्विलांस अधिकारी को पत्र भेजकर जिले में एंटी स्वाइन फ्लू वैक्सीन के 500 इंजेक्शन भेजने की मांग की है। जिससे मेडिकल स्टाफ का वैक्सीनेशन करवाया जा सके।             


कर्मचारी के संबंध में आया ठहरावः हाईकोर्ट

सस्पेंशन कोई सजा नहीं।सिर्फ नियोक्ता।कर्मचारी के संबंध में आया ठहराव है।तेलंगाना हाईकोर्ट ने कहा।आपराधिक मुकदमे का सामना कर रहे कर्मचारी को नियोक्ता पर थोपा नहीं जा सकता


तेलंगाना। यह देखते हुए कि निलंबन कोई सजा नहीं है।और यह ''सिर्फ नियोक्ता और एक कर्मचारी के बीच संबंध को निलंबित करता है। तेलंगाना हाईकोर्ट ने बुधवार को दोहराया है कि सिविल सेवा नियमों के तहत अगर किसी कर्मचारी के खिलाफ कोई आपराधिक मामला लंबित है या विभागीय जांच चल रही है तो उस कर्मचारी को निलंबित किया जा सकता।
अदालत एक डिप्टी तहसीलदार की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी।उसने अपने निलंबन के आदेश को चुनौती दी थी। इस आदेश को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ता के खिलाफ 24 जुलाई 2020 को आईपीसी की धारा 420, 468, 471, 506 रिड विद 34 के तहत किए गए अपराध के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। जिसके बाद उसे 31 जुलाई 2020 को उसे निलंबित कर दिया गया था। अपीलकर्ता ने 17 अगस्त 2020 एकल पीठ द्वारा पारित आदेश की वैधता को चुनौती दी थी। एकल पीठ ने याचिकाकर्ता की तरफ से उसके निलंबन के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया था।
क्या दो ट्वीट के मामले में प्रशांत भूषण के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है। बीसीडी ने जांच करने के लिए भूषण को नोटिस जारी किया
मुख्य न्यायाधीश राघवेन्द्र सिंह चौहान और जस्टिस टी विनोद कुमार की पीठ ने कहा कि चूंकि याचिकाकर्ता के खिलाफ क्रिमिनल ट्रायल और डिपार्टमेंटल इंक्वायरी,दोनों ही लंबित है।इसलिए नियोक्ता को इस तरह के कर्मचारी के साथ काम करने को मजबूर नहीं किया जा सकता है। या ऐसे कर्मचारी को नियोक्ता पर लादा नहीं जा सकता है। इसलिए याचिकाकर्ता को निलंबन करने का आदेश न्यायोचित है।


पीठ ने कहा कि तेलंगाना सिविल सर्विस (क्लासीफिकेशन,कंट्रोल और अपील) रूल्स, 1991 के नियम 8 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि एक कर्मचारी को निलंबित किया जा सकता है यदि कोई आपराधिक मामला लंबित है, या विभागीय जांच पर विचार किया जा रहा है।बॉम्बे हाईकोर्ट ने दिनभर के लिए कार्यवाही स्थगित की, रिया की ज़मानत याचिका और कंगना रनौत के कार्यालय विध्वंस मामले पर सुनवाई कल पीठ ने यह भी कहा वतमान मामले में याचिकाकर्ता को 31 जुलाई 2020 को उसके आरोप बता दिए गए थे। इस प्रकार, जाहिर तौर पर एक विभागीय जांच शुरू हो गई थी। इसके अलावा निस्संदेह, याचिकाकर्ता के खिलाफ 24 जुलाई 2020 को पुलिस स्टेशन,करीमनगर रूरल में आईपीसी की धारा 420,468,471,506 रिड विद 34 के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। ऐसे में नियम 8 के तहत बताई गई दोनों शर्तें इस मामले में पूरी होती हैं।               


5 के खिलाफ गैर जमानती वारंटः तौमर

सीमुद्दीन सिद्दीक़ी समेत पांच के खिलाफ गैर जमानती वारंट
ठाकुर अनुराधा तोमर |


लखनऊ। उत्तर प्रदेश में लखनऊ की एक विशेष अदालत ने महिलाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के एक मामले में पूर्व मंत्री और कांग्रेसी नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी समेत पांच लोगो के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार राय ने राज्य की योगी सरकार में मंत्री स्वाति सिंह और उनके परिवार की महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में बिना जमानत हाजिरी माफ़ी की अर्जी देने पर नसीमुद्दीन सिद्दीकी, रामअचल राजभर, अतर सिंह, मेवालाल गौतम और नौशाद अली के खिलाफ ग़ैरज़मानती वारंट जारी किया है। सभी के खिलाफ 22 जुलाई 2016 को हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई गयी थी।


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अदालत ने कहा कि कहा कि पत्रावली को देखने से पता चला कि किसी भी आरोपी ने अभी तक इस मामले में अपनी जमानत नहीं कराई है जबकि आरोपियों की ओर से उनकी हाजिरी माफी की अर्जी दी जाती रही है, जिसे अदालत त्रुटिवश स्वीकार करती रही है।पर मायावती कहिन - संसद में सरकार और विपक्ष का व्यवहार शर्मनाक गौरतलब है। कि श्रीमती स्वाति सिंह की सास तेतरा देवी ने 22 जुलाई 2016 को हज़रतगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। जिसमें कहा गया था। कि 21 जुलाई को नसीमुद्दीन सिद्दीकी।रामअचल राजभर, मेवालाल आदि की अगुवाई में एकत्र भीड़ ने उनके पुत्र को फांसी देने की मांग के साथ ही परिवार की महिलाओं को गालियां दीं और अमर्यादित नारे लगाये थे। इस मामले ने तूल पकड़ा था। जब भाजपा के तत्कालीन उपाध्यक्ष दया शंकर सिंह ने बसपा सुप्रीमो मायावती को लेकर अमार्यादित टिप्पणी की थी। बसपा के वरिष्ठ नेताओं ने दया शंकर सिंह की गिरफ़्तारी को लेकर हजरतगंज में जमकर प्रदर्शन किया था। इस प्रदर्शन में दया शंकर सिंह की पत्नी, बेटी और मां को खुले मंच से अमर्यादित शब्दों के साथ संबोधित किया गया था।             


सरकार-विपक्ष का हुआ शर्मनाक व्यवहार

संसद में सरकार और विपक्ष का व्यवहार शर्मनाक।


नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने संसद में सरकार और विपक्ष की कार्यशैली की आलोचना करते हुए बुधवार को कहा कि यह लोकतंत्र को शर्मसार करने वाला है।सुश्री मायावती ने एक ट्वीट में कहा कि संसद के मौजूदा सत्र में सरकार और विपक्ष का व्यवहार और कार्यशैली से संसद की मर्यादा और संविधान की गरिमा तार तार हुई है।
 कृषि विरोधी विधेयक को लेकर एकजुट विपक्ष का संसद परिसर में मार्च बसपा नेता मायावती ने कहा वैसे तो संसद लोकतंत्र का मन्दिर ही कहलाता है। फिर भी इसकी मर्यादा अनेकों बार तार-तार हुई है। वर्तमान संसद सत्र के दौरान भी सदन में सरकार की कार्यशैली व विपक्ष का जो व्यवहार देखने को मिला है।वह संसद की मर्यादा। संविधान की गरिमा व लोकतंत्र को शर्मसार करने वाला है। अति-दुःखद। अयोध्या में फिल्मी सितारों की रामलीला को योगी ने दी मंजूरी संसद में के उच्च सदन राज्यसभा में विपक्ष के हंगामें के दौरान आसन का माइक तोड़ा गया।दस्तावेज फाडे गये और सहायक कर्मचारियों को डराया धमकाया गया । इसके बाद हंगामें के बीच सदन में कृषि से संबंधी विधेयकों को ध्वनिमत से पारित कर दिये गये। सभापति ने विपक्ष के आठ सदस्यों को एक सप्ताह के लिए निलंबित कर दिया। इसका विरोध करते हुए ये सांसद पूरी रात संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष धरने पर बैठे रहे। विपक्ष ने निलंबित सांसदों के समर्थन में संसद की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया।               


हंगामा करने वाले 8 पुलिसकर्मी निलंबित

दारू पी कर हंगामा करने वाले 8 पुलिस कर्मी किये गये निलंबित…… 


शराब पीकर हंगामा करने वाले आठ आरक्षियो को एसपी ने किया निलंबीत
बहराइच। रात्रि में थाना रिसिया पर तैनात आरक्षी महीप शुक्ला के आवास पर आयोजित पार्टी में शराब पीकर हंगामा करने व आपस में मारपीट करने तथा घटना की सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को न देने के फलस्वरूप जनमानस में पुलिस की छवि खराब करने के आरोप में पुलिस अधीक्षक विपिन कुमार मिश्रा ने संज्ञान लेते हुए इस मामले को गम्भीरता से लिया है और इस संदर्भ में आरोपी आरक्षी 1- राजेश यादव 2- अमित यादव 3- अजय यादव 4- पंकज यादव 5- विनोद यादव 6- पवन यादव 7- अफजल अफजल खान एवं 8- महेश शुक्ला को निलंबित कर जांच के आदेश दे दिये हैं।पुलिस सूत्रों के मुताबिक इसकी जांच अपर पुलिस अधीक्षक नगर को सौंपी गई है।               


'सैनिक बंधू' की बैठक आयोजित की: सीडीओ

'सैनिक बंधू' की बैठक आयोजित की: सीडीओ  गणेश साहू  कौशाम्बी। मुख्य विकास अधिकारी अजीत कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में बुधवार को जिल...