मंगलवार, 22 सितंबर 2020

किसान की फावड़े से काटकर हत्या की

बदायूं: पानी का पाइप ना देने पर किसान की फावड़े से काटकर हत्या।


बदायूं। बदायूं के बिल्सी क्षेत्र में आज सुबह खेत में फसल को पानी लगा रहे किसान की फावड़े से काट कर हत्या कर दी गई। विवाद पानी लगाने को पाइप लेने की बात से शुरू हुआ और नौबत यहां तक आ पहुंची कि पाइप न देने पर बुजुर्ग किसान की फावड़े से काट कर हत्या कर दी गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
मामला बिल्सी थाना इलाके के गांव दीननगर शेखपुर का है। किसान नत्थूलाल धान की फसल को पानी लगा रहा था तभी आरोपी रूपकिशोर वहां पहुचा और उससे पानी लगाने को पाइप मांगने लगा। मना करने पर विवाद इतना बढ़ गया कि रूपकिशोर ने नत्थू के सिर पर फाबड़े से कई बार किये और बचाने आये उसके भाई को भी दौड़ा लिया। लोगो की मदद से आरोपी को भी पकड़ लिया गया। आरोपी को गिरफ्तार कर मुकदमा दर्ज कराया गया है।                 


कंपार्टमेंट 'सीबीएसई' परीक्षा को निर्देश दिया

कम्पार्टमेंट परीक्षा परिणाम जल्द घोषित करने का सीबीएसई को निर्देश।


नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) को 10वीं और 12वीं की कम्पार्टमेंट परीक्षा के परिणाम जल्द घोषित करने का मंगलवार को निर्देश दिया ताकि वर्तमान शैक्षणिक वर्ष में पास हुए छात्रों को नामांकन मिल सके। न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने सीबीएसई को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के साथ मिलकर परीक्षा परिणाम जारी करने तथा नामांकन के लिए आवेदन करने की तिथियों के बारे में निर्णय लेने का निर्देश दिया। खंडपीठ ने कहा कि अभी असामान्य परिस्थितियां हैं और सीबीएसई एवं यूजीसी को फिलहाल कम्पार्टमेंट परीक्षा दे रहे बच्चों का भी ध्यान रखना चाहिए। कम्पार्टमेंट परीक्षा आज से शुरू हुई है और 29 सितम्बर तक चलेगी।
न्यायालय ने यूजीसी के वकील से कहा कि वह नामांकन के लिए कट-ऑफ तारीख के बारे में आयोग से 24 सितम्बर तक निर्देश लेकर आयें। उसके बाद ही वह सीबीएसई को कट-ऑफ तारीख से पहले परिणाम जारी करने का निर्देश देगा। छात्र याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तनखा ने दलील दी कि यदि कम्पार्टमेंट परीक्षा में पास होने वाले विद्यार्थियों को नामांकन नहीं मिलता है,तो उनका शीर्ष अदालत के समक्ष यह याचिका दायर करने का कोई मतलब नहीं रह जाएगा।                    


अपनी 7 साल की बच्ची को जिंदा जलाया

पंजाब: मां ने अपनी सात साल की बच्ची को जिंदा जलाया, अधजली लाश को सुनसान जगह पर फेंका।


राणा ऑबरॉय


चंडीगढ़। पंजाब के अमृतसर से एक दर्दनाक घटना सामने आई है। जहां एक महिला ने अपनी सात साल की बच्ची को घर में ही जिंदा जला दिया। अधजली लाश को किसी सुनसान जगह पर फेंक दिया था। पुलिस ने हत्या के आरोप में महिला को गिरफ्तार कर लिया है,और बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
बताया जा रहा है,कि महिला के चार बच्चे हैं। जिसका कत्ल किया है वो सबसे छोटी बेटी थी। बच्ची की हत्या किस वजह से की गई, पुलिस उसकी जांच कर रही है।
इस घटना के बाद से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। लोगों का इस बात पर विश्वास कर पाना बेहद मुश्किल हो रहा है,कि हरप्रीत कौर नाम की महिला ने घर में ही अपनी सात साल की बेटी को जिंदा जला दिया। इसके बाद उसने बच्‍ची की अधजली लाश को प्लास्टिक के एक बैग डाल दिया और उसे एक छप्पड़ के पास फेंक दिया।
पुलिस का कहना है,कि बच्ची के गायब होने के बाद पुलिस और परिवार ने उसकी तलाश शुरू की। इस दौरान एक अधजली लाश बरामद हुई। जांच के दौरान पुलिस को महिला पर कुछ शक हुआ और उससे सख्ती के साथ पूछताछ की गई तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
पुलिस का कहना है,कि महिला के चार बच्चे हैं,और पति के साथ झगड़े के बाद वह गुरुद्वारे के एक सेवादार के साथ रह रही थी। पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है और महिला के पति से भी पूछताछ कर रही है। महिला को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।                                         


पति से अलग रहने पर पत्नी ने फांसी लगाई

लखनऊ: पति से अलग रह रही विवाहिता ने लगाई फांसी।


लखनऊ। मानक नगर थाना क्षेत्र में अपने चचेरे भाई संग अकेले रह रही एक विवाहिता ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मंगलवार सुबह सूचना मिलने पर पहुंची स्थानीय थाने की पुलिस ने मृतका का शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
मानक नगर थाना क्षेत्र स्लिपर ग्राउंड मकान संख्या 1/86 बी में अपने पांच वर्षीय चचेरे भाई आदित्य के साथ रह रही पिंकी (30) पत्नी सूरज ने अपने कमरे में पंखे से दुप्पटे के सहारे फांसी लगा अपनी जान दे दी। मंगलवार सुबह लगभग 9:00 बजे बहन को फंदे से झूलता देख मासूम भाई बदहवास चीखने पुकारने लगा। पड़ोसियों की सूचना पर मौके पर पहुंची स्थानीय थाना मानक नगर पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मानक नगर थाना प्रभारी योगेंद्र प्रसाद के मुताबिक मृतका तीन वर्षों से अपने पति से अलग रह रही थी और घरों में साफ सफाई का काम करती थी। मृतका के पिता चंद्रशेखर आलमबाग के फत्तेली रेलवे कॉलोनी में अपने परिवार संग रहते है।                   


अधिसूचना के खिलाफ एससी में याचिका दायर

उप्र में 31,661 शिक्षकों की भर्ती अधिसूचना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर।


नई दिल्ली/ लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 31 हजार 661 पदों पर एक सप्ताह के भीतर भर्ती कराने के लिए योगी सरकार द्वारा जारी अधिसूचना को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई है। रितु रेनुवाल के जरिये दायर याचिका में राज्य सरकार द्वारा जारी भर्ती अधिसूचना पर रोक लगाने की मांग की है। रेनुवाल उत्तर प्रदेश के शिक्षा मित्रों की वकील भी हैं।
मुख्यमंत्री ने 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती के 31,661 पदों पर एक हफ्ते के भीतर नियुक्तियां करने का निर्देश दिया था। इसके बाद बेसिक शिक्षा विभाग पूरी तरह तैयारी में जुटा था और कहा गया था,कि मुख्यमंत्री योगी आगामी दिनों में खुद चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र बांटेंगे। अब इस फैसले के खिलाफ बीटीसी अभ्यर्थी शीर्ष अदालत पहुंच गये हैं।
याचिका में कहा गया है,कि 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में शीर्ष अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रखा हुआ है। ऐसे में जब तक सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं आता है, तब तक 31 हजार 661 पदों की भर्ती की राज्य सरकार की अधिसूचना पर रोक लगायी जानी चाहिए।                 


प्रदूषित हवा में सांस लेने को मजबूर होंगे

प्रदूषित हवा में सांस लेने को मजबूर होंगे गाज़ियाबाद और एनसीआर के निवासी, पंजाब में किसानों ने शुरू किया पराली जलाना।


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। गाज़ियाबाद समेत एनसीआर के सभी निवासियों को इस सर्दी में भी दूषित हवा में जीने को मजबूर होना पड़ेगा। इसका कारण है।पंजाब के किसानों का पराली जलाना।  सूत्रों के अनुसार  पंजाब में किसानों ने फसलों के बचे हुए भागों यानी पराली को जलाना शुरू कर दिया है। नेशनल एरोनोटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) की ओर से जारी ताज़ा तस्वीरों से इस बात के संकेत मिले हैं।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार पराली जलाने के शुरुआती संकेतों का पता चला है। पराली  जलाना भारतीय दंड संहिता और 1981 के वायु प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम के तहत अपराध माना गया है। इसके बावजूद ये किसान धान के बचे हुए भागों को जलाना जारी रखते हैं। यह अभ्यास विकल्पों और श्रमिकों की कमी के चलते शुरू हुआ था।नासा के संसाधन प्रबंधन प्रणाली से आग का डाटा देने वाले सूचना तंत्र खेतों में आग लगाने में लगातार वृद्धि दिखाता है। गोडार्ड अर्थ साइंसेज टेक्नोलोजी एंड रिसर्च के वैज्ञानिक पवन गुप्ता के हवाले से अखबार ने कहा कि मानचित्र में लाल धब्बे के रूप में दिखाई देने वाली आग ज्यादातर पंजाब के अमृतसर से है। अमृतसर के अलावा पंजाब में तरन तारन, फिरोजपुर, कपूरथला, मनसा और जालंधर में भी पराली जलाई जाती है। 13 से 16 सितम्बर के बीच सेटलाइट से मिले डेटा के अनुसार 5 से 7 जगहों पर खेतों में आग लगी देखी गई।गुप्ता ने कहा कि पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटना शुरू हो गई है। इस साल हम सेटेलाइट एयर क्वालिटी डेटा का विश्लेषण कर अनुमान लगाने का प्रयास करेंगे कि इसका स्थानीय जलवायु और मौसम पर क्या प्रभाव पड़ता है। वहीं एक अधिकारी ने कहा है।कि इस साल परली जलाने के कम मामलों की उम्मीद कर रहे हैं।
केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कहना है। कि पिछले साल दिल्ली में वायु प्रदूषण खेतों में फसलों के बचे हुए हिस्से में आग लगाने के कारण बढ़ा था। खेतों में जलाई जाने वाली पराली दिल्ली, हरियाणा और पंजाब की सरकारों के बीच विवाद का कारण बनती रही है। पिछले साल दिल्ली सरकार ने पराली जलाने के बढ़ते मामलों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के लिए केंद्र, पंजाब और हरियाणा सरकार को निशाने पर लिया था।आपको बता दें कि पराली जलाने को दिल्ली में प्रदूषण के कारणों में से एक माना गया। पंजाब और हरियाणा की पराली से दिल्ली के प्रदूषण में पिछले साल 46 फीसदी तक प्रभाव था। प्रदूषण का स्तर गंभीर स्तर में आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 5 नवंबर तक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल प्रतिबंध निर्माण गतिविधि की घोषणा की।इससे पहले पंजाब और हरियाणा को किराए के आधार पर कृषि मशीनरी देने के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर (CHC) स्थापित करने का प्रस्ताव दिया गया। फसलों के अवशेष प्रबंधन के लिए ज्यादा उच्च स्तर के मशीनी उपकरण खरीदने में असमर्थ किसानों के लिए यह प्रस्ताव था।                   


रैपिड रेल के लिए 100 करोड़ मंजूर किए

 गाज़ियाबाद-मेरठ रैपिड रेल के लिए योगी सरकार ने किए ₹ 100 करोड़ मंजूर।


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। योगी सरकार ने दिल्ली,गाजियाबाद-मेरठ रैपिड रेल परियोजना के लिए 100 करोड़ रुपये मंजूर कर दिए हैं। यह पैसा राज्यांश के रूप में दिया गया है। प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार ने सोमवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। उन्होंने इस संबंध में प्रबंध निदेशक राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम को पत्र भी भेज दिया है। इसके मुताबिक रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम परियोजना में राज्यांश के रूप में 900 करोड़ रुपये दिया जाना है।
उन्होंने कहा है।कि सभी काम निर्धारित व तय मानकों के आधार पर कराए जाएंगे। परियोजना की डीपीआर को केंद्र व राज्य सरकार पहले मंजूरी दे चुकी है। इसलिए इसकी शर्तों का पूरा ध्यान रखा जाएगा इसकी अनदेखी नहीं की जाएगी। इस पैसे को 31 मार्च 2021 तक अनिवार्य रूप से खर्च करना होगा। इन पैसों को खर्च करने का उपयोगिता प्रमाण पत्र 30 अप्रैल 2021 तक अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराना होगा। परियोजना के लिए शेष पैसे की मांग उपयोगिता प्रमाण पत्र के साथ करना होगा। इस पैसे को निर्धारित मद में ही खर्च किया जाएगा इसे किसी अन्य काम पर खर्च नहीं किया जाएगा।                  


'सीएम' शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा दिया

'सीएम' शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा दिया  कविता गर्ग  मुंबई। राजभवन पहुंचे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्यपाल सीपी राधा कृष्णन से मु...