सोमवार, 21 सितंबर 2020

2000 के नोट को लेकर दी जानकारी

2000 के नोट को लेकर आई बड़ी खबर।मोदी सरकार ने दी यह जानकारी।


नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद सरकार ने 2000 का नोट जारी किया था। इसके बाद कई बार खबरें आई कि केंद्र सरकार 2000 के नोट को बंद करने वाली है। हालांकि सरकार ने इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया। लेकिन इस बार केंद्र ने 2 हजार के नोट को लेकर जारी अफवाहों पर विराम लगा दिया है। मोदी सरकार ने 2,000 रुपए मूल्यवर्ग के नोटों को लेकर आधिकारिक पुष्टि की है। केंद्र सरकार ने कहा है। कि उसने उच्च मूल्यवर्ग के नोटों (2000 के नोट) को बंद करने का फैसला नहीं किया है। हालांकि, 2,000 रुपए के मूल्यवर्ग के नोटों की छपाई में काफी कमी आई है।शनिवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित जवाब में वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि किसी विशेष मूल्यवर्ग के बैंक नोट को छापने को फैसला सरकार भारतीय रिजर्व बैंक से परामर्श लेकर करती है। उन्होंने कहा कि 2019-20 और 2020-21 के दौरान प्रेस से 2,000 रुपए के नोट छापने का कोई ऑर्डर नहीं मिला है। हालांकि सरकार की ओर से 2,000 रुपये के नोट को न जारी रखने का कोई फैसला नहीं लिया गया है।वित्त राज्यमंत्री ने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से सूचित किया गया था। कि कोविड-19 महामारी से बचाव और रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण स्थायी रूप से 2,000 रुपए के नोट की छपाई रोक दी गई थी। लेकिन केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से जारी गाइडलाइंस के आधार पर प्रेस ने चरणबद्ध तरीके से नोटों की छपाई करना शुरू कर दिया था।             


भारत वायरस के स्ट्रेन में नहीं आयाः कोरोना

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन बोले भारत में कोरोना वायरस के स्ट्रेन में नहीं आया है। कोई बड़ा बदलाव।


नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन ने रविवार को कहा।कि भारत में कारोना वायरस के ‘स्ट्रेन में कोई बड़ा या महत्वपूर्ण बदलाव नहीं पाया गया है।उन्होंने कहा कि आईसीएमआर कोविड-19 संक्रमण का पता लगाने के लिए लार आधारित जांच कराने के विषय में सक्रियता से इसकी पड़ताल कर रहा है।
उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने फॉलोवरों के साथ संवाद के दौरान यह भी कहा कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमपी) पिछले कुछ महीनों के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर जुटाए गए ‘स्ट्रेनों’ (वायरस का स्वरूप) का बड़े पैमाने पर अध्ययन करने में जुटा हुआ है।
उन्होंने कहा कि वायरस के स्वरूप में बदलाव (म्यूटेशन) के संबंध में शुरुआती अक्टूबर में जानकारी उपलब्ध होगी। ‘संडे संवाद।मंच पर प्रश्नों का उत्तर देते हुए हर्षवर्द्धन ने कहा कि देश में ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है और स्वास्थ्य मंत्रालय स्थिति पर नजर रख रहा है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक मंत्री ने यह भी कहा कि मंत्रालय ने खासकर ऑक्सीजन संबंधी व्यवस्था का मुद्दा सामने आने के बाद देश के ग्रामीण हिस्सों में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर (विशेष चिकित्सा उपकरण) भेजे हैं। कोविड-19 की लार संबंधी जांच के बारे में पूछे जाने पर हर्षवर्द्धन ने कहा कि आईसीएमआर ने कुछ टेस्ट को परखा है।लेकिन उन्हें भरोसेमंद नहीं पाया गया तथा अमेरिका के एफडीए से टेस्ट के संबंध में मंजूरी प्राप्त करने वाली कंपनियों ने भारत सरकार से अब तक संपर्क नहीं किया है।
उन्होंने कहा कि देश का शीर्ष स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान इस पद्धति के संबंध में और जानकारी जुटाने के लिए सक्रियता से काम कर रहा है। और ठोस जानकारी मिलने पर सूचित किया जाएगा।भारत में पोलियो उन्मूलन के भारत सरकार के अभियान के संबध में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि पोलियो के विपरीत कोरोना वायरस एक नया वायरस है।और उस पर ज्यादा अनुसंधान अब तक नहीं हुआ है।                 


योगेश देशमुख बने इंदौर के नए आईजी

मध्यप्रदेश में 4 पुलिस महानिरीक्षकों के तबादले।योगेश देशमुख बने इंदौर के नए आईजी।


भोपाल। उपचुनाव से पहले मध्यप्रदेश में अधिकारियों के तबादलों का दौर जारी है। राज्य सरकार ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के तबादले किए हैं। गृह विभाग ने रविवार को तबादलों सूची जारी की। इसमें भारतीय पुलिस विभाग के 4 अधिकारियों के तबादले किए गए हैं। इंदौर पुलिस महानिरीक्षक विवेक शर्मा को पुलिस मुख्यालय भेज दिया गया है। योगेश देशमुख इंदौर के नए आईजी बनाए गए।               


बदतर हाल को बेहतर स्थिति कहते हैं पीएम

देश के प्रधानमंत्री अगर ऐसी बुरी स्थिति को बेहतर स्थिति कहते हैं। तो देश का क्या हो सकता है। स्वामी नाथ जायसवाल।    
नई दिल्ली। प्रेस से बात करते हुए राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी नाथ जायसवाल ने बतायाआज अगर मोदीजी खुद को कोरोना काल के दौरान भारत को बेहतर स्थिति में रखने का दावा करते हैं।और इस तिमाही में जीडीपी में हुई गिरावट तथा कमजोर होती अर्थव्यवस्था के बाद भी बीजेपी सरकार अपनी उपलब्धियां गिना रही है ।तो इंटक के माध्यम से मैं स्वामीनाथ जायसवाल बीजेपी की सरकार से पहला सवाल किसान-गरीब-मजदूर के बारे में ही पूछूँगा कि क्या वास्तव में उनके दिन बदल गए।2014 में सरकार बनाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में अपने पहले भाषण में सिर्फ गरीब।किसान-गांव-मजदूर और हाशिए पर पड़े लोगों के विकास का जिक्र करते हुए भरोसा यही जगाया था कि देश में किसानों और गरीबों के अच्छे दिन आने वाले हैं। पहली बार लगा कि गरीबी हटाओ का नारा एक जुमले से आगे निकलने वाला है। पीएम मोदी ने किसानों-मजदूरों और गरीबों के लिए योजनाओं का एलान भी खूब किया। लेकिन मसला किसी एक योजना का नहीं है जिसकी सफलता जमीन पर कठघरे में है। फसल बीमा योजना का डंका सरकार खूब पीट रही है।लेकिन सच ये है कि मुआवजे के चंद रुपयों पर आकर ये योजना टिक गई। दावा किसानों की आय दोगुनी करने का हुआ पर किसानों को उनकी फसल की लागत तक नहीं मिल पा रही है। मध्य प्रदेश में जहां न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल खरीदे जाने का हल्ला है।वहां किसान पांच पांच दिन लाइन में लगा रहता है। वहीं की कृषि उपज मंडी में ऐसे हालात बन गए कि किसानों ने जमकर नारेबाजी की तो किसानों की आय दोगुनी होने का वादा कहां सच हुआ ये बड़ा सवाल है।तो किसान-मजदूर यकीन करें कैसे कि सरकार सिर्फ और सिर्फ उनके लिए सोच रही है।क्योंकि एक सच मनरेगा मजदूरों से इतर असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का भी है। जिनकी नोटबंदी के दौर में नौकरी चली गई और उनमें से कइयों को आजतक नौकरी मिल नहीं पाई। घोषणाओं का सच अपनी जगह है।लेकिन जमीन की सच्चाइयां उतनी सुनहरी तो नहीं हैं जितना सरकार दावा करती है। क्योंकि अगर ये सच होता तो बार बार किसानों का आंदोलन जमीन पर नहीं दिखता। इस बार किसान सशक्तीकरण और संरक्षण अध्यादेश को लेकर किसान एक बार फिर सड़क पर उतरने जा रहे हैं। और किसानों ने तो चेतावनी दी है।कि आंदोलन के दौरान फल-सब्जी-दूध की आपूर्ति भी रोकेंगे यानी किसानों में गुस्सा तो है। तो क्या प्रधानमंत्री मोदी रिजल्ट दे नहीं पाये यही कहा जाए या 2024 का इंतजार किया जाए और देखा जाए कि किसानों और मजदूरों की हालत में कितना बदलाव आयेगा।
आम आदमी शायद जीडीपी का वित्तीय प्रभाव तो नहीं जानता पर यह जरूर समझता है। कि मजदूरों के मुंह का निवाला छीनना जुल्म है।लोगों का नंगे पांव चलना और बसों का खाली खड़े रहना पाप है। मंगलयान चलाने वाले देश में एक लड़की का कई सौ किलोमीटर पिता को साइकिल पर ले जाना बेबसी है। मोदी सरकार के कुप्रबंधन के कारण जनता पर कंगाली आ गई है। और इससे किसान, मजदूर आत्म हत्या कर रहे हैं।बीजेपी सरकार के कु-प्रबंधन के कारण आर्थिक तंगहाली से युवा, किसान व दिहाड़ीदार मजदूर सबसे ज्यादा त्रस्त हैं। किसान आत्महत्या करने को मजबूर और मोदीजी दम साधे, होठ सीए बैठे रहे।’ 116 किसान हर रोज आत्महत्या को मजबूर है। यही नहीं, साल 2019 में 14,019 बेरोजगार आत्महत्या को मजबूर हुए। 38 बेरोजगार रोज जिंदगी देने को मजबूर। सबसे चिंता की बात यह है। कि ये आंकड़े कोरोना महामारी से बहुत पहले के हैं। मोदी जी, आपको रात को नींद कैसे आती है? राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामीनाथ जायसवाल ने कहा मोदी जी, देश की सुध लीजिए, सत्ता का घमंड छोड़िये, किसानों का कर्ज़ा माफ़ कीजिए, बेरोजगार को रोजगार दीजिए। प्रबंधन की विफलता और फेल लॉकडाउन से खराब हालत वाले वर्ष 2020 के आंकड़े जब आएंगे तो हालात और भयावह होंगे।             


वैक्सीन आने तक कोरोना से बचेंः हर्षवर्धन

वैक्सीन नहीं आने तक कोरोनावायरस से कैसे बचें। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बताया।


नई दिल्ली। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने रविवार को कहा कि देश में कोविड-19रोधी टीके के विकास का काम प्रगति पर है। लेकिन जब तक यह नहीं आता है। तब तक दो गज दूरी सहित सामाजिक व्यवहार ही टीका है।
लोकसभा में नियम 193 के तहत कोविड-19 वैश्विक महामारी पर हुई चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए हर्षवर्धन ने कहा कि दुनिया में कोविड-19 रोधी 145 टीका प्री क्लिनिकल मूल्यांकन के स्तर पर हैं। और इसमें से 35 का क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत में 30 टीकों के लिए समर्थन दिया गया है जो विकास के विभिन्न स्तरों पर हैं। इसमें से 3 वैक्सीन ट्रायल के प्रथम द्वितीय और तृतीय चरण में हैं। चार टीके प्री क्लिनिकल’ मूल्यांकन के उन्नत चरण में हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि टीके के विकास का काम प्रगति पर है। लेकिन जब तक यह नहीं आता है। तब तक दो गज दूरी सहित सामाजिक व्यवहार ही टीका है।हर्षवर्धन ने कहा कि वायरस के शोध की दिशा में 2000 से ज्यादा वायरसों की जीनोम श्रृंखला तैयार की गई है। इसके अलावा 40 हजार वायरसों के नमूनों का निक्षेपागार बनाया गया है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में 110 प्रौद्योगिकी स्टार्टअप को समर्थन दिया गया है।
हर्षवर्धन ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर लॉकडाउन लगाने के सरकार के साहसिक फैसले को लागू करने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर लोगों द्वारा जनता कर्फ्यू का पालन करना इस बात का प्रमाण है। कि भारत इस महामारी के खिलाफ मिलकर खड़ा रहा।
उन्होंने कहा कि एक समय था जब पीपीई किट का स्वदेशी उत्पादन नहीं हो रहा था।आज इस दिशा में आत्मनिर्भर है। उन्होंने कहा कि आज प्रतिदिन 10 लाख से ज्याद किट रोज बनाने की क्षमता हो गई है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लॉकडाउन की अवधि का ठीक से उपयोग किया गया है। और इस दौरान राज्यों को समर्थन भी दिया गया।उन्होंने कहा कि 17 हजार समर्पित कोविड केंद्र बनाएं गए, 1773 कोविड जांच केंद्र बन गए। हर्षवर्धन ने कहा कि देश में 6.37 करोड़ कोविड-19 जांच हो चुकी हैं। आज भी 12 लाख टेस्ट हुए हैं।उन्होंने कहा कि सुनियोजित तरीके से इस स्थिति से निपटने का काम किया गया और इसके तहत आवश्यक वस्तुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाने की व्यवस्था की गई। 64 लाख मजदूरों को श्रमिक एक्सप्रेस।बसों आदि से उनके गंतव्य तक पहुंचाया गया। 12 लाख से अधिक लोगों को वंदे भारत अभियान के तहत विदेशों से लाया गया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसके अलावा राज्यों की भी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एवं अन्य योजनाओं के तहत मदद की गई।गौरतलब है।कि चर्चा के दौरान कांग्रेस, द्रमुक, सपा सहित अनेक विपक्षी दलों के सदस्यों ने केंद्र सरकार पर कोरोनावायरस संकट से निपटने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस महामारी को लेकर सरकार के स्तर पर कोई तैयारी नहीं थी ।वहीं सिर्फ कुप्रबंधन देखने को मिला तथा जल्दबाजी में लॉकडाउन लगाने से अफरा-तफरी की स्थिति बन गई।             


भारतीय सेना ने 6 नई चोटियों पर किया कब्जा

लद्दाख में भारतीय सेना ने दिखाया पराक्रम, 6 नई चोटियों पर जमाया कब्जा।


नई दिल्ली। सीमा पर जारी विवाद के बीच भारतीय सेना ने चीन को करारा झटका देते हुए 6 प्रमुख चोटियों पर कब्जा कर लिया है। लद्दाख के पूर्वी क्षेत्र की इन छह चोटियों पर कब्जे के साथ ही भारतीय सेना चीन की हर हरकत पर नजर रखे हुए है।


भारतीय वायु सेना (IAF) के रफाल (Rafales) जेट पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के आसपास चक्कर लगा रहे हैं।मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पांच रफाल जिन्हें औपचारिक रूप से 10 सितंबर को अंबाला एयरबेस पर तैनात किया गया था। हाल ही में लद्दाख में सॉर्टी (Familiarisation Sorties) करते दिखाई दिए।ज्यादा चौकस हुई वायुसेनाAIF चीन की भड़काऊ कार्रवाइयों को देखते हुए युद्ध कौशल को निखारने में लगी है।पिछले हफ्ते चीनी सैनिकों द्वारा हवा में गोलीबारी की तीन घटनाओं को ध्यान में रखते हुए वायुसेना ज्यादा चौकस हो गई है। वहीं समाचार एजेंसी ANI ने बताया है।कि पिछले तीन हफ्तों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय सेना द्वारा छह नई प्रमुख चोटियों पर कब्जा कर लिया गया है।ऊंचाई का मिलेगा फायदाइन चोटियों पर कब्जे के साथ भारत संबंधित क्षेत्र में चीनी सेना से काफी ऊंचाई पर पहुंच गया है। ऐसे में उसके लिए PLA की हर गतिविधि पर नजर रखना आसान होगा. इस बीच भारत और चीन की सेनाओं के बीच कोर कमांडर के छठे दौर की बातचीत आज यानी सोमवार को होने वाली है। जिसमें दोनों देशों के बीच हुए पांच-सूत्रीय समझौते के कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। सरकारी सूत्रों ने बताया कि बातचीत पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के चीनी हिस्से मोल्दो में सुबह 9 बजे से होगी। सूत्रों ने कहा कि पहली बार विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी के भारतीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होने की उम्मीद है। भारत इस बातचीत से कुछ ठोस परिणाम चाहता है।               


दुर्गा पूजा में ज्यादा ऊंची नहीं होगी मूर्ति

दुर्गा पूजा के मद्देनजर कलेक्टर ने जारी किया गाइडलाइन, 6 फीट से ज्यादा ऊंची नहीं होगी मूर्ति, प्रतिमा दर्शन के लिए मास्क जरूरी,कोरोना संक्रमित होने पर आयोजकों को ही कराना होगा इलाज।


रायपुर। नोवल कोरोना वायरस के बढ़ते संकमण पर लगाम कसने के लिए प्रशासन ने दुर्गा पूजा के मद्देनजर निर्देश जारी किया है।जिसमें आकार से लेकर मूर्ति स्थापना और विसर्जन के साथ पंडाल की जगह। श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था के साथ अन्य संबंधित विषयों को शामिल किया गया है। रायपुर कलेक्टर की ओर से जारी निर्देश में मूर्ति की ऊंचाई एवं चौड़ाई 6×5 फिट से अधिक नहीं होने। मूर्ति स्थापना वाले पंडाल का आकार 15×15 फीट से अधिक नहीं होने पंडाल के सामने कम से कम 3000 वर्ग फीट की खुली जगह में कोई भी सड़क अथवा गली का हिस्सा प्रभावित न होने एक पंडाल से दूसरे पंडाल की दूरी 250 मीटर से कम नहीं होने। मंडप पंडाल के सामने दर्शकों के बैठने हेतु पृथक से पंडाल नहीं होने की बात कही गई है।
इसके अलावा पंडाल में 20 से अधिक व्यक्ति प्रवेश नहीं कर सकेंगे। मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति 4 सीसीटीवी कैमरा लगाएंगे। मूर्ति दर्शन अथवा पूजा में शामिल होने वाला कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के प्रवेश नहीं करेंगे। मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति के द्वारा सेनिटाइजर थर्मल स्क्रीनिंग ऑक्सीमीटर हैंडवाश क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा अन्य व्यवस्थाओं को लेकर भी निर्देश जारी किए गए हैं।                 


अभिनेत्री नम्रता ने अपनी कुछ तस्वीरें शेयर की

अभिनेत्री नम्रता ने अपनी कुछ तस्वीरें शेयर की  कविता गर्ग  मुंबई। भोजपुरी सिनेमा की बोल्ड अदाकारा नम्रता मल्ला ने एक बार फिर सोशल मीडिया पर ...