सोमवार, 21 सितंबर 2020

अदित्य ठाकरे को बचाने में लगे हैं उद्धव

धृतराष्ट्र बनकर आदित्य ठाकरे को बचाने में लगे हैं ।उद्धव ठाकरे।


मुंबई। सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले में सबसे ज्यादा मुखर अभिनेत्री कंगना रनौत ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर बड़ा हमला किया है। मुंबई स्थित दफ्तर तोड़े जाने से पहले कंगना सिर्फ मुंबई पुलिस और सरकार को निशाना बनाती थी। लेकिन अब वह सीधा शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे पर वार करने लगी है। कंगना ने अब उद्धव ठाकरे की दुखती रग को छेड़ दिया है। कंगना रनौत ने इस लड़ाई में काफी आक्रामक रूप से उद्धव ठाकरे के बेटे को भी लपेट लिया है। कंगना ने कहा है।कि सुशांत सिंह राजपूत के हत्यारों, मूवी माफियाओं और उसके ड्रग रैकेट का पर्दाफाश किया है। और इन लोगों के साथ सीएम के बेटे आदित्य ठाकरे पार्टी करते हैं। अपने ट्वीट में कंगना ने लिखा, ‘महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की असल समस्या यह है कि मैंने मूवी माफिया, सुशांत सिंह राजपूत के हत्यारों और ड्रग रैकेट का भंडाफोड़ किया है।जिनके साथ सीएम के प्यारे बेटे आदित्य ठाकरे पार्टी करते हैं। यही मेरा सबसे बड़ा अपराध है। इसलिए वे मुझे फिक्स करना चाहते हैं। देखते हैं ।कौन किसको फिक्स करता है।इतना ही नहीं कंगना ने राज्य की गठबंधन सरकार पर जोरदार निशाना साधते हुए कहा कि सत्ता में कुछ भी स्थायी नहीं है। एक अन्य ट्वीट में कंगना ने लिखा कि क्या आपको लगता है। कि आप इस तरह से तानाशाही कर सकते हैं। यह आपके और आपकी पूरी सोनिया सेना के सत्ता से बाहर होने का समय भी हो। सकता है। नहीं क्या यह राजनीति में आम नहीं है। सत्ता गतिशील है और हर वक्त बदलती है। क्या आपको लगता है कि यह आपके पास स्थायी रूप से रहने वाली है ।               


कोरोनाः ग्राम पंचायतों से अवैध उगाही

कोविड 19 के नाम पर अधिकारी का फरमान , ग्राम पंचायतों से अवैध उगाही। परमानंद जांगड़े।


अश्वनी उपाध्याय


रांची। कोविड 19 के नाम पर अधिकारी का फरमान , ग्राम पंचायतों से अवैध उगाही। राज्य सरकार के सख्त निर्देश के उपरांत अधिकारी शासकीय राशि की फिजूल खर्च करने से बाज नही आ रहे है। एक ओर प्रदेश सहित पूरा देश कोविड 19 के महामारी से जूझ रही है। जहाँ अधिकारी कोविड के आड़ में अपना तिजौरी भरने में आमादा है। कोविड 19 के प्रचार प्रसार में गंभीर आर्थिक वित्तीय अनिमितता की शिकायत क्षेत्र की जागरूक पूर्व जिला पंचायत सदस्य परमानंद जांगड़े तक पहुची। जिस पर संज्ञान लेते हुए उक्त मामला को राज्य के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री टीएस सिंह देव जी सहित प्रदेश के आला अधिकारियों को उक्त फर्जीवाड़ा को लेकर शिकायत प्रेषित किया गया तथा संज्ञान में लेते हुए उक्त मामले पर आवश्यक जांच कार्यवाही कराते हुए भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही करने का आग्रह किया है। ताजा मामला अभी प्रकास में आया है जिसमे गॉव की मूलभूत नागरिक सुविधा के लिए शासन से मिलने वाली राशि का कोविड 19 के आड़ में हजम किये जाने मामला समनेआई है। ग्राम पंचायतों से 14 वे वित्त योजना की शासकीय राशि की दुरपयोग का फर्जीवाड़ा बड़ा रोचक है ।क्योंकि कोविड के रोकथाम हेतु प्रचार प्रसार में पंचायतो से लगभग 15 हजार प्रति पंचायत अवैध वसूली जनपद पंचायत के अधिकारी के निर्देश में ग्राम पंचायतों ने संदर्भित फर्म को राशि भुगतान किया है। यह कि आरंग के 144 ग्राम पंचायतों से 21900 रुपये 4*3 के साईज के दो फ्लेक्स बोर्ड के एवज में ग्राम पंचायतों से दबंगई पूर्वक वसूला गया है। जनप्रतिनिधियों ने दबे जुबान अवगत कराया कि अधिकारी का फरमान से मजबूर होकर महज अधिकतम 2000 से 5000 रुपये के प्रचार फ्लेक्स बोर्ड के लिए 21900 का भुगतान कराया गया है। जो की जनपद पंचायत द्वारा अवैध उगाही किया गया है। जिसकी जांच की मांग पूर्व जिला पंचायत सदस्य परमानंद जांगड़े ने मुख्यमंत्री भुपेश बघेल  पंचायत मंत्री टी .एस. सिंह देव जी सहित मुख्य सचिव कों पत्र के माध्यम से शिकायत पत्र प्रेषित कर जांच की आग्रह किया है।             


नागरिकों का एनएचएआई के खिलाफ धरना

अशोक नगर निवासियों का एनएचएआई के खिलाफ धरना जारी मांग रहे हैं । बेघर होने का मुआवजा


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। गाज़ियाबाद में डासना देहात के आकाश नगर पुल के पास एनएचएआई के खिलाफ स्थानीय लोगों द्वारा अनिश्चितकालीन धरने पर महिलाओं ने डेरा डाल दिया। महिलाओं का आरोप है।कि एनएचएआई ने उनके मकानों को तो तोड़ दिया पर अभी तक उन्हें मुआवजा तक नहीं दिया गया।वो लोग घर से बेघर होने को मजबूर हैं। इस बीच किसान यूनियन ने भी महिलाओं के इस धरने को समर्थन देकर एनएचएआई के कार्य को बंद करने का दावा भी किया है।
दिल्ली।मेरठ एक्सप्रेस। वे का कार्य चलने की वजह से पुल के नीचे बने मकानों को एनएचएआई द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग से मुआवजा देकर अधिग्रहण किया था। वहीं स्थानीय महिलाओं का आरोप है कि एनएचएआई द्वारा जब मकान लिए गए थे। तो उनका पूरा मुआवजा देने का वादा किया गया था मगर उन्हें अभी तक उनका मुआवजा नहीं मिला और वह लोग आज घर से बेघर होकर किराए पर रहने को मजबूर हैं। यही नहीं आरोप है। कि जब तक एनएचएआई उनका मुआवजा नहीं दे देता वह लोग अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे रहेंगे।
रेखा, ओमवती, पुष्पा, सरोज गोयल, सरोज राघव, विनीता और किसान नेता प्यारेलाल, मनोज कुमार, सुनील, सहित लोगों का आरोप है।कि पिछले वर्ष नवंबर माह में एनएचएआई द्वारा करीब डेढ़ सौ मकानों को चिन्हित किया था। लोगों के पेपर मंगाकर उन्हें जल्द ही मुआवजा देने का वादा कर उनके मकानों को तोड़ने का कार्य किया गया था।
मकान के मलबे के पैसे एनएचएआई की टीम द्वारा दे दिए गए थे। मगर सर्किल रेट 13 हजार 500 से देने का दावा किया गया था। मगर उनको मुआवजे की रकम नहीं दी गई है। तब से लेकर अब तक वह लोग दर-दर की ठोकर खाकर किराए के मकान में रहने के लिए मजबूर हैं। अपनी गाढ़ी कमाई से उन्होंने जैसे- तैसे आकाश नगर में जमीन खरीदी थी।और किसी तरह अपने परिवार का पालन पोषण करने के उद्देश्य से मकान बनाकर छत के नीचे रहने का जो सपना संजोया था। उसको एनएचएआई और जिला प्रशासन की टीम ने तहस नहस कर दिया।जिला प्रशासन से भी कई बार इस मामले में शिकायत दर्ज कराई गई और उन्होंने भी कोई सुनवाई नहीं की। इसी उद्देश्य के चलते अनिश्चितकालीन धरना दिया जा रहा है। अगर जल्द ही जिला प्रशासन एवं एनएचएआई ने हमारी मांगों को नहीं माना तो बड़ा आंदोलन कर जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पर भी धरना दिया जाएगा। एनएचएआई के कार्य को बंद करा दिया गया है। जब तक मुआवजा नहीं मिल जाता उनका धरना जारी रहेगा।
धरने पर केपी पांडे, रजनी शर्मा, रेखा, दान बहादुर, नसरुद्दीन, ओमवती, पुष्पा, अनीता देवी, प्रकाश कुमार, ममता देवी, नरेंद्र सिंह, अरुण कुमार, माया देवी सहित काफी संख्या में महिला व पुरुष धरनारत रहे।               


राज्यपाल के नाम एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

सपाईयों ने कृषि अध्यादेशों के खिलाफ तहसील पर धरना प्रदर्शन कर राज्यपाल के नाम एसडीएम को सौपा ज्ञापन।


मनोज तोमर


गाजियाबाद। गौतम बुध नगर दादरी तहसील में सपाइयों ने भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए धरना प्रदर्शन कर महामहिम राज्यपाल के नाम दादरी एसडीएम को गौतम बुध नगर जिला अध्यक्ष वीर सिंह यादव के नेतृत्व में एक ज्ञापन सौपा गया वही जिला अध्यक्ष ने कहा है कि मोदी सरकार के कृषि अध्यादेशों के खिलाफ सपा कार्यकर्ताओं द्वारा प्रदेश में जगह जगह प्रदर्शन किया जा रहा उसी क्रम में आज दादरी में भी प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया गया है।धरना को संबोधित करते हुए जिला उपाध्यक्ष सुधीर तोमर ने कहा कि मोदी सरकार कृषि को बड़े पूंजीपतियों तथा विदेशी कंपनियों के हवाले करके कृषि भूमि पर कब्जा कराना चाहती है। किसी विधेयक कारपोरेट खेती और ठेका खेती का रास्ता खोलेंगे। जिससे किसान बर्बाद हो जाएगा । अंत में कर्ज में डूबा किसान कंपनियों को अपनी जमीन देने पर मजबूर हो जाएगा।और फसल खरीद में मंडी से बाहर बड़ी कंपनियों की घुसपैठ से जमाखोरी और मुनाफाखोर कंपनी पूरे कृषि बाजार पर कब्जा कर लेंगे। जिससे कृषि व्यापारी व उपभोक्ता दोनों बर्बाद होंगे। समाजवादी पार्टी के युवजन जिलाध्यक्ष दीपक नगर ने कहा की सपाइयों पर झूठे मुकद्दमें किये जा रहे उत्पीड़न किया जा रहा यह सब रोका जाए।धरना में सर्वसम्मति से कृषि विधेयकों के खिलाफ आज आये सभी कार्यकर्ताओं द्वारा किये गए धरना प्रदर्शन को सफल बनाने पर आभार व्यक्त किया इस अवसर पर फकीर चंद नागर ,वीर सिंह यादव, सुधीर तोमर, दीपक नागर ,विजेंद्र नागर ,सुमित राणा, आदि तमाम सपाई कार्यकर्ता उपस्थित हुए।             


विरोध करने पर दबंगों ने पति-पत्नी को पीटा

कविनगरछेड़छाड़ का विरोध करने पर पति-पत्नी को पीटा दबंगों ने  ।    


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। थाना कविनगर क्षेत्र में छेड़छाड़ का विरोध करने पर दूध कारोबारी और उनकी पत्नी के साथ चार लोगों द्वारा तमंचे की बट से मारपीट करने और गोली चलाने का मामला प्रकाश में आया है। हमले में दंपति घायल हो गया। आरोप है।कि आरोपियों ने भागते समय जान से मारने की धमकी दी। इस संबंध में पीड़ित दंपति के भांजे ने चारों आरोपियों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस का कहना है।कि जांच पड़ताल कर कार्रवाई की जा रही है।
ग्राम बम्हैटा में रहने वाले संजीव ने बताया कि उसके मामा रविंद्र यादव का गांव में ही दूध का कारोबार है। वह मामी ओमपाली के साथ बाइक से जा रहे थे। आरोप है।कि रात करीब नौ बजे गांव में ही पतली वाली गली के निकट गांव निवासी प्रमोद, रवि, जितेंद्र और संदीप ने बाइक रोक ली और मामी पर कमेंट करने लगे। विरोध करने पर छेड़छाड़ कर मारपीट करनी शुरू कर दी। मारपीट में मामा के सिर में तमंचे की बट मारकर घायल कर दिया गया। वहीं मामी को भी चोट आई है। शोर-शराबा सुनकर मौके पर पहुंचे लोगों को देखकर आरोपी गोली चलाते हुए जान से मारने की धमकी देकर फरार हो गए।
मामले की जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को अस्पताल पहुंचाया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई। पुलिस ने बताया कि इस संबंध में संजीव ने चारों हमलावरों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। उनकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।               


सांसद ने किया प्रतिमा के सामने प्रदर्शन

सदन की गरिमा गिराने वाले निलंबित सांसदों ने किया गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन।


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। रविवार को राज्यसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच केंद्र सरकार विपक्ष के विरोध के बीच दोनों बिलों को राज्यसभा में पास कराने में सफल रही। किन्तु इस दौरान विपक्षी दलों के कुछ सांसदों के कारण सदन की मर्यादा तार-तार हो गई। विपक्ष के कई सांसद मर्यादा को लांघ कर उपसभापति के चेयर तक पहुंच गए। इस दौरान माइक तोड़ दिए गए और रूल बुक भी फाड़ दी गई। कुछ सांसदों पर सदन के मार्शलों के साथ दुर्व्यवहार करने की भी खबर है।
सांसदों की शर्मनाक हरकत के लिए आज सभापति वैंकेया नायडू ने राज्यसभा के आठ सांसदों को एक सप्ताह के लिए सस्पेंड कर दिया है। निलंबित किए गए सांसदों में डेरेक ओ ब्रायन, संजय सिंह, राजू सातव केके रागेश, रिपुन बोरा डोला सेन सैयद नजीर हुसैन और एलमारन करीम शामिल हैं।सभापति वैंकेया नायडू ने कहा।कल राज्यसभा के लिए बुरा दिन था।जब कुछ सदस्य सदन के वेल में आए। इस दौरान डिप्टी चेयरमैन को शारीरिक रूप से खतरा था।  यह दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है। मैं सांसदों को सुझाव देता हूं।कृपया कुछ आत्मनिरीक्षण करें।विपक्ष के 12 दलों ने रविवार को राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया। कार्यवाही के स्थगन के विपक्षी दलों के अनुरोध की अनदेखी के बाद जिस तरह से सदन में दो कृषि विधेयकों को पारित किया गया।उसे लेकर ही यह नोटिस दिया गया है।               


64 डॉक्टरों के परिवार को मिले ₹5 लाख

कोरोना से लड़ते हुए जान गँवाने वाले 64 डॉक्टरों के परिवारों को मिले 50 लाख रुपए प्रति डॉक्टर      


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। देश में डॉक्टरों की शीर्ष संस्था इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से, 382 डॉक्टरों की सूची पेश किए जाने के बाद जिन्होंने अपनी ड्यूटी के दौरान कोविड-19 के हाथों जान गंवाई सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा को सूचित किया।कि केवल 155 डॉक्टरों और हेल्थवर्कर्स के परिवारों को ही।कोविड।19 से लड़ रहे स्वास्थ्य कर्मियों के लिए प्रधानमंत्री ग़रीब कल्याण पैकेज के तहत, वादा की हुई बीमे की रक़म मिली थी। जिन 155 स्वास्थ्यकर्मियों के परिवारों को उनकी मौत के बाद 50 लाख रुपए की बीमा राशि मिली उनमें 64 डॉक्टर थे।
महाराष्ट्र में जो सबसे अधिक कोविड-19 प्रभावित राज्य है। 21 परिवारों को बीमा सहायता मिली जो किसी भी दूसरे राज्य से अधिक है। गुजरात और पश्चिम बंगाल दोनों में 14-14 परिवारों को ये राशि मिली। 12 लाभार्थी आंध्र प्रदेश में और 10 तमिलनाडु में थे। इस संख्या में आशा वर्कर्स और ऑग्ज़ीलियरी नर्स मिडवाइव्ज़ (एएनएम) भी शामिल हैं। ‘कोविड-19 से लड़ रहे स्वास्थ्य कर्मियों के लिए प्रधानमंत्री ग़रीब कल्याण पैकेज के अंतर्गत।ये बीमा स्कीम 30 मार्च को घोषित की गई थी। शुरू में ये स्कीम केवल तीन महीने के लिए थी।लेकिन बाद में इसे बढ़ा दिया गया।                 


'सीएम' शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा दिया

'सीएम' शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा दिया  कविता गर्ग  मुंबई। राजभवन पहुंचे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्यपाल सीपी राधा कृष्णन से मु...