रविवार, 20 सितंबर 2020

21 सितंबर से भी नहीं खुलेगें 'प्राइवेट स्कूल'

लखनऊ के प्राइवेट स्कूल भी 21 सितंबर ने नहीं खुलेंगे।


लखनऊ। आगामी 21 सितंबर को स्कूल नहीं खुलेंगे। कोरोना संक्रमण को देखते हुए प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने यह फैसला लिया है। संगठन का कहना है।कि लखनऊ में कोरोना संक्रमण के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। इसको देखते हुए स्कूल ना खोलने कब फैसला लिया गया है। अनप्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने बताया कि स्कूलों के स्तर पर तैयारियां पूरी की गई हैं। लेकिन वर्तमान स्थिति को देखते हुए फिलहाल अभी खोलने
का फैसला नहीं लिया गया है।
साफ है। कि स्कूल प्रशासन बच्चों की सुरक्षा को लेकर किसी स्तर पर समझौता करने को तैयार नहीं। ऐसे में फिलहाल ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से बच्चों की पढ़ाई जारी रहेगी। बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से जारी दिशा निर्देशों के तहत 21 सितंबर से स्कूल खोले जाने को लेकर छूट दी गई है। इस क्रम में कई राज्यों में 21 सितंबर से स्कूल खोलने को लेकर हरी झंडी भी दी जा चुकी है।राजधानी लखनऊ समेत प्रदेशभर के स्कूल संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए अभी ऑनलाइन शिक्षा मुहैया कराना ही हर लिहाज से बेहतर और सुरक्षित मान रहे हैं। निजी स्कूलों के संगठन के प्रदेश अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने बताया कि छात्रों के स्वास्थ्य को देखते हुए फिलहाल लखनऊ में स्कूल को ना खोलने का फैसला लिया गया।           


पार्षद अरविंद चौधरी का मिला भरपूर सहयोग

गीतांजलि सोसायटी ने सँवारी ग्रीन बेल्ट, पार्षद अरविंद चौधरी का मिला भरपूर सहयोग।


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। वसुंधरा सेक्टर 18 की गीतांजलि सोसायटी के निवासियों और स्थानीय पार्षद की सुंदर पहल इलाके के लोगों के लिए एक मिसाल बन गई है। अग्रसेन चौक स्थित इस 23 मंज़िला सोसायटी के सामने नगर निगम की हरित पट्टी का सौन्दर्यीकरण कर उसे गीतांजलि वाटिका नाम दिया गया है। गीतांजलि सोसायटी के लोगों के काम से प्रभावित होकर आज से सेक्टर 18 की एपेक्स फ्लोरा सोसायटी ने भी स्थानीय पार्षद के साथ मिलकर ग्रीन बेल्ट में जंगली पौधे की कटाई शुरू कर दी।
गौरतलब है। कि गीतांजलि सोसायटी के निवासियों द्वारा इस वाटिका में सैकड़ों पेड़-पौधे लगाए गए हैं ।और साथ ही स्थानीय पार्षद के सहयोग से यहां उग आये जंगली पौधों की भी बेहतरीन तरीके से सफाई भी की गई है।पार्षद अरविंद चौधरी ने किया उद्घाटन लगभग 12-14 हजार वर्ग फुट में फैली इस वाटिका का उद्घाटन वार्ड 36 के पार्षद अरविंद चौधरी ने सोसायटी वालों के साथ किया। इस मौके पर पार्षद ने कहा कि इस सोसायटी के निवासियों द्वारा किया गया कार्य वसुंधरा सेक्टर 1 तक ग्रीन बेल्ट के सामने रहने वाले लोगों के लिए संदेश बनकर उन्हें पौधे लगाने एवं सफाई के लिए प्रेरित करेगा। जिस तरह यहां के निवासियों ने इस बेल्ट को सुधारने में अपना पूरा योगदान किया है।मैं उनके कार्यों की दिल से सराहना करना चाहूंगा। साथ ही जल्द ही मेरा पूरा प्रयास रहेगा कि इस वाटिका में पानी की व्यवस्था के लिए समरसेबिल पम्प भी नगर निगम की ओर से जल्द से जल्द लगवाया जाए। ग्रीन बेल्ट में पौधे लगाने से आस पास की वायु शुद्ध होगी और लोगों स्वच्छ हवा मिलेगी जिससे लोगों का स्वास्थ्य भी बेहतर होगा। वार्ड 36 में अधिकतर जगहों पर पौधे लगाए गए हैं।जिससे कि लोगों को श्वास संबंधी समस्याओं से निदान मिले।इस उद्घाटन समारोह में स्थानीय निवासी अटलांटा अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. रविंद्र सिंह, पर्यावरण रक्षक राय तपन भारती, एडवोकेट दिनेश चौधरी, वी.एम. शर्मा , कुलदीप गुप्ता, अशोक चौधरी, इंजीनियर आर.एस. भारती और सीए अरुण गोयल आदि उपस्थित थे।


नई कार पर पाओ 30 प्रतिशत तक छूट

पुरानी कार कबाड़ी को बेचो और नई कार पर पाओ 30 प्रतिशत तक छूट, जानिए क्या है प्रस्तावित स्क्रैप पॉलिस।


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। केंद्र सरकार जल्द ही एक ऐसी पॉलिसी लेकर आ रही है जिसके अंतर्गत आपको अपनी पुरानी कार कबाड़ी को बेचने के बदले में नई कार खरीदने पर भारी छूट मिल सकती है। केंद्रीय राज्‍य मंत्री जनरल वीके सिंह ने आज (शनिवार को) राज्य सभा में बताया कि वाहन स्क्रैपिंग पॉलिसी के लिए कैबिनेट नोट तैयार हो गया है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि अनफिट और पुराने वाहनों को हटाने के लिए नई पॉलिसी का कैबिनेट नोट तैयार हो गया है। माना जा रहा है। कि स्क्रैपेज पॉलिसी के लागू होने से सुस्ती और गिरावट का सामना कर रही देश की अर्थव्यवस्था को ताकत मिलेगी। नई गाड़ियों की मांग बढ़ने से ऑटोमोबाइल सेक्टर रफ्तार पकड़ेगा। ग्राहकों को नए वाहन 30 फीसदी तक सस्ते मिलेंगे। पुराने वाहनों से वायु प्रदूषण में 25 फीसदी की कमी आएगी। वहीं स्क्रैप सेंटरों पर बड़े पैमाने पर रोजगार उपलब्ध होंगे।
जनरल वीके सिंह ने बताया कि प्रस्तावित नीति के तहत नई कार का रजिस्ट्रेशन मुफ्त में होगा।  योजना के अनुसार पुरानी कार को स्क्रैपेज सेंटर को बेचने के बाद एक प्रणाम पत्र मिलेगा। इससे दिखाकर नई कार खरीदने वालों का कार रजिस्ट्रेशन मुफ्त में किया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस फैसले से करीब 2.80 करोड़ वाहन स्क्रैपेज पॉलिसी के अंतर्गत आएंगे।
देश भर में बनेंगे स्क्रैप सेंटर 
इस नीति के साथ देश में बड़े पैमाने पर वाहन कबाड़ केंद्र बनाए जांएगे। जिससे बड़ी संख्या में नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। वहीं ऑटोमोबाइल सेक्टर को रिसाइकिल में सस्ते में स्टील, एल्युमीनियम प्लास्टिक जैसे पार्ट्स मिल सकेंगे।
अर्थव्यवस्था के लिए संजीवनी का काम करेगी स्क्रैपेज पॉलिसी
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक स्क्रैपेज पॉलिसी को जल्द अब कैबिनेट के पास भेज दिया जाएगा। वहां से मंजूरी मिलने के बाद इसे लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।  कई मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है। कि  महामारी के मौजूदा समय में स्क्रैपेज पॉलिसी अर्थव्यवस्था के लिए संजीवनी का काम करेगी। स्क्रैपेज पॉलिसी में 15 साल पुरानी गाड़ियों को सड़कों से हटाने का प्रावधान खत्म कर दिया गया है। लेकिन ऐसी गाड़ियों को चलाने के लिए हर साल फिटनेस सर्टिफिकेट लेना पड़ेगा। इसके साथ ही रजिस्ट्रेशन रिन्यू (पंजीकरण नवीनीकरण) कराने की फीस को बढ़ाकर दो से तीन गुना कर दिया गया है। इससे वाहन मालिक पुरानी गाड़ियों को बेचकर नई गाड़ी खरीदने के लिए आकर्षित होंगे।           


96 सालों से रूस में रखा है 'लेनिन' का शव

मास्को। रूसी क्रांति के सबसे बड़े चेहरे व्लादीमीर लेनिन की अगुवाई में ही रूस जार शासन से मुक्त हुआ था। उनके ही नेतृत्व में रूसी क्रांति के बाद साल 1922 में सोवियत संघ की स्थापना हुई और बाद में ये विश्व की महाशक्तियों में शामिल हुआ। लेकिन क्या आपको ये बात पता है कि 96 साल पहले मर चुके लेनिन की डेड बॉडी अभी तक रूस में सुरक्षित रखी हुई है। लोग ऐसा भी कहते हैं कि लेनिन का मृत शरीर सालों-साल के बाद भी ज्यादा तरोताजा होते जा रहा है।


अमेरिका-ताइवान की दोस्ती से खफा चीन

ताइपे/ वाशिंगटन डीसी/ बीजिंग। चीन ने शनिवार को लगातार दूसरे दिन ताइवान की तरफ और भी लड़ाकू विमान भेजे। चीन ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जब ताइवान के वरिष्ठ नेता, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी और एक उच्च स्तरीय अमेरिकी दूत ताइवान को लोकतांत्रिक व्यवस्था में तब्दील करने वाले पूर्व राष्ट्रपति ली तेंग हुई को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। अमेरिका की विदेश उप मंत्री किथ क्राच कार्यक्रम में मौजूद रहे, लेकिन कार्यक्रम में उनकी उपस्थिति पर चीन ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई और शुक्रवार को ताइवान जलडमरुमध्य के ऊपर 18 लड़ाकू विमानों को भेजा, असमान्य तरीके से इतने बड़े पैमाने पर शक्ति प्रदर्शन किया गया है।                  


संसद की कार्रवाई में भाग लेंगे गृहमंत्री शाह

कोरोना को मात देने के बाद संसद की कार्यवाही में भाग लेंगे अमित शाह।


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह लोकसभा में सभा पटल पर पत्र रखेंगे और विदेशी अभिदाय (विनियमन) संशोधन विधेयक, 2020 सहित दो अन्य विधेयक सदन में पेश करेंगे। निचले सदन की पुनरीक्षित कार्य सूची में इसका खुलासा किया गया। कोरोना वायरस या कोविड-19 महामारी को मात देने के बाद संसद के मानसून सत्र के दौरान यह उनकी पहली उपस्थिति होगी।
पिछले महीने वह कोरोना से संक्रमित हो गए थे। मंत्री के सदन की कार्यवाही में शामिल होने की उम्मीद है जब अपराह्न 3 बजे इसकी कार्यवाही शुरू होगी। वह अपने दो कनिष्ठ मंत्रियों- नित्यानंद राय और जी किशन रेड्डी के साथ उपस्थित होंगे। निचले सदन की कार्यसूची में इसका जिक्र किया गया है।
सदन की कामकाज की सूची के अनुसार, अमित शाह गृह मंत्रालय के लिए सभा पटल पर पत्र रखेंगे और फिर वह विदेशी अभिदाय (विनियमन) संशोधन विधेयक, 2020 को प्रस्तावित करेंगे जो विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम, 2010 में संशोधन की मांग करता है।
शाह नेशनल फोरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी बिल, 2020 को भी सदन में विचार और पारित कराने के लिए प्रस्तावित करेंगे। यह राष्ट्रीय विधि विज्ञान विश्वविद्यालय के नाम से ज्ञात एक संस्था को अध्ययन और अनुसंधान के मामले में राष्ट्रीय महत्व का संस्थान बनाने और संवर्धन करने के बारे में है।
गृह मंत्री राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय विधेयक, 2020 को भी प्रस्तावित करेंगे। यह राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के रूप में ज्ञात संस्था को राष्ट्रीय महत्व की संस्था के रूप में घोषित करने और उसके निगमन के बारे में है। शाह के शनिवार को सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने की उम्मीद थी, हालांकि किसी कारणवश कार्यवाही में शामिल नहीं हुए।                 


मुश्किल में चीन, यूरोप ने भी दिखाए तेवर

वाशिंगटन डीसी/ बीजिंग/ नई दिल्ली। अमेरिका और भारत से बिगड़ते संबंधों के बीच चीन की यूरोप को साधने की कोशिशें अब नाकाम होती दिख रही हैं। पिछले हफ्ते पांच यूरोपीय देशों के दौरे पर गए न सिर्फ  चीनी विदेश मंत्री वांग यी को जनाक्रोश का सामना करना पड़ा बल्कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग की यूरोपीय राष्ट्राध्यक्षों से ऑनलाइन मुलाकात भी फीकी ही रही। विशेषज्ञों का कहना है कि पहले निवेश साझेदारी को लेकर जिनपिंग को काफी ‘फेवर’ मिल रहा था लेकिन अब उनकी नीतियों और मानवाधिकार उल्लंघन के खिलाफ यूरोप के कमोबेश हरेक देश में बड़ा रोष है।               


सीएम योगी ने 'दा साबरमती रिपोर्ट' मूवी देखी

सीएम योगी ने 'दा साबरमती रिपोर्ट' मूवी देखी  संदीप मिश्र  लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भी 'दा साबरमती रिपोर्ट' मूवी के टैक्स फ्री ...