रविवार, 20 सितंबर 2020

केंद्रीय मंत्री की एसएसपी को खुली चेतावनी

भानु प्रताप उपाध्याय 


केंद्रीय मंत्री की एसएसपी को खुली चेतावनी, व्यापारी पलायन करेगा तो पुलिस भी जाएगी 


मुज़फ्फरनगर। थाना भोपा क्षेत्र के मोरना में तीन दिन पूर्व हुयी दवा व्यापारी की हत्या के बाद क्षेत्र के व्यापारीयो का मुज़फ्फरनगर पुलिस से भरोसा उठता नजर आ रहा है। व्यापारी अपनी जान माल की सुरक्षा को लेकर चिंतित नजर आ रहा है। जिसके चलते आज मोरना क्षेत्र के व्यापारियों द्धारा बाज़ारो में अपनी संपत्ति बेचने के पोस्टर लगाए है वंही जनपद मुज़फ्फरनगर से पलायन करने की तैयारी  कर रही है। व्यापारीयो के पलायन की सूचना पर जंहा पुलिस विभाग में हड़कम्प मचा है। वंही पलायन की सूचना से दुखी होकर मुज़फ्फरनगर सांसद और केंद्रीय मंत्री ने जंहा मृतक दवा व्यापारी के परिवार को सांत्वना दी वंही व्यापारीयो के बीच पंहुचकर व्यापारीयो को भरोसा दिलाते हुए एसएसपी को आड़े हाथ लेते हुए चेतावनी दे डाली की यदि  जनपद का व्यापारी बदमाशों के डर से पलायन करेगा तो पूरी पुलिस को भी मुज़फ्फरनगर से पलायन करना होगा। मुज़फ्फरनगर व्यापारीयो के पलायन की सूचना पर मृतक दवाई व्यापारी अनुज कर्णवाल के घर  सांत्वना देने पहुँचे केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ संजीव बालियान ने भी व्यापारियों की पीड़ा सुन सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मामले से अवगत कराने की बात कही और पीड़ित परिवार को मुआवजा दिलाने का भी आश्वाशन दिया। व्यापारीयो और पत्रकारों से रूबरू हुए केंद्रीय मंत्री डॉ संजीव बालियान ने कहा की बहुत दुखी हूँ क्योंकी सरकार का हमेशा अगर इस तरह की घटनाये है घटना हो चुकी हमारे बीच से जा चूका है। माइनर ADG से भी बात की है ,व्यापारीयो ने बताया की इस तरह की घटनाये पहले भी घट चुकी है। मैं व्यक्तिगत रूप से देखूंगा।  जनपद में बहुत दिनों से माहौल बहुत ठीक था लेकिन इस तरह की घटनाओ की शुरूआत होना हम सभी के लिए चिंता की बात है।  कोई भी हो ऐसी सख्त कार्यवाही होगी की शायद इस क्षेत्र में दोबारा इस तरह की घटना न हो। मुझे दुख है कप्तान को  तुरंत यंहा पहुंचना चाहिए था की क्योकि यह सामान्य हत्या नहीं है। ये आपसी दुश्मनी की हत्या होती तो हम मान लेते लेकिन जिस तरह व्यापारी की हत्या हुई है तो उसकी तह में भी जायेंगे मुख्य मंत्री जी को भी सभी बातो से अवगत कराऊंगा परिवार की मदद करने का भी प्रयास करूंगा। अगर व्यापारी जायेंगे तो सारी पुलिस भी जाएगी मुज़फ्फरनगर से व्यापारीयो के जाने के बाद फिर इनकी क्या आवश्यकता रह जाएगी हम खुद कर सकते है। ये जिम्मेदारी जिले के कप्तान की है , जवाबदेही कप्तान की है कप्तान को कम से कम भारतीय जनता पार्टी सरकार में पुलिस फ्री हैंड है। कोई राजनितिक दबाव कही नहीं है हमने कभी भी राजनितिक प्रतिनिधि ने राजनैतिक दबाव नहीं दिया है यदि कप्तान वाहवाही लेना चाहते है तो इस तरह की घटनाओ की जिम्मेदारी भी कप्तान को लेनी पड़ेगी। 


शामलीः अवैध हथियारों के साथ 1 गिरफ्तार

भानु प्रताप उपाध्याय


थाना कोतवाली शामली पुलिस द्वारा अवैध तमंचा पौना के साथ एक अभियुक्त गिरफ्तार


शामली। पुलिस अधीक्षक शामली के आदेश अनुसार चलाए जा रहे हैं अभियान चेकिंग संदिग्ध व्यक्ति वाहन के अनुपालन में अप्पर पुलिस अधीक्षक शामली के निर्देशन एवं क्षेत्राधिकारी नगर के कुशल नेतृत्व में थाना कोतवाली पुलिस द्वारा सूचना पर एक अभियुक्त को एक अवैध तमंचा पौना 12बोर मय एक जिंदा कारतूस सहित गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है।गिरफ्तारी एवं बरामदगी के संबंध में थाना कोतवाली शामली पर सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर आवश्यक वैधानिक कार्रवाई की जा रही है पकड़े गए। आभियुक्त ने अपना नाम सरवर पुत्र इकराम निवासी जहान पुरा थाना कैराना जनपद शामली बताया।                


संस्थाः पुलिस आरक्षको के वेतन में हो वृद्धि

पुलिस आरक्षको के वेतन में हो वृद्धि हिन्दू शक्त्ति सेवा संगठन।


दुर्ग। पुलिस आरक्षकों के वेतन वृद्धि को लेकर हिन्दू शक्त्ति सेवा संगठन के द्वरा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष तामेश तिवारी ने मिडिया से बात करते हुवे बताया कि अन्य सरकारी कर्मचारियों के वेतन के अपेक्षा पुलिस आरक्षकों का वेतन बहुत ही कम है। जबकि आम जनता की हर मुसीबत औऱ परेशानीयो में सिर्फ और सिर्फ पुलिस ही काम आती है। कोरोना जैसे महामारी में अपनी जान की परवाह न करते हुवे दिन रात अपनी सेवा पुलिस ही दे रही है।
पुलिस विभाग की रीढ़ होती है लेकिन आर्थिक कमजोरी की वजह ये कमजोर होते जा रहेंं, अवसाद ग्रस्त होते जा रहेंं, जिनकी वजह से कई पुलिस वाले आत्महत्या तक कर चुके है। वर्तमान में इन्हें आधारभूत सुविधाये भी प्राप्त नही है।
अधिकांश पुलिस वाले अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए इन्हें बैंक से लोन लेना पड़ता है। पुलिस वाले न तो कोई दूसरा व्यवसाय कर सकते है, और ना ही अपने मांगो को पूरा करने के लिए धरना प्रदर्शन या हड़ताल करने का अधिकार होता है। देश मे कानून व्यवस्था बनाये रखने में पुलिस का महत्वपूर्ण योगदान होता है। सुरक्षा और शान्ति का दूसरा नाम पुलिस है। और इन्ही का वेतन कम होना बहुत ही दुखद है।
पुलिस आरक्षकों के वेतन वृद्धि के लिए भिलाई जिला संयोजक योगेश्वर मानिकपुर के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया।जिसमें पुलिस आरक्षकों का ग्रेड वेतन 2800 करने की मांग की गई।वही संयोजक योगेश्वर मानिकपुरी ने मीडिया से बात करते हुए बताया,कि पुलिस आरक्षकों के वेतन वृद्धि व भत्ते बढ़ाने की  जरूरत काफी अरसे से है,लेकिन शाशन प्रशाशन का रवैया निराशाजनक रहा है। संगठन के द्वरा मुख्यमंत्री जी को ज्ञापन दिया गया,जिसमे पुलिस आरक्षकों का भत्ता व वेतन वृद्धि बढ़ाने की मांग की है।साथ मे तोशनन्द शुक्ला , टामेंद्र सिन्हा , संगीत सिंग , राजेन्द्र तिवारी उपस्थित थे।                


गूगल मीट पर हिंदू परिषद एवं बजरंग दल

विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल के गूगल मीट पर विश्व हिंदू परिषद


अश्वनी उपाध्याय/अतुल त्यागी


मेरठ। प्रांतीय प्रचार प्रसार प्रमुख  संजय भाई साहब के नेतृत्व में हुई। जिसमें सभी जिलों के प्रचार प्रसार प्रमुख और सह प्रमुख ने भाग लिया। जिसमे संजय भाई साहब ने बताया कि,कि संगठन के प्रचार प्रसार के लिए फेसबुक व्हाट्सएप ट्विटर, जीमेल का प्रयोग अधिक से अधिक करे।और न्यूज अखवार और न्यूज़ चैनल के माध्यम से प्रचार करें,और हमारी सनातन संस्कृति को सभी हिंदू बहन भाइयों तक पहुंचाने के लिए हर प्रकार की जो भी सही सामग्री आपको नजर आती है,उस पर कार्य करें। कार्यक्रम में सम्मिलित अथिति गण संजय कुमार प्रचार प्रसार प्रमुख मेरठ प्रांत,  संगठन मंत्री नागेंद्र भाई साहब,  ललित जोशी,सचिन त्यागी,राहुल गोस्वामी,संतोष कुमार,तेजभान सिंह,राघव मधुबन,आर्य बजरंग दल प्रशांत पंडित एवं संदीप गुप्ता हुए।


किसानों के एक धड़े में विद्रोह, बना विपक्ष

कृषि अध्यादेशों को लेकर किसानो में बनी असहमति एक धडे ने दिया समर्थन दूसरे ने किया विरोध।


झज्जर। केंद्र सरकार द्वारा किसानों के लिए लाए गए तीनों अध्यादेशों के मामले में माहौल गरम होने लगा हैं। कृषि अध्यादेशों को लेकर किसान दो धड़ों में बंटे नजर आये। चार दिन पहले अनाज मंडी में जहां किसान संगठनों एवं आढ़तियों ने अध्यादेश को किसान विरोध करार देते हुए प्रशासन को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा था। वहीं झज्‍जर में किसान उत्पादक संघ।प्रगति शील किसान संगठन। सहकारी किसान संगठन से जुड़े हुए विभिन्न गांवों के प्रतिनिधियों ने अलग अंदाज में ट्रैक्टर पर पहुंचते हुए मंडी में अध्‍यादेशों का समर्थन करते हुए प्रदर्शन किया। फिर सभी एक-साथ यहां से लघु सचिवालय तक पहुंचें। जहां पर उन्होंने केंद्रीय कृषि मंत्री को प्रेषित एक ज्ञापन सौंपते हुए अपनी ओर से आभार भी जताया। विभिन्न गांवों से जुड़े किसानों ने कहा कि किसानों की आर्थिक आजादी के लिए देश के बाजार खोलने की प्रक्रिया से खेती और किसान, दोनों को बढ़ावा मिलेगा। ऐसा होने से वह अपनी फसल को जहां भी चाहेंगे। वहां पर वह इसे आसानी से बेच पाएंगे। जबकि।अनुबंध खेती के नियम भी किसान के हित में बनाए गए हैं। साथ ही उन्हें पूरी तरह से सुरक्षित भी रखा गया है। जिसमें बाहरी कोई भी कंपनी किसानों के हितों के साथ कुठाराघात कतई नहीं कर सकती। इसी क्रम में आवश्यक वस्तु अधिनियम में किसान हित में दी गई संतुलित छूट भी काला बाजारी को रोकने में मददगार साबित होगी।
किसानों ने अपने ज्ञापन में सरकार से आग्रह किया है। कि सभी ई-प्लेटफार्म सरकारी हो या सरकार अन्य। सरकार की कठोरतम निगरानी में रखे जाए। ताकि, किसानों के साथ किसी भी तरह धोखाधड़ी नहीं हो। किसान के अपने उत्पादों की बिक्री के अतिरिक्त अन्य किसानों से व्यापार करने वाले किसानों, किसान उत्पाद संघ, व्यापारियों पर कुछ गारंटी का दायित्व जरूर लाए। जहां पर भी खरीद-फरोख्त हो। वहां पर निगरानी रखी जाए। उप-मंडल अधिकारी के स्तर पर विवाद का निपटान उचित है। क्योंकि अदालती पक्ष में समय ज्यादा लगता है।               


खट्टर घबराया, बातचीत की करी अपील

किसान आंदोलन से घबराए हरियाणा मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपील करते हुए आंदोलन की आड़ में असमाजिक तत्व हिंसा ने फैला दे। आंदोलन छोड़कर बातचीत करने की करी अपील।


राणा ओबरॉय


चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यहां जारी एक अपील में किसानों के हितों की सुरक्षा के प्रति हरियाणा सरकार की सतत् प्रतिबद्धता को पुन। स्पष्ट करते हुए कहा कि जहां लोकतंत्र में सभी को अपनी बात कहने का अधिकार है। वहीं प्रदेश में शांति व्यवस्था बनाए रखना सरकार का परम कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि तीनों अध्यादेश पूरी तरह किसान हित में हैं ।और यह दुख की बात है। कि विपक्षी दल अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए भोले-भाले किसानों को बरगला और भटका रहे हैं।उन्होंने स्वयं किसान पुत्र होने के नाते सभी किसान भाइयों से दीनबंधु चौ. छोटूराम जी की उस बात को याद करने की भी अपील की जिसमें उन्होंने किसानों को अपना दुश्मन पहचानने का आह्वान किया था। उन्होंने कहा कि इस समय जो लोग केंद्र सरकार के अध्यादेशों को लेकर भ्रम फैला रहे हैं वे किसानों के असली दुश्मन हैं। और अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए किसानों की शक्ति का दुरूपयोग करना चाहते हैं।
उन्होंने किसान संगठनों से अनुरोध किया कि वे 20 सितंबर के कार्यक्रम के दौरान यह सुनिश्चित करें कि नागरिकों तथा यात्रियों को कम से कम असुविधा हो। विशेषकर अस्पताल जा रहे मरीज।गर्भवती महिला आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करने वाले वाहनों के रास्ते में कोई रूकावट न आए। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में प्रदर्शन करना हर किसी का अधिकार है। लेकिन आंदोलन का शांतिपूर्ण होना एवं कानून-व्यवस्था बने रहना भी जरूरी है। उन्होंने किसानों को सचेत करते हुए यह भी कहा कि कई बार आंदोलन की आड़ में असमाजिक तत्व अपने स्वार्थों की पूर्ति के लिए हिंसा फैला देते हैं जिससे आंदोलन बदनाम होते हैं। इसलिए शरारती तत्वों से सावधान रहना बहुत जरूरी है। मुख्यमंत्री ने विश्वास दिलाया कि हरियाणा का मुख्यमंत्री होने से पहले किसान होने के नाते उनके लिए किसान हित सर्वोपरि हैं। उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार के अध्यादेशों में किसान के हित को जरा सी भी आंच आती होती तो वे इनका विरोध करने वाले पहले व्यक्ति होते। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी नेता बार-बार किसान की फसल भविष्य में समर्थन मूल्य पर न बिकने का झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा में उनके कार्यकाल में हर सीजन में फसल का दाना-दाना समर्थन मूल्य पर खरीदा गया है।और सरकार आगे भी एक-एक दाना खरीदने के लिए प्रतिबद्ध हैं।विपक्षी नेताओं द्वारा केंद्र के अध्यादेशों से भविष्य में मंडियां बंद हो।जाने की आशंका का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने संकल्प व्यक्त किया कि मण्डी व्यवस्था पहले की तरह जारी ही नहीं रहेगी बल्कि पहले से भी अधिक मजबूत की जाएगी ताकि किसानों को फसल बेचने के लिए किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े।             


पुलिस की शान टोपी-वर्दी से परहेज क्यों ?

पुलिस की शान टोपी और वर्दी फिर परहेज क्यो


चरवा थाने के दरोगा से लेकर सिपाही तक करते हैं बिना वर्दी के डियूटी


इसी बीच मे चरवा थाने का एक सिपाही बिना नेम प्लेट के ही कर रहा है डियूटी


कौशांबी। चरवा कौशाम्बी चरवा थाने के दरोगा से लेकर सिपाही तक टोपी व नेम प्लेट लगाने से कतराते हैं। चरवा थाने क्षेत्र के बेरुवा चौराहे पर शनिवार को वाहन चेकिंग के दौरान दरोगा बिना व माक्स टोपी के नजर आए और सिपाही तो बिना नेम प्लेट के ही दिखाई पड़े पुलिस की शान उसकी वर्दी और टोपी नेमप्लेट आदि है। बरियावा चौकी इंचार्ज लखनलाल मिश्रा तो हाफ पैंट पहन कर डियूटी करते दिखाई दिए है।
इसी के भरोसे तो आम जनता  पुलिस को कानून का रखवाला मानती  हैं। लेकिन अफसोस कौशाम्बी जनपद के चरवा थाने के दरोगा से लेकर सिपाही  तक टोपी पहनने से परहेज करने लगे हैं। पुलिस के लिए टोपी पहनना उतना ही जरूरी है।जितना पेंट-शर्ट, वर्दी पर नेम प्लेट, नंबर बैज, बेल्ट और जूते-मोजे। इनमें से कोई एक मौजूद न हो तो वर्दी पूरी नहीं मानी जाती। ट्रेनिंग में खासतौर पर इसकी जानकारी दी जाती है।इसके महत्व को समझाया जाता है। इसके बाद सेवा में आते ही उन्हें कैप पहनना अच्छा नहीं लगता। आज की रिपोर्ट टीम ने कौशाम्बी जिले में इसकी पड़ताल की। चरवा थाना से लेकर सिपाही तक बिना नेम प्लेट व टोपी के डियूटी करते मिले है।वर्दी टोपी के बिना डियूटी करने वाले इन पुलिस कर्मियों पर अब आलाधिकारियों का चाबुक कब चलेगा जनता इसके इंतजार में है।


सुशील दिवाकर


'पीएम' मोदी ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला

'पीएम' मोदी ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला  इकबाल अंसारी  नई दिल्ली। संसद सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर...