शनिवार, 19 सितंबर 2020

छत्तीसगढ़ में तेजी से फैल रहा है संक्रमण

81 हजार से ज्यदा हुआ प्रदेश में कोरोना संक्रमण का आंकड़ा, शुक्रवार को मिले 3842 नये कोरोना मरीज।


रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण एक लाख के आंकड़े को पार करने को आतुर हो चला है, शुक्रवार को प्रदेश में 3842 नये कोरोना मरीज पाए गए हैं, इसके साथ ही प्रदेश में कोरोना संक्रमितोंकी संख्या 81617 हो गई है, जबकि 36580 लोग अभी कोरोना से प्रदेश में बीमार है, प्रदेश में शुक्रवार को कोरोना से स्वस्थ्य हुए लोगों की संख्या 3281 है, जिसमें से 2614 लोगों को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया है, जबकि होम आइसोलेशन को 667 लोगों ने पूरा किया है, वहीँ 17 लोगों ने 24 घंटे के भीतर कोरोना संक्रमण से मौत भी हुई है।
जिलेवार आंकड़ा देखें तो रायपुर में आज 672 नये कोरोना मरीज मिले हैं, वहीं दुर्ग में 436, जांजगीर में 334, राजनांदगांव में 309, बिलासपुर में 302, कोरबा में 185, रायगढ़ में 168, बस्तर में 163, बीजापुर में 145, दंतेवाड़ा में 133, धमतरी में 118, नारायपुर में 91, बालोद में 90, कबीरधाम में 65, सुकमा-कांकेर में 63-63, बलौदाबाजार, सूरजपुर व सरगुजा में 62-62, बेमेतरा से 56, मुंगेली से 51, कोंडांगांव से 47, कोरिया से 43, गरियाबंद से 38, जीपीएम से 35, जशपुर से 30, बलरामपुर से 15, महासमुंद से 3, अन्य राज्य से एक मरीज मिले हैं।
मौत के आंकड़े की बात करें तो रायपुर में 5 लोगों की मौत हुई है, वहीं गरियाबंद में दो, रायगढ़ में 2, बिलासपुर में 1, मुंगेली में 1, कोरिया में 2, उत्तर बस्तर में 1, कांकेर में 1, जांजगीर में 1 मौत हुई है।             


दंगों को लेकर आईपीएस आएं आमने-सामने

दिल्ली दंगों को लेकर दाखिल चार्जशीट पर आईपीएस आमने-सामने…26 आईपीएस अफसरों ने लिखा एक सार्वजनिक पत्र।


नई दिल्ली। दिल्ली में इसी साल फरवरी माह में हुए दंगों को लेकर दिल्ली पुलिस ने तकरीबन 17500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है। इसको लेकर अब आईपीएस अधिकारियों में दो खेमें हो गए हैं। बता दें कि पूर्व पुलिस ऑफिसर जूलियो रिबेरो के पत्र के जवाब में 26 आईपीएस अफसरों ने एक सार्वजनिक पत्र लिखा है। इस सार्वजनिक पत्र में आईपीएस अफसरों ने लिखा है, “पूर्व पुलिस अधिकारियों ने अपने जीवन में पूरे देश में अलग-अलग क्षमताओं में देश सेवा की है। जूलियो फ्रांसिस के नेतृत्व में कुछ साथी पूर्व पुलिस अधिकारियों का आचरण हैरान करने वाला है, महाराष्ट कैडर के रिबेरो आईपीएस (सेवानिवृत्त) हैं, जब वह पंजाब में आतंकवाद का सफाया करने के काम में जुटे हुए थे तब उन्होंने प्रसिद्ध वाक्यांश ‘BULLET FOR A BULLET’ को गढ़ा था, अब वे भारत विरोधी अभिव्यक्ति और सांप्रदायिक का समर्थन कैसे कर सकते हैं।उमर खालिद जैसे लोग जिन्होंने नारा दिया “भारत की बर्बादी तक जंग रहेगी” के समर्थन में रिबेरो और उनके सहयोगी कैसे समर्थन कर सकते हैं”पत्र में आगे लिखा गया है, “कानून की प्रक्रिया है और कानून से ऊपर कोई नहीं है, दिल्ली पुलिस के पास किसी भी अपराध की जांच करने का आधिकार है। किसी भी आरोपी की जांच नियत कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा है। आरोपी के पास भी कानूनी अधिकार है जिसका वह अग्रिम जमानत या नियमित जमानत, जैसा भी मामला हो इस्तेमाल करने के लिए स्वतंत्र है। मुकदमे में ट्रायल के दौरान आरोपी खुद को निर्दोष साबित भी कर सकता है।
पत्र में लिखा है, “पूर्व पुलिस अधिकारियों का एक वर्ग खुद के लिए या अपने पसंद के व्यक्ति के लिए नियम नही गढ़ सकता है, और किसी को भी निर्दोष घोषित नहीं कर सकता है इसके लिए न्यायालयों के पीठासीन अधिकारियों का कार्यालय है या कोर्ट बना है। श्री गुरु जैसे अधिकारी पुलिस बल की छवि खराब करने का प्रयास कर रहे हैं, इन अधिकारियों के पास भारतीय पुलिस सेवा में उनके उत्तराधिकारी की क्षमता और व्यावसायिकता पर संदेह या सवाल करने का कोई अधिकार नहीं है, ऐसा करके रिबेरो जैसे अधिकारी पुलिस बल का मनोबल गिराते हैं।
पत्र में लिखा है “ऐसी टिप्पणियों से पुलिस अधिकारियों की अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने की दृढ़ निश्चय और शक्ति प्रभावित हो सकती हैं, खास तौर पर ऐसे अपराधी जो देश में सांप्रदायिक विभाजन कर दंगे भड़काने की कोशिश करते हैं। हम, पूर्व पुलिस अधिकारी किसी भी ऐसे बयान या पूर्व पुलिस अधिकारियों के किसी भी ऐसे प्रेरित समूह को अस्वीकार करते हैं, जो पुलिस बल और उसके सेवारत अधिकारियों को बदनाम करने के उद्देश्य से दिए गए हैं।           


हड़ताल पर विभाग के 450 संविदा कर्मचारी

आराजी ब्रेकिंग: स्वास्थ्य विभाग के 450 संविदा कर्मचारी आज से हड़ताल पर..कोरोना संकट के बीच जिले के स्वास्थ्य सेवाओं पर भी पड़ेगा गहरा असर।


रायगढ़। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत काम करने वाले पूरे प्रदेश से 13000 सविंदा कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जिसमें जिले के भी 450 सविंदा कर्मचारी एंवम अधिकारी नियमतिकरण एंवम अन्य मांगों को लेकर आज 19 सितम्बर से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर रहेंगे।
विदित हो कि छत्तीसगढ़ सरकार ने चुनाव के पूर्व अपने घोषणा पत्र में अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था। जिसे सरकार ने अभी तक पूर्ण नही किया है। जिसके चलते एनएचएम कर्मचारियों के संघ ने सरकार को 13 सितंबर तक अपने मांगों पर विचार करने हेतु समय भी दिया था। इसी बीच कर्मचारियों के द्वारा हाथों में काली पट्टी बांधकर काम करते हुए पूरे प्रदेश में सांकेतिक विरोध प्रदर्शन भी जारी था, लेकिन सरकार के द्वारा कुछ भी पहल नही होने के कारण 19 सितंबर से रायगढ़ के 450 कर्मचारियों समेत पूरे प्रदेश एनएचएम संघ के अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए है।
आरआईजी24 संवाददाता से हुई बातचीत में रायगढ़ एनएचएम जिला संघ के अध्यक्ष ईश्वर दिनकर ने बताया कि “ एनएचएम कई दफा शासन को मांग पूर्ण करने हेतु ज्ञापन दे चुका है, लेकिन अब तक शासन से किसी प्रकार का सकारात्मक जबाब नही मिला है। इससे सभी सविंदा स्वास्थ्य कर्मचारियों में घोर निराशा व आक्रोश व्याप्त है।इसके चलते प्रदेश सविंदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के आव्हान पर पूरे प्रदेश के 13000 कर्मचारियों के साथ रायगढ़ जिले के 450 सविंदा अधिकारी व कर्मचारियों ने भी 9 सितंबर से नियमितीकरण का शंखनाद किया था।जिसमें सांकेतिक विरोध प्रदर्शन जारी था।
हमारी मांगों पर विचार करने के लिए सरकार को 5 दिन का समय भी दिया गया था। इसके बाद भी सरकार की ओर से कोई निर्देश जारी नही हुआ। इसके चलते हम सभी आज शनिवार से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर बैठ रहे है।जब तक मांगे पूरी नही होंगी तब तक हम काम पर वापस नही लौटेंगे।
काम की तुलना में वेतन मिल रहा कम।
“प्रांतीय संघ के आवह्यन पर 19 सितंबर से एनएचएम के संविदा कर्मचारी नियमितीकरण की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे। जिले में करीब 450 कर्मचारी कार्यरत है, इनसे सभी तरह के काम लिए जा रहे हैं, लेकिन इसकी तुलना में वेतन और सुविधाएं दोनों कम है।
-अतीत राव, सचिव जिला एनएचएम संघ रायगढ़।
जिले की स्वास्थ्य व्यवस्थाओ पर पड़ेगा गहरा असर।
कोविड 19 का प्रकोप दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है।जिले में इसी हफ्ते कोरोना केस ने 200 के अधिकतम आंकड़े को भी पार किया। वही अभी तक जिले में 39 लोगो की मृत्यु हो चुकी है। फ़िर भी स्वास्थ्य विभाग का आलम यह है, कि कोरोना के पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद भी मरीजो को सही समय पर उचित उपचार मुहैय्या नही करवा पा रहा है। कोविड केअर सेंटर में आये दिन खाने को लेकर शिकायते मिलती ही रहती है। फिर भी स्वास्थ्य विभाग में सक्रियता नही दिख रही है और इस तरह से पूरे जिले के 450 संविदा कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से स्वास्थ्य व्यवस्था की कमर ही टूट जाएगी।क्योंकि जिले के ग्रामीण क्षेत्रो के अधिकांश अस्पतालों में यही 450 स्वास्थ्य कर्मचारी कार्यरत है। इस हड़ताल का सीधा असर मुख्यालय पर भी देखने को मिलेगा। जिसमें पूरे प्रदेश के लगभग 13000 कर्मचारियों का हड़ताल रहेगा।
सरकार की अब तक की प्रतिक्रिया।
हड़ताल की सूचना होने पर बीती रात सूबे के स्वास्थ्य व पंचायत मंत्री टी एस सिंह देव ने अपना वीडियो जारी करके स्वास्थ्य कर्मचारियों को हड़ताल पर नही जाने की अपील की है। जबकि इसके पूर्व 13000 अनियमित कर्मचारियों के होते हुए भी 2100 रेगुलर पोस्ट के लिए अलग से वेकैंसी निकाली गई थी। अब देखा जाना दिलचस्प होगा कि छत्तीसगढ़ सरकार अपने वादे को पूरा करती है या छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य सेवायो के साथ समझौता। क्योंकि छत्तीसगढ़ में अभी तक कोरोना ने 81617 के आंकड़े को पार कर लिया है और लगातार कोरोना का कहर जारी है।           


क्षतिपूर्ति की बकाया जारी करने की अपील

सांसद फूलोदेवी नेताम ने वित्त मंत्री सीतारमण को लिखा पत्र, जीएसटी क्षतिपूर्ति की बकाया राशि शीघ्र जारी करने की अपील।


रायपुर। सांसद फूलोदेवी नेताम ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ की जीएसटी क्षतिपूर्ति की बकाया राशि शीघ्र जारी करने की अपील  की है।छत्तीसगढ की बकाया राशि अप्रैल से जुलाई तक 2827 करोड रुपए है, सांसद फूलोदेवी नेताम द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में सरकार ने क्षतिपूर्ति के लिए पैसा नहीं होने की बात कही है।
गौरतलब है कि कोरोना काल में जीएसटी क्षतिपूर्ति की बकाया राशि का भुगतान इन दिनों बड़ा मुद्दा बना हुआ है। एक तरफ केंद्र सरकार राज्यों से रिजर्व बैंक के जरिए ऋण लेने की बात कह रही है, तो दूसरी ओर राज्य सरकार का माना है, जैसा कि सांसद फूलोदेवी नेताम के पत्र से स्पष्ट है कि राज्य सरकार के बैंक से ऋण लेने की स्थिति में भविष्य में केंद्र की ओर से भुगतान को लेकर अनिश्चितता बनी रहेगी। राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप सांसद फूलोदेवी नेताम ने वित्त मंत्री से केंद्र से बैंक से ऋण लेकर राज्य को भुगतान करने की अपील की है।           


मुंबईः 8 हस्तियों को 'कोर्ट' ने भेजा नोटिस

अभिनेता सलमान खान और करण जौहर समेत 8 हस्तियों को कोर्ट ने भेजा नोटिस…ये है वजह।


मुंबई। सुशांत सिंह राजपूत केस में देश की तीन बड़ी एजेंसियां जांच कर रही हैं। इस मामले में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। ड्रग एंगल सामने आने के बाद लगातार गिरफ्तारियों का दौर भी जारी है। इस बीच मुजफ्फरपुर जिला न्यायालय ने सलमान खान और करण जौहर सहित आठ हस्तियों को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है। इस मामले में मुजफ्फरपुर के वकील सुधीर ओझा के परिवाद पर कोर्ट ने सलमान खान, करण जौहर, आदित्य चोपड़ा, संजय लीला भंसाली, एकता कपूर, साजिद नाडियावाला, भूषण कुमार और दिनेश विजयन को सात अक्तूबर को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा है।
सुधीर ओझा ने मुजफ्फरपुर सीजेएम कोर्ट में इन सभी स्टार्स पर सुशांत को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाते हुए 17 जून को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में भादवि की धाराओं 306, 109, 504 और 506 के तहत उक्त परिवाद दायर किया था। कोर्ट को दिए पुनर्विचार याचिका में कहा गया है कि अभिनेता की हत्या षडयंत्र के तहत की गई है। जिसे बिना जांच के ही आत्महत्या का मामला बताया जा रहा है।
सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े ड्रग्स मामले में नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने शुक्रवार को मुंबई में कई जगहों पर छापे मारे। एजेंसी ने पांच लोगों को हिरासत में लिया, जिनके पास से चरस और गांजा बरामद हुए हैं। हालांकि, इनका सुशांत केस से सीधा जुड़ाव नहीं है। सभी से पूछताछ हो रही है। 
गौरतलब है कि सुशांत का शव 14 जून को मुंबई स्थित उनके फ्लैट पर मिला था। पहले इस मामले की जांच मुंबई पुलिस कर रही थी। इसके बाद सुशांत के पिता की शिकायत के बाद बिहार पुलिस ने इस मामले की जांच की। अब ये मामला सीबीआई के पास है। इसके साथ ही ईडी और एनसीबी भी इसकी जांच में जुटी हैं। ‘छिछोरे’ की सक्सेस पार्टी में हुआ था ड्रग का इस्तेमाल, सुशांत के साथ शामिल हुई थीं श्रद्धा कपूर।           


इजरायल ने दोबारा लागू किया 'लॉकडाउन'

इस देश में दोबारा लॉकडाउन का ऐलान…21 दिनों तक लगाई सख्त पाबंदी।


जेरुसलम। इजरायल ने शुक्रवार को देश में दोबारा नेशनल लॉकडाउन लागू कर दिया। तीन हफ्ते तक लोगों पर सख्त पाबंदियां लगाई गई हैं।लोग अपने घरों से एक किमी से दूर नहीं जा सकते।दोबारा नेशनल लॉकडाउन लागू करने वाला इजरायल दुनिया का पहला देश है। लेकिन कई अन्य देश भी कोरोना की दूसरी लहर के खतरे का सामना कर रहे हैं।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा है कि ब्रिटेन में कोरोना की दूसरी लहर आती दिख रही है। उन्होंने छह महीने तक पाबंदियां लगाने की आवश्यकता जताई है।बोरिस जॉनसन का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर को लेकर ब्रिटेन स्पेन और फ्रांस से 6 हफ्ते पीछे है। उन्होंने कहा कि यह निश्चित है कि ब्रिटेन में दूसरी लहर आएगी,वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यूरोप में कोरोना की दूसरी लहर को लेकर गंभीर चिंता जाहिर की है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि यूरोप में खतरनाक रूप से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय निदेशक हंस क्लूज ने कहा कि केस बढ़ने को चेतावनी के तौर पर लेना चाहिए कि आगे क्या होने वाला है।
हंस क्लूज ने यह भी कहा कि हफ्ते में आने वाले मामले की संख्या उस वक्त से अधिक हो गई है जब मार्च में यूरोप में कोरोना वायरस अपने पीक पर था। यूरोपीय क्षेत्र में हफ्ते में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या 3 लाख को पार कर गई। यूरोप के आधे देशों ने अपने यहां बीते दो हफ्ते में नए मामलों में 10 फीसदी से अधिक बढ़ोतरी दर्ज की है।इनमें से 7 देशों में कोरोना के नए मामले दोगुने हो गए हैं।बता दें कि दुनिया में कोरोना के मामलों की कुल संख्या तीन करोड़ 69 लाख से अधिक हो गई है।जबकि 9 लाख 56 हजार से अधिक लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है।           


नपुसंक बनाए जाएंगे बलात्कारी, सजा मौत

बलात्कारी बनाए जाएंगे नपुंसक, मौत की सजा।


अबूजा। महिलाओं और बच्चियों के साथ बलात्कार की बढ़ती घटनाओं से जूझ रहे। नाइजीरिया में कदूना प्रांत की सरकार ने फैसला किया है कि तो स्विस बैंक में ऐसे खुलता ह अकाउंट किम जोंग ने सैन्य अधिकारी को सरेआम मरवाया, 90 गोलियों से किया छलनी। 2+2 वार्ता दूसरी बार टली,भारत-यूएस के रिश्तों में आई खटास।
महिलाओं और बच्चियों के साथ बलात्कार की बढ़ती घटनाओं से जूझ रहे। नाइजीरिया में कदूना प्रांत की सरकार ने फैसला किया है ।कि अब बलात्कारियों को सर्जरी करके नपुंसक बनाया जाएगा। यही नहीं जो अपराधी 14 साल से कम उम्र की बच्ची से हैवानियत करता है।उसे फांसी दे दी जाएगी। सरकार ने इस संबंध में कानून पर हस्ताक्षर कर दिया है।  दरअसल, कोरोना वायरस प्रतिबंधों की वजह से देश में बलात्कार की घटनाएं काफी बढ़ गई हैं। इससे लोगों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। जनता के गुस्से को देखते हुए राज्य के गवर्नर को आपातकाल की घोषणा करनी पड़ी है। गवर्नर नसीर अहमद इल रुफई ने कहा कि इस गंभीर अपराध से बच्चों को बचाने के लिए बेहद कड़े कदम उठाए जाने की जरूरत है। देश में बढ़ती रेप की घटनाओं को देखते हुए महिला संगठनों ने बलात्कारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने अफ्रीका महाद्वीप के इस सबसे अधिक आबादी वाले देश में बलात्कारियों को मौत की सजा देने की भी मांग की थी। राज्य के नए कानून में कहा गया है कि 14 साल से अधिक उम्र की लड़कियों के साथ बलात्कार करने पर बलात्कारियों को उम्रकैद की सजा दी जाएगी। 
यही नहीं सर्जरी करके बलात्कारियों को नपुंसक बना दिया जाएगा। वहीं अगर किसी महिला ने 14 साल से कम उम्र के बच्चे के साथ अगर रेप किया तो उसके गर्भाशय नाल को निकाल दिया जाएगा। पिछले दिनों पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी बलात्कारियों को फांसी देने का सुझाव दिया था। इमरान ने ऐसे बलात्कारियों को रासायनिक बंध्याकरण करने का भी सुझाव दिया था।  इमरान खान ने यौन दुव्यर्वहार करने वालों का एक नैशनल रजिस्टर बनाने का आह्वान किया। पाकिस्तानी पीएम ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि उन्हें लगता है।कि बलात्कारियों के तत्काल रासायनिक बंध्याकरण करने की जरूरत है। अगर ऐसा न हो तो कम से कम बलात्कारियों का जबरन सर्जरी कराया जाए ताकि वे भविष्य में दोबारा यौन अपराध न कर सकें।             


सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया

सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया  बृजेश केसरवानी  प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी ...