शनिवार, 19 सितंबर 2020

प्रियंका ने 'सीएम' योगी को लिखा पत्र

लखनऊ। कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने 12460 शिक्षक भर्ती में अभ्यर्थियों की तत्काल नियुक्ति को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि अभ्यर्थी हताश और परेशान हैं। उनके रोजगार के हक का सम्मान करते हुए उन्हें तत्काल नियुक्ति दीजिए।


प्रियंका गांधी ने अपने पत्र में लिखा, “योगी जी उत्तर प्रदेश का युवा बहुत परेशान और हताश है। कुछ दिनों पहले ही मैंने 12460 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग पर बातचीत की। इस शिक्षक भर्ती में 24 जिले शून्य जनपद घोषित थे यानि की इन 24 जिलों में कोई जगह नहीं खाली थी मगर अन्य जिलों की वैकेंसीज के लिए इन बच्चों ने मेरिट में स्थान प्राप्त किया। काउंसलिंग में हिस्सा लिया। इनको विद्यालय आवंटित हुआ, नियुक्ति पत्र भी छपे मगर मिले नहीं। अब तीन साल बीत जाने के बाद भी इन प्रतिभावान युवाओं की नियुक्ति नहीं हो पाई है।”


उन्होंने आगे लिखा, “ये युवा मजबूरी में कोर्ट कचहरी के चक्कर काट रहे हैं। इनमें से कई ऐसे बच्चे हैं जिनके जीवन संघर्ष से भरे हुए हैं। इनकी दर्दनाक कहानी सुनकर मुझे बहुत दुख हुआ। मैं समझ नहीं पा रही हूं कि सरकार ने इनके प्रति एक आक्रामक और निर्मम स्वभाव क्यों बनाया है जबकि यही उत्तर प्रदेश का भविष्य बनाने वाली पीढ़ी है और सरकार इनके प्रति जवाबदेह है।”         


किसानों के बिलों पर झूठ फैलाने में कांग्रेस

नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र में लाए गए कृषि से जुड़े तीन बिलों पर विपक्ष के विरोध के बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने निशाना साधा है। कहा है कि जिस तरह से नागरिकता संशोधन कानून पर कांग्रेस सहित समूचे विपक्ष ने झूठ फैलाकर दिल्ली में दंगा करा दिया, उसी तरह से अब पार्टी किसानों के बीच झूठ फैलाकर उन्हें भड़काने में जुटी है। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का मानना है कि कांग्रेस सहित समूचा विपक्ष किसानों के बीच भ्रम फैलाकर अपना उल्लू सीधा करने की कोशिश कर रहा है। कैलाश विजयवर्गीय ने किसानों को विपक्ष के बहकावे में न आने की अपील की। उन्होंने इस पूरे मामले की तुलना सीएए के दौरान हुए विरोध-प्रदर्शनों से की।


भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, “इस देश ने ‘नागरिकता संशोधन बिल’ के खिलाफ भ्रांति पैदा होते देखी है। अब वहीं ताकतें किसानों में ‘कृषि सुधार बिल 2020’ के खिलाफ गलतफहमियां पैदा कर रही हैं। ये बिल किसानों के हित में हैं। जो लोग इस बिल के विरोध में भड़का रहे हैं, वे आपके हितैषी नहीं है।” वहीं उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी ने भी कहा, “कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने पहले सीएए पर झूठ फैला दिल्ली में दंगा कराया। उसी तरह आज किसानों को आजादी दिलाने वाले बिल पर झूठ फैला रहे है। न तो सीएए से किसी की नागरिकता गई, ना ही किसानों के बिल से एमएसपी खत्म होगी। अब किसान देश में कहीं भी उत्पाद बेच सकेंगे।” भाजपा सांसद ने खुला बाजार और बंद भ्रष्टाचार का नारा भी दिया।         


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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण




यूनिवर्सल एक्सप्रेस   (हिंदी-दैनिक)












 सितंबर 20, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-37 (साल-02)
2. शनिवार, सितंबर 20, 2020
3. शक-1943, अश्विन, शुक्ल-पक्ष, तिथि-तीज, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 60:00, सूर्यास्त 06:30।


5. न्‍यूनतम तापमान 25+ डी.सै.,अधिकतम-35+ डी.सै.। आद्रता बनी रहेंगी।


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शुक्रवार, 18 सितंबर 2020

गूगल ने प्ले स्टोर से पेटीएम को हटाया

 गूगल ने प्ले स्टोर से पेटीएम को हटाया।


नई दिल्ली। गूगल ने अपनी पारदर्शी व अपराध विरोधी नीतियों का उल्लंघन करने के लिए प्ले स्टोर से लोकप्रिय भारतीय वित्तीय सेवा ऐप पेटीएम को हटा दिया है। पेटीएम भारत का सबसे तेजी से ग्रोथ करने वाला स्टार्टअप है। पे टीएम 50 मिलियन मासिक सक्रिय उपयोगकर्ताओं का दावा करता है।
पेटीएम उपयोगकर्ताओं को एक दूसरे के साथ पैसे का आदान-प्रदान करने की अनुमति देता है।भारत में शुक्रवार को पेटीएम प्ले स्टोर से गायब हो गया।गूगल ने कहा है।कि उसका प्ले स्टोर ऑनलाइन कैसीनो और अन्य अनियमित जुआ ऐप्स को अनुमति नहीं देता। ऐसे एप भारत में सट्टेबाजी की सुविधा प्रदान करते हैं।
एंड्रॉइड-निर्माता जो अधिकांश अन्य बाजारों में समान दिशा-निर्देशों को बनाए रखता है। इसके अतिरिक्त यह ध्यान दिया जाता है ।कि यदि कोई ऐप उपभोक्ताओं को बाहरी वेबसाइट पर ले जाता है। जो उन्हें असली पैसे जीतने के लिए भुगतान किए गए। टूर्नामेंट में भाग लेने की अनुमति देता है या नकद पुरस्कार देता है। इससे गूगल की नीतियों का उल्लंघ्न होता है।                


विश्व में संक्रमतो की संख्या 3 करोड़ के पार

विश्व में कोविड-19 के मामले तीन करोड़ के पार।


वाशिंगटन। वैश्विक स्तर पर कोरोना वायरस मामलों की कुल संख्या 3 करोड़ का आंकड़ा पार कर गई है, जबकि इससे होने वाली मौतों की संख्या बढ़कर 944,000 से अधिक हो गई है। यह जानकारी जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी ने शुक्रवार को दी। विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर सिस्टम साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएसएसई) ने अपने नए अपडेट में खुलासा किया कि शुक्रवार की सुबह तक, कुल मामलों की संख्या 30,065,728 हो गई और मृतकों की संख्या बढ़कर 944,604 हो गई।
सीएसएसई के अनुसार, दुनिया में सबसे अधिक संक्रमण के मामलों 6,674,070 और इससे हुई 197,615 मौतों के साथ अमेरिका सबसे खराब स्थिति वाला देश है। वहीं भारत 5,118,253 मामलों के साथ वर्तमान में दूसरे स्थान पर है, जबकि देश में संक्रमण से कुल मृत्यु 83,198 हुई है।
सीएसएसई के अनुसार, तीसरे स्थान पर ब्राजील (4,455,386) है और उसके बाद रूस (1,081,152), पेरू (744,400), कोलम्बिया (736,377), मैक्सिको (684,113), दक्षिण अफ्रीका (655,572), स्पेन (625,651), अर्जेंटीना (601,713), फ्रांस (454,266), चिली (441,150), ईरान (413,149), ब्रिटेन (384,083), बांग्लादेश (344,264), सऊदी अरब (328,144), इराक (307,385), पाकिस्तान (303,634), तुर्की (298,039), इटली (293,025), फिलीपींस (276,289), जर्मनी (269,048), इंडोनेशिया (232,628), इजरायल (175,256), यूक्रेन (170,373), कनाडा (142,879), बोलिविया (128,872), कतर (122,693), इक्वाडोर (122,257), रोमानिया (108,690), कजाकिस्तान (107,056), डोमिनिकन गणराज्य (106,136), पनामा (104,138) और मिस्र (101,641) हैं।
वहीं 10,000 से अधिक मौतों वाले अन्य देश ब्राजील (134,935), मैक्सिको (72,179), ब्रिटेन (41,794), इटली (35,658), फ्रांस (31,103), पेरू (31,051), स्पेन (30,405), ईरान (23,808), कोलंबिया (23,478), रूस (18,996), दक्षिण अफ्रीका (15,772), अर्जेंटीना (12,460), चिली (12,142) और इक्वाडोर (10,996) हैं।                     


मोदी ने खत्म की परिक्रमा संस्कृतिः नकवी

मोदी ने खत्म की ‘परिक्रमा संस्कृति’:नकवी।


नई दिल्ली। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता के गलियारे से ‘परिक्रमा संस्कृति’ खत्म कर ‘परिश्रम और परिणाम’ को प्रामाणिक बनाया, जिसने सत्ता के गलियारे से सत्ता के दलालों को ‘छू-मंतर’ कर दिया।
नकवी ने शुक्रवार को अपने ब्लॉग में लिखा कि सत्ता और सियासत के गलियारे में दशकों से परिक्रमा को ही ‘पराक्रम समझने वाले, ‘परिश्रम और परिणाम’ की कार्य संस्कृति के चलते हाशिये पर चले गए हैं। इसी ‘परिणामी मंतर’ ने सत्ता के गलियारे से सत्ता के दलालों को खत्म कर दिया।
उन्होंने कहा कि 2014 से पहले एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री को छोड़ने जाना-लेने जाना, मंत्रिमंडल के सदस्यों का ‘कर्मकांड’ माना जाता था, दशकों की यह व्यवस्था खत्म हुई; लाल बत्ती सरकार की धमक-धाक का हिस्सा थी, सामंती गुरुर वाली लाल बत्ती इतिहास का हिस्सा बन गई। सांसदों को सब्सिडी जन्मसिद्ध अधिकार लगता था, एक झटके में खत्म हुई। मंत्री-सांसद न रहने के बावजूद कुछ लोगों को सरकारी बंगलों पर कब्ज़ा रखना संवैधानिक अधिकार लगता था, उसे खत्म किया।
मंत्रालयों को मार्च से पहले बजट को उल-जुलूल तरीके से ख़त्म करना सरकार की प्राथमिकता थी, जिसके चलते उपयुक्त खर्च का प्रयास नहीं होता था, यह काम चलाऊ, दकियानूसी व्यवस्था खत्म हुई। प्रधानमंत्री, मंत्रियों, अधिकारियों के एक दिन के विदेशी दौरे के काम के लिए दस दिन सैर सपाटे और करोड़ों खर्च करने की व्यवस्था को खुद प्रधानमंत्री स्वयं के दौरों पर, केवल काम की सफर सीमा बांध कर, पूरी सरकार की सोंच में व्यापक परिवर्तन आये।
सरकारें बदलती थी, मंत्री बदलते थे पर वर्षों से मंत्रियों के निजी स्टाफ वही रहते थे, जिसका नतीजा होता था कि सत्ता के गलियारे में घूमने वाले दलाल और बिचौलिए उस निजी स्टाफ के जरिये बरकरार रहते थे, दस वर्षों से जमें निजी स्टाफ को मंत्रालय में रखने पर रोक लगाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेशेवर बिचौलियों के पर काट दिए।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा पहले प्रधानमंत्री, सचिव और उसके नीचे के अधिकारियों से कभी संपर्क-संवाद नहीं करते थे, ग्राउंड रिपोर्ट की जानकारी से रूबरू नहीं होते थे, जिसे पीएम मोदी ने बदल कर मंत्रियों के साथ-साथ अधिकारियों से “संवाद संस्कृति” शुरू की, जिसके चलते नौकरशाही की जवाबदेही-जिम्मेदारी बढ़ी है। पदम् अवार्ड जैसे प्रतिष्ठित सम्मान जो पहले केवल सियासी सिफारिशों के जरिये दिए जाते थे, आज उन लोगों को यह सम्मान दिया जा रहा है जो वास्तव में इसके हक़दार हैं।               


फिर से मेरे खिलाफ छापामार कार्यवाही की जाएगी

फिर से मेरे खिलाफ छापामार कार्यवाही की जाएगी  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भविष्यवाणी क...