शुक्रवार, 18 सितंबर 2020

शेयर बाजार में तेजी, 220 अंक ऊपर खुला

घरेलू शेयर बाजार की तेज शुरूआत, 220 अंक ऊपर खुला सेंसेक्स।


मुंबई। घरेलू शेयर बाजार की शुरूआत शुक्रवार को तेजी के साथ हुई। सेंसेक्स 220 अंकों की बढ़त के साथ 39,200 पर खुला। निफ्टी भी 68 अंकों की मजबूत बढ़त के साथ 11,584 पर खुला। एशिया के अन्य बाजारों से मिले सकारात्मक संकेतों से भारतीय शेयर बाजार में आरंभिक कारोबार के दौरान मजबूती बनी हुई थी।
सुबह 9.21 बजे सेंसेक्स पिछले सत्र से 157.08 अंकों यानी 0.40 फीसदी की तेजी के साथ 39,136.93 पर बना हुआ था जबकि निफ्टी 61.75 अंकों यानी 0.54 फीसदी की तेजी के साथ 11,577.85 पर कारोबार कर रहा था।
बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के 30 शेयरों पर आधारित प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सत्र के मुकाबले 220.57 अंकों की तेजी के साथ 39,200.42 पर खुलने के बाद 39,114.13 तक फिसला।
वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के 50 शेयरों पर आधारित प्रमुख संवेदी सूचकांक निफ्टी बीते सत्र से 68 अंकों की तेजी के साथ 11,584.10 पर खुलने के बाद 11,559.40 तक फिसला।                   


डीजल के दाम में लगातार दूसरी गिरावट

कच्चे तेल में तेजी के बावजूद पेट्रोल, डीजल के दाम में लगातार दूसरी बड़ी गिरावट।


नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल में तेजी के बावजूद पेट्रोल और डीजल के दाम में शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन बड़ी गिरावट दर्ज की गई। इन दो दिनों में देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 41 पैसे प्रति लीटर सस्ता हो गया है, जबकि डीजल के दाम में 54 पैसे प्रति लीटर की गिरावट आई है, जिससे उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली है।
उधर, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में लगातार पांचवें दिन तेजी का सिलसिला जारी है। बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड का भाव इन पांच दिनों में करीब चार डॉलर प्रति बैरल बढ़ गया है।
तेल विपणन कंपनियों ने शुक्रवार को पेट्रोल के दाम में दिल्ली में 26 पैसे जबकि कोलकाता और मुंबई में 25 पैसे और चेन्नई में 23 पैसे प्रति लीटर की कटौती की। वहीं, डीजल के दाम में दिल्ली और कोलकाता में 35 पैसे जबकि मुंबई में 37 पैसे और चेन्नई में 33 पैसे प्रति लीटर की कटौती की गई है।
इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल का दाम घटकर क्रमश: 81.14 रुपये, 82.67 रुपये, 87.82 रुपये और 84.21 रुपये प्रति लीटर हो गया है। डीजल का भाव भी चारों महानगरों में घटकर क्रमश: 72.02 रुपये, 75.52 रुपये, 78.48 रुपये और 77.40 रुपये प्रति लीटर पर आ गया है।
अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटर कांटिनेंटल एक्सचेंज (आईसीई) पर ब्रेंट क्रूड के नवंबर डिलीवरी अनुबंध में शुक्रवार को पिछले सत्र के मुकाबले 0.28 फीसदी की तेजी के साथ 43.42 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था।
वहीं, न्यूयार्क मर्केंटाइल एक्सचेंज (नायमैक्स) पर वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) के अक्टूबर डिलीवरी वायदा अनुबंध में पिछले सत्र के मुकाबले 0.22 फीसदी की तेजी के साथ 41.06 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था।               


फैशन डिज़ाइनर शरबरी की संदिग्ध मौत

कोलकाता: फैशन डिजाइनर शरबरी दत्ता अपने घर में मृत मिलीं।


कोलकाता। लोकप्रिय फैशन डिजाइनर शरबरी दत्ता गुरुवार और शुक्रवार के बीच की मध्यरात्रि को अपने दक्षिण कोलकाता के ब्रॉड स्ट्रीट आवास के बाथरूम में मृत पाई गईं। पुलिस सूत्रों के अनुसार, दत्ता शुक्रवार की रात करीब 12.15 बजे अपने बाथरूम के अंदर मृत मिली। स्थानीय पुलिस स्टेशन और कोलकाता पुलिस मुख्यालय लालबाजार की होमिसाइड ब्रांच के अधिकारी रात में घटनास्थल पर पहुंच कर जांच में जुट गए।
उनके परिवार के सदस्यों ने कहा कि दत्ता (63) को मंगलवार को रात के खाने के दौरान आखिरी बार देखा गया था। इसके बाद उनसे संपर्क नहीं हो पाया। प्राथमिक जांच से पता चला कि शौचालय में अचानक दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हुई होगी। लेकिन दत्ता के परिवार वालों ने कहा कि वह ठीक थीं और उन्हें ऐसी कोई पुरानी बीमारी नहीं थी।
कोलकाता पुलिस की होमिसाईड ब्रांच, फैशन डिजाइनर के आकस्मिक निधन के वास्तविक कारण का पता लगाने के लिए जांच करेगी। दत्ता के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
मशहूर बंगाली कवि अजीत दत्ता की बेटी, शरबरी दत्ता पिछले कुछ दशकों से विशेष रूप से पुरुषों के एथनिक परिधानों के क्षेत्र में पोशाक डिजाइनिंग उद्योग में एक लोकप्रिय नाम थीं। दत्ता ने ही रंगीन बंगाली धोती और डिजाइनर पंजाबी (कुर्ता) को मुख्यधारा के फैशन की दुनिया में कढ़ाई के कामों के साथ पेश किया था।                 


राष्ट्रपति ने बादल का इस्तीफा स्वीकार किया

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने हरसिमरत कौर बादल का इस्तीफा किया मंजूर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को मिली यह जिम्मेदारी।


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल का इस्तीफा मंजूर कर लिया है। तीन कृषि बिलों को लोकसभा में पारित कराए जाने से नाराज हरसिमरत ने गुरुवार को मंत्रिपद से इस्तीफा दे दिया था। प्रधानमंत्री की सिफारिश पर राष्ट्रपति ने हरसिमरत का इस्तीफा तुरंत मंजूर कर लिया।राष्ट्रपति ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है।
सत्तारूढ़ राजग में पड़ी फूट   
कृषि संबंधी तीन अध्यादेशों को कानूनी जामा पहनाने संबंधी विधेयकों पर सत्तारूढ़ राजग में फूट पड़ गई है। विधेयक से जुड़े प्रावधानों पर नाराजगी जताते हुए केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने बृहस्पतिवार को मोदी मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। इससे पहले लोकसभा में विधेयकों पर चर्चा के दौरान पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने उनके इस्तीफे की घोषणा की थी। हालांकि उन्होंने कहा कि पार्टी एनडीए सरकार को समर्थन जारी रखेगी।विधेयकों के खिलाफ जारी विरोध सड़क के बाद संसद और सरकार तक पहुंच गया। हरसिमरत ने इस्तीफे की जानकारी देते हुए ट्वीट किया।मैंने किसान विरोधी अध्यादेशों और विधेयकों के खिलाफ कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। किसानों की बहन और बेटी बनकर उनके साथ खड़े रहने पर मुझे गर्व है। इससे पहले सुखबीर बादल ने कहा, इन विधेयकों का पंजाब-हरियाणा सहित उत्तर भारत के 20 लाख किसानों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। ये कृषि क्षेत्र में पंजाब सरकार की 50 साल की मेहनत तबाह कर देंगे। इसके प्रावधान किसान विरोधी हैं। पार्टी कोटे की मंत्री हरसिमरत कौर ने इससे जुड़े अध्यादेशों का मंत्रिमंडल की बैठक में विरोध किया था। विरोध के बावजूद बिलों को लोकसभा में पेश किया गया। इसलिए वह मंत्रिमंडल से इस्तीफा देंगी। मंगलवार को भी बादल ने इन बिलों का लोकसभा में तीखा विरोध करते हुए वापस लेने की मांग की थी।भाजपा और एनडीए के सबसे पुराने सहयोगी अकाली दल से मोदी सरकार में केवल हरसिमरत ही शामिल थीं। पंजाब-हरियाणा के किसान कई दिनों से विधेयकों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार ने सोमवार को ही। लोकसभा में आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन व सरलीकरण) विधेयक तथा कृषक (सशक्तीकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन व कृषि सेवा पर करार विधेयक पेश किया था।                


राज्यसभा सांसद अशोक गस्ती का निधन

कोरोना से संक्रमित नवनिर्वाचित राज्यसभा सांसद का निधन पीएम मोदी ने जताया शोक।


नई दिल्ली। अस्पताल के निदेशक मनीष राय ने एक बयान में बताया कि गस्ती को कोविड-19 के कारण गंभीर निमोनिया हो गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गस्ती के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया राज्यसभा सदस्य अशोक गस्ती समर्पित कार्यकर्ता थे, जिन्होंने कर्नाटक में पार्टी को मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत की। वह गरीबों और समाज के वंचित तबकों को सशक्त बनाने को लेकर जुनूनी थे। मैं उनके निधन से दु:खी हूं। मैं उनके परिवार एवं मित्रों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। ओम शांति।राय ने बताया कि गस्ती गंभीर रूप से बीमार थे। उनके कई अंगों ने कार्य करना बंद कर दिया था। और वह जीवनरक्षक प्रणाली पर थे।तथा विशेषज्ञ चिकित्सकों का पैनल उनके स्वास्थ्य पर लगातार नजर रख रहा था। राय ने कहा।हम उनके निधन से शोकाकुल हैं और उनके परिवार एवं मित्रों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करते हैं।जमीनी स्तर के कार्यकर्ता एवं रायचूर के रहने वाले गस्ती को भाजपा के टिकट पर इस साल जून में निर्विरोध राज्यसभा सदस्य चुना गया था। सविता समाज से संबंधित गस्ती आरएसएस कार्यकर्ता और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सक्रिय सदस्य रहे थे।कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद एक निजी अस्पताल में भर्ती नवनिर्वाचित राज्यसभा सदस्य अशोक गस्ती का बृहस्पतिवार रात निधन हो गया। वह 55 वर्ष के थे। गस्ती को दो सितंबर को ‘ओल्ड एयरपोर्ट रोड स्थित मणिपाल अस्पताल में भर्ती कराया गया था।        


गुमराह होने से बचें, नए अवसर मिलेंगे

कृषि से जुड़े बिल पास होने पर PM मोदी का ट्वीट कहा किसानों को नए अवसर मिलेंगे गुमराह करने में लगे कई लोग।


हरिओम उपाध्याय


नई दिल्ली। लोकसभा में गुरुवार को कृषि सुधार विधेयक पारित कर दिए गए। विधेयक पारित होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट में इसे किसानों के लिए महत्वपूर्ण क्षण बताया।प्रधानमंत्री ने ट्वीट में लिखा।लोकसभा में ऐतिहासिक कृषि सुधार विधेयकों का पारित होना देश के किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है।ये विधेयक सही मायने में किसानों को बिचौलियों और तमाम अवरोधों से मुक्त करेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा।इस कृषि सुधार से किसानों को अपनी उपज बेचने केऐ लिए नए-नए अवसर मिलेंगे।जिससे उनका मुनाफा बढ़ेगा।इससे हमारे कृषि क्षेत्र को जहां आधुनिक टेक्नोलॉजी का लाभ मिलेगा वहीं अन्नदाता सशक्त होंगे।
ट्वीट में प्रधानमंत्री ने लिखा किसानों को भ्रमित करने में बहुत सारी शक्तियां लगी हुई हैं। मैं अपने किसान भाइयों और बहनों को आश्वस्त करता हूं। कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और सरकारी खरीद की व्यवस्था बनी रहेगी। ये विधेयक वास्तव में किसानों को कई और विकल्प प्रदान कर उन्हें सही मायने में सशक्त करने वाले हैं।
बिचौलियों से किसानों को मुक्ति विधेयक पारित होने के बाद कई मंत्रियों और नेताओं की प्रतिक्रिया आई है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा। लोक सभा ने किसानों के हित में आज एक ऐतिहासिक विधेयक पास किया है। किसान अब अपनी फसल मंडी या मंडी के बाहर जहां भी अच्छा मूल्य मिले वहां बेच सकेंगे। किसान बिचौलियों के शोषण से मुक्त हो सकेंगे। किसानों हित के इस ऐतिहासिक क़ानून के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णायक नेतृत्व में आज आज़ादी के बाद कृषि क्षेत्र में हुए सबसे बड़े सुधारों में से एक को लोक सभा की मंजूरी मिल गई। भारत की कृषि का उद्योगों से बेहतर लिंक बनेगा।कृषि उत्पादों के लिए किसानों को सही मूल्य मिलेगा और उनका जीवन समृद्ध होगा।नरेंद्र सिंह तोमर ने क्या कहा।विधेयक के बारे में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा।मौसम के जोखिम और बाजार के उतार-चढ़ाव से सुरक्षा के कारण इस अध्यादेश ने किसानों के लिए नई संभावनाओं और नई आशाओं के द्वार खोल दिए हैं। एवं किसानों की समृद्धि का मार्ग प्रशस्त किया है। गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य वर्ष 2014-15 के 1400 रुपये प्रति क्विंटल मुकाबले वर्ष 2020-21 में बढ़कर 1925 रुपये हो गया है।जो लगभग 37.5% की वृद्धि को दर्शाता है।नरेंद्र सिंर तोमर ने कहा। योजना के एक वर्ष के भीतर ही 10 करोड़ से अधिक किसान परिवार लाभान्वित हुए हैं। इसके अंतर्गत अब तक DBT के माध्यम से 93,000 करोड़ रुपये की राशि किसानों के खतों में हस्तांतरित की गई है।इसी प्रकार की प्रतिक्रिया केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से आई। उन्होंने कहा। लोकसभा ने दो बिल पास कर दिए। कृषि क्षेत्र में सुधार का यह बड़ा कदम है।किसान अब अपनी उपज कहीं भी और किसी को भी बेच सकते हैं। एपीएमसी बनी रहेगी और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) भी जारी रहेगा।सीएम योगी की प्रतिक्रिया
कृषि विधेयक पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा।कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020 कृषि उपज के कुशल, पारदर्शी और बाधारहित अंतर-राज्य और राज्‍य के भीतर व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा देगा। इससे किसानों और व्यापारियों को बिक्री और खरीद के लिए पसंद की स्वतंत्रता प्राप्त होगी। कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020 का लोकसभा में पास होना। एक नए युग का आरंभ है। यह विधेयक किसान बहनों-भाइयों के हितों का संरक्षण सुनिश्चित करेगा।इस लोक कल्याणकारी प्रयास के लिए प्रधानमंत्री जी का आभार।                   


भारत में लॉकडाउन सफल या असफल रहा

भारत में लॉकडाउन सफल या असफल।कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी की रिसर्च में सामने आई बड़ी बाते
हरिओम उपाध्याय


नई दिल्ली। कोरोना वायरस का संकट देश में फैलता जा रहा है। भारत दुनिया का ऐसा देश है। जहां कोरोना से होने वाली मौतों का औसत काफी कम है। इस बीच कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के द्वारा एक रिसर्च की गई है। जिसमें दावा किया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा लगातार किए गए संवाद और जनता से की गई अपीलों के कारण ही लॉकडाउन सफल हो पाया. इसी का फायदा भारत में कोरोना वायरस के कहर को कम रखने में हुआ।
कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी की ओर से की गई इस रिसर्च को PLOS ONE ने 11 सितंबर को पब्लिश किया है। जिसे बाद में भारत सरकार ने भी देखा है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में प्रधानमंत्री कार्यालय कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे रहा। लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए संवाद की वजह से लोगों ने कोरोना वायरस को गंभीरता से लिया और तैयारी हो पाई।
रिसर्च में कहा गया है। कि पीएम मोदी के द्वारा की गई अपील के कारण ही 130 करोड़ लोग सख्त लॉकडाउन का पालन कर पाए और सोशल डिस्टेंसिंग को समझ पाए।इसके अलावा पीएमओ के द्वारा बनाया गया PM Cares फंड भी उनकी अपील के बाद लोगों की मदद से भर गया।
इस दौरान लोगों को जागरुक रखने के लिए सोशल मीडिया और टीवी मीडिया का बड़ा सहारा लिया गया। कोरोना संकट के बीच उभरे आर्थिक संकट को देखते हुए प्रधानमंत्री ने लोगों से बात की।हर तबके के कारोबारियों से चर्चा की गई।इतना ही नहीं पीएम ने सभी से अपने कर्मचारी की सैलरी ना काटने को कहा। जिसका बड़ा असर हुआ।
PLOS ONE ने अपनी रिपोर्ट में कहा है।कि मार्च की शुरुआत में ही भारत ने कड़े नियम लागू करने शुरू कर दिए थे। दूसरी ओर टेस्टिंग को बढ़ाया जा रहा था। जब लॉकडाउन आया, तब भारत में PPE किट सैनिटाइजर और मास्क जैसी चीज़ें बनाई जाने लगी थीं।आपको बता दें कि इससे पहले भी दुनिया की कई एजेंसी और अखबारों ने माना है कि भारत में सबसे सख्त लॉकडाउन था।जिसका पालन लोगों ने किया।भारत सरकार ने भी दावा किया है कि लॉकडाउन के कारण भारत में करीब 25 लाख कोरोना केस कम हैं।              


यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...