अश्वनी उपाध्याय
गाजियाबाद। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे के किसानों को एक समान मुआवजा देने की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट का घेराव करने की घोषणा करने वाले किसानों का धरना प्रदर्शन बुधवार सुबह गोविंदपुरम अनाज मंडी तक ही सिमट कर रह गया। प्रशासनिक अधिकारियों ने सुबह से ही गोविन्दपुरम अनाज मंडी में डेरा डाल रखा है,जबकि किसान अनाज मंडी में धरने पर बैठक कर पंचायत कर रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारियों ने इस बात पर सहमति बनाने का प्रयास किया कि पांच सदस्यीय किसान कलेक्टेट जाकर जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय को ज्ञापन सौंप आए। दूसरी तरह किसानों ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने उनकी बात नहीं मानी तो वह कलेक्ट्रेट का घेराव करेंगे। बुधवार सुबह से गोविंदपुरम अनाज मंडी में पुलिस, किसान व मीडिया का भारी जमावाड़ा लगा रहा। बता दें कि भारतीय कल्याण समिति के नेतृत्व में कई किसान संगठन के पदाधिकारी व समर्थक मेरठ से अर्धनग्न अवस्था में पैदल मार्च करते हुए मंगलवार देर शाम को गाजियाबाद में गोविन्दपुरम स्थित अनाज मंडी पहुंचे थे।
किसानों की मांग है कि पिछले कई माह से दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे में जिन किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई है उन्हें एक समान मुआवजा दिया जाए। वर्ष-2013 अधिनियम के तहत एक जगह के लिए अलग-अलग मुआवजा तय नहीं किया जा सकता है। बता दें कि इस मामले से करीब 25 गांवों के किसान प्रभावित हैं। किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष दलवीर सिंह, पूरे मामले का नेतृत्व कर रहे बबली गुर्जर, मास्टर मनोज नागर, रणवीर दहिया, मनवीर त्यागी, बलराज, यशपाल मलिक समेत अनेक संगठनों के नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार ने दिल्ली एक्सप्रेस-वे के मामले में एक ही गांव में तीन रेट का मुआवजा दे दिया। उन्होंने कहा कि किसानों का यह उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके अलावा प्रदर्शनकारी किसान एक समाज मुआवजा देने के साथ सर्विस रोड बनाने की भी मांग कर रहे थे।
दूसरी तरफ कलेक्टेट के घेराव की घोषणा करने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों का एक दल बुधवार सुबह से गोविन्दपुरम अनाज मंडी में डेरा डाले हुए है। वह किसानों से सहमति बनाने के लिए लगे हुए हैं। प्रशासनिक अधिकारियों में एडीएम सिटी शैलेंद्र सिंह, एडीएम प्रशासन जितेंद्र कुमार वैश्य, सिटी मजिस्ट्रेट विपिन कुमार, एसपी सिटी अभिषेक वर्मा, एडीएम सदर डी.पी.सिंह, कविनगर थाना प्रभारी समेत कई थानों की पुलिस मौके पर मौजूद रही।