बुधवार, 16 सितंबर 2020

'राज्यमंत्री' गर्ग पर जमीन हथियाने का आरोप

स्वास्थ्य राज्य मंत्री और गाज़ियाबाद से विधायक अतुल गर्ग पर लगे संपत्ति कब्जाने के आरोप।


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। स्वास्थ्य राज्य मंत्री और गाजियाबाद नगर से विधायक अतुल गर्ग पर उनके ही चचेरे भाई श्याम गर्ग ने जमीन व संपत्ति कब्जाने का गंभीर आरोप लगाया है। श्याम गर्ग ने इसकी शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय से भी की है। नहीं चचेरे भाई ने न्याय न मिलने की सूरत में आत्महत्या की धमकी भी दी है। उनका आरोप है कि सत्ता के रसूख में अतुल गर्ग ने उनकी जमीन पर जबरन कब्ज़ा किया है। श्याम गर्ग का कहना है ।कि अभी भी उनका संयुक्त परिवार है। और कोई बंटवारा नहीं हुआ है। योगी सरकार में राज्य मंत्री अतुल गर्ग, उनके सगे चचेरे भाई हैं। बावजूद इसके अतुल गर्ग ने श्याम गर्ग के सगे भाई आलोक, अनुज राम और चाचा के साथ मिलकर परिवार की पैतृक चल-अचल संपत्ति पर कब्जा कर लिया है। इतना ही नहीं। अपना हिस्सा मांगने पर जान से मरने की धमकी दी जा रही है। श्याम गर्ग का आरोप है कि उन्होंने इसकी शिकायत गाज़ियाबाद के जिलाधिकारी, एसडीएम, एसएसपी, सीओ और एसओ सभी से की लेकिन अभी तक न्याय नहीं मिला है।               


बेरोजगारी दिवस, दौड़ी सपा की साईकिल

बेरोज़गारी दिवस की पूर्व संध्या पर गाँव गाँव दौड़ी समाजवादी साईकिल


देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्म दिन से एक दिन पहले ही सपाई हुए हमलावर


सपाई साईकिल चला कर बेरोज़गारों को झूठे सपने दिखा कर सत्ता हासिल करने वाली केन्द्र व प्रदेश सरकार की खोल रहे पोल


बृजेश केसरवानी


प्रयागराज। समाजवादी पार्टी के यूवाओं की टोली साईकिल चलाते हुए गाँव गाँव में घूम कर केन्द्र व प्रदेश सरकार की नाकामी को बताने निकले।देवेन्द्र यादव विधायक के नेत्रित्व में साईकिल पर सवार हो कर गाँव गाँव की पकडण्डीयों से होकर बेरोज़गारी को लेकर सरकार पर हमलावर हुए। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्म दिन की पूर्व संध्या पर समाजवादी पार्टी के यूवाओं ने विरोध जताने को शहर से गाँव का रास्ता अख्तियार करते हुए केन्द्र व प्रदेश सरकार को बेरोज़गारो के साथ अन्याय करने का ज़िम्मेदार मानते हुए गाँव और कस्बों में पहोँच कर आम जनमानस को अवगत कराते हुए कहा की झूठे सपने दिखा कर सत्ता हासिल करने वाले देश के प्रधानमंत्री का चाल चरित्र उजागर हो गया है।साईकिल सवारों का उत्साह वर्धन करने ज़िला पंचायत सदस्य रणधीर सिंह,मयंक यादव जॉन्टी,सन्दीप यादव,अखिलेश गुप्ता,राघवेन्द्र यादव,विकास समाजवादी,मिथुन गुप्ता ने युवाओं के साथ साईकिल चला कर फूलपूर विधान सभा के कोटवा,ककरा,छिबैया,मलखानपुर,जमुनीपुर आदि गाँव में सपाईयों ने बाईस में बाईसिकल की सरकार बनाने के आहृवान के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री आदित्य नाथ योगी पर जमकर हमला बोला।साईकिल यात्रा में अंगद यादव,प्रत्युष यादव,देवेन्द्र विधायक,बेली सिंह,प्रकाश यादव आदि शामिल रहे।


कलेक्ट्रेट पहुंचने से पहले रोके गए प्रदर्शनकारी

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे के किसानों को एक समान मुआवजा देने की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट का घेराव करने की घोषणा करने वाले किसानों का धरना प्रदर्शन बुधवार सुबह गोविंदपुरम अनाज मंडी तक ही सिमट कर रह गया। प्रशासनिक अधिकारियों ने सुबह से ही गोविन्दपुरम अनाज मंडी में डेरा डाल रखा है,जबकि किसान अनाज मंडी में धरने पर बैठक कर पंचायत कर रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारियों ने इस बात पर सहमति बनाने का प्रयास किया कि पांच सदस्यीय किसान कलेक्टेट जाकर जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय को ज्ञापन सौंप आए। दूसरी तरह किसानों ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने उनकी बात नहीं मानी तो वह कलेक्ट्रेट का घेराव करेंगे। बुधवार सुबह से गोविंदपुरम अनाज मंडी में पुलिस, किसान व मीडिया का भारी जमावाड़ा लगा रहा। बता दें कि भारतीय कल्याण समिति के नेतृत्व में कई किसान संगठन के पदाधिकारी व समर्थक मेरठ से अर्धनग्न अवस्था में पैदल मार्च करते हुए मंगलवार देर शाम को गाजियाबाद में गोविन्दपुरम स्थित अनाज मंडी पहुंचे थे।


किसानों की मांग है कि पिछले कई माह से दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे में जिन किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई है उन्हें एक समान मुआवजा दिया जाए। वर्ष-2013 अधिनियम के तहत एक जगह के लिए अलग-अलग मुआवजा तय नहीं किया जा सकता है। बता दें कि इस मामले से करीब 25 गांवों के किसान प्रभावित हैं। किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष दलवीर सिंह, पूरे मामले का नेतृत्व कर रहे बबली गुर्जर, मास्टर मनोज नागर, रणवीर दहिया, मनवीर त्यागी, बलराज, यशपाल मलिक समेत अनेक संगठनों के नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार ने दिल्ली एक्सप्रेस-वे के मामले में एक ही गांव में तीन रेट का मुआवजा दे दिया। उन्होंने कहा कि किसानों का यह उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके अलावा प्रदर्शनकारी किसान एक समाज मुआवजा देने के साथ सर्विस रोड बनाने की भी मांग कर रहे थे।


दूसरी तरफ कलेक्टेट के घेराव की घोषणा करने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों का एक दल बुधवार सुबह से गोविन्दपुरम अनाज मंडी में डेरा डाले हुए है। वह किसानों से सहमति बनाने के लिए लगे हुए हैं। प्रशासनिक अधिकारियों में एडीएम सिटी शैलेंद्र सिंह, एडीएम प्रशासन जितेंद्र कुमार वैश्य, सिटी मजिस्ट्रेट विपिन कुमार, एसपी सिटी अभिषेक वर्मा, एडीएम सदर डी.पी.सिंह, कविनगर थाना प्रभारी समेत कई थानों की पुलिस मौके पर मौजूद रही।                    


महामारी, मौतें और मुआवजा 'संपादकीय'

महामारी, मौतें और मुआवजा संपादकीय 
विश्व में कोरोना वायरस कोविड-19 का संक्रमण अन्य देशों की अपेक्षा भारत में कुछ ज्यादा रफ्तार के साथ आगे बढ़ रहा है। कुछ ही कम एक लाख लोग प्रतिदिन संक्रमित हो रहे हैं। 24 घंटे में 90,123 संक्रमितो के साथ देश में संक्रमितो की संख्या 50,20,360 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार अभी तक 80,000 लोगों की मौत हो चुकी है। यह सिलसिला लगातार जारी रहेगा और वैक्सीन की उपलब्धता के पूर्व कई लोगों की जान भी चली जाएगी। महामारी का दंश झेलने वाला हमारा देश चीन की सीमा पर तनाव से भी कम आहत नहीं है। भले ही चीन भयभीत हो गया है और थरथर कांपने लगा है। किंतु किसी भी परिस्थिति में युद्ध दोनों देशों के लिए जटिलता उत्पन्न करने का काम करेगा। हालांकि यह भी कोई मोनोपॉली हो सकती है। फिलहाल इस विषय पर हम कोई बात नहीं कर रहे हैं। हम बात कर रहे हैं कोरोना महामारी की, जो लोग महामारी से ग्रस्त हैं। जिनके परिजनों की मृत्यु हो चुकी है। क्या सरकार को उनके परिवारों की सहायता नहीं करनी चाहिए ? परिस्थितिवश प्रतिकूल उपजे वातावरण और लाचारी में सरकार अपने दायित्व से नहीं भाग रही है।


यदि सच में कोई महामारी है तो अभी तक राज्य अथवा केंद्र सरकार ने मृतक के परिजनों को कोई मुआवजा क्यों नहीं दिया ? बाढ़, भूकंप, तूफान, सुनामी और महामारी आदि आपातकाल की स्थिति में सरकार के द्वारा मुआवजा देकर पीड़ितों की सहायता की जाती है। इसी कारण देश का प्रत्येक नागरिक इस प्रश्न का उत्तर खोज रहा है। महामारी के काल का ग्रास बनने वाले नागरिकों के परिजनों की सरकार किस प्रकार सहायता कर रही है ? यदि सरकार इस कठिन परिस्थिति में भी नागरिकों की सहायता नहीं कर रही है। तब नागरिकों के लिए यह और भी जटिल हो जाता है। यदि मृतक परिवार का मुखिया अथवा पालन करता है। परिजन आर्थिक रूप से कमजोर और निम्न आय वाले हैं। तब, सरकार उन लोगों की भी सहायता करने में कैसा संकोच कर रही है ? सरकार की उन्मुक्त क्षमताएं और निर्णय क्षमताओं में एक बड़ी असमानता है। जो देश की जनता को गहरे जख्म देने के अलावा कुछ नहीं कर सकेगी।


 राधेश्याम 'निर्भयपुत्र'                  


मुस्लिम लीग ने भाजपा नेतृत्व पर साधा निशाना

रामपुर। इडियन यूनियन मुस्लिम लीग के ज़िला कैंप कार्यालय पर एक मीटिंग का आयोजन किया गया। इस मीटिंग में शहर के पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया। मीटिंग को सम्बोधित करते हुए जिला अध्यक्ष फारूक़ मियां ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी के कुछ हम नाम मोहरों के जरिए भाजपा शहर का माहौल खराब कराना चाहती है। उनहोंने कहा कि मौलाना साईदुजफर साहब शहर की एक एक अच्छी शख्सियत है वो मुसलमानों के इमाम है और मुसलमान अपने इमाम के बारे में कुछ भी बर्दाश्त नहीं करेगा। फारूक़ मियां ने कहा कि भाजपा के इशारे पर नाचने वाले पयादे इमाम साहब का बाल भी बाका नहीं कर सकते हैं फारूक़ मियां ने कहा कि मौलवी साहब के खिलाफ़ जो एफ आई आर कराई गई है। वो निहायत शर्म की बात है उनहोंने कहा कि अगर मौलाना साईदुजफर साहब को गिरफ्तार किया गया तो रामपुर की जेल छोटी पड़ जायेगी इतनी गिरफ्तारियां कराऐगे हम। उनहोंने कहा कि भाजपा के एजेंट ने मुसलमानों की ग़ैरत को ललकारा है और रामपुर वालो की ग़ैरत को ललकारा है। फारूक़ मियां ने कहा कि प्रशासन भाजपा के दबाव में कोई भी ऐसा कदम न उठाए जोकि शहर के माहौल पर असर पड़े फारूक़ मियां ने शहर काजी व शहर मुफ्ती साहब से अपील करते हुए कहा कि सरकार द्वारा दी गयी। गुलामी की जंजीरों से आजाद होकर मुसलमानों की फलां बबूद के लिए काम करें क्यो कि यह आग मौलाना साईदुजफर साहब के घर तक सीमित नहीं रहेंगी इस आग की लपटों में आप का भी घर आ जायेगा मीटिंग में शामिल रहे, हाफिज़ रेहान खान, सलीम अंसारी, समी राईनी, सोनी, आसिफ खान, मोबिन खान, मौ नूर खान, परवेज़ मियां, चाँद खान, मुराद खान, जाहिद खान सिकंदर मियां, आदि।               


18 सितंबर से शुरू 'पुरुषोंत्तम या मलमास'

अधिकमास 18 से शुरू होगा, इसे पुरुषोत्तम या मलमास भी कहा जाता है
सत्यदेव शर्मा सहोड़
नई दिल्ली/शिमला। अधिकमास, मलमास या पुरुषोत्तम क्या है? शास्त्रों में इसका वर्णन कैसे किया गया है? इस माह में क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए? आइए जानते हैं वशिष्ट ज्योतिष सदन के अध्यक्ष पंडित शशिपाल डोगरा से। बुधवार 16 सितंबर को सूर्य कन्या राशि में आ जाएगा और इस राशि में ये ग्रह अगले महीने 17 अक्टूबर तक रहेगा। इस दौरान सभी राशियों पर सूर्य का असर पड़ेगा। सूर्य के कन्या राशि में आने से इसे कन्या संक्रांति कहा जाएगा। वशिष्ठ ज्योतिष सदन के अध्यक्ष पंडित शशिपाल डोगरा के मुताबिक सूर्य का शुभ असर के कारण मेष, कर्क और धनु राशि वाले लोगों के जॉब और बिजनेस में अच्छे बदलाव होने की संभावना है। इसके साथ ही आर्थिक स्थिति और सेहत के लिए भी अच्छा समय शुरू होगा। वहीं, वृष, मिथुन, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, मकर,  कुंभ और मीन राशि वाले लोगों को संभलकर रहना होगा। 
ज्योतिर्विज्ञान में सूर्य को सभी ग्रहों का राजा माना जाता है। सूर्य के शुभ असर से सेहत संबंधी परेशानी दूर होती है। आत्मविश्वास बढ़ता है। सरकारी काम पूरे हो जाते हैं। जॉब और बिजनेस में तरक्की मिलती है। बड़े लोगों और अधिकारियों से मदद मिलती है और सम्मान भी बढ़ता है। वहीं सूर्य के अशुभ असर के कारण नौकरी और बिजनेस में रुकावटें आती हैं। नुकसान भी होता है। बड़े लोगों से विवाद हो सकता है। आंखों से संबंधित परेशानी होती है। सिरदर्द भी होता है। कामकाज में रुकावटें आती हैं। विवाद और तनाव भी रहता है। 
16 को राशि परिवर्तन और 18 से अधिकमास
हिन्दू कैलेंडर में अधिकमास का बहुत महत्व है। इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी है। अधिकमास नहीं होता तो हमारे त्योहारों की व्यवस्था बिगड़ जाती। पंडित डोगरा के मुताबिक सूर्य वर्ष और चंद्र वर्ष के बीच का अंतर दूर करने के लिए हर तीन साल में अधिकमास की व्यवस्था बनाई गई है। अधिकमास से त्योहारों की व्यवस्था बनी रहती है। अधिकमास की वजह से ही सभी त्योहारों अपने सही समय पर मनाए जाते हैं। वरना होली ठंड के दिनों में यानी दिसंबर-जनवरी में मनानी पड़ती और दिवाली बारिश मनाई जाती।
अधिकमास को मलमास भी कहा जाता है। इस वजह से कोई भी देवता इस मास का स्वामी बनना नहीं चाहता था। तब मलमास ने भगवान विष्णु से प्रार्थना की। प्रार्थना सुनकर भगवान विष्णु जी ने इसे अपना नाम दिया। इसी वजह से इसे पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। इस महीने में भगवान विष्णु की पूजा करने की परंपरा है। मलमास में जो हम पूजा करते हैं वह सीधे-सीधे श्री नारायण हरि को प्राप्त होता है। 18 सितंबर से मलमास शुरू होगा और 16 अक्टूबर तक चलेगा। 17 अक्टूबर  शारदीय नवरात्रि का महालय आरंभ होगा।
सर्व पितृ अमावस्या
पंडित डोगरा बताते हैं कि 16 सितंबर को सूर्य राशि बदलकर कन्या में आएगा। 17 सितंबर को पितृ पक्ष का आखिरी दिन भी है। इसे सर्व पितृ अमावस्या या मोक्ष अमावस्या भी कहा जाता है। इस तिथि पर उन मृत लोगों के लिए श्राद्ध किया जाता है, जिनकी मृत्यु तिथि मालूम नहीं हो। इसी दिन सभी पितरों को श्राद्ध के साथ ही विदाई दी जाती है। इस पर्व पर कन्या राशि में सूर्य के होने से पितरों के श्राद्ध का विशेष फल मिलेगा।               


महंगाईः ऊंचाई पर आए 'टमाटर के भाव'

नई दिल्ली। एक तरफ कोरोना तो दसूरी तरफ बारिश की मार टमाटर का खुदरा भाव सातवें आसमान पर पहुँच गया है। टमाटर आम लोगो की रसाई से गायब हो गया है।गौरतलब है कि  देश के दक्षिणी और पश्चिमी इलाकों में भारी बारिश से टमाटर की आपूर्ति प्रभावित हुई है। यही वजह है कि माल्दा, एजल और इंफाल में इसकी खुदरा कीमत 100 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक मंगलवार को देश में टमाटर की औसत खुदरा कीमत 50 रुपए प्रति किलोग्राम रही। जबकि अधिकतम कीमत 100 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई। मंत्रालय देशभर के 114 बाजार केंद्रों में 22 अनिवार्य वस्तुओं की कीमत पर नजर रखता है। इसमें आलू, टमाटर और प्याज शामिल हैं। आंकड़ों के मुताबिक देश में मंगलवार को आलू और प्याज की औसत कीमत 35 रुपए प्रति किलोग्राम रही। जबकि अधिकतम कीमत 60 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई।आलू, प्याज और टमाटर लगभग हर भारतीय रसोई का हिस्सा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश के चार महानगर दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में टमाटर की कीमत क्रमश: 63 रुपए, 68 रुपए, 80 रुपए और 50 रुपए प्रति किलोग्राम रही। हालांकि सब्जीवाले, फेरीवाले इत्यादि सरकारी दाम से ज्यादा पर ही टमाटर की बिक्री कर रहे हैं। इस साल दक्षिण भारत और महाराष्ट्र में टमाटर की फसल कम रहने की आशंका है। कोविड-19 महामारी के दौरान कीमतों को लेकर अनिश्चिता के चलते इस बार किसानों ने कम रकबे पर टमाटर की खेती की है। इस बीच सरकार ने सोमवार को प्याज की सभी किस्मों के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी।             


यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...