देश में बेलगाम हुआ कोरोना वायरस। राज्यों में ऑक्सीजन की कमी का संकट बढ़ा केंद्र सरकार को जारी करना पड़ा ये आदेश।
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की तादाद बढ़ने के साथ ही ऑक्सीजन की कमी का संकट भी बढ़ता जा रहा है। कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी का आलम यह है कि राजस्थान और महाराष्ट्र सरकार ने दूसरे राज्यों को ऑक्सीजन सप्लाई पर रोक लगा दी। वहीं गुजरात सरकार ने अपने लिए 50 फीसदी ऑक्सीजन रिजर्व रखने का आदेश दिया है। महाराष्ट्र सरकार के फैसले के बाद ऑक्सीजन की कमी की रिपोर्ट मध्य प्रदेश। कर्नाटक सहित कई अन्य राज्यों से मिली हैं। कई राज्यों में कमी की वजह से ऑक्सीजन वाले सिलेंडर के दाम बढ़ गए हैं। असल में कई राज्य ऑक्सीजन सप्लाई के लिए दूसरे राज्य में स्थित कंपनियों पर निर्भर हैं। दूसरे राज्यों को ऑक्सीजन की सप्लाई पर रोक से उपजे संकट के बीच केंद्र सरकार को इसे लेकर एक आदेश जारी करना पड़ा है। अंग्रेजी न्यूज पेपर की रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को पत्र लिखकर ऑक्सीजन की सप्लाई पर रोक नहीं लगाने को कहा है। ऑक्सीजन की सप्लाई पर रोक लगाने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले के बाद केंद्र को यह आदेश जारी करना पड़ा। मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से ऑक्सीजन की आपूर्ति पर रोकने नहीं लगाने की अपील की है। वास्तव में ? महाराष्ट्र में भी ऑक्सीजन की कमी की रिपोर्ट है। इसलिए सीएम उद्धव ठाकरे दूसरे राज्यों को ऑक्सीजन की सप्लाई पर रोक की बात कर रहे हैं। कुछ ही दिन पहले महाराष्ट्र सरकार की कोरोना की समीक्षा बैठक के दौरान राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे और डिप्टी सीएम अजीत पवार ने स्वीकार किया था। कि राज्य में ऑक्सीजन की कमी महसूस की जा रही है। पुणे में एक प्राइवेट अस्पताल के निदेशक का कहना है।कि उनके यहां ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी हो रही है। रोजाना 25 जंबो सिलेंडर की आवश्यकता होती है। लेकिन सप्लाई सुनिश्चित नहीं हो पा रही है। महाराष्ट्र सरकार के ऑक्सीजन सप्लाई पर रोक लगाने के बाद से मध्य प्रदेश के जबलपुर और शिवपुरी सहित पूरे महाकौशल में ऑक्सीजन का संकट पैदा हो गया है। जबलपुर में कोरोना केस बढ़ने से ऑक्सीजन की डिमांड बढ़ गई है। जिला प्रशासन छत्तीसगढ़ से ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने की कवायद में जुटा हुआ है। अकेले जबलपुर में 1200 ऑक्सीजन सिलेंडर की प्रतिदिन की खपत है। जबलपुर के कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने बताया कि छत्तीसगढ़ के भिलाई से ऑक्सीजन की सप्लाई शुरू हो चुकी है। बताया जा रहा है। कि एमपी के देवास छिंदवाड़ा, दामोह में भी ऑक्सीजन का संकट दिख रहा है।
ऑक्सीजन सप्लाई पर लगाई रोक।
राजस्थान सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच दूसरे राज्यों में। ऑक्सीजन की सप्लाई पर रोक लगा दी है। राजस्थान के भिवाड़ी अलवर और नीमराणा में ऑक्सीजन का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है। इन इलाकों से उत्तर प्रदेश गुजरात और हिमाचल प्रदेश जैसे जगहों पर ऑक्सीजन जाती है। लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते राजस्थान सरकार ने रोक लगाने की बात कही है. राजस्थान सरकार ने ऑक्सीजन सिलेंडर के इंडस्ट्रियल इस्तेमाल पर भी रोक लगा रखी है।
गुजरात सरकार ने दूसरे राज्यों में ऑक्सीजन सप्लाई पर रोक तो नहीं लगाई है।लेकिन उसने इस फैसले को दूसरे तरीके से लागू किया है।गुजरात ने राज्य में 50 फीसदी ऑक्सीजन रिजर्व रखने को कहा है।कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए गुजरात में उत्पादित ऑक्सीजन के स्टॉक में से प्रतिदिन 350 टन रिजर्व रखने का आदेश दिया गया है। गुजरात में कोरोना मरीजों की संख्या एक लाख के आंकड़े को पार गई है। गुजरात से राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में ऑक्सीजन सप्लाई होती है।गुजरात में प्राइवेट कंपनियां रोजाना 750 टन ऑक्सीजन का उत्पादन करती हैं। कोरोना मरीजों के बढ़ने की वजह से गुजरात के कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन की रोजाना डिमांड 200 टन से बढ़कर 300 टन हो गई है।गुजरात के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री नितिन पटेल कहते हैं कि ऑक्सीजन उत्पादन करने वाली कंपनियों को आदेश दिया है कि राज्य में 50 फीसदी ऑक्सीजन रिजर्व रखा जाए।
ऑक्सीजन की कमी से अब्दुल्ला चिंतित।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला भी जम्मू के कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी पर चिंता जाहिर कर चुके हैं। फारूक अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा।कि ऑक्सीजन की कमी की समस्या को दूर करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। लोकसभा में शून्यकाल के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के जवाब के दौरान अब्दुल्ला ने कहा कि स्थिति विशेष रूप से पिछले एक सप्ताह के दौरान।