मंगलवार, 15 सितंबर 2020

वायरलः चीनी सेना ने बनाई 'प्रोपेगैंडा फिल्म'

भारत-चीन सीमा विवाद: 10 कैमरे…20 सैनिक…100 सेकेंड का वायरल वीडियो…चीनी सेना ने ऐसे बनाई प्रोपेगेंडा फिल्म।


नई दिल्ली/ बीजिंग। भारत और चीन के बीच लद्दाख में जैसे-जैसे तनाव बढ़ रहा है।इंटरनेट पर ऐसी तस्वीरों और वीडियो की बाढ़ आ गई है जिनमें तिब्बत क्षेत्र में चीनी सेना की ड्रिल्स को देखा जा सकता है।इनकी प्रोडक्शन क्वालिटी एक्शन मूवीज के डायरेक्टर्स को भी मात देती प्रतीत होती है।ये वीडियो चीनी सेना पीपुल्स लिबरेशन ऑर्मी पीएलए की रणनीति का अहम हिस्सा है जिसका इकलौता मकसद शत्रु को भयभीत करना है।
इंडिया टुडे की ओपन सोर्स इंटेलीजेंस (ओएसआइएनटी) टीम ने पीएलए की एक हालिया फिल्म का विश्लेषण किया। इसमें शिनजियांग मिलिट्री रीजन से एक बॉर्डर डिफेंस रेजिमेंट को दिखाया गया।ये विश्लेषण इसलिए किया गया जिससे कि समझा जा सके चीनी सेना ने इन वीडियो को बनाने में कितनी मशक्कत की पीएलए की ओर से जारी शॉर्ट वीडियो में एक वास्तविक टीम टकराव ड्रिल को दिखाया गया।
हॉलीवुड स्टाइल में शूट की गई इस 100-सेकेंड की फिल्म में पर्वतीय क्षेत्र में टकराव अभ्यास को दिखाया गया है। इसमें 20 सशस्त्र पीएलए टोही अधिकारी और जवान हिस्सा लेते देखे जा सकते हैं। वीडियो को दर्जनों कैमरा एंगल्स से शूट किया गया।ये आभास देने की कोशिश की गई ये लाइव मिलिट्री ड्रिल है और इसे महज कैमरे के लिए शूट नहीं किया जा रहा है (जहां ड्रिल को हर शॉट के बाद पॉज दिया गया जिससे एक कैमरे से दूसरे कैमरे की ओर मूव किया जा सके) हम सुरक्षित तौर पर इस निष्कर्ष पर पहुंच सकते हैं कि सभी कैमरा एंगल्स को कवर करने के लिए कम से कम दस कैमरा क्रू का इस्तेमाल किया गया होगा।ऐसे कैमरा क्रू जिन्हें खास पोजिशन्स पर तैनात किया गया।
यहां पीएलए के प्रोपेगेंडा वीडियो की मेकिंग के बिहाइंड द सीन्स पर एक नजर डाली जा सकती है। 
पहला दृश्य तीन सेकंड के इनडोर शॉट के साथ शुरू होता है जिसमें पीएलए सैनिकों को हथियार उठाते देखा जा सकता है। अगले दृश्य में उसी प्रक्रिया का क्लोज-अप शॉट शामिल है लेकिन एक अलग कोण से।
एक तीसरा कैमरा हट्स (झोपड़ियों) के ठीक बाहर तैनात है जहां सैनिकों को हथियारों के साथ तेजी से बाहर निकलते देखा जा सकता है।
चौथा कैमरा सैन्य वाहन के पास तैनात किया गया है जो वाहन पर सवार होते लोगों के क्लोज अप को कैप्चर करता है।
पांचवा एक ड्रोन-माउंटेड एयरबोर्न कैमरा है जो पहाड़ की घाटी में घूम रहे 20 लोगों के दो अलग-अलग शॉट्स दिखाता है।
छठे कैमरे को चलते लोगों के नाटकीय ट्रैकिंग शॉट्स को कैप्चर करने के लिए रखा गया है, जैसे कि वे फायरिंग जोन की ओर बढ़ना जारी रखते हैं।
सातवें कैमरे को फायरिंग जोन से पहले पानी की धारा के पास रखा गया।इसमें टारगेट जोन की तरफ बढ़ते सशस्त्र कार्मिकों के और ट्रैकिंग शॉट्स को फिल्माया गया।
वीडियो 27 और 31 सेकंड के बीच फायरिंग जोन के कई शॉट्स दिखाता है,  इससे समझा जा सकता है कि सभी शॉट्स को कैप्चर करने के लिए कम से कम एक कैमरा तैनात किया गया था।
नौवें कैमरे की पहाड़ियों पर तैनात स्नाइपर्स के क्लोज-अप शॉट्स को कैप्चर करने के लिए जरूरत थी।
दसवां यूनीक कैमरा हथियारबंद लोगों के हेडगियर में लगा था जो उनकी बंदूकों की पोजीशन और टारगेट्स को कैप्चर करता है।
इनके अलावा, पीएलए अधिकारियों के इंटरव्यू, मिक्स्ड और मूविंग कटवेज, लैंडस्केप के शॉट्स आदि हैं, जिन्हें हमने नहीं गिना है, क्योंकि इन्हें पहले के कैमरों का इस्तेमाल कर शूट किया गया हो सके
विश्लेषण से पता चलता है कि ड्रिल का वीडियो प्रोडक्शन पीएलए के लिए उतना ही अहम लगता है जितना कि खुद ड्रिल।प्रोडक्शन का स्केल वास्तव में दिखाने के लिए काफी है कि पीएलए की ओर से प्रोपेगेंडा मशीनरी को कितना महत्व दिया जाता है।
चीन में घरेलू भावनाओं को संबोधित करने के साथ ही, इस तरह के प्रोपेगेंडा वीडियो में चीनी सशस्त्र बलों की ताकत को ‘लार्जर दैन लाइफ’ दिखाने की कोशिश करने का अहम मकसद विरोधी बलों में हैरानी और खौफ पैदा करना हो सकता है।वो चीनी सशस्त्र बल जो असल युद्ध स्थितियों को लेकर काफी अनुभवहीन हैं।            


संसद में सोशल डिस्टेंस, मराठा मुद्दा गुंजा

हरिओम उपाध्याय


नई दिल्ली। मराठा मुद्दे से लेकर ‘सोशल डिस्टेंसिंग’ शब्द का इस्तेमाल करने को लेकर और मानसिक स्वास्थ्य जैसे मुद्दे मंगलवार को संसद के मानसून सत्र के दूसरे दिन राज्यसभा में उठाए गए। कांग्रेस सांसद राजीव सातव ने शून्यकाल में मराठा समुदाय के आरक्षण पर केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए कोटा मुद्दा उठाया। संभाजी छत्रपति ने भी इसी विषय पर बात की।


तृणमूल कांग्रेस के सांतनु सेन ने सरकार द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे ‘सोशल डिस्टेंसिंग’ शब्द पर आपत्ति जताते हुए दावा किया कि इससे कोविड रोगियों और उनके परिवारों को ‘अमानवीय स्थिति’ का सामना करना पड़ा है। उपराष्ट्रपति और पदेन सभापति एम. वेंकैया नायडू ने सेन से सहमति जताई और कहा कि इस शब्द की जगह किसी और उपयुक्त शब्द का इस्तेमाल होना चाहिए।


द्रमुक सांसद तिरुचि शिवा ने कोरोना काल में शिक्षा में डिजिटल डिवाइड के मुद्दे को उठाया, वहीं उनके पास बैठे तृणमूल सांसद डेरेक ओ ‘ब्रायन ने सहमति जताई। शिवा ने दावा किया कि इसने एक वर्ग को दूसरे के मुकाबले ज्यादा फायदा पहुंचाया है। समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने नोएडा का उदाहरण देते हुए दावा किया कि वहां कोरोना से मरने वालों की संख्या के मुकाबले आत्महत्या करने वालों की संख्या ज्यादा है। उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से अनुरोध किया कि महामारी के कारण नौकरी गंवाने वालों को 15,000 रुपये प्रति माह की सहायता देने पर विचार करने का आग्रह किया। कांग्रेस के आनंद शर्मा ने देश में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का मुद्दा उठाया। उन्होंने मांग किया कि मानसिक स्वास्थ्य को अनिवार्य रूप से जीवन बीमा के दायरे में रखा जाना चाहिए।                


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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण




यूनिवर्सल एक्सप्रेस   (हिंदी-दैनिक)












 सितंबर 16, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-33 (साल-02)
2. बुधवार, सितंबर 16, 2020
3. शक-1943, अश्विन, कृृष्ण-पक्ष, श्राद्ध पक्ष, तिथि-चतुर्दशी, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 05:58, सूर्यास्त 06:40 ।


5. न्‍यूनतम तापमान 25+ डी.सै.,अधिकतम-35+ डी.सै.। आद्रता के साथ, बरसात की संभावना बनी रहेगी।


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सोमवार, 14 सितंबर 2020

निगम ने तैयार की 'मोबाइल हेल्थ डेक्स'

कोरोना की जांच के लिए नगर निगम ने तैयार की कोविड मोबाइल हेल्प डेस्क, महापौर आशा शर्मा ने दिखाई हरी झंडी।


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। बढ़ती महामारी कोरोना को देखते हुए महापौर आशा शर्मा के निर्देश पर नगर निगम गाजियाबाद द्वारा कोविड-19 से बचाव हेतु दो कोविड मोबाइल हेल्प डेस्क गाडियाँ शहर में चलवाई गई है। जिससे मौके पर ही जांच की जाएगी और संदिग्ध मिलने पर गाड़ी के द्वारा उसे चिकित्सालय तक पहुंचाया जायेगा। यह कार्य गाजियाबाद नगर निगम एवं जिला स्वास्थ्य विभाग ने मिलकर शुरू किया है। उपरोक्त दोनों गाड़ियों को हरी झंडी दिखाकर महापौर आशा शर्मा एवं नगर आयुक्त महेन्द्र सिंह तंवर ने रवाना किया। यह मोबाइल वेन शहर के मुख्य चौराहो एवं मुख्य बाजारों के बाहर रहेगी और लोगों के शरीर का तापमान, ऑक्सीजन सेचुरेशन का परीक्षण करेगी, साथ ही RT-PCR एवं एंटीजन टेस्ट की जाएगी और कोरोना मरीज पाए जाने पर अस्पताल तक सुचारू रूप से पहुंचाया जाएगा। महापौर आशा शर्मा एवं नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर द्वारा अधिकारियों को आदेश दिया गया की संबंधित कार्य में किसी तरह की बाधा नहीं आनी चाहिए और जल्द से जल्द शहर में जो भी कोविड-19 पॉजिटिव मिले उसके उपचार हेतु कार्यवाही की जाए। इस दौरान अपर नगर आयुक्त राजनारायण पांडे नोडल अधिकारी अरुण कुमार मिश्रा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मिथिलेश एवं अन्य लोग उपस्थित रहे।               


28 सितंबर को भारत बंद का आह्वान किया

फीस माफी की मांग को लेकर 28 सितंबर को भारत बंद का  आह्वान, बीएसपी समेत अनेक दलों से मिला समर्थन।


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। भारत अभिभावक संघ के नेतृत्व में चल रहे स्कूल फीस आंदोलन के तहत भगत सिंह के जन्मदिन 28 सितम्बर सोमवार को भारत-बंद का आवाहन किया गया है। जिसे सफल बनाने के लिए सभी पार्टियों, सामाजिक संगठनों और अभिभावक संघों से समर्थन माँगा गया है। बहुजन समाज पार्टी के साथ-साथ राष्ट्रीय राष्ट्रवादी पार्टी और महिला स्वाभिमान पार्टी का स्कूल फीस आन्दोलन को समर्थन मिला, जिससे भारत-बंद को और बल मिलेगा। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने स्कूल फीस आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि कोरोना लॉकडाउन से देश में आर्थिक मंदी से करोड़ों लोगों के सामने स्कूल फीस जमा करने की समस्या गंभीर होकर आन्दोलन के रूप में अब सामने आने लगी है। ऐसे में सरकारों की भूमिका काफी बढ़ जाती है। लिहाजा सरकारें अपने शाही खर्चे में कटौती करके व्यापक जनहित में बच्चों की स्कूल फीस माफ करे। भारत अभिभावक संघ के अध्यक्ष प्रताप चन्द्र ने स्कूल फीस आन्दोलन को समर्थन करने पर बसपा प्रमुख मायावती सहित रारापा अध्यक्ष अजय सिंह और मसपा अध्यक्ष सिद्धार्थ का आभार जताया और कहा कि ऑनलाइन स्कूल तो ऑनलाइन की ही फीस तय करने से अभिभावकों को तत्काल राहत मिल जाएगी। आनलाइन पढ़ाई की फीस आन कैम्पस फीस की एक चौथाई से ज्यादा नहीं हो सकती है।               


प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने लिए सैंपल

पदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम पहुँचीं राजनगर मिट्टी और पानी के लिए सैंपल।


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। राजनगर एवं उसके आस-पास भूमिगत जल में क्रोमियम एवं दूसरे घातक केमिकल आदि मिलने की शिकायत के बाद उत्तर परदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने राजनगर में स्थानीय सांसद जनरल वीके सिंह के राजनगर स्थित किए। आवास से लगी ग्रीन बेल्ट से भूमिगत पानी तथा मिटटी के नमूने लिए गए। माना जा रहा है कि यदि बोर्ड की टीम के द्वारा मेरठ रोड से लगे शाहपुर मोरटा आदि से भी भूमिगत पानी तथा मिटटी के नमूने लिए जाते है। भूमिगत पानी की वर्तमान स्थिति को देखकर कहा जा सकता है कि पानी में घातक केमिकल का मिलना तय है।


आपको बता दें कि पर्यावरणविद आकाश वशिष्ठ के द्वारा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में लिखित शिकायत की थीं तथा अवगत कराया गया था कि राजनगर और कविनगर आदि से लगी ग्रीन बेल्ट को निगम के द्वारा डंपिंग यार्ड में तब्दील किए जाने के परिणाम स्वरूप भूमिगत पानी घातक हो रहा है। मिटटी भी घातक हो रही है। यहां बता दे कि पिछले दिनों राजनगर के हेंडपंपों के पानी में पड़ताल के दौरान क्रोमियम की मात्रा बहुत ज्यादा पायी गई थीं।             


सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया

सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया  बृजेश केसरवानी  प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी ...