शुक्रवार, 11 सितंबर 2020

सेक्स रैकेट का भंडाफोड़, निकलेंं संक्रमित

अतीश द्विवेदी


लखीमपुर खीरी। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में थाना सदर कोतवाली क्षेत्र में एक सेक्स रैकेट में 5 महिलाएं और 5 पुरुषों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसमें शामिल एक महिला और एक पुरुष की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसके बाद सेक्स रैकेट को पकड़ने वाली पुलिस टीम और महिला के संपर्क में आने वाले लोगों में हड़कंप मच गया।


दरअसल, लखीमपुर सदर कोतवाली पुलिस ने बुधवार को मुखबिर की सूचना पर एक सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ किया था। लखीमपुर खीरी जिले के एसपी सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि सेक्स रैकेट पकड़ने वाली टीम में शामिल लोगों की कोरोना वायरस का टेस्ट किया जा रहा है। एसपी सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि कोरोना काल में जो भी अभियुक्त को जेल भेजा जाता है, एहतियात के तौर पर उनका कोरोना टेस्ट कराया जाता है। इस कोरोना वायरस टेस्ट में सेक्‍स रैकेट में पकड़े गए एक लड़के और एक लड़की की कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद इस रैकेट का खुलासा करने वाली पुलिस टीम के सभी सदस्यों का कोरोना टेस्ट कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि लड़की और लड़के को कोविड-19 केयर सेंटर भेज दिया गया है।


सिंगरौलीः शिक्षक ने छात्रा से किया दुष्कर्म

जिला मुख्यालय के चितरंगी थाना क्षेत्र के शिक्षक ने किया नाबालिक छात्रा का रेप, चितरंगी पुलिस ने अपराधी शिक्षक को गिरफ्तार कर न्ययालय पेश कर जेल भेज दिया गया।


सिंगरौली। जिला मुख्यालय से 70किलोमीटर दूर चितरंगी थाना क्षेत्र के स्थित एक गांव में एक शिक्षक द्वारा अपने ही नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म करने का मामला प्रकाश में आया है। बताया जाता है कि- आरोपी शिक्षक ट्यूशन पढ़ाने के बहाने बच्ची को अपने कमरे में बुलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया फिलहाल शिकायत पुलिस के पास पहुंची इसके बाद पुलिस ने आरोपी टीचर को गिरफ्तार कर लिया है गुरुवार को आरोपी की मेडिकल जांच कराने के उपरांत पुलिस ने उसे न्यायालय में पेश किया जहां से उसे जेल भेज दिया।


घटना के बारे में बताया जाता है कि- आरोपी टीचर जोगनी देवसर थाना चितरंगी, गांव में ही स्कूल संचालित कर रहा था वह पांच लड़को को और तीन लड़कियों को स्कूल में ही एक ग्रुप में बैठाकर ट्यूशन पढाया करता था। घटना वाले दिन भी छटवीं कक्षा की 10 वर्षीय बालिका आधा घंटा लेट पहुची, ट्यूशन पढ़ाने का हवाला देकर वह अपने घर ले गया। इसके बाद घटना को अंजाम दिया, बच्ची जब जोर जोर से रोने लगी तो आरोपी ने उसके पिता को फोन करके बुलाया और वापस घर भेज दिया।                 


भाजपा ने अमेरिका शाखा को चिट्ठी लिखी

नई दिल्ली/ वाशिंगटन डीसी। भारतीय जनता पार्टी के विदेश मामलों के प्रभारी विजय चौथाईवाला ने ‘ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी’ की अमेरिकी शाखा को एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने कहा है कि पार्टी से जुड़ा कोई भी आदमी अमेरिका में भाजपा के नाम पर वोट नहीं मांगेगा और भाजपा के सदस्य के तौर पर किसी पार्टी का प्रचार नहीं करेगा। चाहे रिपब्लिकन यानी डोनाल्ड ट्रंप के लिए वोट मांगें या डेमोक्रेट यानी जो बाइडेन के लिए वोट मांगें, यह काम निजी तौर पर करें, पार्टी के नाम पर नहीं। उन्होंने कमला हैरिस के उप राष्ट्रपति पद का डेमोक्रेटिक उम्मीदवार बनने पर खुशी भी जताई पर साथ ही कहा कि भाजपा अमेरिकी चुनाव के मामले में तटस्थ रहना चाहती है। ध्यान रहे भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भारतीय मां की संतान कमला हैरिस के उम्मीदवार बनने पर आधिकारिक प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया था, जबकि कमला हैरिस के पिता के देश जमैका ने इस पर न सिर्फ खुशी जताई थी, बल्कि उनका समर्थन भी किया था।


बहरहाल, सवाल है कि ऐसी चिट्ठी इस समय लिखने की क्या जरूरत आन पड़ी? क्या भारतीय जनता पार्टी को अमेरिका में हवा के बदलते रुख का अंदाजा हो गया है? क्या केंद्र की सरकार कुछ अलग हवा बहती महसूस कर रही है और इसलिए पार्टी को ऐसा स्टैंड लेना पड़ा है? खुल कर ट्रंप का समर्थन करने और ‘अबकी बार ट्रंप सरकार’ का नारा लगाने वाले अगर तटस्थ हो रहे हैं तो यह बड़े बदलाव का संकेत है।


जो हो यह दिलचस्प घटनाक्रम है। अभी तक भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार पूरी तरह से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ खड़ी दिख रही थी। खुद ट्रंप ने अपने प्रचार का जो पहला वीडियो जारी किया है उसमें उन्होंने पिछले साल ह्यूस्टन में हुए ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम और इस साल अहमदाबाद में हुए ‘नमस्ते ट्रंप’ कार्यक्रम की वीडियो इस्तेमाल की है। उन्होंने अपने प्रचार में कहा है कि नरेंद्र मोदी उनके दोस्त हैं और भारतीय अमेरिकी उनके लिए वोट करेंगे। क्या ‘ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी’ की तरह भाजपा या भारत की सरकार ट्रंप को कह सकते हैं कि आप अपनी प्रचार सामग्री से प्रधानमंत्री मोदी का नाम और उनकी फोटो हटाएं? वैसे सोशल मीडिया में एक मजाक यह भी चल रहा है कि कोरोना वायरस अब सिर्फ दो ही जगह है- एक ट्रंप के यहां और एक नमस्ते ट्रंप के यहां!


बहरहाल, अमेरिका में हवा बदल रही है। चुनाव में दो महीने से भी कम समय रह गए हैं। पोस्टल बैलेट से मतदान शुरू भी हो गया है और तमाम सर्वेक्षण डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बाइडेन की बढ़त बता रहे हैं। उन्होंने अपनी रनिंग मेट यानी उप राष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर भारतीय अमेरिकी मूल की कमला हैरिस को चुना है। इतने भर से भले तमाम भारतीय अमेरिकी मतदाता डेमोक्रेटिक पार्टी के समर्थक नहीं हो जाएंगे पर अब यह वोट बंटने की वास्तविक संभावना दिख रही है।


ट्रंप और मोदी से पहले आमतौर पर भारतीय अमेरिकी बाकी प्रवासियों की तरह डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए ही वोट करते रहे थे। ट्रंप से नरेंद्र मोदी की कथित दोस्ती और ट्रंप के मुस्लिम विरोधी रुख ने भारतीय अमेरिकियों के एक बड़े समूह को उनके साथ जोड़ा है पर पढ़ाई से लेकर काम करने तक के लिए मिलने वाले अमेरिकी वीजा के नियमों को ट्रंप ने जैसे बदला है, उससे भारतीय अमेरिकी सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। कारोबार के मामले में भारत को मिला विशेष दर्जा भी उन्होंने खत्म कर दिया है और भारतीय उत्पादों पर लगने वाले आयात शुल्क में बढ़ोतरी कर दी है। इससे भी भारतीय कारोबारियों के हित प्रभावित हुए हैं। सो, ट्रंप ने भारत को लेकर जुबानी जमाखर्च जो किया हो पर वास्तविकता में भारत या भारतीयों को उनसे कोई फायदा नहीं हुआ है। उलटे उनके सहयोगी के तौर पर अपनी पोजिशनिंग करके भारत ने अपने दुश्मन ही बढ़ाए हैं। चीन की आक्रामकता का एक कारण अमेरिका के साथ भारत की बढ़ती निकटता भी है।


सो, यह अच्छा है जो भारतीय जनता पार्टी ने ट्रंप का प्रचारक दिखने से अपने को दूर किया है और अपने समर्थकों, सदस्यों से कहा है कि वे जिसके लिए भी प्रचार करें, निजी तौर पर करें। पर सवाल है कि क्या भारत सरकार और भारतीय जनता पार्टी ने अमेरिका के साथ और खास कर ट्रंप के साथ संबंधों में जिस तरह का आचरण किया है वह इतनी आसानी से अनडू हो जाएगा? क्या जो बाइडेन और कमला हैरिस मान लेंगे कि भारत तटस्थ हो गया है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले चार साल में अपने को ट्रंप से इतना करीब दिखाया है कि बहुत आसानी से उस अतीत से पीछा नहीं छुड़ाया जा सकता है।


असल में भारत सरकार ने पिछले छह साल में जिस तरह से घरेलू राजनीति के सारे स्थापित नियमों, व्यवस्थाओं, परंपराओं से परे जाकर मनमाने तरीके से काम किया वैसा ही काम कूटनीति और वैश्विक संबंधों के मामले में भी किया है। ट्रंप के साथ जब प्रधानमंत्री दोस्ती बढ़ा रहे थे और ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम में जा रहे थे तब भी उनको आगाह किया गया था कि देशों के रिश्ते इस तरह से नहीं चलते हैं। कूटनीति में राष्ट्राध्यक्षों या शासनाध्यक्षों के निजी संबंध कम महत्व रखते हैं और देशों व सरकारों के संबंध अहम होते हैं, जो दोपक्षीय हितों पर आधारित होते हैं। ट्रंप ने तो अमेरिकी हितों को प्रमुखता देते हुए ही काम किया पर मोदी प्रशासन ने दोनों देशों के संबंधों को मोदी-ट्रंप के निजी संबंधों में बदलने का प्रयास किया, जिसका खामियाजा भारत अभी भुगत रहा है और आने वाले दिनों में ज्यादा भुगतना पड़ सकता है। अगर अमेरिका में प्रशासन बदलता है। डेमोक्रेटिक पार्टी की जीत होती है तो भारत के लिए नए प्रशासन के साथ कदमताल करते हुए चलना बहुत आसान नहीं होगा। एक तो अमेरिका वैसे भी मानवाधिकार, धार्मिक स्वतंत्रता और कश्मीर के मुद्दे पर ऐसा रुख रखता है, जो भारत की मौजूदा सरकार के अनुकूल नहीं है। ऊपर से अगर बाइडेन-हैरिस की जोड़ी सरकार में आती है तो इन मुद्दों पर अमेरिका का रुख और सख्त होगा, जो भारत के मौजूदा प्रशासन के लिए अच्छी बात नहीं होगी। हो सकता है कि प्रवासी भारतीयों के लिए बाइडेन-हैरिस की जोड़ी अच्छी साबित हो, वीजा नियमों में बदलाव हो जाए और भारत का विशेष दर्जा भी बहाल हो जाए पर कश्मीर से लेकर धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकार के मुद्दों पर बाइडेन प्रशासन का रुख भारत से बिल्कुल उलटा होगा। ट्रंप प्रशासन के साथ मोदी सरकार का पुराना अतीत और सरकार की नीतियां दोनों देशों के संबंधों को और जटिल बना सकते हैं। फिर भी अच्छा है, जो चुनाव से पहले ही भाजपा ने अमेरिकी राजनीति में एक पक्ष बनने की बजाय तटस्थता दिखानी शुरू कर दी है। उम्मीद करनी चाहिए कि यह नीति बाकी देशों के साथ कूटनीति में भी कंटीन्यू की जाएगी। आखिरकार चीन के राष्ट्रपति शी जिनफिंग के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गले लगने और झूला झूलने की कूटनीति दोनों देशों के संबंधों को कहां ले आई है, वह सब देख रहे हैं।             


बरेलीः कोर्ट में पेश किये 'दलाल', जेल भेजा

बरेली। विशेष न्यायाधीश पीसी कोर्ट सेकंड मोहम्मद अहमद खान की अदालत में पुलिस ने शाहजहांपुर उप संभागीय परिवहन कार्यालय में गुरुवार को पकड़े 18 दलाल 2 कर्मचारियों को रिमांड के लिए पेश किया। बता दें, पुलिस, प्रशासन और विजिलेंस टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए भ्रष्टाचार के मामलों में लिप्त 20 लोगों को पकड़ा था। टीम ने इनके पास से चार लाख रूपये नगद, 14 मोबाइल फोन, 7 लैपटाप, 8 ड्राइविंग लाइसेंस, 46 आर सी व अन्य सुसंगत दस्तावेज बरामद किये थे।


छापा मारने वाली टीम में विजिलेंस के अपर पुलिस अधीक्षक, अरविंद यादव, पुलिस उपाधीक्षक, शैलजा मिश्रा, 7 इंस्पेक्टर, 1 सब इस्पेक्टर, 9 हेड कान्स्टेबल, 6 कान्सटेबल व जिला पुलिस से एसपी सिटी संजय कुमार, सीओ सिटी, प्रवीन कुमार यादव, सिटी मजिस्ट्रेट, राजेश कुमार व इंस्पेक्टर सदर बाजार मय फोर्स शामिल थे।             


कोरोना न फहलें, गोली मारने का आदेश

प्योंगयांग। दक्षिण में अमेरिकी सेनाओं के कमांडर के मुताबिक, उत्तर कोरिया के अधिकारियों ने कोरोनावायरस (Coronavirus) संक्रमित शख्स के चीन से देश में प्रवेश करने से रोकने के लिए शूट-टू-किल (देखते ही गोली मारने के आदेश) जारी किए हैं। उत्तर कोरिया ने अभी तक देश में एक भी कोरोना केस की पुष्टि नहीं की है।


प्योंगयैंग ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए चीन से सटे बॉर्डर को जनवरी में ही बंद कर दिया था। जुलाई में राज्य मीडिया ने कहा कि इसने अपने आपातकाल की स्थिति को अधिकतम स्तर तक बढ़ा दिया है। US फोर्स कोरिया (USFK) के कमांडर रॉबर्ट अब्राहम्स ने कहा कि बॉर्डर बंद होने की वजह से सामानों की तस्करी बढ़ गई है, जिसके चलते अब प्रशासन को हस्तक्षेप करना पड़ा है।


स्थगित हुए ओलंपिक को आयोजित करेंगे

टोक्यो। जापान की ओलंपिक मंत्री सेको हाशिमोतो का मानना है कि कोरोना वायरस के कारण स्थगित किए किए टोक्यो ओलंपिक को किसी भी कीमत पर अगले साल आयोजित करना चाहिए। जापान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, हाशिमोतो ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ” खेलों से जुड़े सभी लोग इसकी तैयारी के लिए एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं। एथलीट भी उन परिस्थितियों के तहत अगले वर्ष को ध्यान में रखकर काफी प्रयास कर रहे हैं, जो उन्हें सौंपे गए हैं।”


उन्होंने कहा, ” मुझे लगता है कि हमें किसी भी कीमत पर खेलों को आयोजित करना ही होगा। मैं कोरोना वायरस के खिलाफ किए गए उपायों के सभी प्रयासों पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहती हूं।” हाशिमोतो का बयान अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के उपाध्यक्ष जॉन कोट्स के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने हाल ही में कहा था कि अगले साल ओलंपिक खेलों का आयोजन होगा चाहे तब तक कोविड-19 महामारी रहे या न रहे। उन्होंने कहा था कि अगले साल 23 जुलाई से ओलंपिक प्रतियोगिता शुरू हो रही है। टोक्यो ओलंपिक खेलों का आयोजन इस साल जुलाई-अगस्त में होना था, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसे अगले साल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।            


चौथी बार जीता 'टूर्नामेंट' का खिताब

त्रिनिदाद। त्रिनबागो नाईट राइडर्स ने सेंट लूसिया जॉक्स को कैरेबियाई प्रीमियर लीग (सीपीएल) के फाइनल मुकाबले में आठ विकेट से हराकर चौथी बार इस टूर्नामेंट का खिताब जीता। मुकाबले में त्रिनबागो नाईट राइडर्स की ओर से सलामी बल्लेबाज लेंडल सिमंस (नाबाद 84) और डेरेन ब्रावो (नाबाद 58) रन की अर्धशतकीय पारी और कप्तान किरोन पोलार्ड (30 रन देकर चार विकेट) झटककर शानदार प्रदर्शन किया।


टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी सेंट लूसिया 19.1 ओवर में 154 रन ही बना सकी। टीम की ओर से विकेटकीपर बल्लेबाज आंद्रे फ्लेचर ने 27 गेंदों में चार चौकों और दो छक्कों की मदद से सर्वाधिक 39 रन बनाए। लक्ष्य का पीछा करने उतरी नाईट राइडर्स ने सिमंस के 49 गेंदों में आठ चौकों और चार छक्के की मदद से नाबाद 84 और ब्रावो के 47 गेंदों में दो चौकों और छह छक्कों के सहारे नाबाद 58 रन की पारी की बदौलत 18.1 ओवर में दो विकेट पर 157 रन बनाकर मैच तथा खिताब अपने नाम कर लिया।


सिमंस को मैन ऑफ द मैच और किरोन पोलार्ड को प्लेयर ऑफ द सीरीज चुना गया। नाईट राइडर्स टूर्नामेंट की पहली टीम है जिसने सीपीएल के सभी 12 मुकाबले जीते। नाईट राइडर्स का यह चौथा सीपीएल खिताब है। इससे पहले वह 2015, 2017 और 2018 में इस टूर्नामेंट का खिताब अपने नाम कर चुकी है। पहले बल्लेबाजी करने उतरी सेंट लूसिया की शुरुआत अच्छी नहीं रही और अली खान ने रखीम कॉर्नवाल को आउट कर 10 रन के स्कोर पर पहला झटका दिया। कॉर्नवाल ने सात गेंदों में दो चौकों की मदद से आठ रन बनाए।                 


'सीएम' आतिशी ने एलजी सक्सेना को पत्र लिखा

'सीएम' आतिशी ने एलजी सक्सेना को पत्र लिखा  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने मंदिरों और बौद्ध संरचनाओं को ध...