शुक्रवार, 11 सितंबर 2020

एलएसी पर पीएलए की भारी तैनाती

नई दिल्ली/मॉस्को। भारत ने चीन से कहा है कि वह (चीन) लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों की बड़े पैमाने पर तैनाती के लिए एक विश्वसनीय स्पष्टीकरण देने में विफल रहा है। सूत्रों ने बताया कि शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के इतर भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच मॉस्को में गुरुवार को ढाई घंटे तक बातचीत हुई। बैठक में भारत ने एलएसी पर हथियारों और उपकरणों के साथ चीनी सैनिकों की भारी तैनाती को लेकर पुरजोर तरीके से अपनी चिंता को जाहिर किया। यह मानते हुए कि चीनी सेना की तैनाती एलएसी पर तनाव बढ़ाने वाले भड़काऊ कदम हैं, जयशंकर ने अपने चीनी विदेश मंत्री को बताया कि इतनी ज्यादा संख्या में सैनिकों की उपस्थिति 1993 और 1996 के समझौतों के अनुसार उचित नहीं है।


जयशंकर ने वांग से कहा, “चीनी पक्ष ने इस तैनाती के लिए कोई विश्वसनीय स्पष्टीकरण नहीं दिया है। एलएसी पर संघर्ष की कई घटनाओं में चीनी फ्रंटलाइन सैनिकों के भड़काऊ व्यवहार ने भी द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल के प्रति उपेक्षा दिखाई।” सूत्रों ने कहा कि भारत ने स्पष्ट रूप से चीन को अवगत कराया कि वह सीमा क्षेत्रों के प्रबंधन पर सभी समझौतों के पूर्ण पालन की उम्मीद करता है और एकतरफा रूप से यथास्थिति को बदलने के किसी भी प्रयास को नहीं मानेगा। जयशंकर ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारतीय सैनिकों ने सीमावर्ती क्षेत्रों के प्रबंधन से संबंधित सभी समझौतों और प्रोटोकॉलों का बखूबी पालन किया है।


जयशंकर ने वांग यी से टकराव वाले सभी क्षेत्रों से चीनी सैनिकों की वापसी सुनिश्चित करने के लिए कहा है। जयशंकर ने यह भी रेखांकित किया कि 1976 में राजदूत स्तर के संबंधों को फिर से शुरू करने और 1981 से सीमा वार्ता आयोजित करने के बाद से, भारत-चीन संबंध बड़े पैमाने पर सकारात्मक रूप में विकसित हुए हैं। अपनी चर्चा के अंत में, मंत्रियों ने पांच बिंदुओं पर एक समझौता किया जो मौजूदा स्थिति के संदर्भ में उनके प्रयासों को दिशा देगा।
संयुक्त बयान के अनुसार, दोनों मंत्री इस बात पर सहमत हुए कि दोनों पक्षों को भारत-चीन संबंधों को विकसित करने पर नेताओं की आम सहमति से मार्गदर्शन लेना चाहिए, जिसमें मतभेदों को विवाद न बनने देना शामिल है।


वे इस बात पर सहमत हुए कि सीमावर्ती क्षेत्रों की मौजूदा स्थिति दोनों पक्षों के हित में नहीं है और इसलिए दोनों पक्षों के सीमा सैनिकों को अपना संवाद जारी रखना चाहिए, जल्दी से पीछे हटना चाहिए, उचित दूरी बनाए रखना चाहिए और तनाव कम करना चाहिए।


दोनों पक्ष चीन-भारत सीमा मामलों पर सभी मौजूदा समझौतों और प्रोटोकॉल का पालन करने, सीमा क्षेत्रों में शांति बनाए रखने और ऐसे विवाद से बचने जो मामलों को आगे बढ़ा सकते हैं, पर सहमत हुए। दोनों पक्षों ने भारत-चीन सीमा मसले पर विशेष प्रतिनिधि तंत्र के माध्यम से संवाद जारी रखने पर भी सहमति व्यक्त की।             


विवेकानंद के भाषण को पढ़ने की अपील


नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवाओं से स्वामी विवेकानंद के उस भाषण को पढ़ने की अपील की है, जो उन्होंने वर्ष 1893 में अमेरिका के शिकागो में आयोजित हुई धर्म संसद में दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाषण के टेक्स्ट का लिंक भी ट्विटर पर शेयर किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को आचार्य विनोबा भावे को भी उनकी जयंती पर याद किया।



प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, आज, 11 सितंबर को हम भारत में दो महत्वपूर्ण मील के पत्थर चिह्न्ति करते हैं। आचार्य विनोबा भावे की जयन्ती और जिस दिन स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में अपना उत्कृष्ट भाषण दिया। इन महापुरुषों के पास पूरी मानवता को सिखाने के लिए बहुत कुछ है।


उन्होंने आगे कहा, 1893 में स्वामी विवेकानंद के संबोधन ने भारत के लोकाचार की भावना और उन मूल्यों का पूर्ण प्रदर्शन किया जो हमारी भूमि का एक अभिन्न अंग हैं। मैं युवाओं से उनके भाषण को पढ़ने का आग्रह करता हूं।


बता दें कि कोलकाता में 12 जनवरी, 1863 को जन्मे स्वामी विवेकानंद ने अमेरिका के शिकागो की धर्म संसद में वर्ष 1893 में भाषण देकर सनातन धर्म और संस्कृति की पूरी दुनिया में छाप छोड़ी थी। उन्होंने कहा था, मुझे गर्व है कि मैं उस धर्म से हूं जिसने दुनिया को सहिष्णुता और सार्वभौमिक स्वीकृति का पाठ पढ़ाया है। हम सिर्फ सार्वभौमिक सहिष्णुता पर ही विश्वास नहीं करते बल्कि, हम सभी धर्मों को सच के रूप में स्वीकार करते हैं।               



रिकॉर्डः यूपी में 7,042 मामले सामने आए

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में एक दिन में कोरोना वायरस के रिकॉर्ड 7,042 मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या 2,92,029 तक पहुंच गई है। सिर्फ लखनऊ में ही कोरोना के 917 मामले सामने आए। 94 मौतों के बाद कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या उत्तर प्रदेश में 4,206 हो गई है। ये जानकारी राज्य के स्वास्थ्य विभाग के लखनऊ में 11 मोतें हुई, जबकि कानपुर में 8, गोरखपुर में 6, मेरठ और पीलीभीत में 5-5 मौतें दर्ज की गई। राज्य में एक्टिव मामलों की कुल संख्या 66,317 है।


अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) अमित मोहन ने कहा कि अभी तक राज्य में 2,21,506 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं। राज्य में रिकवरी रेट 75.85 फीसदी है। उन्होंने कहा कि राज्य में अभी तक 70.67 लाख नमूनों की जांच की गई है। और ऐसा करने वाला उत्तर प्रदेश देश में पहला राज्य बन गया है। 1.49 लाख टेस्ट तो बुधवार को किया गया। इस बीच, राज्य सरकार ने कोविड-19 के नमूनों की जांच के लिए निर्धारित राशि घटा दी है। अब कोरोना वायरस के टेस्ट 1600 रुपए में कराए जा सकते हैं जिसके लिए पहले 2500 रूपए देने पड़ते थे।                  


अजारेंका-ओसाका में होगी खिताबी भिड़ंत

वाशिंगटन डीसी। पूर्व वर्ल्ड नंबर- 1 बेलारूस की विक्टोरिया अजारेंका ने बड़ा उलटफेर करते हुए अमेरिका की दिग्गज महिला टेनिस खिलाड़ी सेरेना विलियम्स को हराकर यहां जारी अमेरिका ओपन टेनिस टूर्नामेंट के फाइनल में जगह बना ली है। दो बार की आस्ट्रेलियन ओपन चैंपियन अजारेंका अब फाइनल में 2018 की अमेरिका ओपन चैंपियन जापान की नाओमी ओसाका से भिड़ेंगी।


दो बार की उपविजेता अजारेंका ने महिला एकल के सेमीफाइनल में सेरेना के खिलाफ पहला सेट हारने के बाद अगले दो सेटों में बेहतरीन वापसी की। अजारेंका ने यहां आर्थर एश स्टेडियम में एक घंटे 55 मिनट तक चले मुकाबले में सेरेना को 1-6, 6-3, 6-3 से शिकस्त देकर तीसरी बार अमेरिका ओपन के फाइनल में जगह बना ली। अजारेंका की मार्च 2016 के बाद से सेरेना के खिलाफ यह पहली और करियर में अब तक की कुल पांचवीं जीत है। वहीं, अमेरिका ओपन में सेरेना पर उनकी यह पहली जीत है। बेलारूस की खिलाड़ी करियर में पांचवीं बार किसी ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची हैं। अजारेंका लगातार 11वीं जीत दर्ज करते हुए सात साल बाद अमेरिका ओपन के फाइनल में पहुंची हैं। अजारेंका ने हाल ही में वेस्टर्न एंड साउदर्न ओपन का खिताब भी जीता है और ऐसे में उन्हें यहां भी खिताब का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। सेरेना और अजारेंका की विंबलडन 2015 के बाद से यह पहली भिड़ंत थी।


अजारेंका और सेरेना 2012 और 2013 के अमेरिका ओपन के फाइनल में एक दूसरे के खिलाफ मुकाबले में उतर चुकी हैं। दोनों बार खेले गए फाइनल में सेरेना ने अजारेंका को हराकर लगातार दूसरा अमेरिका ओपन का खिताब जीता था।


अजारेंका ने जीत के बाद मजाकिया लहजे में कहा, ” 7 मेरा पसंदीदा नंबर है। इस मौके को पाकर मैं बेहद भाग्यशाली हूं कि मुझे सेमीफाइनल में चैंपियन के खिलाफ खेलने का मौका मिला। फाइनल तक का सफर करने के लिए सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी को हराने की जरूरत थी और आज निश्चित रूप से ऐसा ही हुआ।” उन्होंने कहा, ‘ उम्मीद है कि यह महिलाओं को उनके सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित करेगा। मुझे लगता है कि आप हमेशा खुद को सिर्फ एक चीज के रूप में नहीं पहचान सकते हैं, क्योंकि हमारे पास कई चीजें हैं जो हम अपने जीवन में कर सकते हैं।” 23 बार की ग्रैंड स्लैम विजेता सेरेना का इस हार के साथ ही रिकॉर्ड 24वां ग्रैंड स्लैम खिताब जीतने और सर्वाधिक बार ग्रैंड स्लैम खिताब जीतने का सपना एक बार फिर से टूट गया है।


दो बार की आस्ट्रेलियन ओपन चैंपियन अजारेंका अब फाइनल में 2018 की अमेरिका ओपन चैंपियन जापान की नाओमी ओसाका से भिड़ेंगी। चौथी सीड ओसाका ने एक अन्य सेमीफाइनल में अमेरिका की जेनिफर ब्रेडी को मात देकर दूसरी बार अमेरिका ओपन टेनिस टूर्नामेंट के फाइनल में जगह बनाई। 2018 की चैंपियन ओसाका ने 28वीं सीड ब्रेडी को 7-6 (7-1) 3-6 6-3 से हराकर खिताबी मुकालबे में प्रवेश किया। 22 साल की ओसाका पिछले तीन साल में दूसरी बार अमेरिका ओपन के फाइनल में पहुंची हैं।


ओसाका ने इससे पहले 2018 में अमेरिका ओपन का खिताब जीता था। उस समय वह सिर्फ 20 साल की थीं। इसके अलावा उन्होंने पछले साल ही ऑस्ट्रेलियन ओपन ग्रैंड स्लैम खिताब भी जीता था। ओसाका को इस मैच को जीतने के लिए ब्रेडी के खिलाफ काफी पसीना बहाना पड़ा। यह उनकी इस साल लगातार 10वीं जीत है। ओसाका ने अपने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, ” कभी-कभी मुझे लगता है कि मेरे पास जितना संभव हो उतना मुश्किल खेलने के अलावा कोई विकल्प नहीं है, क्योंकि मेरी प्रतिद्वंद्वी मुझे कोई मौका नहीं दे रही है।”             


बदमाशों ने व्यापारी को मारी गोली

लखीमपुर खीरी। जिले में लूट, हत्या, बलात्कार की घटनाओं की बाढ़ सी आ गई है। अपराधी इतने बेखौफ हो गए हैं कि वह कहीं भी कभी भी आपराधिक घटनाओं को बखूबी अंजाम दे रहे हैं। ताजा मामला गोला कोतवाली क्षेत्र का है, जहां गुरुवार की देर रात बाइक से वापस घर जा रहे एक व्यापारी को लूटपाट करने के इरादे से गोली मार दी। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। व्यापारी का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है।


गोला शहर के व्यापारी अरविंद शुक्ला गुरुवार को बाइक से अपने गांव मोहम्दाबाद गए थे। वहां से देर रात गोला वापस आ रहे थे। जैसे ही वह गोला बाईपास पर पहुंचे तो वहां पहले से घात लगाए बैठे बदमाशों ने हाथ हिलाकर बाइक रोकने के लिए कहा। जब उन्होंने बाइक ना रोककर उसकी स्पीड बढ़ा दी तो बदमाशों ने उन्हे गोली मार दी। गोली व्यापारी की बांह को चीरते हुए निकल गई, घायल अवस्था व्यापारी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।           


जम्मू-कश्मीर में आएं भूकंप के झटके

श्रीनगर। जम्मू एवं कश्मीर में शुक्रवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.3 मापी गई। भूकंप का केंद्र भारत-पाकिस्तान सीमा क्षेत्र था। मौसम विज्ञान विभाग ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। भूकंप के झटके देर रात 1.53 बजे 33.03 डिग्री उत्तर में और 73.63 डिग्री पूर्व में महसूस किए गए। इसकी गहराई 10 किलोमीटर दर्ज की गई।


कश्मीर अत्यधिक संवेदनशील भूकंपीय क्षेत्र में स्थित है। कश्मीर में पहले भी भूकंप ने तबाही मचाई है। साल 2005 में 8 अक्टूबर को घाटी में आए भूकंप में नियंत्रण रेखा के दोनों ओर 80,000 से अधिक लोग मारे गए थे। वहीं रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 7.6 थी।               


भारतीय 'टग बोट बाजार' से बाहर हुआ 'चीन'

नई दिल्ली/ बीजिंग। भारत की शिपिंग इंडस्ट्री में चीन के वर्चस्व को कम करने के लिए भारत सरकार ने एक बड़ा फ़ैसला लिया है। शिपिंग मंत्रालय ने आदेश दे कर ये एलान किया है कि अब देश के प्रमुख बंदरगाहों पर सिर्फ़ मेक इन इंडिया के तहत बने भारतीय टग बोट का ही इस्तेमाल किया जाएगा। केंद्रीय शिपिंग मिनिस्टर मनसुख लाल मंडाविया ने एबीपी न्यूज़ से हुई एक ख़ास बात-चीत में कहा कि इस फ़ैसले से भारतीय शिपिंग इंडस्ट्री में दूरगामी परिणाम देखने को मिलेंगे।


क्या होगा टग बोट पर फ़ैसले का असर  


भारतीय टग बोट के बाज़ार पर क़रीब 80% क़ब्ज़ा चीन का है। शिपिंग मंत्रालय के इस फ़ैसले से अब टग बोट का बाज़ार न सिर्फ़  पूरी तरह भारतीय उद्यमियों के हाथ में आ जाएगा बल्कि विश्व टग बोट बाज़ार में भी भारत की ताक़त बढ़ेगी।


क्या होती है टग बोट?


टग बोट देखने में शिप जैसी ही विशालकाय और अत्यधिक क्षमता वाली बोट होती है। टग बोट का इस्तेमाल शिप को ज़रूरत के अनुसार खींचने के लिए किया जाता है। टग बोट माल से लदे हुए किसी भी बड़े से बड़े समुद्री जहाज़ को मुसीबत की घड़ी में खींच कर ठिकाने पे लगा सकने की क्षमता रखती है। जब शिप किसी संकरे कैनाल में होती है, छिछले पानी में होती है, ख़राब हो जाती है ऐसे समय में टग बोट शिप को खींचती है। इसके अलावा अन्य अनेकों काम में टग बोट का इस्तेमाल किया जाता है। भारत के सरकारी बंदरगाहों पर टग बोट की विशेष माँग रहती है।


भारत में कितना बड़ा बाज़ार है टग बोट का  


एक टग बोट की कीमत 50 करोड़ रूपए से 80 करोड़ रूपए के बीच होती है। भारत में इस वक़्त क़रीब 800 टग बोट हैं।और हर साल क़रीब 20 नई टग बोट की ज़रूरत पड़ती है।एक टग बोट की औसत उम्र 20 साल होती है। बहुत सी मौजूदा टग बोट की उम्र पूरी हो जाने के कारण आने वाले तीन सालों में क़रीब 100 टग बोट की डिमांड होने वाली है। इस तरह देखा जाय तो भारत ख़ुद में ही टग बोट का एक बड़ा बाज़ार है। मौजूदा समय में इस बाज़ार पर भी चीन का क़ब्ज़ा है। भारतीय टग बोट बाज़ार के क़रीब 80 फ़ीसदी हिस्से पर चीनी उद्योगपतियों जा क़ब्ज़ा है।               


यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई  संदीप मिश्र  लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन को लेकर उत्तर प्रदेश में भी 7 दिनों के...