गुरुवार, 10 सितंबर 2020

युवतियों ने दरोगा की लाइसेंसी पिस्टल उड़ाई

अतुल त्यागी, मुकेश सैनी


दारोगा की लाईसेंसी पिस्टल युवतियों ने उड़ाई


हापुड़। अपनी पत्नी के साथ ईं- रिक्शा में बैठकर लौट रहे एक बीएसएफ के एएसआई के बैग से दो युवतियों व एक महिला पर लाइसेंसी पिस्टल निकालनें का आरोप लगाया। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी हैं। जानकारी के अनुसार त्रिपुरा में बीएसएफ में तैनात एएसआई मुनीष कुमार हापुड़ के प्रीत विहार में रहते हैं। छुट्टियों में वे तीन सितम्बर की शाम अपनी पत्नी के साथ बाबूगढ़ से ई रिक्शा में वापस अपनें घर लौट रहे थे। रिक्शा में दो युवती व महिला भी बैठी थी। पीड़ित दरोगा ने थानें में दी तहरीर में आरोप लगाया कि घर पहुंचे पर उनकी लाईसेंसी पिस्टल व मैनजीन गायब थी।जिसको उन युवतियों व महिला ने चोरी कर लिया। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी।               


12 वर्षीय मासूम बच्ची को कैद कर किया रेप

अतुल त्यागी, मुकेश सैनी
हापुड़। दो युवकों ने 12 साल की बच्चीं को खानें की चीज देनें के बहाने बहला फुसलाकर घर में ले जाकर किया रेप हुए फरार हो गए।
थाना प्रभारी निरीक्षक सुबोध कुमार सक्सेना ने बताया कि हापुड़ के एक गांव निवासी 12 वर्षीय बच्चीं को गांव के ही दो युवक गौरव व राजू ने बच्चीं को चीज दिलानें के बहानें अपने घर ले जाकर रेप किया और बच्चीं को रास्ते में छोड़ फरार हो गए। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरु कर दी हैं।                


वाहन चोर गिरोह के 3 सदस्य गिरफ्तार

अतुल त्यागी, मुकेश सैनी


दुकानों को टारगेट कर चोरी करनें वालें गैंग के तीन सदस्य गिरफ्तार, हथियार बरामद


हापुड़। दुकान व घरों को टारगेट बनाकर तालें तोड़कर चोरी करनें वालें गैंग के तीन सदस्यों को पुलि ने गिरफ्तार कर लिया, जबकि एक फरार हो गया। पुलिस ने बदमाशों से हथियार व उपकरण बरामद किए हैं। शहर कोतवाल सुबोध सक्सेना ने बताया कि बीती रात्रि मोदीनगर रोड़ पर गश्त के दौरान पुलिस ने रेलवे के एक खंड़हर में चोरी की योजना बनाते तीन बदमाशों हिमांशु, हरि,नीतिन को गिरफ्तार कर तंमचें व उपकरण बरामद किए। उन्होंने बताया कि आरोपी दुकानों, घरों व अन्य को टारगेट बनाकर ताले तोड़कर चोरी करते थे।               


22 घंटे में बालक से कुशल बरामद किया

अतीश त्रिवेदी 


लखीमपुर खीरी। थाना कोतवाली सदर पुलिस एवं क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम द्वारा गुमशुदा बालक सूर्यप्रताप सिंह (उम्र 10 वर्ष) को 22 घंटे के अंदर सुकुशल बरामद किया गया। पुलिस अधीक्षक महोदय खीरी के कुशल निर्देशन एवं मार्गदर्शन में तथा अपर पुलिस अधीक्षक महोदय के निकट पर्यवेक्षण में एवं क्षेत्राधिकारी सदर के नेतृत्व में आज दिनांक 10.10.20 को थाना कोतवाली सदर पुलिस एवं क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम द्वारा कल दिनांक 09.09.20 को गुमशुदा हुये। बालक सूर्यप्रताप सिंह उर्फ फन्टू (उम्र करीब 10 वर्ष) पुत्र अशोक सिंह भदौरिया निवासी मो0 अग्निहोत्री नगर, चूना भट्ठी के सामने, गढ़ी रोड थाना को0सदर खीरी को 22 घंटे के अंदर ग्राम पनगी खुर्द, रामापुर से सकुशल बरामद किया गया है। बच्चे की सकुशल बरामदगी होने पर पुलिस अधीक्षक महोदय खीरी द्वारा पुलिस टीम के उत्साहवर्धन हेतु 10,000 रू0 के पुरस्कार की घोषणा की गयी है। उक्त घटना के संबंध में कल दिनांक 09.09.20 को थाना कोतवाली सदर पर मु0अ0सं0 988/20 धारा 363 भादवि पंजीकृत किया गया था। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक महोदय द्वारा क्षेत्राधिकारी सदर के नेतृत्व में 4 टीमों का गठन किया गया था। साथ ही सादे वस्त्रों में भी पुलिसकर्मियों को विभिन्न स्थानों पर नियुक्त किया गया था। गुमशुदा बच्चे के निवास स्थान की गूगल मैपिंग कर तकनीकी रूप से संशाधनों को प्रयोग किया जा रहा था। जिसके परिणामस्वरूप 22 घंटे के अंदर आज दिनांक 10.10.20 को गुमशुदा बच्चे की सकुशल बरामदगी की गयी।


2 साल पहले प्रस्ताव पास, नहीं कोई निर्माण

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। ट्रांस हिंडन क्षेत्र के वसुंधरा सेक्टर 10-12 की मुख्य सड़क के निर्माण को लेकर वार्ड 36 के पार्षद अरविंद चौधरी ने नगर निगम से 2 वर्ष पहले ही प्रस्ताव पास करा लिया था। परंतु, निर्माण विभाग के निरीक्षण में उस मार्ग पर पानी के पाइपलाइन की लीकेज पाई गई, जिसको लेकर जलकल विभाग को सूचना दे दी गई थी। जलकल विभाग द्वारा पार्षद से हुई वार्ता में अधिकारियों ने मौखिक तौर पर इस समस्या के निवारण की बात कही गयी, लेकिन लिखित तौर पर न मिल पाने के कारण पाइपलाइन रिपेयर का काम दो साल से लंबित है। इस कारण स्थानीय निवासियों में नगर निगम और पार्षद को लेकर काफी रोष है।  स्थानीय निवासियों का कहना है कि 2 वर्षों से इस सड़क की हालत ऐसी ही दयनीय स्थिति में है। हर बरसात में ये सड़क नदियों में तब्दील हो जाती है और कई बार दुर्घटना भी हो चुकी है।


वही इस मामले में पार्षद अरविंद चौधरी ने बताया की हमने अनेक बार इस मामले को नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारियों के सामने रखा , लेकिन हर बार ये मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है । जनता का रोष बिल्कुल जायज़ है , नगर निगम का सुस्त रवैया और खासकर जलकल विभाग सिर्फ एक पत्र को देने में इतने दिनों का समय ले रहा है ।


पार्षद अरविंद चौधरी कहा कि  अब हम इस मामले को आगामी बोर्ड मीटिंग में महापौर व नगर आयुक्त के सामने रखेंगे और जल्द से जल्द इसे कराने की मांग करेंगे । वही इस मामले में नगर निगम ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।                


क्या ऐसे चुनाव जीत पाएगी कांग्रेस पार्टी

मधुकर कहिन


 क्या ऐसे जीतेगी आने वाले चुनावों में कांग्रेस पार्टी ?


आज का दिन अजमेर की कांग्रेस हुड़दंग के हवाले हो गई। आप पूछेंगे कैसा हुड़दंग भाई ? तो साहब बिल्कुल वैसा ही जैसा सचिन पायलट और उनके समर्थकों ने कुछ समय पूर्व ,कभी जयपुर तो कभी दिल्ली और कभी हरियाणा के होटल में बैठकर मचाया था। बिल्कुल उसी तर्ज पर जब आज अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राजस्थान प्रभारी अजय माकन अजमेर आये , तो माकन के सामने अपना वर्चस्व साबित करने के लिए, सैकड़ों ऐसे चेहरे जो कांग्रेस में कभी दिखाई ही नहीं दिए। हाथों में झंडे लिए डॉ रघु शर्मा और अशोक गहलोत विरोधी नारे लगाते हुए दिखाई दिए।  देख कर लग रहा था कि ये लोग कांग्रेसी है भी या नहीं ?
ये गुमनाम चेहरे अशोक गहलोत मुर्दाबाद और रघु शर्मा मुर्दाबाद के साथ सचिन पायलट जिंदाबाद के नारे लगाते हुए दिखाई दिए। इन्हीं लोगों ने क्षेत्र में एक भी होर्डिंग या पोस्टर बैनर ऐसा नहीं बख्शा , जिस पर अशोक गहलोत और रघु शर्मा की तस्वीर लगी हो । वह तस्वीर चाहे डॉ श्रीगोपाल बाहेती ने लगाई हो चाहे डॉ राजकुमार जयपाल ने। जहाँ भी गहलोत और डॉ शर्मा की तस्वीर दिखाई दी , उसको उतार फेंका गया। कई जगह इस भीड़ ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच धक्का-मुक्की भी की। जिसके फलस्वरूप परेशान होकर पुलिस को कुछ लोगों को खदेड़ कर गिरफ्तार भी करना पड़ा।हैरत की बात देखिए। अशोक गहलोत और रघु शर्मा की तस्वीरें लगी होर्डिंग और पोस्टर फाड़ने और उधम मचाने वाले लोगों को, जब पुलिस उठाकर ले गई तो उन्हें छुड़ाने भी कौन पहुंचा ? छुड़ाने पहुंचे कांग्रेस पार्टी के ही विधायक और पायलट समर्थक राकेश पारीक और अजमेर दक्षिण से चुनाव हारे हुए कांग्रेस प्रत्याशी हेमंत भाटी।
       यह सब देख कर मेरे पास हाल ही में, बतौर स्क्रिप्ट राइटर ज्वाइन किए एक नए ट्रेनी ने पूछा - भैया, यह कांग्रेसी होकर कांग्रेस के पोस्टर क्यूँ फाड़ रहे हैं? इन लोगों को ऐसा करते हुए शर्म नहीं आती क्या ? देखने वाले आम लोग क्या सोचेंगे ? उनमें क्या संदेश जाएगा ?
उस नए के सादे और सरल दिमाग की यह बात सुनकर मां कसम खोपड़े में छेद हो गया!
आम आदमी यकीनन ऐसा ही सोचता होगा , जब कांग्रेस का झंडा हाथ में लिए कोई व्यक्ति कांग्रेस का ही पोस्टर या होर्डिंग लाठी और डंडों से छीलते हुए देख कर। वाकई यह बात सोचने लायक है ,कि सचिन पायलट और उनके समर्थक सत्ता के लोभवश जब पूरे राजस्थान भर में तमाशा करके दिल्ली तक मूँह की खाकर वापस आ गए। उसके बाद जब पायलट खुद की सबकुछ स्वीकार कर अशोक गहलोत के साथ वापस आकर बैठ गए , और समझौता कर लिया । ऐसे में उनके समर्थकों को इस तरह से उधम मचाने की आवश्यकता क्या है ? मैंने मेरे पिछले ब्लॉग में लिखा था कि यह सब खेल राजस्थान के नए कांग्रेस प्रभारी अजय माकन को दिखाने के लिए खेला जाएग। ताकि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी से आए पर्यवेक्षकों को भ्रमित किया जा सके और दर्शाया जा सके कि अजमेर आज भी सचिन पायलट का गढ़ है। जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है ।
अक्सर देखा गया है कि बात जब भी सचिन पायलट के वर्चस्व की आती है, तब ऐसे कई अनजान चेहरे सड़कों पर हाथ में कांग्रेस का झंडा लिए दिखाई देते हैं , जिनका कांग्रेस से कोई लेना देना नहीं है। इस किराए की भीड़ के आगे वही पायलट गुट के गिने-चुने दो-चार चेहरे आकर खड़े हो जाते हैं । ताकि भीड़ का भ्रम पैदा किया जा सके। अब देखना यह है कि ऐसा छदम भ्रम अजय माकन पकड़ पाते है या नहीं ? या फिर यह धोखा पायलट समर्थक केंद्र से आए पर्यवेक्षक को दे रहे हैं , या अपने आप को ?
खैर, आज के इस नाटक ने यह बात साफ कर दी है कि, कम से कम अजमेर में अब आने वाले सालों साल कांग्रेस का कोई भविष्य नहीं है। और आने वाले निगम चुनावों में भी कांग्रेस की हार तय है। क्योंकि साहब ! यहां तो कांग्रेस को चुनाव भाजपा या किसी अन्य पार्टी के सामने नहीं बल्कि अपने ही लोगों के सामने ही लड़ना है ।


 नरेश राघानी


कंगना के समर्थन में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन

ऋचा वशिष्ठ ने कंगना रनौत के समर्थन में जंतर मंतर पर किया प्रदर्शन


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों से सुशांत सिंह राजपूत के आत्महत्या मामले में नए नए मोड़ सामने आ रहे हैं। हर दिन कोई नई खबर देखने को मिल रही है। लेकिन जिस तरह से इस मामले के साइड इफेक्ट्स हो रहे हैं, ये तय है कि महाराष्ट्र सरकार अब बैकफुट पर आ गई है। पिछले दो दिनों में कंगना रनौत और महाराष्ट्र सरकार के सबसे अहम पहिए शिवसेना के बीच जो तकरार देखने को मिला उससे ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि मामला गड़बड़-गड़बड़ है। पहले तो शिवसेना ने कंगना को मुंबई में आने का चैलेंज किया और इसके बाद जब कंगना 9 सितंबर को मुंबई पहुंच गई तो शिवसेना ने अपनी गुंडागर्दी दिखाते हुए मुंबई के पाली हिल्स स्तिथ कंगना के घर और दफ्तर में तोड़फोड़ मचाई। गृहमंत्रालय ने हानि की आशंका से पहले ही कंगना को वाई प्लस सुरक्षा मुहैया करवाई हुई है, लेकिन फिल्मी अंदाज में दो दिनों के अंदर घटे घटनाक्रम ने शिवसेना सरकार की पोल खोल दी है। देश भर में कंगना रनौत के फैंस में भारी गुस्सा देखने को मिल रहा है। सिर्फ इतना ही नहीं कई सामाजिक संगठन और राजनैतिक पार्टियां भी कंगना के समर्थन में मैदान में कूद पड़े हैं। इस कड़ी में दिल्ली के जंतर मंतर पर भी प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शन की अगुवाई राधा रानी सेवा समिति की अध्यक्ष समाजसेवी ऋचा वशिष्ठ के नेतृत्व में हुआ, जिन्हें साथ मिला आल इंडिया ह्यूमन राइट्स हरियाणा की अध्यक्ष अभिलाषा पटनायक, आल इंडिया ह्यूमन राइट्स हरियाणा की महासचिव निधि शर्मा, समाजसेवी सोनिया सिंह, समाजसेवी उषा उपाध्याय और समाजसेवी सोनिया रस्तोगी का। ऋचा वशिष्ठ का कहना था कि महाराष्ट्र में शिवसेना सरकार का आतंक चरम पर है, जिस तरह से शिवसेना के खिलाफ बोलने पर पूरी शिवसेना एक अकेली महिला के पीछे हाथ धोकर पड़ गई है, उससे तो यही लग रहा है कि शिवसेना एक आत्मनिर्भर महिला से डर के मारे कांप रही है। ऋचा वशिष्ठ ने दो टूक शब्दों में कहा कि वो कंगना के साथ हर मोड़ पर खड़ी है और शिवसेना की नापाक हरकत का विरोध और बहिष्कार करती है। ऋचा वशिष्ठ के साथ मौजूद अन्य समाजसेवकों ने भी काले झंडे और पोस्टर दिखाकर एक स्वर में शिवसेना की शर्मनाक हरकतों का विरोध किया।                 


फिर से मेरे खिलाफ छापामार कार्यवाही की जाएगी

फिर से मेरे खिलाफ छापामार कार्यवाही की जाएगी  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भविष्यवाणी क...