लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने कोविड के लिए “मांग पर परीक्षण” करने की सुविधा देने के भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के दिशा-निर्देशों को अपना लिया है। कोविड -19 परीक्षण कराने की इच्छा रखने वाले लोग अब पूरे उत्तर प्रदेश में किसी भी निजी पैथोलॉजी लैब में जाकर अपनी जांच करवा सकते हैं। इसके लिए उन्हें अब किसी प्रिस्क्रिप्शन की भी जरूरत नहीं होगी। हालांकि उन्हें परीक्षण कराने का कारण स्पष्ट करना होगा।
इसके अलावा पैथोलॉजी लैब को घरों से कोविड के नमूनों का कलेक्शन करने की भी अनुमति दी गई है। आईसीएमआर के अधिकारियों ने कहा था कि ऐसा करने का उद्देश्य विशेष रूप से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के लिए परीक्षण को आसान बनाना था, जिन्हें हवाई अड्डों पर आसान स्क्रीनिंग के लिए कोविड -19 की नेगेटिव रिपोर्ट की आवश्यकता होती है।
इसकी एडवाइजरी में कहा गया, “मांग पर परीक्षण कराने की अनुमति उन सभी लोगों के लिए दी जानी चाहिए, जो स्वयं का परीक्षण करने की इच्छा रखते हैं। साथ ही अन्य राज्यों या देशों में यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए जिन्हें प्रवेश द्वार पर निगेटिव रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य है।”
उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य अधिकारियों की एक समिति ने भी स्वीकार किया कि इस “सिफारिश को अपनाने में कोई समस्या नहीं थी”। हालांकि इस संबंध में अभी तक कोई औपचारिक सरकारी आदेश जारी नहीं किया गया है। कोविड-19 परीक्षण के लिए घर से नमूने लेने की अनुमति से उन रोगियों को खासी राहत मिलेगी जिन्हें अन्य बीमारियों के इलाज को जारी रखने के लिए नेगेटिव रिपोर्ट की जरूरत होती है।
लखनऊ में एक पैथोलॉजी लैब के मालिक ने कहा, “इससे ऐसे लोगों को राहत मिलेगी, जो प्राइमरी या सेकेंडरी संपर्क के तहत न आने पर परीक्षण नहीं करा पाते थे, जिससे उन्हें अपनी नौकरी जॉइन करने, अन्य बीमारियों का इलाज कराने में परेशानी हो रही थी।”