बुधवार, 9 सितंबर 2020

प्रयागराज में 'हुनर हॉट' का आयोजन होगा

बृजेश केसरवानी


प्रयागराज। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय कोरोना संकट के कारण छह महीने के विराम के बाद आगामी नौ अक्टूबर से 18 अक्टूबर तक प्रयागराज में 'हुनर हाट' का आयोजन करेगा। इसकी थीम "लोकल से ग्लोबल" होगी और स्वदेशी खिलौने इसके आकर्षण होंगे। अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, ''देश का हर क्षेत्र, लकड़ी, ब्रास, बांस, शीशे, कपडे, कागज़, मिटटी के खिलौने बनाने वाले "हुनर के उस्तादों" से भरपूर है। इनके इस शानदार स्वदेशी उत्पादन को मौका-मार्केट मुहैया कराने के लिए 'हुनर हाट' बड़ा मंच देने जा रहा है।' नकवी ने इस बात पर जोर दिया, ''इस 'हुनर हाट' में 30 प्रतिशत से ज्यादा स्टाल स्वदेशी खिलौनों के कारीगरों के लिए होंगे। स्वदेशी खिलौनों की आकर्षक पैकेजिंग के लिए भी विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से दस्तकारों-शिल्पकारों की मदद की जाएगी।' उनके मुताबिक, पिछले पांच वर्षों में 5 लाख से ज्यादा भारतीय दस्तकारों, शिल्पकारों को रोजगार-रोजगार के अवसर प्रदान करने वाले 'हुनर हाट' के दुर्लभ हस्तनिर्मित स्वदेशी सामान लोगों में काफी लोकप्रिय हुए हैं।


कोरोना संकट के करण गत छह महीनों में 'हुनर हाट' आयोजित नहीं हो पाया। पिछला 'हुनर हाट' मार्च में रांची में आयोजित हुआ था।                 


योगी सरकार महिलाओं को देगी रोजगार

लखनऊ। यूपी सरकार जल्द ही राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए 59 हजार ग्राम पंचायतों में बीसी सखी (बैंकिंग संवाददाता सखी) की तैनाती करने जा रही है। इसके लिए, गाँव के स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं या गाँव के सामाजिक कार्यों में सक्रिय महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। बीसी सखी को पहले 06 महीनों के लिए प्रति माह 4000 रुपये का मानदेय दिया जाएगा और इसके बाद उन्हें उनके द्वारा किए गए कार्यों पर प्रोत्साहन दिया जाएगा। ग्रामीणों और स्वयं सहायता समूहों के बैंकिंग कार्य में, बीसी सखी स्वयं सहायता समूहों और बैंकों के बीच समन्वय के अलावा, सरकार द्वारा जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने में ग्रामीणों की मदद करेगी। बीसी सखी डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण परिवारों और स्वयं सहायता समूहों को प्रेरित करेगी और वंचित परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करने में भी मदद करेगी।


बीसी सखी के चयन के बाद, उसका पुलिस सत्यापन करवाने के बाद, उसे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। बीसी सखी का एक ड्रेस कोड भी तय किया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद, राज्य आजीविका मिशन बीसी सखी को काम करने के लिए आवश्यक उपकरण प्रदान करेगा और प्रति माह 4000 रुपये का मानदेय भी 06 महीने तक दिया जाएगा। 06 महीने के बाद, वे अपने काम से मिलने वाले प्रोत्साहन से अपनी आय प्राप्त करेंगे। अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विकास मनोज कुमार सिंह के अनुसार, बीसी सखी के लिए ऑनलाइन आवेदन के तहत लगभग 3.59 लाख पंजीकरण थे। जिनमें से 2.51 लाख आवेदन सही पाए गए हैं। वर्तमान में, उनकी चयन प्रक्रिया चल रही है, जो इस महीने पूरा होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि इसमें स्वयं सहायता समूह के सबसे वरिष्ठ सदस्य को वरीयता दी जा रही है। इसके अलावा, स्व-सहायता समूह जो वर्तमान में निष्क्रिय हैं।


लेकिन अगर इसका सदस्य सक्रिय है, तो उसे बीसी सखी में भी चुना जा सकता है। इसके साथ, ग्राम पंचायत के गरीब और कमजोर वर्गों के लाभ के लिए संघर्ष कर रही महिलाओं को भी बीसी-सखी के रूप में अवसर दिया जा सकता है। लेकिन बीसी सखी बनने के लिए, उन्हें सदस्यों के रूप में जुड़े रहना होगा या कुछ स्वयं सहायता समूह से अलग समूह बनाना होगा। बीसी-सखी के चयन में निर्धारित आरक्षण प्रणाली भी लागू की जाएगी।             


भ्रष्टाचार के आरोप में एसएसपी सस्पेंड

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपराध नियंत्रण एवं कानून-व्यवस्था में शिथिलता और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में फंसे प्रयागराज के एसएसपी अभिषेक दीक्षित को निलंबित कर दिया है। वह तमिलनाडु काडर के वर्ष 2006 के तमिलनाडु काडर के आईपीएस हैं। वह राज्य प्रतिनियुक्त पर हैं। उनके स्थान पर लखनऊ में तैनात डीसीपी वेस्ट सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी को प्रयागराज का नया एसएसपी बनाया गया है। इसी के साथ शासन ने पांच अन्य आईपीएस अधिकारियों का तबादला कर दिया है।


गृह विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि अभिषेक दीक्षित द्वारा एसएसपी प्रयागराज के रूप में तैनाती की अवधि में गंभीरत अनियमितताएं की गईं। उन्होंने शासन के निर्देशों का अनुपालन सही ढंग से नहीं किया। अभिषेक दीक्षित पर पोस्टिंग में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के भी आरोप लगे हैं।


शासन और डीजीपी मुख्यालय के निर्देशों के अनुरूप नियमित रूप से फुट पेट्रोलिंग करने और बैंकों तथा आर्थिक व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा एवं बाईकर्स द्वारा की जा रही लूट की घटनाओं की रोकथाम में भी वह नाकाम रहे। इनके द्वारा अपेक्षित कार्यवाही नहीं की गई। चेंकिग व पर्यवेक्षण का काम भी सही ढंग से नहीं किया गया। प्रयागराज में बीते तीन महीने में लम्बित विवेचनाओं में भी निरंतर वृद्धि हुई है।               


उप- राष्ट्रपति के काफिले पर हुआ हमला

काबुल। तालिबान और पाकिस्‍तान के कट्टर आलोचक अफगानिस्‍तान के उपराष्‍ट्रपति अमरुल्‍ला सालेह के काफिले पर राजधानी काबुल में भीषण बम हमला हुआ है। इस हमले में सालेह बाल-बाल बच गए हैं। सालेह के बेटे ने बताया कि उनके काफिले पर हमला हुआ है लेकिन इसमें उनके साथ का कोई व्‍यक्ति हताहत नहीं हुआ है। बम हमले में तीन लोगों की मौत हो गई है और 12 लोग घायल हो गए हैं।


उपराष्‍ट्रपति सालेह के बेटे एबाद सालेह ने ट्वीट कर कहा, ‘मैं आश्‍वासन देना चाहता हूं कि मैं और मेरे पिता दोनों ही सुरक्षित हैं और हमारे साथ का कोई भी व्‍यक्ति शहीद नहीं हुआ है। सब लोग सुरक्षित हैं।’ एबाद अपने पिता के साथ यात्रा कर रहे थे। इससे पहले भी सालेह के ऊपर पिछले साल जानलेवा हमला हुआ था जिसमें 20 लोग मारे गए थे।                 


आक्रामक रूख से बैकफुट पर आया चीन

नई दिल्ली। चीन घबराया हुआ है और अब अपने ही लोगों को समझाने की कोशिश कर रहा है कि उसकी सेना युद्ध लड़ सकती है। साथ ही वह यह भी समझा रहा है कि उसे भारत के साथ युद्ध करने का फायदा मिलेगा। इससे साफ जाहिर है कि सीमा पर भारत के आक्रामक रुख से चीन बैकफुट पर है।


चीन के स्टेट मीडिया से संबद्ध ग्लोबल टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है, “भारत को लेकर चीन की नीति ताकत पर आधारित है और अगर आम लोग भारतीय उकसावे से नहीं डरते हैं, तो पीएलए कैसे डर सकता है? ऐसे में देश कैसे कमजोर हो सकता है? हर किसी को यह मानना होगा कि चीन भारत पर हावी है और ऐसे में हम भारत को चीन का फायदा नहीं उठाने देंगे।” ग्लोबल टाइम्स के एडिटर-इन-चीफ हू शिजिन ने अपनी रिपोर्ट में आगे कहा, “चीन-भारत सीमा की सीमावर्ती स्थिति से परिचित लोगों ने मुझे बताया कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) का पूरी स्थिति पर ²ढ़ नियंत्रण है और युद्ध की स्थिति में इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि यह कैसे लड़ा जाता है। पीएलए के पास भारतीय सेना को हराने की पूरी क्षमता है। इतना ही नहीं भारत-चीन सीमा पर चीन अपनी एक इंच जमीन भी नहीं खोएगा। इसे लेकर हम चीनी लोगों को आश्वस्त करते हैं।”


रिपोर्ट में आगे कहा गया, “भारतीय पक्ष हमेशा यह समझता है कि चीन भारत के साथ युद्ध करने की हिम्मत नहीं करेगा। शायद इसके पीछे कारण यह है कि चीन ने पिछले 30 से ज्यादा वर्षों से युद्ध नहीं लड़ा है और वह शांतिपूर्ण विकास के लिए प्रतिबद्ध है। कुछ बाहरी ताकतें सवाल उठाती हैं कि यदि आवश्यक होगा तो क्या हम लड़ेंगे या समझौता करेंगे।” चीन मौजूदा हालात की तुलना 1962 के युद्ध से कर रहा है। रिपोर्ट में कहा गया, “1962 के युद्ध से पहले भारत चीन के क्षेत्र में अतिक्रमण करने और पीएलए को चुनौती देने से नहीं डरता था और अंतत: भारत को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ी। मौजूदा हालात 1962 की लड़ाई के बेहद करीब हैं। सीमावर्ती स्थिति काफी तनावपूर्ण है और दोनों पक्षों के बीच सीधे तौर पर गोलीबारी करने की गंभीर संभावना है।”


उन्होंने आगे लिखा, “मेरा चीनी सेना के साथ घनिष्ठ संपर्क है और मैं एक पूर्व सैनिक भी हूं। मुझे भारतीय पक्ष को चेतावनी देनी चाहिए कि पीएलए पहले गोली नहीं चलाती है, लेकिन अगर भारतीय सेना पीएलए पर पहली गोली चलाती है, तो इसका परिणाम मौके पर भारतीय सेना का सफाया होगा। यदि भारतीय सैनिकों ने संघर्ष को बढ़ाने की हिम्मत की, तो और अधिक भारतीय सैनिकों का सफाया हो जाएगा। भारतीय सेना ने हाल ही में शारीरिक संघर्ष में अपने 20 सैनिकों को खो दिया है, उनके पास पीएलए का मुकाबला करने का कोई मैच नहीं है।” इसके बाद उन्होंने लिखा, “बहुत से चीनी यह सोचकर पछता रहे हैं कि शायद शांतिपूर्ण विकास करना महान शक्ति चीन की नियति में नहीं है और शायद इसीलिए चीन को अपने दृढ़ संकल्प को प्रदर्शित करने के लिए युद्ध लड़ना पड़ रहा है।” रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दिल्ली को अपने कार्यों के लिए जिम्मेदार होना चाहिए, न कि चीन को मजबूर करना चाहिए कि वह जबरदस्ती उकसाने वाले भारतीय सैनिकों पर अपनी मजबूत इच्छाशक्ति का प्रदर्शन करे।               


'वायु प्रदूषण' दूर करने का करें प्रयास

नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के 13वें सीजन का शेड्यूल जारी कर दिया है। इस बीच संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में आयोजित होने वाले आइपीएल 2020 की तैयारियों का जायजा लेने के लिए भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और मौजूदा बीसीसीआइ अध्यक्ष सौरव गांगुली दुबई रवाना हो गए हैं। सौरव गांगुली ने खुद इस बात की जानकारी सोशल मीडिया के जरिए दी है।


भारतीय दिग्गज सौरव गांगुली ने इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर पोस्ट करते हुए बताया है कि 6 महीने में वह पहली बार किसी फ्लाइट में बैठे हैं। एक चार्टर्ड प्लेन के जरिए दुबई के लिए रवाना हुए हैं, जहां 19 सितंबर से आइपीएल का आयोजन होना है। टूर्नामेंट की तैयारियों का जायदा लेने के लिए गांगुली दुबई पहुंच रहे हैं। गांगुली ने इंस्टाग्राम पर अपनी तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा है, “IPL के लिए 6 महीने में मेरी पहली उड़ान दुबई के लिए… जिंदगी बदल गई है।”


सौरव गांगुली ने इंस्टाग्राम पर अपनी दो तस्वीरों को पोस्ट किया है, जिसमें में से वे एक में अकेले चार्टर्ड प्लेन के बाहर नजर आ रहे हैं, जबकि दूसरी तस्वीर में वे प्लेन के अंदर हैं और उनके साथ एक और शख्स नजर आ रहा है। बता दें कि सौरव गांगुली को दुबई पहुंचने के बाद पहले 6 दिन के लिए क्वारंटाइन में रहना होगा, क्योंकि नियमों के मुताबिक उनको क्वारंटाइन अवधि से गुजरना है। इस दौरान गांगुली के तीन कोरोना वायरस टेस्ट भी होंगे, जिनमें नेगेटिव आना जरूरी है।                         


अपने नवाचार से ऊंचाइयां हासिल करेंगे

नई दिल्ली। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज कहा कि दुनिया के बड़े से बड़े अनुसंधान एवं नवाचार में भारतीय दिमाग होता है लेकिन हम अब तक दूसरों के लिए नवाचार करते रहे हैं, अब समय आ गया है कि हम अपने लिए नवाचार कर नई ऊँचाई हासिल करें।


भारत उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की ‘15वीं स्थायित्व बैठक’ को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये संबोधित करते हुये जावडेकर ने कहा, “आत्मनिर्भर भारत आत्मकेंद्रित होने के बारे में नहीं है। यह नवाचार और अनुसंधान के बारे में है। नासा से लेकर दुनिया के किसी भी बड़े नवाचार में भारतीय दिमाग रहता है। हम अब तक नवाचार में सहायक रहे हैं, लेकिन उस पर हमारा हक नहीं होता है, उसका पेटेंट हमारे नाम नहीं होता है। अब हम अपने लिए नवाचार करेंगे जो हमें नयी ऊँचाई पर ले जायेगा।”

प्रदूषण और कार्बन उत्सर्जन के लिए विकसित देशों को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने कहा कि जब तक बड़े देश उत्सर्जन कम करने की दिशा में काम नहीं करेंगे तब तक अन्य देशों के प्रयास सफल नहीं हो सकते। उन्होंने कहा “भारत उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार नहीं है। इसके लिए विकसित देश जिम्मेदार हैं। इसके बावजूद भारत हमेशा से समाधान का हिस्सा रहा है और इसलिए उसने स्वयं ही उत्सर्जन कम करने के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किये हैं तथा इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।”केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सभी देशों को यह बताना चाहिये कि स्थायित्व (सस्टेनेबिलिटी) हासिल करने के लिए उनकी क्या योजना है। यदि बड़े देश सक्रियता से प्रयास नहीं करेंगे तो भारत और कुछ अन्य देशों के प्रयास व्यर्थ हो जायेंगे।              


यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...