डाकघर में जमा कर्ताओं के रकम में होती है कटौती
चायल के पोस्ट मास्टर ने किसान विकास पत्र के भुगतान पर जमाकर्ता से कर ली रकम की कटौती
कौशाम्बी। डाकघर में जमा कर्ताओं के धन दोगुना होने के बाद उन्हें रकम देते समय अब तो कटौती होने लगी है जिससे जमा कर्ताओं में आक्रोश है ताजा मामला उप डाकघर चायल के पोस्ट मास्टर के कारनामे का है जिसमें जमा कर्ता की रकम देते समय उसकी रकम से 5 हजार रुपए की कटौती कर ली गई है जमा कर्ता ने मामले की शिकायत आला अधिकारियों से कर पोस्ट मास्टर पर कार्यवाही कर रकम वापस दिलाए जाने की मांग की है।
जानकारी के मुताबिक उपडाकघर चायल के पोस्टमास्टर द्वारा अनपढ़ पीड़ित महिला से धोखाधड़ी कर पोस्टमास्टर ने पांच हजार रुपये का घोटाला कर लिया है यह मामला ग्राम सभा हौसी मजरा काजू का हैं जमाकर्ता केशपती पत्नी स्व० देशराज ने आरोप लगाते हुए कहा है कि मेरे खाते में एक लाख रुपये जमा किया गया है।
दिनांक 13/10/2017 को एक लाख रुपये का किसान विकास पत्र पूरा हो गया है जब पीड़ित महिला केशपती डाकघर पहुँची तो और अपना भुगतान लेने की बात पोस्टमास्टर से कही तो पोस्टमास्टर चायल ने कहा कि स्कूल में चलो वहीं पैसे दिया जायेगा तब केसपती की पुत्री ने पोस्टमास्टर से काफी देर तक बहस कर डाली और कहा कि हम स्कूल में क्यों जाये हमने डाकघर में पैसे दिया है और लेने के लिए हम स्कूल में क्यों जाये धीरे धीरे जमाकर्ता को अपने धन लेने में ढाई वर्ष बीत गए तब काफी समय बाद डाक बाबू ने एक लाख बारह हजार रुपये ही उसे दिया। लेकिन किसान विकास पत्र का भुगतान करते समय दो निकासी फार्म पर निशान अगूँठा लगवाया गया पोस्टमास्टर ने यहां तक कहा कि हमको खर्च के लिए तीन हजार रुपये दो क्योंकि हमे ऊपर के अधिकारियों को देना होता है जैसे S ,D, I व S, S ,Pos इलाहाबाद मण्डल को महामारी के लिए रकम देना होता हैं।
गौरतलब है कि पीड़िता के खाते में धनराशि एक लाख सत्रह हजार रुपये था दिनांक 08/06/2020 को केशपती को पोस्टमास्टर ने निकाली गई धनराशि 1लाख 12 हजार 050 रुपये ही दिया जबकि खाते से उसी तारीख को पांच हजार रुपये पोस्टमास्टर ने क्यो निकाला जब पीड़िता दुबारा अपने शेष बचे हुए पैसे को खाते से निकालने के लिये गई तो उसे पता चला कि खाते में पैसे ही नहीं है क्योंकि दिनांक 08/06/2020 को ही निकासी 1एक लाख 17 हजार रुपए दर्ज की गई है इस प्रकार पीड़िता को पैसा 5000 रुपये कम मिला तो केशपती ने पोस्टमॉस्टर से कहा कि मेरी शेष राशि कहाँ गई तो पोस्टमास्टर बात को इधर उधर टालने लगा। जबकि 1 लाख 12 हजार 050 रुपये निकालते समय केशपती की पुत्री व उसके रिश्तेदार भी मौजूद थे ।
केशपती कई अधिकारियों के पास जाकर लिखित तहरीर देकर घूसखोर पोस्टमास्टर के खिलाफ कार्यवही की मांग कर रही है लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है केशपती पत्नी स्व० देशराज गांव हौसी मजरा काजू की रहने वाली है।
मंजीत सिंह