रविवार, 6 सितंबर 2020

बर्मिंघम में कई लोगों को चाकूओं से गोदा

लंदन। ब्रिटेन के बर्मिंघम सिटी सेंटर में बड़ी संख्या में लोगों पर नुकीली चीज़ से हमला किये जाने की ख़बर है। स्थानीय पुलिस ने इसे 'मेजर इन्सिडेंट' यानी 'बड़ी वारदात' घोषित किया है। जब पुलिस किसी आपराधिक घटना को 'मेजर इन्सिटेंड' घोषित करती है तो इसका मतलब होता है कि या तो गंभीर नुक़सान हुआ है या फिर आम लोगों की सुरक्षा को ख़तरा है।इसके साथ ही पुलिस ज़रूरी इंतज़ाम करती है और आपातकालीन सेवाओं को अपने साथ काम करने के लिए बुलाती है।


अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ये हमला किसने किया और इस हमले में कितने लोग, किस हद तक घायल हुए हैं।


वेस्ट मिडलैंड्स पुलिस ने कहा है कि उसे रविवार आधी रात के क़रीब चाकू से हमला किये जाने की सूचना मिली थी। कुछ देर बाद उस इलाक़े से ऐसी और ख़बरें आईं। अधिकारियों का कहना है कि 'कई लोगों को चाकू से गोदा गया है।            


5 महीनों में 20 प्रतिशत दुकानें हुई बंद

गिरीश मालवीय 
मंडी। आप अपने आसपास देखे तो जो दुकानें आपको प्रमुख रूप से नजर आती है। उन रिटेल शॉप का धंधा अब मंदा होने वाला है। मंदी के दौर में ई कॉमर्स बहुत तेजी से पाँव पसार रहा है।कल जो कैट ने अपनी रिपोर्ट में 5 महीनो में 20 प्रतिशत दुकानें बन्द होने की वजह बताई है। उसकी एक वजह ई कॉमर्स को भी बताया है कुछ ही दिनों में इसका सबसे बड़ा असर असर दवा की दुकानों पर पड़ेगा।
रिटेलर्स और फ़ार्मासिस्ट का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्थाओं ने अब सरकार की ई फार्मेसी पॉलिसी में संभावित बदलाव को देखते हुए लाखों लोगों का रोज़गार छिनने को लेकर चिंता जताई है। पहले उन्होंने अमेजन को पत्र लिखा था अब वह रिलायन्स को पत्र लिख रहे है।           


महिला एंकर की गोली मारकर की हत्या


इस्लामाबाद। इस वक्त बड़ी खबर सामने आ रही हैं। शनिवार को एक महिला जर्नलिस्ट की गोली मारकर हत्या कर दी गई। शाहीना शाहीन सरकारी टीवी चैनल पाकिस्तान-वी में एंकर और रिपोर्टर थीं। शाहीन पहले इस्लामाबाद में एक निजी टीवी चैनल के लिए काम करतीं थीं। इसके बाद उनका चयन सरकारी टीवी चैनलमें हो गया। इस्लाबाद में कुछ महीने रहने के बाद शाहीन का ट्रांसफर बलूचिस्तान के तुरबत में हो गया।


वे एक लोकल मैगजीन की एडीटर भी थीं। 27 साल की शाहीन क्वेटा यूनिवर्सिटी से पीएचडी भी कर रहीं थीं।

शाहीन की हत्या उनके घर में घुसकर की गई।  इस घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस पहुँच कर जांच में जुट गई।पुलिस ने बताया दो हमलावर उनके घर पहुंचे। दरवाजा खोलते ही शाहीन पर गोलियां चलाई गईं। शाहीन को 5 गोलियां लगीं। पुलिस के मुताबिक, एक अज्ञात व्यक्ति शाहीन को कार में लेकर हॉस्पिटलl पहुंचा।  

लेकिन, वो कुछ देर बाद गाड़ी वहीं छोड़कर फरार हो गया। police घटना की जांच कर रही है। शाहीन के परिवार ने कुछ लोगों के खिलाफ नामजद केस दर्ज कराया है। इनमें शाहीन का पति भी शामिल है। शाहीन की पांच महीने पहले ही शादी हुई थी।               

गोंडा में देवर ने भाभी को तलवार से काटा

गोंडा। जिले में शनिवार को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। देर शाम शहर के आवास विकास कॉलोनी में एक युवक ने अपनी भाभी को तलवार मार दिया। जिससे उनकी मौत हो गई। बचाने दौड़ी मां, दो भतीजे व एक पड़ोसी को भी घायल कर दिया। जिन्हें बाद में उपचार के लिए जिला अस्पताल लाया गया है। वारदात की सूचना मिलते ही पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं।
आवास विकास कॉलोनी निवासी भानु यादव परिवार सहित रहते थे। जिसमें मां, भाई, पत्नी व बच्चे शामिल हैं। शनिवार की शाम करीब सात बजे उनका भाई पंकज यादव घर पहुंचा। देखते ही देखते उसने सबसे पहले अपनी भाभी 32 वर्षीय रेनू यादव पर तलवार से वार कर दिया। जिससे उनकी मौत हो गई।
यह देखकर परिवार के अन्य लोग छुड़ाने पहुंचे। जिस पर उसने 65 वर्षीय मां राजवंती देवी, भतीजा आयुष व अनुभव पर भी तलवार व डंडे से वार करके घायल कर दिया। शोर सुनकर पहुंचे पड़ोस क आरएन शुक्ला को भी उसने घायल कर दिया। घायलों को जिला अस्पताल लाया गया। जहां पर उन्हें भर्ती कराया गया है।
घायल दस वर्षीय आयुष का कहना है कि उसके पिता भानु यादव एक दुकान पर काम करते हैं। उसके चाचा ने उसकी मां को तलवार से मारा है। सभासद अनूप श्रीवास्तव ने बताया कि घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिलहाल, सूचना मिलते ही पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए।                 


उप-चुनावः भाजपा के लिए 'अग्नि परीक्षा'

अजय कुमार

लखनऊ। चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश विधानसभा की रिक्त हो गईं 08 सीटों पर उप-चुनाव कराने की घोषणा करके राजनीतिक सरगर्मी तेज कर दी हैं। कोरोना महामारी के समय विधान सभा चुनाव कराना आयोग के लिए तो परीक्षा की घड़ी है ही, चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों और उनके लिए प्रचार करने वाले नेताओं के सामने भी कोरोना मुंह फैलाए खड़ा रहेगा। इससे बचने के लिए सभी को कोरोना प्रोटोकाल का कड़ाई से पालन करना होगा। कोरोना काल के बाद बने सियासी हालात और विपक्षी दलों द्वारा जातिवाद को गर्माने का नफा-नुकसान भी उप-चुनाव में देखा जाएगा।

बीते वर्ष 11 सीटों पर हुए उप-चुनाव में भाजपा की तरफ से स्टार प्रचारक के रूप में सिर्फ योगी ने ही प्रचार किया था, जबकि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की तरफ से प्रचार करने के लिए अखिलेश-मायावती आदि कोई दिग्गज नेता मैदान में नहीं उतारा था। इस बार देखने है क्या नजारा रहता है। राज्य की आठ सीटों पर होने जा रहे चुनाव का समय भी करीब-करीब वही रहेगा जो पिछले वर्ष हुए उप-चुनाव का था। पिछले वर्ष भी अक्टूबर में 11 सीटों पर उप-चुनाव हुआ था,लेकिन साल भर में परिस्थितियां काफी बदल गई हैं। बीते दिसंबर माह में मुस्लिमों को अपने पक्ष में लामबंद करने के लिए सपा-कांगे्रस ने नागरिकता संशोधन कानून(सीएए) को लेकर भाजपा के खिलाफ खूब जहर उगला था।

कोरोना महामारी न फैलती तो सीएए का विरोध खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा था। मगर विपक्ष तो कोई न कोई मुद्दा तलाश ही लेता हैं। इसी लिए कोरोना काल में भी प्रदेश को महामारी से बचाने के लिए जूझ रही योगी सरकार को विपक्ष ने जरा भी राहत नहीं दी। सपा-बसपा और कांग्रेस काफी जोरदार तरीके से लगातार योगी सरकार को प्रदेश की बिगड़ी कानून व्यवस्था, दलित-ब्राहमणों के उत्पीड़न के मुद्दे पर घेरे हुए हैं। वहीं भाजपा के भीतर विधायकों में पनप रहीं नाराजगी भी एक बड़ा मसला है। बीते कुछ माह में बीजेपी के नाराज विधायकों और नेताओं की संख्या में जबर्दस्त बढ़ोत्तरी हुई है। नाराज विधायकों ने मीडिया के माध्यम से योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। इस नाराजगी को भी विपक्ष भाजपा के खिलाफ भुनाने की भरपूर कोशिश करेगा। इसके अलावा भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपने वोटरों को घर से बाहर निकालने की होगी। यूपी ही क्या जहां-जहां भी विधान सभा या एक लोकसभा सीट के लिए चुनाव होंगे, वहां भाजपा के लिए कोरोना के चलते अपने वोटरों को मतदान स्थल तक ले जाना आसान नहीं होगा। बिहार सहित तमाम राज्यों में हो रहे उप-चुनाव में भाजपा के वोटर काफी कम संख्या में मतदान स्थल तक पहुंचे तो इसका सीधा फायदा विपक्ष को मिलेगा। राजजैतिक पंडितों को लगता है कि ऐसी स्थिति में भाजपा को बड़ा नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।

खैर, अक्टूबर-नवंबर में राज्य की जिन आठ सीटों पर उप-चुनाव होने हैं, उसमें से छह भारतीय जनता पार्टी और दो समाजवादी पार्टी के कब्जे में थीं। इन आठ सीटों के नतीजों से विधानसभा में बहुमत पर तो कोई विशेष असर नहीं पड़ेगा, लेकिन चुनाव नजीतों की आड़ में पक्ष-विपक्ष को एक-दूसरे पर हमला करने का मौका जरूर मिल जाएगा। भाजपा के लिए खुशी की बात यह है कि भले ही उप-चुनाव उसके लिए कभी खुशियों की सौगात लेकर नहीं आए हों, परंतु बीते वर्ष अक्टूबर में 11 विधान सभा चुनाव सीटों के नजीतों ने यह मिथक जरूर तोड़ दिया था। इसी लिए भाजपा उत्साहित लग रही है। पिछले वर्ष हुए उप-चुनावों की बात की जाए तो अक्टूबर 2019 में 11 सीटों पर हुए उप-चुनाव के नतीजों में भाजपा का परचम लहराया था। भाजपा -अपना दल गठबंधन को 08 सीटों पर जीत मिली थी,जबकि समाजवादी पार्टी ने 03 सीटें जीतकर भाजपा को जबर्दस्त चुनौती दी थी। उक्त चुनावों में समाजवादी पार्टी के पक्ष में जमकर मुस्लिम वोट पड़े थे। तब भले ही भाजपा गठबंधन के हिस्से में 08 सीटें आई थीं, लेकिन सबसे बड़ा लाभ सपा को हुआ था, जिसने एक-एक सीट भाजपा और बसपा से छीनी थी, जबकि रामपुर सीट पर कब्जा बरकरार रखा था। सपा ने जैदपुर सीट भाजपा से छीनी तो, जलालपुर सीट बसपा से छीनकर अपने खाते में डाली थी। रामपुर सीट पर पार्टी का कब्जा बरकरार रखा था।उक्त उप-चुनाव में बहुजन समाज पार्टी का खाता भी नहीं खुल पाया था, जिससे नाराज बसपा सुप्रीमों और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने चुनाव नतीजों को भाजपा की बड़ी साजिश करार दिया था। माया ने राज्य में विधान सभा की 11 सीटों पर हुये उप-चुनाव में बसपा का खाता भी नहीं खुल पाने का दोष भाजपा पर मढ़ते हुये कहा था कि भाजपा ने बसपा को एक भी सीट नहीं जीतने देने के लिये समाजवादी पार्टी को साजिश करके कुछ सीटों पर जिता दिया। मायावती ने इसे भाजपा का षड्यंत्र करार देते हुए कहा था कि पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल तोड़ने के लिये यह भाजपा द्वारा षड्यंत्र रचा गया। उल्लेखनीय है कि बीते वर्ष यूपी में 11 सीट पर हुये उप-चुनाव में समाजवादी पार्टी ने बसपा के कब्जे वाली जलालपुर सीट भी जीत ली थी। उस उप-चुनाव में हमेशा की तरह कांगे्रस की बहुत बुरी हालत रही थी। खिसियानी कांगे्रस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने तब योगी सरकार पर आरोप लगाया था कि उत्तर प्रदेश की गंगोह विधानसभा सीट के उपचुनाव में कांगे्रस पार्टी के उम्मीदवार नोमान मसूद के पक्ष में जा रहे निर्णय को बदलवाने के लिए गंगोह में हमारे जीतते हुए प्रत्याशी को काउंटिंग सेंटर से निकालकर बाहर कर दिया गया। जिला अधिकारी को पांच-पांच बार फोन पर लीड कम करवाने के आदेश आ रहे थे। यह लोकतंत्र का सरासर अपमान था। बहरहाल, अगले दो महीनों में उत्तर प्रदेश की जिन आठ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव प्रस्तावित हैं, उसमें फीरोजाबाद की टूंडला सीट भारतीय जनता पार्टी के डॉ.एसपी सिंह बघेल के सांसद निर्वाचित होने पर त्यागपत्र देने से रिक्त है, लेकिन न्यायालय में विवाद लंबित होने के कारण यहां अब तक उप-चुनाव नहीं हुआ था। रामपुर की स्वार सीट से समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खां के पुत्र अब्दुल्ला आजम जीते थे। उनकी सदस्यता जन्मतिथि विवाद में निरस्त हुई।वहीं उन्नाव की बांगरमऊ से भारतीय जनता पार्टी के कुलदीप सिंह सेंगर जीते थे। उनकी सदस्यता बलात्कार के एक मामले में उम्र कैद की सजा मिलने के कारण रद हुई थी। इसके अलावा जौनपुर के मल्हनी क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के पारसनाथ यादव जीते थे, लेकिन लंबी बीमारी में निधन होने के कारण यह सीट रिक्त हुई।

देवरिया सदर से भारतीय जनता पार्टी के जन्मेजय सिंह और बुलंदशहर से भारतीय जनता पार्टी के वीरेंद्र सिरोही की सीटें भी विधायकों के निधन के कारण रिक्त हुई हैं, जबकि कानपुर की घाटमपुर सीट भारतीय जनता पार्टी की कमल रानी वरुण और अमरोहा की नौगावां सादात भारतीय जनता पार्टी के चेतन चैहान की कोरोना वायरस के संक्रमण से मृत्यु होने से रिक्त है। दोनों योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री भी थे। यूपी विधान सभा की आठ सीटों सहित देश के तमाम राज्यों की कुल 64 विधान सभा सीटों, एक लोकसभा और बिहार विधान सभा के भी चुनाव होगा।           

रेलवे 230 ट्रेनों का कर रहा है 'परिचालन'

नई दिल्ली। भारतीय रेलवे फिलहाल 230 ट्रेनों का परिचालन कर रहा है। रेलवे ने इसके अलावा 12 सितंबर से 80 और ट्रेनों का संचालन करने का निर्णय लिया है। इसके लिए रिजर्वेशन 10 सितंबर से शुरू होगा। यह जानकारी रेलवे के सीईओ बीके यादव ने शनिवार को दी उन्होंने वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि हमने 12 सितंबर से 80 और स्पेशल ट्रेनों के परिचालन का निर्णय लिया है, और इसके लिए रिजर्वेशन 10 सितंबर से शुरू होंगे। सीईओ ने कहा कि भारतीय रेल स्पेशल ट्रेनों का निरीक्षक करेगीऔर जहां भी ट्रेनों की मांग होगी या बैटिंग लिस्ट लंबी होगी। रेलवे वहां कि लोन ट्रेन चलाएगा सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में ट्रैक के पास स्थित 48,000 जोगियों को 3 माह के अंदर हटाने का निर्देश दिया था इस बारे में पूछने जाने पर यादव ने कहा कि शीर्ष अदालत के आदेश का अनुपालन करते हुए रेलवे में दिल्ली सरकार की ओर से इस लिए तत्काल कदम उठाए जाएंगे रेलवे ने 25 मार्च को लॉकडाउन लगने के बाद से ट्रेनों के परिचालन को स्थापित कर दिया था। बाद में फिर फंसे हुए कामगारों छात्रों के लिए 1 मई से श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई थी रेलवे ने 12 मई से 15 जोड़ी स्पेशल एयर कंडीशन ट्रेनों और 1 जून से 100 जोड़ी टाइम टेबल ट्रेनों का परिचालन शुरू किया था।                   


जनपद में एसबीआई मैनेजर को मारी गोली

भागलपुर। जिले से इस वक्त बड़ी खबर सामने आ रही हैं। अपराधियों ने SBI के मैनेजर की गोली मारकर हत्या कर दी। SBI मैनेजर के बरौनी रिफायनरी CAMPUS स्थित SBI की शाखा में पोस्टेड थे।

ये घटना का मामला भागलपुर जिले के बिहपुर में शनिवार की देर रात बगडी rail ओवर ब्रिज के समीप घटी। सुबह में लोगों ने उनका शव देखा तो पुलिस को सूचना दी। बैंक मैनेजर madhepura के रहने वाले थे।

SBI मैनेजर, वे प्राय: हर शनिवार को भागलपुर आ जाते थे। भागलपुर में उनका परिवार भाड़े के मकान में रहता है। उनके पिता madhepura कोर्ट में वकील हैं। सूचना मिलने पर परिवार के लोग अभी घटनास्थल पर पहुंचे हैं। police मामले की छानबीन में जुट गई है। घटना को दुश्मनी से जोड़कर देखा जा रहा है।               


पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया

पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को बृहस्पतिवार को ...