अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने गुरुवार को बैंकिंग रेग्युलेशन एक्ट के तहत आदित्य बिड़ला आइडिया पेमेंट्स बैंक को बंद करने की घोषणा कर दी है। आरबीआई ने इसकी घोषणा करते हुए कंपनी का बैंकिंग दर्जा खत्म कर दिया है। दरअसल आदित्य बिड़ला आइडिया पेमेंट्स बैंक ने पिछले साल नवंबर में अपने कारोबार समेटने की घोषणा की थी। कंपनी के अपनी मर्जी से अपना कारोबार समेटने का आवेदन भारतीय रिजर्व बैंक को दिया था। जिसे अब मंजूरी दे दी गई है।
रिजर्व बैंक ने जारी की अधिसूचना
भारतीय रिजर्व बैंक ने एक अधिसूचना जारी करते हुए कहा कि बैंकिंग रेग्युलेशन एकट 1949 के तहत आदित्य बिड़ला आइडिया पेमेंट्स बैंक अब बैंकिंग कंपनी के रूप में समाप्त हो गई है, जो 28 जुलाई 2020 से प्रभावी हो गई है।
3 साल में ही खत्म हुआ कारोबार
आपको बता दें कि आदित्य बिड़ला आइडिया पेमेंट्स बैंक को बैंकिंग का लाइसेंस साल 2017 में ही मिला था। जिसके बाद कंपनी ने साल 2018 के फरवरी से पेमेंट बैंक का परिचालन शुरू किया था। 2017 में बनाई गई इस कंपनी में ग्रासिम इंडस्ट्री की 51 फीसदी की हिस्सेदारी थी, और वोडाफोन आइडिया लिमिटेड इसमें 49 फीसदी का हिस्सेदार था। यह बैंक आदित्य बिड़ला नूवो औऱ आइडिया सेल्युलर का ज्वाइंट वेंटर था।
क्यों बंद करना पड़ा कारोबार
दरअसल कंपनी पर घाटे का दबाव बढ़ रहा था। इससे पहले भी कई पेमेंट बैकों ने अपने कारोबार को समेटा है जिसमें टेक महिंद्रा, चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंस, टेलिनॉर जैसे नाम शामिल है। डिजिटल के इस दौर में पेमेंट बैंक्स का बंद होना एक चिंता का विषय है। एक तरफ कई पेमेंट बैंक्स बंद हुए है तो वहीं पेटीएम जैसे बड़े खिलाड़ियों का मार्केट पर कब्जा बढ़ता जा रहा है।