शनिवार, 29 अगस्त 2020

उत्तराखंड में 558 नए मामले सामने आएंं

पंकज कपूर


देहरादून। उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। शनिवार को 588 नए मामले सामने आए हैं, जिनमें सबसे अधिक 185 देहरादून से हैं। इसके अलावा 120 हरिद्वार, 72 ऊधमसिंह नगर, 58 चमोली, 55 नैनीताल, 26 टिहरी गढ़वाल, 18 पौड़ी गढ़वाल, 12-12 बागेश्वर और पिथौरागढ़, छह-छह चंपावत और उत्तरकाशी, पांच रुद्रप्रयाग, जबकि 13 मामले अल्मोड़ा में सामने आए हैं। वहीं, 349 मरीज ठीक हुए हैं, जबकि 11 की मौत हुई है। प्रदेश में अब संक्रमित मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 17865 हो गया है। इनमें से 12124 स्वस्थ हो चुके हैं, जबकि 239 की मौत हो गई है। 


निजी अस्पतालों में भी होगा कोरोना मरीजों का इलाज 


कोरोना संक्रमण के निरंतर बढ़ते मामलों को देखते हुए शासन ने अब निजी चिकित्सा विश्वविद्यालयों और मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध अस्पतालों को भी कोरोना मरीजों के उपचार की अनुमति दे दी है। इस संबंध में सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी की ओर से आदेश जारी कर दिए गए हैं। कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या के लिहाज से राज्य में सरकारी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के उपचार के लिए जगह कम पड़ने लगी है। असल में गंभीर मरीजों का उपचार इन अस्पतालों में हो रहा है। अलबत्ता, जो मरीज कोरोना पॉजिटिव हैं, लेकिन उनमें लक्षण नहीं हैं, उन्हें कोविड केयर सेंटरों में भेजा जा रहा है।           


हिमाचल में कोरोना का कहर जारी

शिमला। हिमाचल में कोरोना हिमाचल में खोलना कहर जारी  के कहर के बीच शुक्रवार को संक्रमण के 136 नए मामले सामने आए हैं। इनमें सिरमौर जिला के सबसे ज्यादा 35 मामले शामिल हैं। इसके अलावा कांगड़ा में 30, सोलन में 19, चंबा में 16, ऊना में 15, शिमला में 12, बिलासपुर में तीन, किन्नौर और हमीरपुर में दो-दो तथा कुल्लू और मंडी में एक-एक नया मामला सामने आया है। शुक्रवार के 136 नए मामलों के बाद प्रदेश में कोरोना पीडि़तों की कुल संख्या अब 5637 हो गई है। इनमें से अब तक 4149 मरीज ठीक भी हो चुके हैं। बावजूद इसके अब भी एक्टिव मरीजों की संख्या 1413 है। गौरतलब है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण की जांच के लिए शुक्रवार को 2223 सैंपल भेजे गए थे।


इनमें सबसे ज्यादा कांगड़ा जिला से 470 सैंपल लिए गए थे। इसके अलावा सोलन जिला से 194, ऊना से 243, सिरमौर से 203, हमीरपुर से 220, चंबा से 193, कुल्लू से 64, मंडी से 271, बिलासपुर से 145 तथा शिमला से 111 सैंपल लिए गए थे। इनमें से खबर लिखे जाने तक 1708 सैंपल्स की रिपोर्ट नेगेटिव आई थी, जबकि 58 सैंपल्स की पॉजिटिव। इसके अलावा 457 सैंपल्स की रिपोर्ट आनी बाकी थी। इसके अलावा शुक्रवार को मिले बाकी पॉजिटिव गुरुवार के शेष सैंपल्स की जांच में मिले हैं।           


जनपद में संक्रमितों की संख्या-1261

39 मरीजों की अस्पतालों से हुई छुट्टी, सक्रिय मरीजों की संख्या 1261


गाजियाबाद। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी ( एसीएमओ) डॉ. संजय अग्रवाल समेत 78 कोरोना संक्रमित हो गए हैं। एसीएमओ की पत्नी की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। निजी लैब से कोरोना की जांच कराई गई थी। दो दिन से एसीएमओ कई खास बैठकों में हिस्सा ले रहे थे। कंट्रोल रूम के बाहर बनी हेल्फ डेस्क के प्रभारी कर्मचारी के संक्रमित होने से प्रशासनिक अफसरों की नींद उड़ गई है। संक्रमित कर्मचारी रोज सभी का बुखार एवं ऑक्सीजन स्तर नापते थे। राजनगर एक्सटेंशन के एक नामी बिल्डर भी संक्रमित हो गए हैं, उन्हें कौशांबी के यशोदा अस्पताल में भर्ती कराया गया है। तीन गर्भवती महिलाओं को संक्रमित होने पर संयुक्त अस्पताल संजयनगर नगर में भर्ती कराया गया है। पांच परिवारों के 25 सदस्य संक्रमित हो गए हैं। बुधवार को प्रशासन द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक ठीक होने पर 39 मरीजों की अस्पतालों से छुट्टी कर दी गई है। जिले में सक्रिय मरीजों की संख्या 1261 है। 23 मरीजों को होम आइसोलेशन की अनुमति दी गई है। 15 की अनुमति पर विचार किया जा रहा है। 18 मरीज पहले से ही निजी अस्पतालों में भर्ती हैं। स्वस्थ होने वालों की संख्या 6555 है।           


पुलिस का खेल, इंस्पेक्टर को भेजा जेल

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। जनपद की कविनगर पुलिस ने रिटायर्ड इंस्पेक्टर को बेटे की ओर से दर्ज कराए फर्जी मुकदमे में जेल भेज दिया। लिखा-पढ़ी में दिखाया कि इंस्पेक्टर .32 बोर की पिस्टल लेकर बैठे थे और दूसरे हाथ में 315 बोर के कारतूस थे। इसी बात को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस पेंशनर्स कल्याण संस्थान गाजियाबाद की ओर से गाजियाबाद एसएसपी को शिकायती पत्र दिया गया। दूसरी ओर मामले में शुक्रवार को एडीजी मेरठ से भी इंस्पेक्टर कविनगर की शिकायत की गई। मामले में जांच बैठा दी गई है।


बाल किशन भाटी यूपी पुलिस में इंस्पेक्टर पद से वर्ष 2017 में रिटायर हुए थे। 35 साल की नौकरी में रिटायर्ड इंस्पेक्टर बाल किशन भाटी 27 से ज्यादा थानों में प्रभारी भी रहे। वर्तमान में वह परिवार के साथ गाजियाबाद के कविनगर थाने की चिरंजीव विहार कॉलोनी में रह रहे हैं। चूंकि इन्होंने एलएलबी की पढ़ाई की हुई है, इसलिए गाजियाबाद और फरीदाबाद कोर्ट में प्रैक्टिस कर रहे हैं। बाल किशन भाटी का आरोप है कि 21 अगस्त को उनके बेटे विकल्प भाटी ने शराब पीकर घर में हंगामा किया हुआ था। उन्होंने विरोध करते हुए बेटे को धमका दिया। इसके बाद बेटे ने पुलिस को बुलाया और उन्हें गलत जानकारी दी। पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। बाल किशन भाटी ने बताया कि उनकी ओर से उनके रिटायर्ड साथी भरत सिंह सोलंकी ने भी विरोध किया, लेकिन पुलिस ने उनके साथ भी अभद्रता की। बालकिशन भाटी का आरोप है कि पुलिस ने उनके पास से एक .32 बोर की पिस्टल, 315 बोर के कारतूस और एक फरसा बरामद दिखाकर जेल भेज दिया।           


'वायु प्रदूषण' रोकने के लिए प्लान तैयार

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। वायु प्रदूषण के कलंक को गाजियाबाद के माथे से धोने की इस बार पूरी तैयारी है। ईपीसीए (पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण एवं संरक्षण प्राधिकरण) ने वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए एक्शन प्लान तैयार किया है, जिसमें वायु प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों के अलावा ईंट भट्ठा, टूटी सड़कों से उड़ती धूल व अन्य को इसका कारक माना है। सर्वाधिक वायु प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों में ट्रोनिका सिटी में संचालित टैक्सटाइल फैक्ट्रियों को माना है। जनपद में वायु प्रदूषण बढ़ने से रोकने के लिए इस बार ईपीसीए की ओर से तैयारियां आरंभ कर दी गई हैं। इसके लिए ऑनलाइन बैठक में उपायुक्त जिला उद्योग केंद्र बीरेंद्र कुमार, क्षेत्रीय प्रबंधक यूपीएसआइडीसी स्मिता सिंह के अलावा औद्योगिक संगठन भी शामिल हुए, जिसमें ईपीसीए की ओर से वायु प्रदूषण रोकने के लिए एक्शन प्लान को साझा किया, जिसमें इंडस्ट्रियल एरिया में लोनी स्थित ट्रोनिका सिटी में संचालित हो रही टैक्सटाइज इकाइयों को सर्वाधिक वायु प्रदूषण के लिए उत्तरदायी माना है। यहां छोटी इकाईयों के अलग-अलग बॉयलर हैं, जो वायु प्रदूषण का कारक बनते हैं। वायु प्रदूषण को रोकने के लिए थर्ड पार्टी से बड़ा कॉमन बॉयलर बनवाने का प्रस्ताव है, जिससे सभी टैक्सटाइल इकाइयां कनेक्शन लेंगी। इनकी तीन माह में वायु गुणवत्ता की टेस्टिग होगी। इसके बाद लागू किया जाएगा। वहीं, अन्य इकाइयों में पीएनजी कनेक्शन को अनिवार्य करने की योजना है। अधिक प्रदूषण फैलाने वाले कारकों में कोयला, टायर आदि के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।         


कार सवार ने सीए को मारी टक्कर, मौत

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। कार सवार ने शुक्रवार रात तिकोना पार्क, वैभव खंड इंदिरापुरम के पास गौड़ ग्रीन सोसायटी के अपार्टमेंट ऑनर एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष चार्टर्ड अकाउंटेंट विनय कुमार निर्मल को टक्कर मार दिया। उपचार के दौरान अस्पताल में उनकी मौत हो गई। चालक व उसका साथी कार छोड़कर फरार हो गया। कार को कब्जे में लेकर पुलिस मामले की जांच कर रही है। पुलिस की प्रारंभिक जांच में नशे के दौरान हादसा होने की बात सामने आ रही है।


विनय कुमार निर्मल परिवार के साथ गौड़ ग्रीन सोसायटी, वैभव खंड में रहते थे। शुक्रवार रात करीब 8:30 बजे वह सोसायटी के द्वार संख्या-दो से बाहर खरीदारी करने निकले। सड़क पार करते ही तिकोना पार्क के पास तेज रफ्तार स्विफ्ट कार ने उन्हें टक्कर मार दी। कार के निचले हिस्से में वह फंस कर करीब 20 मीटर तक घसीटते चले गए। राहगीरों के शोर मचाने पर चालक ने कार रूकी। चालक व उसके साथ बैठा एक अन्य युवक कार को छोड़कर भाग गया। राहगीरों व सोसायटी के सुरक्षाकर्मियों ने विनय कुमार निर्मल को कार से अलग किया। सूचना पर स्वजन उन्हें लेकर पास के निजी अस्पताल लेकर पहुंचे। उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने कार को अपने कब्जे में कर लिया। उनके भाई अमित कुमार निर्मल की शिकायत पर इंदिरापुरम थाना में कार नंबर के आधार पर अज्ञात चालक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई।             


जांच कराने पहुंचे शिक्षकों का हंगामा

चंदनकियारी। प्रखंड स्थित सभी सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों को विभागीय निर्देशानुसार कोरोना संक्रमण की जांच किया जाना था। इसको लेकर शुक्रवार के सुबह दस बजे ही सभी विद्यालयों के कुल 820 शिक्षक जांच के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। शुरुआत में पहुंचे शिक्षक अपनी बारी को लेकर लाइन में लगे थे। इसी दौरान एक ही बार मे 820 शिक्षकों की भीड़ होने के कारण लाइन टूटकर अफरातफरी मच गई। सभी में जल्दी जांच कराने की होड़ मच गई। ऐसे में शारीरिक दूरी की तो धज्जियां उड़ाई ही गयी बल्कि चिकित्साकर्मियों को भी जांच में बिलंब हो गया। जहां शिक्षकों ने अपनी गलती को नजरअंदाज कर अस्पताल के चिकित्सक व चिकित्साकर्मियों पर ही भड़कते हुए हंगामा शुरू कर दिया। साथ ही शिक्षकों ने चिकित्सकों से माफी मांगने की मांग करने लगे। जिसपर हंगामे को देखते हुए चिकित्सा प्रभारी डॉ. श्रीनाथ ने माफी मांगकर मामले को शांत कराया।                 


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