जयपुर में भिखारियों को पुलिस दिलाएगी काम, सर्वे किया तो 5 पोस्ट ग्रेज्युऐट, 237 साक्षर निकले।
जयपुर। भीख मांग कर गुजारा कर रहे भिखारियों को पुलिस काम दिलाएगी। इसके लिए जयपुर पुलिस ने सर्वे कर इनकी प्रोफाईल तैयार की है। सर्वे में 1162 भिखारी सामने आए हैं। जिनमें से पांच तो स्नातक और स्नातकोत्तर शिक्षा प्राप्त हैं। जयपुर देश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में गिना जाता है और यहां भिखारी बड़ी समस्या है। इसी को देखते हुए जयपुर को भिखारी मुक्त करने और यहाँ के भिखारियों को किसी न किसी काम से जोड़ने का फैसला किया गया है। इसके लिए भिखारियों नक सर्वे करवा कर उनकी पूरी प्रोफाइल तैयार की गई है। अब इनके पुनर्वास का काम शुरू किया गया है। प्रोफाइल तैयार करने के लिए भिखारियों में शिक्षा, स्वास्थ्य, आयु, लिंग, स्किल जैसे 26 बिंदु तय किए गए थे।प्रोफाइल तैयार होने पर सामने आया कि सर्वे में सामने आये 1162 भिखारियों में से 237 पढ़ना लिखना जानते हैंं। इनमे से 2 के पास कला और वाणिज्य संकाय में स्नातकोत्तर डिग्री है, वहीं तीन कला संकाय में स्नातक हैं। अन्य में 193 कक्षा एक।से 12 तक पढ़े हुए है तथा 39 साक्षर हैं। वहीं 231 बेलदारी का काम जानते हैं तो 103 मजदूरी कर सकते हैं। शेष में से कुछ केटरिंग का, कबाड़ी, होटल झाडू पोंछा , चौकीदारी और सफाई का काम जानते हैं। कुल भिखारियों में से 117 कोई भी काम करने के लिए तैयार हैं जबकि 160 भिखारी ऐसे भी हैं जो कोई काम नहीं करना चाहते हैं। उचच शिक्षा प्राप्त भिखारी में से दो 50 से 55 साल, दो 32 से 35 साल और एक 65 साल की उम्र के है। ये किसी भी तरह का काम करने के लिए तैयार हैं। चिन्हित अनपढ़ भिखारियों में से 27 ने पढ़ने की इच्छा भी जताई है। सबसे ज्यादा 809 भिखारी राजस्थान से ही हैं।
राजस्थान के अलावा 63 उत्तरप्रदेश से और बाकी मध्यप्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों से हैं। इनमें 939 पुरुष और 223 महिलाएं हैं। स्वास्थ्य के हिसाब से 150 दिव्यांग हैं। आयु के हिसाब से इनमें 52 भिखारी 10 वर्ष तक की आयु के हैं वहीं 80 भिखारी 11 से 20 वर्ष यानी किशोरावस्था के भी है। वहीं 20 ऐसे है जो 70 वर्ष से ज्यादा की उम्र के हैं। पुलिस अधिकारियों के अनुसार अब इन्हें इनकी काबिलियत के हिसाब से काम दिलाया जाएगा। इसके लिये समाज कल्याण विभाग, जिला प्रशासन और एनजीओ की भी अब सहायता ली जाएगी।