गुरुवार, 27 अगस्त 2020

'स्वच्छ मिशन' में गाजियाबाद हुआ फेल

 अश्वनी उपाध्याय


साहिबाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की थी तो उनका लक्ष्य हर शहर को खूबसूरत बनाना था। गाजियाबाद के अधिकारियों ने भी एक से बढ़कर एक दावे किए। परिणाम यह हुआ कि स्वच्छ मिशन 2018-19 में गाजियाबाद को देश के सबसे साफ शहरों की श्रेणी में 13वां स्थान मिला। फिर शुरू हुआ निगम अधिकारियों और कूड़ा उठाने वाली एजेंसियों का खेल। खेल ऐसा कि सड़कों पर जहां-मलबा-कूड़ा फैला है। शिकायत करते रहिए कोई सुनवाई नहीं होती। यही कारण है कि स्वच्छ मिशन 2019-20 के शुरुआती परिणामों में गाजियाबाद 13वें से खिसककर 19वें स्थान पर जा पहुंचा है। दरअसल, स्वच्छ मिशन को कामयाब करने के लिए गाजियाबाद नगर निगम ने कई योजनाएं बनाई थीं। इनमें से एक महत्वपूर्ण योजना थी जिसमें निर्माणाधीन मकानों का मलबा उठाने के लिए एक निजी कंपनी को अधिकृत भी किया गया। इस दौरान जोर-शोर से नगर निगम अधिकारियों ने इसका प्रचार भी किया कि अब गाजियाबाद मलबा मुक्त हो जाएगा। हालांकि समय बीतते-बीतते निगम का यह अभियान ध्वस्त हो गया है। नगर निगम के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत के चलते कंपनी काम ही नहीं कर रही है। गाजियाबाद की वसुंधरा, वैशाली, साहिबाबाद, शालीमार गार्डन आदि इलाकों में सड़कों पर मलबे के ढेर लगे हुए हैं। निगम का निर्माण विभाग मलबा फेंकने वालों का चालान तो कर देता है लेकिन उसे उठाने की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जाता है। जब स्वच्छ सर्वे होता है तो गाजियाबाद के अंक कट जाते हैं। लगातार गिर रही स्वच्छता रेटिग: 2020 की शुरुआत में ही स्वच्छ सर्वेक्षण शुरू हुआ तो निगम की रेटिग भी गिरनी शुरू हो गई है। जगह-जगह कूड़े मलबे के ढेर लगे हैं। लोग शिकायत करते हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती। ट्रांस हिंडन आरडब्ल्यूए फेडरेशन के अध्यक्ष कैलाशचंद्र शर्मा ने बताया कि मलबे की शिकायत के बाद भी सेक्टर पांच में एक माह से कार्रवाई नहीं हुई है। निगम के अधिकारी कोई जवाब ही नहीं देते। एजेंसी को 440 रुपये प्रति टन के हिसाब से पेमेंट दिया जा रहा है। इसके बाद भी सफाई नहीं हो रही। निगम के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से यह हो रहा है।             


चीन के खिलाफ अमेरिका की बड़ी कार्रवाई

वाशिंगटन डीसी/ बीजिंग। अमेरिका कोरोना को लेकर सिर्फ और सिर्फ चीन को जिम्मेदार मानता हैं। इसी बीच एक बड़ी खबर आ रही हैं की अमेरिका ने चीन को आर्थिक रूप से कमजोर करने के लिए चीन पर बड़ी कारवाई की हैं। जिससे चीन में खलबली मच गई हैं।


खबर के मुताबिक अमेरिका ने उन 24 चीनी कंपनियों और उनसे जुड़े अधिकारियों पर बुधवार को प्रतिबंध लगाया है, जिन्होंने विवादित दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीपों के निर्माण में शामिल रहे हैं। अमेरिका के इस कारवाई से चीन की बहुत ही कंपनियां डूब सकती हैं और उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ सकता हैं। साथ ही साथ इससे चीन की अर्थव्यवस्था को भी गहरा झटका लगेगा।


अमेरिका के इस कारवाई के बाद चीन बौखलाया हुआ हैं तथा अमेरिका को अंजाम भुगतने की धमकी दे रहा हैं।               


बिहारः साल 2021 में डीजल-गाड़ी होगें बंद

पटना। बिहार की राजधानी पटना में बढ़ती प्रदूषण को देखते हुए सरकार ने बड़ा निर्णय लिया हैं। मिली जानकारी के मुताबिक साल 2021 से चरणबद्घ तरीके से पटना और इसके आसपास के इलाकों में डीजल से चलने वाले ऑटो गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाया जायेगा। बिहार परिवहन विभाग इसकी तैयारी कर रहा हैं।


खबर के अनुसार परिवहन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि परिवहन विभाग के अन्तर्गत शहरी क्षेत्र की परिवेशीय वायु गुणवत्ता में सुधार एवं प्रदूषण रहित परिवहन व्यवस्था के लिए चरणबद्घ तरीके से डीजल से चलने वाली गाड़ियां बंद की जाएगी।


उन्होंने कहा है की 31 जनवरी, 2021 के मध्य रात्रि से पटना नगर निगम तथा 31 मार्च के मध्य रात्रि से दानापुर नगर परिषद्, फुलवारीशरीफ नगर परिषद, खगौल नगर परिषद क्षेत्र में डीजल चालित ऑटो पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।                   


कर्मचारी को एससी से मिली 'स्थायी राहत'

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। रिटायर्ड कर्मचारी केरल सरकार के अलग-अलग सरकारी विभागों में 32 वर्ष सेवा दे चुका था, लेकिन राज्य सरकार उसे पेंशन के योग्य नहीं मानती थी।


सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार को 8 हफ्तों के अंदर याचिकाकर्ता को पेंशन का 13 साल का बकाया ब्याज समेत देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि पेंशन की राशि इच्छा के आधार पर दी गई कोई रकम नहीं बल्कि सामाजिक कल्याण की दिशा में लिया गया एक महत्वपूर्ण फैसला है जो संकट की घड़ी में किसी कर्मचारी के काम आता है।                 


सितंबर को 'पीएम' मोदी करेगें उद्घाटन

दुनिया की सबसे लंबी रोड टनल भारत में बनकर तैयार हो गई है। ऐसा माना जा रहा है कि सितंबर के अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन करेंगे। इस टनल की वजह से लद्दाख सालभर पूरी तरह से जुड़ा रहेगा। साथ ही इसके चलते मनाली से लेह के बीच करीब 46 किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी।


खासियत



  • 10,171 फीट की ऊंचाई पर बनी इस अटल रोहतांग टनल को रोहतांग पास से जोड़कर बनाया गया है, यह दुनिया की सबसे ऊंची और सबसे लंबी रोड टनल है।

  • यह करीब 8.8 किलोमीटर लंबी है और 10 मीटर चौ़ड़ी है।

  • मनाली से लेह जाने में 46 किलोमीटर की दूरी कम हो गई, अब आप यह दूरी सिर्फ 10 मिनट में पूरी कर सकते हैं।

  • यह टनल सिर्फ मनाली को लेह से नहीं जोड़ेगी बल्कि हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पिति में भी यातायात को आसान कर देगी। यह कुल्लू जिले के मनाली से लाहौ़ल-स्पिति जिले को भी जोड़ेगी.

  • इस टनल का सबसे ज्यादा फायदा लद्दाख में तैनात भारतीय फौजियों को होगा क्योंकि इसके चलते सर्दियों में भी हथियार और रसद की आपूर्ति आसानी से हो सकेगी, अब सिर्फ जोजिला पास ही नहीं बल्कि इस मार्ग से भी फौजियों तक सामान की सप्लाई हो सकेगी।

  • इस टनल के अंदर कोई भी वाहन अधिकतम 80 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चल सकेगा।

  • यह टनल इस तरीके से बनाई गई है कि इसके अंदर एक बार में 3000 कारें या 1500 ट्रक एकसाथ निकल सकते हैं।

  • इसे बनाने में करीब 4 हजार करोड़ रुपए की लागत आई है। टनल के अंदर अत्याधुनिक ऑस्ट्रेलियन टनलिंग मेथड का उपयोग किया गया है। वेंटिलेशन सिस्टम भी ऑस्ट्रेलियाई तकनीक पर आधारित है।

  • इस टनल का डिजाइन बनाने में DRDO ने भी मदद की है ताकि बर्फ और हिमस्खलन से इस पर कोई असर न पड़े।

  • इस टनल के अंदर सीसीटीवी कैमरे लगे होंगे जो स्पीड और हादसों पर नियंत्रण रखने में मदद करेंगे।

  • टनल के अंदर हर 200 मीटर की दूरी पर एक फायर हाइड्रेंट की व्यवस्था की गई है, ताकि आग लगने की स्थिति में नियंत्रण पाया जा सके।           


हाईकोर्ट के सुझाव पर होगा 'लॉकडाउन'

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के लॉकाडउन के सुझाव पर योगी सरकार ने विचार करने की बात कही है। हालांकि सरकार की तरफ से ये दलील दी गई है कि कोरोना के मामलों में उत्तर प्रदेश की स्थिति देश के अन्य राज्यों के मुकाबले बेहतर है, ऐसे में लॉकडाउन जैसे हालात नहीं हैं।


योगी सरकार कर ही विकल्पों पर विचार
यूपी सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा, ''आबादी के हिसाब से सूबे के हालात काफी बेहतर हैं।पूरे देश में सबसे कम मृत्यु दर उत्तर प्रदेश में है। सरकार ने तमाम इंतजाम कर रखे हैं।           


यात्रियों के लिए बदले क्वारंटाइन के नियम

उत्तर प्रदेश सरकार ने यात्रियों के लिए बदले क्वारंटीन के नियम


लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने राज्य में आने वाले अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों को सात दिनों के अनिवार्य इंस्टीट्यूशनल क्वारंटीन से छूट दे दी है। इसके साथ ही अन्य राज्यों से काम के लिए आने वाले भारतीय यात्रियों को भी कोविड-19 प्रोटोकॉल में छूट दी है।               


'सैनिक बंधू' की बैठक आयोजित की: सीडीओ

'सैनिक बंधू' की बैठक आयोजित की: सीडीओ  गणेश साहू  कौशाम्बी। मुख्य विकास अधिकारी अजीत कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में बुधवार को जिल...