गुरुवार, 27 अगस्त 2020

इजरायल से 2 'आसमानी आंख' खरीदेंगे

बीजिंग/ जेरुसलम। चीन और पाकिस्तान से बढ़ते खतरों के बीच भारत जल्द ही दो आसमानी आंखों को खरीदने जा रहा है। इनकी मदद से भारत के खिलाफ दो फ्रंट पर मोर्चा खोलने की तैयारी कर रहे देश के दुश्मनों पर पैनी नजर रखी जा सकेगी। भारतीय रक्षा मंत्रालय इसे लेकर जल्द ही इजरायल के साथ समझौते को अंतिम रूप दे सकता है।


इजरायल से खरीदे जाएंगे दो अवाक्स सिस्टम
इस समझौते के तहत इजरायल भारत को दो फाल्कन एयरबॉर्न वॉर्निग एंड कंट्रोल सिस्टम (अवाक्स) की सप्लाई करेगा। पहले भी इस डील की कीमत को लेकर भारत और इजरायल के बीच कई बार बातचीत हो चुकी है। हालांकि, दोतरफा खतरे को देखते हुए इस समझौते को जल्द से जल्द अंतिम रूप देने के लिए भारत पर दबाव बढ़ता जा रहा है।             


हमारे देश पर होगा 'चीन' का कब्जाः ट्रंप

वाशिंगटन डीसी/ बीजिंग। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं। ट्रंप ने डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बिडेन और चीन पर बड़ा निशाना साधा है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने ट्वीट में लिखा, "चीनी की सरकारी मीडिया और चीन के नेता चाहते हैं कि बिडेन "अमेरिकी चुनाव" जीतें. अगर ऐसा होता है (जो कि होगा नहीं) तो हमारे देश पर चीन का कब्जा होगा और रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचे हमारे शेयर बाजार बुरी तरह धड़ाम हो जाएंगे!" 


इससे पहले, अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि केवल ट्रंप ही चीन और उसकी घातक आक्रामक प्रवृत्ति से निपट सकते हैं। भाषा की खबर के मुताबिक, अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने अमेरिकी जनता से कहा है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ही एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं जो चीन और उसकी घातक आक्रामक प्रवृत्ति से लोहा ले सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक वह अमेरिका और दुनिया में कोरोना वायरस के माध्यम से मौत और आर्थिक तबाही फैलाने को लेकर इस कम्युनिस्ट देश के विरूद्ध न्याय नहीं होता।               


मेरठ में पत्रकार और परिवार पर हमला

मेरठ। जागृती विहार कॉलोनी में बुधवार रात करीब 10 बजे घर में घुसे दबंगों ने गली गलौज करते हुए जानलेवा हमला बोल दिया। इस हमले में स्थानीय अख़बार के पत्रकार नवीन सिंह चोटिल हो गए, जबकि बड़े भाई अविनाश सिंह को गंभीर चोटें आई हैं। मामले में पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए मुकदमा दर्ज कर एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया, जबकि अन्य की तलाश जारी है।               


नोएडा में युवक ने नाबालिग से किया रेप

नोएडा। जनपद गौतम बुद्ध नगर के थाना इकोटेक-3 क्षेत्र के एक गांव में शर्मनाक घटना सामने आई है। 19 बर्षीय युवक ने प्लाट में खेल रही बच्ची को अकेला देख उसके साथ दुष्कर्म  की वारदात को अंजाम दिया। यह मामला बुधवार करीब 12 बजे का है। आरोपी ने नकाब पहन रखा था, ताकि उसे कोई पहचान न सके। लेकिन पुलिस ने उसे ढूंढ निकाला और गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। फिलहाल नाबालिग बच्ची खतरे से बाहर है, जिसका इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है।                       


'मुआवजे' को लेकर बड़ी उथल-पथल

नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (GST) काउंसिल की 41वीं बैठक 27 अगस्त यानी आज होने जा रही है। इस बार की बैठक काफी गर्मागर्म बहस वाली हो सकती है। चर्चा का सबसे बड़ा मसला यही होगा कि कोरोना संकट में आर्थिक तंगी से जूझ रहे राज्यों को जीएसटी का मुआवजा कैसे दिया जाए।


जीएसटी काउंसिल के सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में राज्यों को मुआवजा देने के लिए फंड जुटाने के कई प्रस्तावों पर विचार हो सकता है। राज्यों को मई, जून, जुलाई और अगस्त यानी चार महीने का मुआवजा नहीं मिला है। सरकार ने हाल में वित्त मामलों की स्थायी समिति को बताया है कि उसके पास राज्यों को मुआवजा देने के लिए पैसे नहीं हैं।क्यों दिया जाता है मुआवजा
गौरतलब है कि नियम के मुताबिक जीएसटी कलेक्शन का करीब 14 फीसदी हिस्सा राज्यों को देना जरूरी है। जीएसटी को जुलाई 2017 में लागू किया गया था। जीएसटी कानून के तहत राज्यों को इस बात की पूरी गारंटी दी गई थी कि पहले पांच साल तक उन्हें होने वाले किसी भी राजस्व के नुकसान की भरपाई की जाएगी। यानी राज्यों को जुलाई 2022 तक किसी भी तरह के राजस्व नुकसान के लिए मुआवजा दिया जाएगा।           


20 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान

नई दिल्ली। कोरोना महामारी से अर्थव्यवस्था पर होने वाले असर को देखते हुए मई महीने में सरकार ने 20 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान किया था। पाँच चरणों में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पैकेज का पूरा विवरण देश के सामने रखा था।


पैकेज में 5.94 लाख करोड़ रुपए की रकम मुख्य तौर पर छोटे व्यवसायों को क़र्ज़ देने और ग़ैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और बिजली वितरण कंपनियों की मदद के नाम पर आबंटित करने की घोषणा की गई थी।


3.10 लाख करोड़ रुपए प्रवासी मज़दूरों को दो महीने तक मुफ़्त में अनाज देने और किसानों को क़र्ज़ देने में इस्तेमाल के लिए और 1.5 लाख करोड़ रुपए खेती के बुनियादी ढाँचे को ठीक करने और कृषि से जुड़े संबंधित क्षेत्रों पर ख़र्च करने की बात कही थी ।इसके अलावा कोयला क्षेत्र, खनन, विमानन, अंतरिक्ष विज्ञान से लेकर शिक्षा, रोज़गार, व्यवसायों की मदद और सरकारी क्षेत्र के उपक्रमों के लिए सुधार की बात कही गई थी। पैकेज के ऐलान को तीन महीने हो चुके हैं, अधिकतर जगहों पर बाज़ार खुल गए है, आर्थिक गतिविधियाँ चालू हो रही हैं, लेकिन कोरोना को लेकर अनिश्चितता अभी भी बनी हुई है और अर्थव्यवस्था की हालत ख़राब है, इसे संभालने के लिए लोग सरकार से उम्मीद लगाए बैठे हैं।


सेंटर फ़ॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनॉमी यानी सीएमआई के आँकड़ों के मुताबिक़ 23 अगस्त को ख़त्म हुए हफ़्ते में बेरोज़गारी दर 7.46 प्रतिशत थी। शहरी इलाक़ों में ये दर 9.98 प्रतिशत और ग्रामीण इलाक़ों में 6.32 प्रतिशत दर्ज की गई।


आर्थिक मामलों के जानकार आलोक जोशी बताते हैं, “अप्रैल महीने में क़रीब 15 करोड़ लोग बेरोज़गार हो गए थे, इनमें से 12 करोड़ लोग असंगठित क्षेत्र के थे। इनमें से 11 करोड़ लोगों को अब रोज़गार मिल गया है। ये वो लोग थे जो कोई भी काम कर सकते हैं। शहर से गाँव गए, तो वहाँ मनरेगा का काम मिल गया है, इन्हें कुछ काम मिल गया है, यानीसरकार ने जो रोज़गार के लिए पैसे दिए, वो इनके पास पहुँचे और इनका फ़ायदा हो गया। इसके अलावा कोरोना के दौरान कृषि क्षेत्र में उत्पादन में कमी नहीं आई, इसलिए असंगठित क्षेत्र के लोग जो वापस भी लौट गए, उन्हें खाने-पीने की समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ा।


लेकिन मिडिल क्लास और सैलरी वाले लोगों की परेशानियाँ बढ़ गईं, सैलरी पर गुज़ारा करने वाले क़रीब एक करोड़ लोग बेरोज़गार हैं। आलोक जोशी के मुताबिक, “इन्हें जॉब मिलना मुश्किल है, इस कारण से गंभीर संकट का सामना करना पड़ सकता है, हालात के और ख़राब होने के आसार दिख रहे हैं।


इसके अलावा रेस्तराँ और मॉल में दुकान चलाने वाले या उनमें काम करने वाले लोगों को भी दिक़्क़तों का सामना करना पड़ रहा है। बड़ी कंपनियाँ भी लोगों को निकाल रही हैं। म्यूचल फ़ंड, शेयर मार्केट, इंटरेस्ट रेट में भी लोगों को नुक़सान हुआ है, कई लोग पहले से कम सैलरी में काम कर रहे हैं।


यह एक कारण है कि दुकानें और फ़ैक्टरियों के खुलने के बाद भी डिमांड की कमी है। जानकार मानते हैं कि सरकार ने छोटे और मँझले उद्योगों को लोन देकर काम शुरू करवाने में मदद की, कॉरपोरेट टैक्स में भी छूट दी गई। इन सबका फ़ायदा उत्पादन में तो हुआ, लेकिन लोगों के पास पैसे नहीं होने के कारण डिमांड नहीं बढ़ी।


आर्थिक मामलों के जानकार आलम श्रीनिवास ने बीबीसी को बताया, “सरकार ये सोच रही है कि प्रोडक्शन शुरू होगा, लोगों के बीच में डिमांड है, लोग ख़रीदना चाहते हैं और बाहर जाना चाहते हैं। लेकिन अगर उपभोक्ता के हाथ में पैसा ही नहीं है, तो इनका कोई मतलब नहीं बनता। वो लोग, जिन्हें इस दौरान पहले की तरह पैसे मिलते रहे हैं, वो भी भविष्य को लेकर असमंजस में है, इसलिए पैसे ख़र्च करने की प्रवृत्ति में कमी आई है, बाज़ार में डिमांड तभी बढ़ेगी जब लोगों के अंदर भरोसा हो।


श्रीनिवास कहते हैं, “लोगों के हाथ में पैसे पहुँचाने का सबसे आसान तरीक़ा है, टैक्स में कटौती करना , सरकार ने कॉरपोरेट टैक्स कम किया तो वो उपभोक्ता के लिए भी टैक्स घटा सकती थी। सरकार ने लॉकडाउन के समय लोन पर मोरेटोरियम की सुविधा दी थी, इस प्रावधान से लोगों को छह महीनों के लिए लोन भुगतान को टालने का विकल्प मिला था। लेकिन इस कारण मासिक किस्तों की संख्या बढ़ गई, ब्याज के भुगतान पर कोई छूट नहीं दी गई थी।


आर्थिक मामलों के जानकार आलोक जोशी मानते है कि लॉकडाउन का बैंकों पर क्या असर पड़ा है, ये आने वाले कुछ समय में स्पष्ट होगा। वो कहते हैं, “अभी तो सरकार ने ब्याज पर छूट दे रखी है, बैंको को भी नहीं पता कि जब ये छूट हटेगी तब क्या होगा, कितने लोग हैं जो दे पैसे दे पाएँगे।


जानकार मानते हैं कि लोगों के हाथ में पैसा पहुँचाना ज़रूरी है और इसके लिए सरकार को क़दम उठाने चाहिए। आलोक जोशी कहते हैं कि हो सकता सरकार सही समय का इंतज़ार कर रही है।


उनके मुताबिक इकॉनॉमी को वापस लाने के लिए सरकार को ख़र्च करना पड़ेगा, कंस्ट्रक्शन जैसी चीज़ों पर ज़ोर देना होगा. वो कहते हैं, “ऐसा लगता है सरकार अभी फँसी हुई है, वो एक और पुश दे सकती है लेकिन तब जब बीमारी का असर कम होगा, अगर ऐसे समय में पैसे लगाए जाएँ, जब हालात सुधरने की आशंका कम है तो बहुत ज़्यादा फ़ायदा नहीं होगा।


लेकिन क्या सरकार इस स्थिति में है कि वो कोई पैकेज का ऐलान कर सके?


जानकार आलम श्रीनिवास का मानना है कि सरकार ने हाथ खड़े कर दिए हैं। वो कहते हैं, “सरकार कह चुकी है कि उसके पास आय की कमी है, मुझे लगता है वो जितना दे सकते थे, पिछले पैकेज में दे चुके हैं। श्रीनिवास के मुताबिक़ सरकार ने जिन सुधारों की बात की है, उन्हें ज़मीन पर उतरने में बहुत समय लगेगा, फ़िलहाल ज़रूरत है कि सरकार जल्द कुछ क़दम उठाए, उनके मुताबिक़ सरकार के लिए अब रिस्क लेना बहुत ज़रूरी हो गया है।                 


दादा ने अपनी पोती से किया दुष्कर्म

मुरादाबाद। शहर के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में दादा ने अपनी ही ढाई साल की पोती के साथ दुष्कर्म किया। आरोपी ने बहू के मायके में आकर वारदात को अंजाम दिया। पीड़िता ने एसएसपी से गुहार लगाई। मामले में सिविल लाइंस पुलिस ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।


थाना सिविल लाइंस के हरथला चौकी क्षेत्र निवासी महिला की शादी कुन्दरकी थाना क्षेत्र के गांव में हुई है। महिला इस समय मायके में है। महिला के अनुसार घटना 20 अगस्त की है। उसके ससुर मायके आए थे। आरोप है कि दोपहर करीब ढाई बजे महिला का ससुर उसकी ढाई साल की बेटी को खिलाने के बहाने छत पर ले गया। वहां आरोपी ने बच्ची के साथ अप्राकृतिक कृत्य किया।                 


34वें दंगल और रागिनी कंपीटिशन का शुभारंभ

34वें दंगल और रागिनी कंपीटिशन का शुभारंभ  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। शहर के निकटवर्ती गांव पचैंडा कलॉ में आज 34वें विशाल दंगल और रागि...