गुरुवार, 27 अगस्त 2020

20 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान

नई दिल्ली। कोरोना महामारी से अर्थव्यवस्था पर होने वाले असर को देखते हुए मई महीने में सरकार ने 20 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान किया था। पाँच चरणों में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पैकेज का पूरा विवरण देश के सामने रखा था।


पैकेज में 5.94 लाख करोड़ रुपए की रकम मुख्य तौर पर छोटे व्यवसायों को क़र्ज़ देने और ग़ैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और बिजली वितरण कंपनियों की मदद के नाम पर आबंटित करने की घोषणा की गई थी।


3.10 लाख करोड़ रुपए प्रवासी मज़दूरों को दो महीने तक मुफ़्त में अनाज देने और किसानों को क़र्ज़ देने में इस्तेमाल के लिए और 1.5 लाख करोड़ रुपए खेती के बुनियादी ढाँचे को ठीक करने और कृषि से जुड़े संबंधित क्षेत्रों पर ख़र्च करने की बात कही थी ।इसके अलावा कोयला क्षेत्र, खनन, विमानन, अंतरिक्ष विज्ञान से लेकर शिक्षा, रोज़गार, व्यवसायों की मदद और सरकारी क्षेत्र के उपक्रमों के लिए सुधार की बात कही गई थी। पैकेज के ऐलान को तीन महीने हो चुके हैं, अधिकतर जगहों पर बाज़ार खुल गए है, आर्थिक गतिविधियाँ चालू हो रही हैं, लेकिन कोरोना को लेकर अनिश्चितता अभी भी बनी हुई है और अर्थव्यवस्था की हालत ख़राब है, इसे संभालने के लिए लोग सरकार से उम्मीद लगाए बैठे हैं।


सेंटर फ़ॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनॉमी यानी सीएमआई के आँकड़ों के मुताबिक़ 23 अगस्त को ख़त्म हुए हफ़्ते में बेरोज़गारी दर 7.46 प्रतिशत थी। शहरी इलाक़ों में ये दर 9.98 प्रतिशत और ग्रामीण इलाक़ों में 6.32 प्रतिशत दर्ज की गई।


आर्थिक मामलों के जानकार आलोक जोशी बताते हैं, “अप्रैल महीने में क़रीब 15 करोड़ लोग बेरोज़गार हो गए थे, इनमें से 12 करोड़ लोग असंगठित क्षेत्र के थे। इनमें से 11 करोड़ लोगों को अब रोज़गार मिल गया है। ये वो लोग थे जो कोई भी काम कर सकते हैं। शहर से गाँव गए, तो वहाँ मनरेगा का काम मिल गया है, इन्हें कुछ काम मिल गया है, यानीसरकार ने जो रोज़गार के लिए पैसे दिए, वो इनके पास पहुँचे और इनका फ़ायदा हो गया। इसके अलावा कोरोना के दौरान कृषि क्षेत्र में उत्पादन में कमी नहीं आई, इसलिए असंगठित क्षेत्र के लोग जो वापस भी लौट गए, उन्हें खाने-पीने की समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ा।


लेकिन मिडिल क्लास और सैलरी वाले लोगों की परेशानियाँ बढ़ गईं, सैलरी पर गुज़ारा करने वाले क़रीब एक करोड़ लोग बेरोज़गार हैं। आलोक जोशी के मुताबिक, “इन्हें जॉब मिलना मुश्किल है, इस कारण से गंभीर संकट का सामना करना पड़ सकता है, हालात के और ख़राब होने के आसार दिख रहे हैं।


इसके अलावा रेस्तराँ और मॉल में दुकान चलाने वाले या उनमें काम करने वाले लोगों को भी दिक़्क़तों का सामना करना पड़ रहा है। बड़ी कंपनियाँ भी लोगों को निकाल रही हैं। म्यूचल फ़ंड, शेयर मार्केट, इंटरेस्ट रेट में भी लोगों को नुक़सान हुआ है, कई लोग पहले से कम सैलरी में काम कर रहे हैं।


यह एक कारण है कि दुकानें और फ़ैक्टरियों के खुलने के बाद भी डिमांड की कमी है। जानकार मानते हैं कि सरकार ने छोटे और मँझले उद्योगों को लोन देकर काम शुरू करवाने में मदद की, कॉरपोरेट टैक्स में भी छूट दी गई। इन सबका फ़ायदा उत्पादन में तो हुआ, लेकिन लोगों के पास पैसे नहीं होने के कारण डिमांड नहीं बढ़ी।


आर्थिक मामलों के जानकार आलम श्रीनिवास ने बीबीसी को बताया, “सरकार ये सोच रही है कि प्रोडक्शन शुरू होगा, लोगों के बीच में डिमांड है, लोग ख़रीदना चाहते हैं और बाहर जाना चाहते हैं। लेकिन अगर उपभोक्ता के हाथ में पैसा ही नहीं है, तो इनका कोई मतलब नहीं बनता। वो लोग, जिन्हें इस दौरान पहले की तरह पैसे मिलते रहे हैं, वो भी भविष्य को लेकर असमंजस में है, इसलिए पैसे ख़र्च करने की प्रवृत्ति में कमी आई है, बाज़ार में डिमांड तभी बढ़ेगी जब लोगों के अंदर भरोसा हो।


श्रीनिवास कहते हैं, “लोगों के हाथ में पैसे पहुँचाने का सबसे आसान तरीक़ा है, टैक्स में कटौती करना , सरकार ने कॉरपोरेट टैक्स कम किया तो वो उपभोक्ता के लिए भी टैक्स घटा सकती थी। सरकार ने लॉकडाउन के समय लोन पर मोरेटोरियम की सुविधा दी थी, इस प्रावधान से लोगों को छह महीनों के लिए लोन भुगतान को टालने का विकल्प मिला था। लेकिन इस कारण मासिक किस्तों की संख्या बढ़ गई, ब्याज के भुगतान पर कोई छूट नहीं दी गई थी।


आर्थिक मामलों के जानकार आलोक जोशी मानते है कि लॉकडाउन का बैंकों पर क्या असर पड़ा है, ये आने वाले कुछ समय में स्पष्ट होगा। वो कहते हैं, “अभी तो सरकार ने ब्याज पर छूट दे रखी है, बैंको को भी नहीं पता कि जब ये छूट हटेगी तब क्या होगा, कितने लोग हैं जो दे पैसे दे पाएँगे।


जानकार मानते हैं कि लोगों के हाथ में पैसा पहुँचाना ज़रूरी है और इसके लिए सरकार को क़दम उठाने चाहिए। आलोक जोशी कहते हैं कि हो सकता सरकार सही समय का इंतज़ार कर रही है।


उनके मुताबिक इकॉनॉमी को वापस लाने के लिए सरकार को ख़र्च करना पड़ेगा, कंस्ट्रक्शन जैसी चीज़ों पर ज़ोर देना होगा. वो कहते हैं, “ऐसा लगता है सरकार अभी फँसी हुई है, वो एक और पुश दे सकती है लेकिन तब जब बीमारी का असर कम होगा, अगर ऐसे समय में पैसे लगाए जाएँ, जब हालात सुधरने की आशंका कम है तो बहुत ज़्यादा फ़ायदा नहीं होगा।


लेकिन क्या सरकार इस स्थिति में है कि वो कोई पैकेज का ऐलान कर सके?


जानकार आलम श्रीनिवास का मानना है कि सरकार ने हाथ खड़े कर दिए हैं। वो कहते हैं, “सरकार कह चुकी है कि उसके पास आय की कमी है, मुझे लगता है वो जितना दे सकते थे, पिछले पैकेज में दे चुके हैं। श्रीनिवास के मुताबिक़ सरकार ने जिन सुधारों की बात की है, उन्हें ज़मीन पर उतरने में बहुत समय लगेगा, फ़िलहाल ज़रूरत है कि सरकार जल्द कुछ क़दम उठाए, उनके मुताबिक़ सरकार के लिए अब रिस्क लेना बहुत ज़रूरी हो गया है।                 


दादा ने अपनी पोती से किया दुष्कर्म

मुरादाबाद। शहर के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में दादा ने अपनी ही ढाई साल की पोती के साथ दुष्कर्म किया। आरोपी ने बहू के मायके में आकर वारदात को अंजाम दिया। पीड़िता ने एसएसपी से गुहार लगाई। मामले में सिविल लाइंस पुलिस ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।


थाना सिविल लाइंस के हरथला चौकी क्षेत्र निवासी महिला की शादी कुन्दरकी थाना क्षेत्र के गांव में हुई है। महिला इस समय मायके में है। महिला के अनुसार घटना 20 अगस्त की है। उसके ससुर मायके आए थे। आरोप है कि दोपहर करीब ढाई बजे महिला का ससुर उसकी ढाई साल की बेटी को खिलाने के बहाने छत पर ले गया। वहां आरोपी ने बच्ची के साथ अप्राकृतिक कृत्य किया।                 


उत्तर-भारत में भारी बारिश की चेतावनी

नई दिल्ली। भारतीय मौसम विभाग ने अगले 4 दिनों तक उत्तर भारत के कई हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग के ताजा बुलेटिन के मुताबिक मध्य प्रदेश विदर्भ और छत्तीसगढ़ के निर्जन इलाकों में भारी बारिश  हो सकती है। वहीं उत्तर प्रदेश , राजस्थान और उत्तराखंड के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।


भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग के मुताबिक उत्तराखंड , जम्मू , हिमांचल प्रदेश, पंजाब , हरयाणा, दिल्ली , उत्तर प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल, सिक्किम और उड़ीसा में भी संभावित तेज बारिश को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है।               


तमिलनाडुः सेमेस्टर को छोड़, परिक्षाएं रद्द

चैन्नई। TN ने अंतिम सेमेस्टर को छोड़ कर स्नातक और प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों की अन्य परीक्षाओं महामारी के मद्देनजर रद्द कर दी गई हैं। मुख्यमंत्री के। पलानीस्वामी ने कहा कि अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाओं को छोड़ कर अन्य सेमेस्टर से जुड़े विषयों के लिए शुल्क का भुगतान करने वाले और परीक्षाओं का इंतजार कर रहे छात्रों को परीक्षा देने से छूट प्राप्त होगी और उन्हें अंक दिए जाएंगे। 



पलानीस्वामी ने एक बयान में कहा कि छात्रों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए उनके अनुरोध को स्वीकार किया गया। एक उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों के मुताबिक फैसला लिया गया है। उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि यह कदम विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के दिशा-निर्देशों के अनुरूप उठाया गया है।


विस्तृत सरकारी आदेश जारी करने का निर्देश
पलानीस्वामी ने कहा कि उन्होंने उच्चतर शिक्षा विभाग को इस विषय पर एक विस्तृत सरकारी आदेश जारी करने का निर्देश दिया है।                 




गलत तरीके से बन रहा है पंचायत भवन

प्रयागराज के कोरांव तहसील के अंतर्गत ग्राम पंचायत भवानीपुर में बनाया जा रहा है गलत तरीके से पंचायत भवन।


प्रयागराज। प्रयागराज के कोरांव तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत भवानीपुर में पंचायत भवन की बुनियाद भूमि संख्या, 132 रकवा 0.3060 हेक्टेयर नवीन परती के खाता संख्या 269 में अंकित है। जिसमें प्राइमरी विद्यालय एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालय बना हुआ है परंतु विद्यालय के नाम भूमि ना होने से पंचायत भवन की बुनियाद लगभग 20 दिन पहले खुदाई कर दी गई थी।उसके बाद ग्राम प्रधान संतोष कुमार भवानीपुर की प्रेरणा से हल्का लेखपाल भवानीपुर से भूमि संख्या 305 ख रकवा 0.0460 हेक्टेयर पर पंचायत भवन निर्माण कार्य करवाना चाहते हैं। जोकि गांव के आखिरी में ग्राम प्रधान के घर के पास जोकि जंगल के बगल पहाड़ी के पास मेंबर पंचायत भवन बनवाना चाहते हैं। जबकि गांव के मध्य में पंचायत भवन बनवाना जाना चाहिए जिस के संबंध में एंटी करप्शन कमेटी एलियंस भ्रष्टाचार निर्मूलन समिति के वीरेंद्र कुमार मिश्रा ने 18 अगस्त 2020 को उप जिलाधिकारी कोरांव से मुलाकात कर शिकायत पत्र कार्यवाही किए जाने के लिए दिए तथा मौखिक वार्ता भी किए पंचायत सचिव कानूनगो हल्का लेखपाल से मोबाइल के माध्यम से भी बात भी किए उसके बाद दिनांक 24 अगस्त 2020 को हल्का लेखपाल अतुल तिवारी भवानीपुर गांव में आए जहां पर नवनिर्वाचित सदस्य गण , मतदाता गढ़ मौजूद थे,जिस पर ग्राम वासियों की उपस्थिति में पूर्ण सहमत पर भूमि संख्या 49 रकवा 0.046 हेक्टेयर को देखा गया जो जगह खाली गांव के मध्य में है l जहां रास्ता ना होने पर संदेह जाहिर किए जाने पर गांव के काश्तकारों द्वारा अपनी लगानी भूमि में बिना किसी शुल्क के श्रमदान के माध्यम से रास्ता बनवाने का संकल्प ग्राम वासियों ने लिया जो कि दिनांक 25 अगस्त 2020 को रास्ता बना दिया गया है।जहां पर पंचायत भवन निर्माण कार्य हेतु भूमि संख्या 49 नवीन परती पर रखवा 0.046 हेक्टेयर सर्वसम्मति के पास से की गई है। जहां पर पंचायत भवन बनाया जाना न्याय संगत होगा l         


सांस्कृतिक एवं धार्मिक आयोजन पर रोक

लखनऊ। सार्वजनिक स्थान पर सांस्कृतिक एवं धार्मिक आयोजन पर रोक जारी, उल्लंघन करने वालों पर होगी कार्रवाई। मुख्यमंत्री सार्वाजनिक स्थान पर सांस्कृतिक एवं धार्मिक आयोजन पर रोक जारी, उल्लंघन करने वालों पर होगी कार्रवाई। मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार ने फिर कहा है, कि सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजन एवं कार्यक्रम किए जाने की अनुमति नहीं है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है,कि ऐसा पाए जाने पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी उन्होंने कोविड 19 प्रोटोकॉल का पूर्णता पालन किए जाने के साथ ही सोशल मीडिया पर सतर्क नजर रखने और अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास से वरिष्ठ पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान यह निर्देश दिए हैं। उन्होंने मुहर्रम गणेश उत्सव अनंत चतुर्दशी के मद्देनजर पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों को पूरी सतर्कता बरतने और सभी आवश्यक सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने को कहा उन्होंने कहा कि अपराध और अपराधियों के प्रति राज्य सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति है अराजकता एवं अव्यवस्था फैलाने वालों लोगों पर कार्यवाही की जाए जिले के टॉप टेन एवं थाना स्तर पर टॉप टेन की सूची में दर्ज अपराधियों पर कार्यवाही की जाए बीट प्रणाली को सुदृढ़ किया जाए। लगातार फुट पेट्रोलिंग की जाए समाज विरोधी एवं राष्ट्र विरोधी तत्वों के खिलाफ समय से कार्यवाही की जाए।               


शरीर के अंगों को प्रभावित करता है 'वायरस'

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। एम्स के विशेषज्ञ डॉक्टरों और वैज्ञानिकों की टीम ने एक रिसर्च के बाद पाया कि कोरोना का वायरस इतना घातक है कि वो शरीर के सभी अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है।इसलिए सिर्फ संक्रमितों ही नहीं बल्कि आम लोगों को भी इससे सचेत रहने की जरुरत है।



उन्हें हर हाल में मेडिकल गाइडलाइन का पालन करना होगा। अपनी इम्युनिटी पॉवर बढ़ाने पर जोर देना होगा। दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के विशेषज्ञों ने को कहा कि कोविड-19 न केवल फेफड़े को बल्कि करीब सभी अंगों को प्रभावित कर सकता है। ये प्रारंभिक लक्षण छाती की शिकायत से बिल्कुल अलग तरह के हो सकते हैं।


उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अन्य अंगों को शामिल करने के लिए, बस सांस के लक्षणों के आधार पर हल्के, मध्यम और गंभीर श्रेणियों में मामलों के वर्गीकरण पर फिर से विचार करने की जरूरत है। उनके मुताबिक इस दिशा में लगातार रिसर्च जारी है।


'सैनिक बंधू' की बैठक आयोजित की: सीडीओ

'सैनिक बंधू' की बैठक आयोजित की: सीडीओ  गणेश साहू  कौशाम्बी। मुख्य विकास अधिकारी अजीत कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में बुधवार को जिल...