गुरुवार, 27 अगस्त 2020

रिपोर्ट की कॉपियां 'कैबिनेट' को भेजें

नई दिल्ली। आरबीआई ने अपनी सालाना रिपोर्ट में बताया है कि कोरोना संकट का सबसे अधिक नुकसान गरीबों पर हुआ है, ऐसे में अर्थव्यवस्था को दोबारा पटरी पर आने में काफी वक्त लग सकता है। इस मामले पर पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मोदी सरकार को घेरा। अब पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने सवाल उठाए हैं। चिदंबरम ने कहा है कि शायद ही पहले कभी किसी सरकार ने केंद्रीय बैंक के गवर्नर को इस तरह इग्नोर किया होगा।


पी चिदंबरम ने ट्वीट में लिखा, “RBI के गवर्नर को RBI की सालाना रिपोर्ट की कई कॉपियां अंग्रेजी और हिंदी में प्रधानमंत्री और कैबिनेट के हर एक मंत्री को भेजनी चाहिए।


चिदंबरम ने आगे लिखा, “पहले कभी किसी सरकार ने केंद्रीय बैंक के गवर्नर को इस तरह इग्नोर किया होगा। शायद ही वित्त मंत्री और बैंक गवर्नर आपस में बात करते हों। गवर्नर, मेरी संवेदनाएं आपके साथ हैं। आप एक सोए हुए व्यक्ति को जगा सकते हो लेकिन जो व्यक्ति सोने का नाटक कर रहा हो उसे कैसे जगाएंगे।

राहुल गांधी ने क्या कहा था
एक दिन पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी आरबीआई की सालाना रिपोर्ट पर मोदी सरकार को घेरा था। राहुल ने ट्वीट में लिखा था, “RBI ने भी उस बात की पुष्टि कर दी जिसकी मैं महीनों से चेतावनी दे रहा हूं। जरूरी है कि सरकार खर्च बढ़ाए, उधार नहीं। गरीबों को पैसा दे, न कि उद्योगपतियों को टैक्स-कटौती। खपत से अर्थव्यवस्था को फिर शुरू करे। मीडिया द्वारा ध्यान भटकाने से न गरीबों की मदद होगी, न आर्थिक आपदा सुलझेगी।             


वैज्ञानिकों ने मास्क को लेकर किया 'दावा'

नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) सहित अन्य अध्ययनकर्ताओं के मुताबिक एन-95 मास्क कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को घटाने में सर्वाधिक कारगर हो सकता है। उन्होंने सुझाव दिया है कि कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिये मास्क नहीं पहनने से बेहतर है कि किसी न किसी तरह का मास्क पहना जाए।


अध्ययनकर्ताओं ने इस बात का जिक्र किया कि खांसने और छींकने के दौरान श्वसन तंत्र से हवा में निकलने वाली सूक्ष्म बूंदें कोविड-19 जैसे संक्रामक रोग के प्रसार का सबसे बड़ा कारण है। इसरो से पद्यमनाभ प्रसन्न सिम्हा और कर्नाटक स्थित जयदेव इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोवस्कुलर साइंसेज एंड रिसर्च के प्रसन्न सिम्हा मोहन राव ने इस संबंध में प्रयोग और अध्ययन किया। यह अध्ययन जर्नल फिजिक्स ऑफ फ्लूइड्स में प्रकाशित हुआ है।               


टीक-टोक के सीईओ ने दिया इस्तीफा

नई दिल्ली। मशहूर सोशल मीडिया एप टिकटॉक के सीईओ केविन मेयर ने कई संकट में कंपनी के घिरने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।







 






भारत में लोकप्रियता के चरम पर होने के बाद बैन लगने से टिकटॉक की हालत खराब हो गई थी। उसके बाद अमेरिका में टिक टॉक पर बैन लगाने पर सरकार कदम उठाने जा रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने कंपनी को चेतावनी दे दी है कि या तो कंपनी अपना अमेरिकी बिजनेस बेचे या फिर अमेरिका ये ऐप बैन कर देगा। दरअसल, केविन मेयर को चार महीने पहले ही TikTok का सीईओ बनाया गया था। केविन मेयर ने इस्तीफे से पहले कहा कि, पिछले कुछ हफ़्तों में पॉलिटिकल इन्वॉयरमेंट काफ़ी बदल गया है। बदले हुए हालात में मेरे लिए जो करना मुमकिन था, मैंने किया। TikTok के एक प्रवक्ता ने कहा है कि कंपनी केविन मेयर के फ़ैसला का सम्मान करती है। अमेरिका में टिक टॉक ऐप पर कभी भी बैन लग सकता है।               


शासन-प्रशासन से नहीं मिल रही है मदद

रायपुर/बिलासपुर। बिलासपुर जिले के तखतपुर से तकरीबन 10 किलोमीटर दूर स्थित चितावर गांव में अंधाधुंध बारिश और बाढ़ के कारण हुई नुकसानी से ग्रामीण अभी तक उबर नहीं पाए हैं। एक तरफ मनियारी का ठेल तो दूसरी तरफ छोटी नर्मदा के पानी का ठेला-ठेल.. भयंकरतम बारिश के कारण हुई दो-तरफा मार से चितावर गांव के किसानों, उनके घरों और धान की फसल का हाल "दो पाटन के बीच में" सरीखा हो गया है। भयंकर अतिवृष्टि ने इस गांव के किसानों की साढे तीन सौ एकड़ से भी अधिक कृषि भूमि पर लगी धान की फसल को पूरी तरह नष्ट और बर्बाद कर दिया है।


हालत यह है कि इस बर्बाद हो चुकी फसल को किसान ट्रैक्टर के जरिए जुताई कर उखाड़ रहे हैं, जिससे वहां फिर से धान की फसल लगाई जा सके। लेकिन मुश्किल यह है कि किसानों के पास इस समय धान का थरहा (नर्सरी) भी इतनी मात्रा में नहीं है जो सभी किसानों को रोपा के लिए पूरा हो सके। इसलिए कुछ किसान लईहरा (लईचोपी) पद्धति से धान की बोनी करने की जुगत भिड़ा रहे हैं। वहीं कुछ और किसान बाऊग पद्धति से पहले बोए गए खेतों से पौधे उखाड़ कर उन खेतों में रोपित करने की जुगत लगा रहे हैं, जिन खेतों में लगी धान की पूरी फसल को बारिश ने नष्ट कर दिया।             


बच्चों को सोच-समझकर खिलाएं 'बिस्कुट'

रायपुर। बच्चे जब 6 माह से ज्यादा के हो जाते हैं तो उन्हें ठोस आहार खिलाना शुरू कर दिया जाता है। ऐसे में कई लोग अपने बच्चों को बिस्कुट खिलाते हैं। बिस्कुट का टेस्ट बच्चों को अच्छा लगता है, जिसके कारण बच्चे आसानी से बिस्कुट खा लेते हैं। बच्‍चे को सभी बिस्‍कुट खिलाना सही नहीं होता है और इसके नुकसान भी हो सकते हैं। बिस्कुट प्रोसेस्ड होते हैं। इनमें कई तरह के प्रिजर्वेटिव्‍स डाले जाते हैं। इनमें रिफाइंड व्‍हीट फलोर, ट्रांस फैट, एडिटिव्‍स और कई सिंथेटिक तत्‍व भी मिलाए जाते हैं। बिस्कुट में मौजूद तत्व बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। बिस्‍कुटों में अधिक मात्रा में रिफाइंड शुगर का इस्तेमाल किया जाता है।


इनमें इस्तेमाल की जाने वाली शुगर रेगुलर ग्‍लूकोज से ज्‍यादा मीठी होती है, जिससे बच्चे मोटापे और डायबिटीज से शिकार हो सकते हैं। बच्‍चों को बिस्‍कुट से कोई पोषण नहीं मिलता है। मार्केट में बिकने वाले बिस्कुट बच्चों के लिए जंक फूड की तरह काम करते हैं। इससे एनर्जी तो मिलती है लेकिन पोषण नहीं। बिस्कुट में ट्रांस फैट का इस्तेमाल किया जाता है। इससे गंभीर स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याएं भी हो सकती हैं। इसकी वजह से शरीर में गुड और बैड कोलेस्‍ट्रोल में असंतुलन आ सकता है। आप घर पर ही बच्चों के लिए बिस्कुट बना सकते है। इसमें आप रागी, बेसन, होल व्‍हीट आटे, ओट्स, मीठे के लिए खजूर का सिरप, गुड, घी आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं।                 


महिला सिपाही के साथ किया दुष्कर्म

सिदगोड़ा। जमशेदपुर के सिदगोड़ा प्रोफेशनल कॉलेज कोविड केयर सेंटर में एक महिला सिपाही के साथ दूसरे सिपाही ने दुष्कर्म किया। घटना 20 अगस्त की है। 24 अगस्त को थाने में शिकायत के बाद आरोपी सिपाही अनिल सिंह को मंगलवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।


अनिल सिंह सिदगोड़ा थाने का सिपाही है, जो कोविड सेंटर में ही सुरक्षा में तैनात था। वहीं, पीड़िता दहेज हत्या के मामले में गिरफ्तार सिदगोड़ा की एक महिला बंदी के साथ यहां प्रतिनियुक्त थी। महिला सिपाही ने बताया कि वह कोरोना पॉजिटिव बंदी के साथ कोविड केयर सेंटर में ड्यूटी पर थी। उसके पास सिपाही अनिल सिंह घटना वाले दिन शाम 6.30 बजे आया और बातचीत की। उसने महिला सिपाही से कहा कि नीचे वायरस के चलते कमरा ठीक नहीं है।


डीएसपी ने की जांच
घटना के दूसरे दिन पीड़िता ने अपने वरीय अधिकारी को पुलिस लाइन में जाकर घटना की शिकायत की, जिसमें डीएसपी सीसीआर के नेतृत्व में जांच टीम का गठन किया गया। जांच टीम की रिपोर्ट के आधार पर 24 अगस्त को प्राथमिकी दर्ज की गई और पीड़िता का एमजीएम अस्पताल में मेडिकल कराया गया। इसके बाद अनिल सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया।


अनुकंपा पर हुई है बहाली
महिला सिपाही की बहाली अनुकंपा के आधार पर हुई है। उसके पति एएसआई थे, जिनकी पलामू में मौत हो गई थी। मृत्यु के बाद पत्नी को बहाल किया गया। महिला सिपाही सरायकेला-खरसावां जिले के राजनगर की निवासी है।


प्राथमिकी में एसटी-एससी धारा भी लगी
इधर, पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया कि आरोपी ने उसे नीची जाति का कहकर प्रताड़ित किया। इसके आधार पर एसटी-एससी की धारा भी लगाई गई है। इसके साथ ही यदि कोई पुलिस वाला ड्यूटी के दौरान किसी से दुष्कर्म करता है तो उसपर अलग से 376 (2) की धारा लगायी जाती है। उस धारा का भी इस केस में इस्तेमाल किया गया है।


आरोपी सिपाही ने भी लगाए आरोप
इधर, सिपाही अनिल सिंह ने दुष्कर्म की घटना से इनकार करते हुए आरोप लगाया कि महिला सिपाही से उसका एक दोस्त पुलिस लाइन से मिलने आता था। वह भी पुलिस में ही है। वह आईसोलेशन वार्ड में चला जाता था। इसका उसने विरोध किया तो उसपर यह आरोप लगाया जा रहा है। पुलिस ने दोनों की कोरोना जांच कराई है             


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण




यूनिवर्सल एक्सप्रेस   (हिंदी-दैनिक)









 अगस्त 28, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-14 (साल-02)
2. शुक्रवार, अगस्त 28, 2020
3. शक-1943, भाद्रपद, शुुुक्ल-पक्ष, तिथि-दसवीं, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 05:27, सूर्यास्त 07:10


5. न्‍यूनतम तापमान 23+ डी.सै.,अधिकतम-35+ डी.सै.। आद्रता बनी रहेगी।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
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(सर्वाधिकार सुरक्षित)   







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