गुरुवार, 27 अगस्त 2020

महिला सिपाही के साथ किया दुष्कर्म

सिदगोड़ा। जमशेदपुर के सिदगोड़ा प्रोफेशनल कॉलेज कोविड केयर सेंटर में एक महिला सिपाही के साथ दूसरे सिपाही ने दुष्कर्म किया। घटना 20 अगस्त की है। 24 अगस्त को थाने में शिकायत के बाद आरोपी सिपाही अनिल सिंह को मंगलवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।


अनिल सिंह सिदगोड़ा थाने का सिपाही है, जो कोविड सेंटर में ही सुरक्षा में तैनात था। वहीं, पीड़िता दहेज हत्या के मामले में गिरफ्तार सिदगोड़ा की एक महिला बंदी के साथ यहां प्रतिनियुक्त थी। महिला सिपाही ने बताया कि वह कोरोना पॉजिटिव बंदी के साथ कोविड केयर सेंटर में ड्यूटी पर थी। उसके पास सिपाही अनिल सिंह घटना वाले दिन शाम 6.30 बजे आया और बातचीत की। उसने महिला सिपाही से कहा कि नीचे वायरस के चलते कमरा ठीक नहीं है।


डीएसपी ने की जांच
घटना के दूसरे दिन पीड़िता ने अपने वरीय अधिकारी को पुलिस लाइन में जाकर घटना की शिकायत की, जिसमें डीएसपी सीसीआर के नेतृत्व में जांच टीम का गठन किया गया। जांच टीम की रिपोर्ट के आधार पर 24 अगस्त को प्राथमिकी दर्ज की गई और पीड़िता का एमजीएम अस्पताल में मेडिकल कराया गया। इसके बाद अनिल सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया।


अनुकंपा पर हुई है बहाली
महिला सिपाही की बहाली अनुकंपा के आधार पर हुई है। उसके पति एएसआई थे, जिनकी पलामू में मौत हो गई थी। मृत्यु के बाद पत्नी को बहाल किया गया। महिला सिपाही सरायकेला-खरसावां जिले के राजनगर की निवासी है।


प्राथमिकी में एसटी-एससी धारा भी लगी
इधर, पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया कि आरोपी ने उसे नीची जाति का कहकर प्रताड़ित किया। इसके आधार पर एसटी-एससी की धारा भी लगाई गई है। इसके साथ ही यदि कोई पुलिस वाला ड्यूटी के दौरान किसी से दुष्कर्म करता है तो उसपर अलग से 376 (2) की धारा लगायी जाती है। उस धारा का भी इस केस में इस्तेमाल किया गया है।


आरोपी सिपाही ने भी लगाए आरोप
इधर, सिपाही अनिल सिंह ने दुष्कर्म की घटना से इनकार करते हुए आरोप लगाया कि महिला सिपाही से उसका एक दोस्त पुलिस लाइन से मिलने आता था। वह भी पुलिस में ही है। वह आईसोलेशन वार्ड में चला जाता था। इसका उसने विरोध किया तो उसपर यह आरोप लगाया जा रहा है। पुलिस ने दोनों की कोरोना जांच कराई है             


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण




यूनिवर्सल एक्सप्रेस   (हिंदी-दैनिक)









 अगस्त 28, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-14 (साल-02)
2. शुक्रवार, अगस्त 28, 2020
3. शक-1943, भाद्रपद, शुुुक्ल-पक्ष, तिथि-दसवीं, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 05:27, सूर्यास्त 07:10


5. न्‍यूनतम तापमान 23+ डी.सै.,अधिकतम-35+ डी.सै.। आद्रता बनी रहेगी।


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बुधवार, 26 अगस्त 2020

'ब्रिक्स गेम-2021' का भारत में आगाज

खेलों इंडिया गेम्स 2021 के दौरान ब्रिक्स गेम्स का आयोजन करेगा भारत: रिजिजू


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू ने कहा है,कि अगले साल होने वाले खेलो इंडिया गेम्स के दौरान ब्रिक गेम्स 2021 का आयोजन करने की योजना है। रिजिजू ने कहा, “खेलो इंडिया गेम्स 2021 के दौरान एक ही समय पर एक ही आयोजन स्थल पर ब्रिक्स गेम्स 2021 आयोजित किया जाएगा, ताकि देश के विभिन्न हिस्सों से हमारे खिलाड़ी जो खेलो इंडिया गेम्स में भाग लेंगे, उनके पास ब्रिक्स गेम्स को करीब से देखने और इसका लाभ उठाने का शानदार अवसर होगा।                                                   


भारत के पूर्व 'राष्ट्रपति' कोमा में पहुंचे

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी गहरे कोमा में, वेंटिलेटर सपोर्ट जारी।


नई दिल्ली। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी गहरे कोमा में चले गए हैं। वह लगातार वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं। आर्मी रिसर्च एंड रेफरल हॉस्पिटल (आर एंड आर) ने बुधवार को जारी मेडिकल बुलेटिन में कहा कि वह पिछले 16 दिनों से अस्पताल में भर्ती हैं,और ब्रेन सर्जरी के बाद गंभीर स्थिति में हैं।               


वैक्सीनः भारत- रूस के बीच बातचीत जारी

दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन: भारत और रूस के बीच बातचीत जारी…स्वास्थ्य मंत्रालय ने कही ये बड़ी बात


मास्को। कोरोना वायरस की देसी वैक्सीन  कोरोना वैक्सीन बनाने की दिशा में तेजी से काम तो हो ही रहा है, (रशियन वैक्सीन फॉर कॉविड 19) को लेकर भी भारत और रूस के बीच बातचीत चल रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि जहां तक स्पूतनिक वी वैक्सीन (कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक वी) की बात है। तो इसे लेकर भारत और रूस संपर्क में हैं। हेल्थ मिनिस्ट्री में सेक्रटरी राजेश भूषण ने बताया कि दोनों देशों के बीच शुरुआती सूचनाएं साझा भी हो चुकी हैं। इस बीच सूत्रों ने जानकारी दी है,कि रूस ने स्पूतनिक-वी वैक्सीन को बनाने और उसके तीसरे चरण के परीक्षण को भारत में करने के लिए नई दिल्ली से सहयोग मांगा है।रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 11 अगस्त को कोरोना वायरस की वैक्सीन ‘स्पूतनिक वी’ का ऐलान किया था। इसके साथ ही कोविड-19 के लिए वैक्सीन को मंजूरी देने वाला रूस दुनिया का पहला देश बन गया। रूस ने तब कहा था कि अगस्त के आखिर तक वैक्सीन को उतार दिया जाएगा। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक रूस ने इस वैक्सीन के पहले बैच का उत्पादन भी कर लिया है। हालांकि, ‘स्पूतनिक वी’ को लेकर विशेषज्ञों ने यह कहकर चिंता जताई है कि इसे बनाने में तय प्रोटोकॉल्स का पालन नहीं किया गया है और यह असुरक्षित हो सकती है।
रूस ने भारत से कोविड-19 वैक्सीन ‘स्पूतनिक वी’ को बनाने और भारत में उसके तीसरे चरण के परीक्षण के लिए सहयोग मांगा है। सरकारी सूत्रों ने न्यूज एजेंसी भाषा को बताया कि कोविड-19 टीके से जुड़े राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह की 22 अगस्त को हुई पिछली बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई।‘स्पूतनिक वी’ का विकास ‘गमालेया रिसर्च इंस्टिट्यूट ऑफ एपिडेमोलॉजी ऐंड माइक्रोबायलॉजी’ और ‘रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड’ (आरडीआईएफ) ने मिलकर किया है। इस वैक्सीन के बारे में सीमित डेटा को लेकर कई तबकों ने संदेह जाहिर किया है। सरकार के एक सूत्र ने कहा, ‘रूस सरकार ने भारत सरकार से कोविड-19 के टीके ‘स्पूतनिक वी’ की मैन्यूफैक्चरिंग और यहां इसका तीसरे चरण का परीक्षण करने के लिए सहयोग मांगा है।’
सूत्र ने कहा, ‘जैव प्रौद्योगिकी विभाग और स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग से मामले को देखने को कहा गया है। रूस सरकार के अधिकारियों ने ‘स्पूतिनक वी’ के बारे में कुछ सूचना और डेटा साझा किया है, जबकि टीके के प्रभाव व सुरक्षा से जुड़े अन्य डेटा का इंतजार किया जा रहा है।’ यह पूछे जाने पर कि क्या रूस सरकार ने भारत में ‘स्पूतनिक वी’ के विनिर्माण के लिए कोई औपचारिक आग्रह किया है, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘जहां तक स्पूतनिक वी टीके का सवाल है तो भारत और रूस दोनों संपर्क में हैं। कुछ शुरुआती सूचना साझा की गई है, जबकि कुछ ब्योरे का इंतजार है।’
सूत्रों के अनुसार, भारत में रूस के राजदूत निकोलय कुदाशेव ने प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के। विजय राघवन और साथ में जैव प्रौद्योगिकी व स्वास्थ्य अनुसंधान विभागों के सचिवों से इस बारे में संपर्क किया है।               


चीनी आयात को नया झटका देगा 'भारत'

नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी सरकार चीनी आयात को नया झटका देने की तैयारी में है। सरकार चीनी ऐप के बाद अब चीनी खिलौनों के आयात पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है। मोदी सरकार इससे चीन को करीब 2000 करोड़ की चोट देने की तैयारी में है। देश में आयातित खिलौनों में से 80 फीसदी खिलौने चीन से आते हैं जिसकी कीमत करीब 2000 करोड़ है। सरकारी सूत्रों के अनुसार चीन घटिया और खराब खिलौने भारत भेजता है। चीनी खिलौने क्वालिटी कंट्रोल में फेल हुए हैं। इसी तरह पिछले कुछ दिनों में चीनी खिलौनों की बारीकी से जांच की गई तो पता चला कि चीनी खिलौने भारतीय मापदंड में पूरी तरफ फेल हैं। वे बच्चों के लिए असुरक्षित साबित हुए हैं।


चीन से प्लास्टिक के खिलौनों का सबसे अधिक आयात होता है। खिलौनों में प्लास्टिक का इस्तेमाल बच्चों के लिए खतरनाक है। छोटे बच्चे चीनी खिलौनों को मुंह में लेते हैं तो उनसे उनको नुकसान हो सकता है। खिलौनों में जिस रंग का इस्तेमाल किया जाता है वह भी घटिया स्तर के हैं और बच्चों के लिए नुकसानदेह हैं। चीनी खिलौनों की फिनिशिंग अच्छी नहीं है जिसकी वजह से बच्चों को चोट लग सकती है। जो केमिकल इस्तेमाल होता है वह भी बच्चों के लिए खतरनाक है। इन खिलौनों पर ये नहीं लिखा होता है कि वे किस देश में बने हैं।     


नागरिकों को भारत न जाने की दी सलाह

अमेरिका ने नागरिकों को भारत न जाने की दी सलाह, भारत को इन देशों के साथ इस श्रेणी में डाला, ये रही वजह


वाशिंगटन डीसी। भारत के साथ दोस्ती के दावे करने वाले अमेरिका ने अपने नागरिकों को भारत की यात्रा नहीं करने की सलाह दी है। अमेरिका ने इसकी वजह भारत में कोरोना संकट, अपराध और आतंकवाद को बताया है। यही नहीं अमेरिका ने भारत की यात्रा के लिए रेटिंग चार निर्धारित की है, जिसे सबसे खराब माना जाता है। इस श्रेणी में भारत के अलावा युद्धग्रस्त सीरिया, आतंकवाद का केंद्र पाकिस्तान, ईरान, इराक और यमन शामिल हैं।
अमेरिका ने कहा है, कि भारत में कोरोना संकट है। इसके अलावा देश में अपराध और आतंकवाद में तेजी आई है, इसलिए अमेरिकी नागरिक भारत की यात्रा नहीं करें। अमेरिका ने अपने एडवाइजरी की कुछ अन्य वजहों में महिलाओं के खिलाफ अपराध और उग्रवाद को भी कारण बताया है। उधर, इंडियन टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी संघ (फैथ) ने भारत सरकार से गुहार लगाई है,कि वे अमेरिका सरकार से ट्रेवेल एडवाइजरी को बदलने के लिए दबाव डालें।
'फेथ' ने कहा कि इस समय पर्यटन उद्योग कोरोना महामारी की वजह से गंभीर संकट से गुजर रहा है,और जल्द ही भारत में यह उद्योग फिर से शुरू होने जा रहा है। ऐसे में अमेरिका द्वारा जारी ट्रेवेल एडवाइजरी से पर्यटन उद्योग को खासा नुकसान हो सकता है। भारत में पर्यटन उद्योग के लिए अमेरिकी पर्यटक हर मौसम में बेहद अहम रहे हैं। यही नहीं अमेरिका से आने वाले पर्यटक अन्य देशों की तुलना में सबसे ज्यादा समय तक भारत में रहते हैं। अमेरिकी पर्यटक जहां 29 दिन तक रहता है, वहीं अन्य देशों के लोग 22 दिनों तक रहते हैं। फेथ ने कहा कि अगर अमेरिकी सरकार भारत के पक्ष में ट्रेवेल एडवाइजरी जारी करती है तो यह भारत में यात्रा को लेकर एक अच्छा माहौल पैदा करेगा। इससे कोरोना से प्रभावित पर्यटन उद्योग को बहुत राहत मिलेगी।
23 अगस्त को अमेरिका द्वारा जारी इस ट्रेवेल एडवाइजरी में भारत के अलावा पाकिस्तान, सीरिया, यमन, ईरान और इराक जैसे हिंसा प्रभावित देशों को शामिल किया गया है। इस अमेरिकी एडवाइजरी में यह भी चेतावनी दी गई है, कि कोरोना वायरस की वजह से सीमा और एयरपोर्ट को बंद किया जा सकता है। यात्रा पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। लॉकडाउन लग सकता है। अमेरिका के विदेश विभाग ने विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर और भारत-पाकिस्तान सीमा पर नहीं जाने के लिए चेतावनी जारी की है।             


अभिनेत्री नम्रता ने अपनी कुछ तस्वीरें शेयर की

अभिनेत्री नम्रता ने अपनी कुछ तस्वीरें शेयर की  कविता गर्ग  मुंबई। भोजपुरी सिनेमा की बोल्ड अदाकारा नम्रता मल्ला ने एक बार फिर सोशल मीडिया पर ...