रविवार, 23 अगस्त 2020

फ्लैट मिलने में देरी होने पर लिया जाएगा जुर्माना

नोएडा। अब किसी बिल्डर ने डेडलाइन तक प्रॉजेक्ट नहीं दिया, तो खरीददार तुरंत रिफंड मांग सकता है। इसके साथ ही फ्लैट मिलने में देरी होने पर एक से लेकर 10 हजार रुपये तक का जुर्माना लगेगा। UP-RERA ने नोएडा और गाजियाबाद के 22 डिवेलपर्स के साथ हफ्ते भर चली बैठक के बाद यह निर्णय लिया है।


दिसंबर 2018 में गठन के बाद यह पहली बार है कि यूपी रेरा ने पेंडिंग पड़े फ्लैट्स के लिए बिल्डर्स के साथ बैठक की है। रेग्युलेटर ने जिला प्रशासन को 2 हजार रिकवरी नोट्स सौंपे। इसके साथ ही नीलामी के लिए डिफॉल्टर बिल्डर्स को 10 दिनों के अंदर भरपाई करने का समय दिया गया है। इससे खरीददारों को रिफंड किया जा सकेगा।                 


यूपी: 1आइएएस 5 पीसीएस का तबादला

यूपी में प्रशासनिक फेर-बदल, एक आईएएस सहित पांच पीसीएस अफसरों के तबादले।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में शनिवार देर शाम राज्य सरकार ने प्रशासनिक फेरबदल किया। शासन ने एक आईएएस और पांच पीसीएस अफसरों के तबादले कर दिए। जबकि पूर्व में स्थानांतरित एक पीसीएस अधिकारी को नई तैनाती स्थल पर तुरंत जाकर कार्यभार ग्रहण करने का निर्देश दिया गया है।
आईएएस अधिकारी ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अंकित खंडेलवाल को मेरठ से इसी पद पर नोएडा ट्रांसफर किया गया है। पीसीएस अधिकारियों में एसडीएम अभय कुमार सिंह को नोएडा से बलिया, एसडीएम रजनीकांत मिश्रा को मैनपुरी से नोएडा, एसडीएम प्रमोद कुमार को संतकबीरनगर से महराजगंज, एसडीएम गुलशन को बागपत से संतकबीरनगर और एसडीएम मान सिंह पुंडीर को रामपुर से मैनपुरी ट्रांसफर किया गया है। एसडीएम संजय मिश्रा का नोएडा से पूर्व में जौनपुर ट्रांसफर किया गया था। उन्हें तुरंत नई तैनाती स्थल पर जाकर कार्यभार करने को कहा गया है।                   


आरपी मंडल को मिल सकता हैं एक्सटेंशन

मुख्य सचिव आरपी मंडल को मिल सकता है 6 महीने का एक्सटेंशन
रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव आरपी मंडल को 6 महीने का एक्सटेंशन दिया जा सकता है। इस संबंध में राज्य सरकार ने केंद्र को प्रस्ताव भेज दिया है। ज्ञात हो कि आरपी मंडल 30 नवंबर को रिटायर होने वाले थे, लेकिन उससे पहले राज्य सरकार ने उनके एक्सटेंशन का प्रस्ताव भेज दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार, 87 बैंच के आईएएस अधिकारी आरपी मंडल को छह महीने का एक्सटेंशन देने राज्य सरकार की ओर से महीने भर पहले का प्रस्ताव भेजा गया है। इसमें कोरोना काल के दौरान प्रदेश की विपरित परिस्थितियों के साथ सीनियर अफसरों की कमी का हवाला दिया गया है। राज्य सरकार एक्सटेंशन की उम्मीद लगाए हुए है,क्योंकि इसके पहले गुजरात सरकार ने राज्य के मुख्य सचिव अनिल मुकीम को छह साल एक्सटेंशन देने के लिए इसी तरह का प्रस्ताव केंद्र को भेजा था, जिसे केंद्र ने मंजूर कर लिया है।               


3000 फीट ऊंचाई पर विराजमान 'गणेश'

प्रकृति और प्राचीन संस्कृति का अद्भुत मेल, लगभग 3000 फीट की ऊँचाई पर ढोलकाल की पहाड़ियों में विराजमान ऐतिहासिक गणेश प्रतिमा है श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र


जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में बैलाडिला पहाड़ी में लगभग 3000 फीट की ऊँचाई पर स्थित ऐतिहासिक गणेश प्रतिमा स्थापित एक मनमोहक स्थल है। माना जाता है कि भगवान गणेश की 3 फीट पत्थर की सुन्दर प्रतिमा 10वीं और 11वीं शताब्दी के बीच नागवंश के दौरान बनाई गई थी। यह साइट का मुख्य आकर्षण है। जिला मुख्यालय दंतेवाड़ा से लगभग 25 किमी दूर स्थित, यह जगह प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग के समान है, और उन लोगों के लिए जो हरी-भरी पहाड़ियों व वादियों के बीच ट्रेक करना पसंद करते हैं।
काले ग्रेनाइट से बनी है लगभग साढे़ तीन फीट ऊँची प्रतिमा
10वीं-11वीं शताब्दी में छिंदक नागवंशी राजाओ द्वारा दुर्लभ चतुर्भुज गणेश प्रतिमा स्थापित करवाई गई थी। लगभग साढे़ तीन फीट ऊँची और ढाई फीट चौड़ी काले ग्रेनाइट पत्थर से बनी यह प्रतिमा बेहद कलात्मक है। समुद्र तल से इस शिखर की ऊँचाई 3000 फीट है। इस प्रतिमा को छत्तीसगढ़ के सबसे ऊँचे स्थल में स्थापित होने का गौरव भी प्राप्त है। दंतेवाड़ा से 25 किमी दूर बैलाडीला की सबसे ऊँची पहाड़ी ढोलकल पर दुर्लभ गणेश प्रतिमा विराजमान है। हर वर्ष गणेश चतुर्थी में दुर्लभ प्रतिमा के दर्शन करने श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है।ललितासन में विराजमान हैं गणपति।
दक्षिण बस्तर के बैलाडीला की पहाड़ी श्रृंखलाओं में से एक ढोलकल नामक पहाड़ी की चोटी पर सैकड़ों वर्ष पुरानी गणेश जी की दुर्लभ प्रतिमा स्थित है। इस स्थल की विशेषता यह है कि यहां प्रकृति और प्राचीन समृद्ध संस्कृति का अद्भुत मेल देखने को मिलता है। लगभग तीन हजार फीट की ऊँचाई पर गणेश जी की यह दुर्लभ प्रतिमा, जो कि ललितासन में विराजमान है।
भगवान गणेश व परशुराम का हुआ था युध्द।
जानकारों व पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान गणेश और परशूराम का युद्ध इसी शिखर पर हुआ था। युद्ध के दौरान परशुराम के फरसे से गणेश का एक दांत टूटा था। इस घटना के बाद छिंदक नागवंशी राजाओं ने शिखर पर गणेश की प्रतिमा स्थापित की। पुरातत्व के अनुसार ढोलकल शिखर पर स्थापित दुर्लभ गणेश प्रतिमा लगभग 11वीं शताब्दी की है।
शिखर तक पहुंचने के लिए करनी पड़ती है पैदल यात्रा
ढोलकल शिखर तक पहुंचने के लिए दंतेवाड़ा से करीब 17 किलोमीटर दूर फरसपाल, इसके बाद कोतवाल पारा होकर जामपारा तक पहुंच मार्ग है। जामपारा पहाड़ी के नीचे स्थित है। यहाँ से करीब 5 किमी पैदल चलकर पहाड़ी पगडंडियों से होकर ऊपर पहुंचना पड़ता है। ग्रामीणों के सहयोग से शिखर तक पहुंचा जा सकता है। दुर्गम रास्ते होने के कारण ढोलकाल गणेश प्रतिमा तक श्रद्धालु विशेष मौके पर ही पहुंचते हैं।
क्यूं रखा गया गाँव का नाम ‘फरसपाल’
काले ग्रेनाइट पत्थर से निर्मित ललितासन में गणेश की प्रतिमा करीब एक हजार साल पुरानी है। ऐसी माना जाता है कि इस पहाड़ पर परशुराम व गणेश जी का युद्ध हुआ था। इस दौरान परशुराम के वार से गणेश का एक दांत टूट गया था, इसलिए इस गाँव का नाम फरसपाल रखा गया।
स्थानीय ग्रामीणों ने की थी स्थल की खोज।
पुरात्वविदों का मानना है कि इस प्रतिमा की स्थापना छिदंक नागवंशी राजाओं ने कराई थी। इसके इर्द-गिर्द सूर्य व शिव की प्रतिमा भी स्थापित थी, लेकिन वर्तमान में यहां अब अवशेष ही शेष हैं। ढोलकल शिखर की खोज स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा की गयी थी।
कई प्रतिमाएं चढ़ चुकी हैं तस्करों की भेंट
ढोकाल शिखर को लेकर किवदंतियां हैं कि गणेश प्रतिमा के बाजू वाली पहाड़ी पर भगवान शिव की प्रतिमा थी। वहीं कुछ दूर एक और पहाड़ी शिखर पर सूर्यदेव की प्रतिमा की स्थापना भी 10 वीं व 11 वीं शताब्दी में कराई गई थी। भगवान शंकर व सूर्यदेव की प्रतिमाएं तस्करों की भेंट चढ़ चुकी है। फिलहाल इन स्थानों पर केवल पत्थरों के अवशेष ही शेष रह गए हैं।
ज्ञात हो कि दक्षिण बस्तर-दंतेवाड़ा में ऐतिहासिक धरोहरों की कमी नहीं है। रख-रखाव के आभाव में ऐतिहासिक धरोहर विलुप्त होने की कगार पर हैं। शासन-प्रशासन को इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है। पर्यटन मंडल को भी इसकी जानकारी है लेकिन पर्याप्त प्रचार व सुविधाओं के अभाव की वजह से दक्षिण बस्तर का यह सुंदर स्थल आज भी लोगों की नज़रों से मानो ओझल ही है।              


बिसवांः 24 घंटों में 14 गोवंश की हुई मौत

बिसवां बीते 24 घंटों में 14 गौवंशों की संदिग्ध अवस्था में मौत


सीतापुर। कोतवाली बिसवां क्षेत्रान्तर्गत कस्बे के मोहल्ला पटेल नगर में शुक्रवार से  14 गौवंसो की संदिग्ध अवस्था मे मौत का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है।पुलिस व प्रशासन ने शवों का पोस्टमार्टम हेतु सेम्पल लेकर भेज दिया है मिली जानकारी के अनुसार कस्बा के मोहल्ला पटेलनगर में शुक्रवार शाम से शनिवार तक 14 गौवंसो कि संदिग्ध अवस्था मे मौत हो गयी जिसकी सूचना की तहरीर हुलास पुरवा निवासी चोटिल गौवंस रक्षक के श्रीकांत मौर्य पुत्र रमाकांत ने कोतवाली में दी सूचना पर पहुंची पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों ने पशुचिकित्सा अधिकारी बिसवां से मृत पशुओं का सेम्पल लेकर उन्हें दफ़न करवा दिया वहीं पुलिस क्षेत्राधिकारी बिसवां ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।                 


जारी किए गए बयान को किया खारिज

बीजिंग/ इस्लामाबाद। चीन और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद जारी किए गए बयान में जम्मू कश्मीर में वस्तु स्थिति बदलने वाली एकतरफा कार्रवाई के विरोध वाले बयान पर एक दिन बाद भारत ने उसे खारिज कर दिया।


विदेश मंत्रालय (एमईए) में प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर भारत का ''अखंड'' और अलग नहीं किये जाने वाला हिस्सा है और उसे उम्मीद है कि वे देश के आंतरिक विषयों में हस्तक्षेप नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, ''अतीत की तरह ही, हम चीन-पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की दूसरे दौर की रणनीतिक वार्ता के संयुक्त प्रेस बयान को स्पष्ट रूप से खारिज करते हैं।''


31 अगस्त तक प्रभावी रहेंगे दिशा-निर्देश

राणा ऑबरॉय


चंडीगढ़। पंजाब में अब शाम 6.30 बजे सभी बाजार, मॉल, होटल-रेस्टोरेंट, शराब की दुकानें, धार्मिक स्थल, खेल परिसर बंद हो जाएंगे और शाम 7 बजे से सूबे में कर्फ्यू प्रभावी हो जाएगा और अगली सुबह 5 बजे तक लागू रहेगा। तेजी से बढ़ रहे कोविड के मामलों को ध्यान में रखते हुए पंजाब सरकार ने अनलॉक-3.0 में व्यापक स्तर पर बंदिशें लागू कर लॉकडाउन संबंधी नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। ये दिशा-निर्देश आगामी 31 अगस्त तक प्रभावी रहेंगे।
इस संबंध में राज्य के गृह विभाग की ओर से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, हाल के दिनों में राज्य में कोविड के बढ़ते मामलों के मद्देनजर सभी जिला प्रशासन को सख्ती से लॉकडाउन पर अमल करने को कहा गया है। नए दिशा-निर्देशों के तहत, राज्य के 167 म्युनिसिपल कस्बों में शनिवार और रविवार को पूर्ण कर्फ्यू लागू रहेगा और इस दौरान बाजार आदि नहीं खुलेंगे। इसके साथ ही सूबे के सभी शहरों की म्युनिसिपल सीमा के भीतर शाम 7 बजे से सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू लागू रहेगा। 
इस दौरान गैर-जरूरी कामकाज के लिए लोगों के घर से निकलने पर पूरी तरह रोक लगाई गई है। हालांकि नाइट कर्फ्यू के दौरान नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे पर आवश्यक वस्तुओं व सेवाएं और उससे जुड़े व्यक्तियों की आवाजाही पर कोई रोक नहीं होगी। लोगों की अंतरराज्यीय और राज्य के भीतर आवाजाही, कारगो की लोडिंग व अनलोडिंग के साथ-साथ रेल, बस व विमान द्वारा आवाजाही पर भी कोई रोक नहीं होगी। परीक्षाओं के लिए आवेदकों और विद्यार्थियों की आवाजाही की भी अनुमति रहेगी।                 


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