रविवार, 23 अगस्त 2020

28 को उद्घाटन करेंगे बिहार के 'सीएम'

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी महत्वाकांक्षी नल-जल योजनाओं का 28 को करेंगे उद्घाटन


पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 28 अगस्त को हर घर नल का जल की कई योजनाओं का विधिवत रूप से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उद्घाटन करेंगे। इनमें पंचायती राज, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग तथा नगर एवं विकास विभाग की योजनाएं शामिल हैं। तीनों विभागों द्वारा इसकी तैयारी जोर-शोर से चल रही है।
जानकारी के अनुसार 28 को ही इस योजना के तहत वार्डों में बने शिलापट्ट का भी लोकापर्ण होगा। इस शिलापट्ट पर योजना से संबंधित विस्तृत जानकारी रहेगी। गौरतलब हो कि ग्रामीण क्षेत्रों के एक लाख 14 हजार और शहर के तीन हजार से अधिक वार्डों में योजनाएं चल रही हैं। 70 प्रतिशत से अधिक वार्डों में नल से जल की आपूर्ति पहले ही शुरू कर दी गई है
वहीं कई ऐसे वार्ड हैं, जिनमें कार्य अंतिम चरण में हैं। हालांकि बाढ़ के कारण उत्तर बिहार के कुछ जिलों में काम प्रभावित हुए हैं, पर विभाग का दावा है कि शीघ्र ही उन जिलों में भी काम पूरा कर लिया जाएगा। विभिन्न वार्डों से पंचायत प्रतिनिधियों और अन्य लाभुकों को भी इस उद्घाटन कार्यक्रम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जोड़ने की तैयारी विभाग कर रहा है।             


चुनाव कार्यों से कर्मियों को किया अलग

बिहार विधानसभा चुनाव 2020: 68 दागी अफसर और कर्मी चुनाव कार्य से किए गए अलग, देखिए सूची


पटना। बिहार के 68 दागी अफसर और कर्मियों की सूची जारी कर इन्हें बिहार विधानसभा चुनाव कार्यों से अलग रखने का निर्देश दिया है। जिला निर्वाचन अधिकारियों से आयोग ने इनकी वर्तमान तैनाती की जानकारी भी मांगी है। पिछले विभिन्न चुनावों में संदिग्ध गतिविधि और लापरवाही के आरोपित राज्य के इन कर्मियों परकार्रवाई की गई है।
चुनाव आयोग के निर्देश पर अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रंजीता ने इन दागी अफसरों व कर्मियों की सूची जारी की है। आयोग ने जिला निर्वाचन पदाधिकारी से पूछा है कि वर्तमान में ये कहां तैनात हैं। यदि इनमें से किसी को आयोग के संज्ञान में लाए बिना दोषमुक्त करार दिया गया है तो इसकी जानकारी भी चुनाव आयोग को दी जाए। चुनाव आयोग ने दागी बताए गए सभी अफसर व कर्मियों को चुनाव कार्य से अलग रखने का निर्णय लिया है।
हालांकि, निर्वाचन कार्य के दौरान इन कर्मचारियों-अधिकारियों का नियंत्रण चुनाव आयोग ही करेगा। आयोग की ओर से जारी सूची में शामिल अधिकतर लोगों पर विभागीय कार्रवाई चल रही है और इनमें से कुछ पर दंडात्मक कार्रवाई भी हो चुकी है। चुनाव आयोग ने जिला निर्वाचन अधिकारियों से कहा है कि वे इन आरोपित अफसर-कर्मियों के संबंध में 15 दिनों में रिपोर्ट सौंपे, ताकि चुनाव के दौरान इनकी भूमिका के संबंध में निर्णय लिया जा सके।
ये हैं राज्य भर के आरोपित अफसर-कर्मचारी:
मुजफ्फरपुर: कृष्ण कुमार लिपिक, सहकारिता प्रसार पदाधिकारी अवधेश कुमार, पुलिस अवर निरीक्षण बृजलाल प्रसाद, सिपाही रविंद्र कुमार राम, रामानुज चौधरी व रविंद्र कुमार, प्रखंड पंचायती राज अधिकारी गांधी जी चौधरी, बीडीओ मीरा कुमारी शर्मा, बीडीओ जनार्दन तिवारी, सीडीपीओ मीनाक्षी कुमार।
भोजपुर: इंस्पेक्टर रवींद्र राम, डीसीएलआर बुद्ध प्रकाश, एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट सुनीता स्नेहा, कनीय अभियंता समीर कुमार सिंह, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी राम प्रसाद केसरी, जनसेवक अजय कुमार सिंह, प्रधानाध्यापक कुमार संतोष, उर्दू अनुवादक अशरफ अली, प्रखंड शिक्षक विकास कुमार व बसंत कुमार बीडीओ संजय कुमार पाठक, डीसीएलआर कृष्णमोहन सिंह, सहकारिता पदाधिकारी सुदर्शन राम, सहायक उर्दू अनुवादक सैयद वसीम असरफ, शिक्षक एसी आजाद, सहायक शिक्षक साविल अली, प्रधानाध्यापक दीपक कुमार ओझा व शिक्षक मुकुल कुमार।
शेखपुरा: तत्कालीन प्राध्यापक अजय कुमार चौधरी, रात्रि  प्रहरी योगेंद्र पासवान, कार्यपालक सहायक विनोद कुमार चौधरी, तत्कालीन जिला कार्यक्रम पदाधिकारी शिवचंद्र बैठा।
लखीसराय: पंचायत शिक्षक सुरेंद्र कुमार, श्रीसागर, सहायक शिक्षक पुरुषोत्तम कुमार यादव, सहायक शिक्षक धर्मवीर कुमार, प्रखंड शिक्षक सुधीर कुमार एसडब्ल्यूओ सन्नी राज, कनीय अभियंता प्रताप कुमार, एएसआई अरविंद प्रसाद, सेक्टर अधिकारी कुमार रणवीर सिंह, अनिल सिंह व सहदेव मंडल।
जहानाबाद: एएसआई महेश कुमार पासवान, महिला सिपाही खुशबू कुमारी, सिपाही संतोष कुमार एक व संतोष कुमार दो व विकास कुमार।
पूर्वी चंपारण: बीडीओ गोपाल कृष्णन, डीटीओ दिलीप कुमार अग्रवाल।
वैशाली: कनीय अभियंता नित्यानंद, विजय कुमार व संजय कुमार सिंह।
दरभंगा: तत्कालीन बीडीओ रवींद्रनाथ, प्रभारी प्राचार्य शिवशंकर मंडल।
 सीवान: आईटी मैनेजर अमित कुमार दास।
मधुबनी: बीडीओ तेज प्रताप त्यागी
गया: बीडीओ आलोक कुमार।
मुंगेर: एमवीआई अनूप कुमार सिंह।
सहरसा: मुकेश दत्त शर्मा।
भभुआ: डीआईओ आलोक राज।
कैमूर: अंचलाधिकारी विजय कुमार सिंह।
मधेपुरा: बीएलओ धर्मेंद्र कुमार।             


कंप्यूटर ऑपरेटर के लिए निकलेंगी 'वैकेंसी'

सर्टिफिकेट तैयार रखें! बिहार में कंप्यूटर ऑपरेटर्स के लिए बड़े पैमाने पर निकलने वाली है वैकेंसी


पटना। बिहार के सभी अंचलों में कंप्यूटर ऑपरेटर बहाल किए जाएंगे। खासकर अंचलों में बनने वाले आधुनिक रिकॉर्ड रूम में काम करने के लिए इन ऑपरेटरों की बहाली होगी। अत्याधुनिक रिकॉर्ड रूम सह डाटा केंद्र में कम से कम चार ऑपरेटर बहाल किए जाएंगे।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक लगभग 2136 ऑपरेटरों की बहाली होगी। इसके लिए पद वर्ग समिति ने भी पद सृजन का काम मंजूर कर दिया है। बहाली के मामले में जल्द ही प्रस्ताव कैबिनेट भेजा जाएगा। लंबे कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण बहाली की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी थी, लेकिन अब ऑपरेटरों की बहाली का काम कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद शुरू कर दिया जाएगा। मॉडर्न रिकॉर्ड रूम में जमीन के सारे दस्तावेजों का डिजिटल प्रारूप सुरक्षित रखा जाएगा।
राज्य में पहले चरण में 426 अंचलों में यह रिकॉर्ड रूम बनाने का काम चल रहा है। इस वित्तीय वर्ष में 163 अंचलों में रिकॉर्ड रूम सह डाटा केंद्र के निर्माण के पैसे भेज दिए गए हैं। प्रत्येक अंचल में 27. 20 लाख जरूरी उपकरणों की खरीद के लिए दिए गए हैं। भू अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय ने सभी जिलाधिकारियों को इन डिजिटल रिकॉर्ड रूम के निर्माण के लिए पैसे भी भेज दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक 134 अंचलों में डाटा केंद्र के निर्माण का काम पूरा भी हो गया है।
नवनियुक्त ऑपरेटर ऑनलाइन म्यूटेशन, परिमार्जन, जमीन का अपडेटेड नक्शा, आरटीपीएस आदि का काम देखेंगे। इन रिकॉर्ड रूम से जमीन संबंधी दस्तावेजों को डिजिटल प्रारूप में सुरक्षित रखा जाएगा। खतियान की सॉफ्ट कॉपी भी इसी डिजिटल रिकॉर्ड रूम में रहेगी। खतियान का सारा अपडेट रिकॉर्ड रखा जाएगा, जहां से दस्तावेजों का नकल प्राप्त करने में कोई कठिनाई नहीं होगी।  सभी ऑपरेटरों के वेतन पर 66.64 करोड़ रुपए खर्च होंगे।             


ड्रोन का प्रयोग करेगा पाकिस्तानः बीएसएफ

नई दिल्ली। पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पास जम्मू एवं कश्मीर के आरएस पूरा और सांबा सेक्टरों में सुरक्षा प्रतिष्ठानों पर बम गिराने के लिए ड्रोन का प्रयोग करेगा। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के खुफिया विंग ने इस बारे में अलर्ट जारी किया है। भारतीय सेना समेत अन्य सुरक्षा प्रतिष्ठानों को पाकिस्तान की इंटर सर्विसेस इंटिलिजेंस (आईएसआई) की भारतीय क्षेत्र में हमले की योजना के बारे में सूचित किया गया है। बीएसएफ ने अन्य सुरक्षा बलों को इस सप्ताह की शुरुआत में पाकिस्तान की गतिविधि के बारे में अलर्ट किया था। पाकिस्तान ने भारतीय क्षेत्र में बमबारी बढ़ा दी है, जबकि चीन ने पूर्वी लद्दाख में अतिक्रमण किया है। इन दोनों मोर्चो पर युद्ध जैसे हालात पैदा हो गए हैं। जम्मू-कश्मीर में सीमा पर सुरक्षा में लगे बीएसएफ ने ‘आईएसआई की ड्रोन के सहारे भारत में ड्रग्स/हथियार/बारूद पहुंचाने’ की योजना के बारे में भी अलर्ट दिया है। बीएसएफ, पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ भारत की सीमा की रक्षा करने वाली पहली रक्षा पंक्ति है। यह पाकिस्तान के साथ हमारी 2,280 किलोमीटर और बांग्लादेश के साथ 4,096 किलोमीटर की सीमा की रक्षा करता है। एक वरिष्ठ बीएसएफ अधिकारी ने कहा कि आतंकवादी कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास घुसपैठ नहीं कर पा रहे हैं, जिसके बाद जम्मू एवं पंजाब में अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पास गतिविधियां तेज हो गई हैं।


शनिवार को, बीएसएफ ने पंजाब के तरण तारण सेक्टर में पांच पाकिस्तानी घुसपैठियों को मार गिराया था और इनके पास से हथियार और ड्रग्स बरामद किए गए थे। अधिकारी ने कहा कि पांच सशस्त्र पाकिस्तानी नागरिक शुक्रवार की रात भारतीय क्षेत्र में प्रवेश कर गए थे और बाड़ के पास छुप गए थे। पहले से सचेत बीएसएफ की 103वीं बटालियन ने तरण तारण जिले के अंतर्गत खलरा पुलिस स्टेशन के डल आउटपोस्ट के पास संदिग्ध गतिविधि नोटिस किया था। करीब तड़के 4.45 बजे, शनिवार सुबह, जैसे ही जवानों ने क्षेत्र में तलाशी शुरू की, वहां मौजूद घुसपैठियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। बीएसएफ ने अपनी आत्मरक्षा में गोली चलाई, जिसमें पांच जवानों की मौत हो गई।

20 जून को, जम्मू एवं कश्मीर के कठुआ जिले में अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पास बीएसएफ ने अत्याधुनिक राइफल और कुछ ग्रेनेड से भरे पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराया था। यह जम्मू क्षेत्र में इस तरह ही पहली घटना थी, जब हथियार और विस्फोटकों से भरे ड्रोन को बीएसएफ ने मार गिराया था।2019 में, पंजाब पुलिस ने राज्य की सीमा से लगे क्षेत्र में हथियार और बारूद एयरड्रॉप करने वाले पाकिस्तानी ड्रोन को बरामद किया था। बीएसएफ ने इससे पहले पंजाब के साथ लगती अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर कई ऊंची उड़ान भरने वाले ड्रोनों को देखा था।           


कांग्रेस नेताओं ने सोनिया को लिखा पत्र

नई दिल्ली। कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की सोमवार को होने वाली बैठक से पहले पार्टी के कई नेताओं का लिखा हुआ एक पत्र सामने आया है जिसमें पार्टी में आमूलचूल परिवर्तन और सुधार करने की मांग की गई है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी के पार्टी का नेतृत्व संभालने को लेकर कोई चुनौती नहीं है, लेकिन अगर कोई दूसरा नेता अध्यक्ष पद की दावेदारी पेश करता है तो पार्टी में जबरदस्त घमासाम मच सकता है। बता दें कि राहुल गांधी पहले ही पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी लेने से इनकार कर चुके हैं।


माना जा रहा है कि राहुल गांधी पार्टी के महासचिव के.सी. वेणुगोपाल का नाम आगे कर सकते हैं। इसलिए हर नेता अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुटा हुआ है। लेकिन अगर कार्य समिति चुनाव कराने पर फैसला लेती है तो बात वहीं खत्म हो सकती है। इस बीच पता चला है कि कांग्रेस के बड़े नेता असंतुष्टों से बात करने की कोशिश में लगे हुए हैं। राज्य सभा सांसद पी.एल. पुनिया ने कहा, हम राहुल गांधी को फिर से अध्यक्ष बनाने की मांग करते हैं। पार्टी के दूसरे गुट की भी यही राय है। कांग्रेस पार्टी से निलंबित प्रवक्ता संजय झा ने कहा, करीब 300 कांग्रेसी नेताओं ने इस पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। ये नेता देश के हर कोने से हैं। लेकिन सिर्फ 23 नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं।

कांग्रेस ने पहले किसी भी पत्र से इनकार किया था लेकिन अब 20 नेताओं के हस्ताक्षर का पत्र सामने आ रहा है। पत्र में भाजपा के उत्थान पर चिंता जताई गई है और पार्टी के लिए एक फुल-टाइम अध्यक्ष बनाए जाने की मांग की गई है। पिछले साल के अगस्त महीने से ही सोनिया गांधी पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष पद पर हैं। पत्र में ये भी कहा गया है कि देश आर्थिक संकट, कोरोना महामारी और चीन से सीमा विवाद के संकट से जूझ रहा है। इन नेताओं का कहना है कि कार्य समिति से लेकर पार्टी के दसूरे सभी पदों के लिए चुनाव होने चाहिए। इसके साथ ही पार्लियामेंट्री बोर्ड को भी फिर से जीवित किया जाना चाहिए। पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में प्रमुख हैं — गुलाम नबी आजाद, आनन्द शर्मा, भूपिन्दर सिंह हूडा, वीरप्पा मोइली, पृथ्वीराज चौहान आदि।


पत्र में कहा गया है कि हार पर पश्चाताप करने के बजाय पार्टी आगे का एजेंडा सेट करे और भाजपा को घेरने के लिए एक नई रणनीति बनाए। इसके अलावा राज्यों में नेतृत्व को और ज्यादा स्वतंत्रता देने की मांग की गई है। सूत्रों के मुताबिक पत्र में सोनिया गांधी के कामकाज की भी तारीफ की गई है। पत्र में कहा गया है कि पार्टी लगातार नीचे की ओर जा रही है और भाजपा से लड़ने में विफल साबित हो रही है। सोमवार को होने वाली कार्य समिति की बैठक में पार्टी सभी मुद्दों पर खुल कर चर्चा करना चाहती है।             


एडवांस्ड इंस्टीट्यूट का किया लोकार्पण

रायपुर। स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने आज रायपुर के डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय में नवस्थापित अत्याधुनिक एवं सर्वसुविधायुक्त कैथलैब के साथ एडवांस्ड कार्डियक इंस्टीट्यूट (एसीआई) का लोकार्पण किया। उन्होंने अपने निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए इसका उद्घाटन किया। एसीआई में 24 अगस्त से एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी एवं दिल की अन्य बीमारियों का इलाज शुरू हो जाएगा। आने वाले दिनों में हृदय से जुड़ी बीमारियों के इलाज के लिए यहां सभी सुविधाएं मिलेंगी। 


स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंहदेव ने ई-लोकार्पण के दौरान एसीआई की टीम को बधाई देते हुए कहा कि नवस्थापित कैथलैब के शुरू हो जाने से हृदय रोगियों के उपचार में और अधिक सहूलियत होगी। अत्याधुनिक मशीनों के कारण दिल से जुड़ी एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी, इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी अध्ययन पहले की अपेक्षा तेजी से किया जा सकेगा। इससे दिल के मरीजों को काफी फायदा होगा। श्री सिंहदेव ने कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए डॉक्टरों और अन्य चिकित्सकीय स्टॉफ को पूरी सावधानी एवं सतर्कता से ड्यूटी करने को कहा। उन्होंने कहा कि कोरोना से लड़ाई के साथ खुद की सुरक्षा पर ध्यान देना और संक्रमण से बचना जरूरी है। 


एसीआई में साढ़े तीन करोड़ रुपए की लागत से अत्याधुनिक कैथलैब मशीन स्थापित किया गया है। कैथलैब मशीन के साथ यहां करीब सात करोड़ रुपए की लागत से एडवांस तकनीक वाली अन्य मशीनें भी स्थापित की गईं हैं। ईपीएस, आरएफए एवं आईसीई मशीन को मिलाकर संपूर्ण ईपी (इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी) लैब तैयार किया गया है। लखनऊ एवं जम्मू-कश्मीर के बाद यह पूरे भारत का तीसरा शासकीय संस्थान होगा जिसमें ये तीनों मशीनें एक साथ स्थापित हैं। 


एडवांस्ड कार्डियक इंस्टीट्यूट में अत्याधुनिक कैथलैब मशीन के साथ करीब सात करोड़ रूपए की लागत से इंट्रा ऑर्टिक बैलून पम्प, रेडियो फ्रिक्वेंसी एबिलेशन, इंट्रा कार्डियक इकोकॉर्डिग्राफ, इंट्रावैस्कुलर अल्ट्रासाउंड फ्रैक्शन फ्लो रिजर्व एवं इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी स्टडीज जैसी एडवांस तकनीक वाली अन्य मशीनें भी स्थापित की गई हैं। एसीआई को चिकित्सा नैदानिक उपकरणों के संचालन के लिए भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा नियामक परिषद से विकिरण सुरक्षा का लाइसेंस मिल चुका है।


एसीआई में ई-लोकार्पण के दौरान चिकित्सा शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणु जी. पिल्लै, रायपुर मेडिकल कॉलेज के अधिष्ठाता डॉ. विष्णु दत्त, डॉ. भीमराव अम्बेडकर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विनित जैन, एसीआई के कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. स्मित श्रीवास्तव, कार्डियोथोरेसिक एवं वैस्कुलर सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. के.के. साहू, डॉ. मानिक चटर्जी, डॉ. ओ.पी. सुंदरानी, डॉ. निशांत चंदेल, डॉ. अल्ताफ युसुफ मीर एवं डॉ. जोगेश दासवानी मौजूद थे।                     


पूर्व सीजेआई बन सकते हैं असम के 'सीएम'

ईटानगर। बीजेपी में नौकरशाहों के साथ – साथ न्यायायिक सेवा से जुड़े जजों के लिए विशेष डेस्क खुल गई है। सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें अच्छे पदों पर आसीन करने की रणनीति पर अमल किया जायेगा। ताकि उनके अनुभवों का इस्तेमाल जनहित के कार्यों में किया जा सके। इस कड़ी में देश की सर्वोच्च अदालत ने चीफ जस्टिज ऑफ़ इंडिया रह चुके रंजन गोगोई को असम का मुख्यमंत्री बनाने की तैयारी चल रही है। बीजेपी ने गोगोई को राज्यसभा में भेज कर विपक्ष को हैरानी में डाल दिया था।



 लेकिन अब एक और बड़ा दांव खेलकर बीजेपी ने विपक्ष को मुश्किल में डालने की तैयारी शुरू कर दी है। असम के मूल निवासी रंजन गोगोई की बतौर मुख्यमंत्री प्रदेश में वापसी की चर्चाएं जोरो पर है। हालाँकि गोगोई अभी राज्यसभा में अपना जौहर दिखाएंगे। लेकिन असम में भी उनकी मौजूदगी दर्ज होगी। उन्हें मुख्यमंत्री के उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा जायेगा। असम में कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने कहा कि भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) रंजन गोगोई अगले साल होने वाले असम विधानसभा चुनावों में भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हो सकते हैं।                                 


यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...