अश्वनी उपाध्याय
गाज़ियाबाद। जिले में अब तक कोरोना संक्रमितों की लगभग 10 हजार रिपोर्ट्स राज्य अथवा केंद्र सरकार के स्वास्थ्य पोर्टल पर अपलोड नहीं की गई हैं! संतोषजनक बात यह है कि ये रिपोर्ट्स उन मरीजों की हैं जिनके रिजल्ट्स नेगेटिव आए थे। लेकिन रिपोर्ट्स अपलोड न करने के कारण जिले में सरकारी और निजी लैब द्वारा की जाने वाली कोरोना टेस्टिंग के पॉजिटिविटी प्रतिशत में तीन से पांच गुना का अंतर हैं। इसी के चलते निजी लैब का पॉजिटिविटी प्रतिशत बहुत ज्यादा बढ़ा हुआ है। जिला स्वास्थ्य विभाग ने अब इस मामले को लेकर तीन निजी लैब को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। आपको बता दें कि गाज़ियाबाद में कोरोना की जांच तीन प्रकार से की जा रही हैं। इनमें एंटीजन, आरटी-पीसीआर और ट्रूनेट शामिल हैं। आंकड़ों के अदध्यान से पता चलता है कि तीनों तरह की जांच में निजी लैबों का पॉजिटिविटी प्रतिशत काफी ज्यादा है। सरकारी लैब में आरटी-पीसीआर टेस्ट की पॉजिटिविटी 7.06 प्रतिशत है जबकि निजी लैब में यह प्रतिशत 18.9 है। सरकारी लैब में एंटीजन टेस्टिंग का पॉजिटिविटी प्रतिशत 2.5 है जबकि निजी लैब में यह प्रतिशत 14.3 है। इसके अलावा सरकारी लैब में ट्रूनेट की जाने वाली जांच का पॉजिटिविटी प्रतिशत 5.5 है जबकि निजी लैब में यह प्रतिशत 12 है।
स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि इस अंतर का बड़ा कारण निजी लैब की और से सभी निगेटिव रिपोर्ट को पोर्टल पर अपलोड नहीं करना है। स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि निजी लैब्स की और से सभी निगेटिव रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड किए जाने के बाद पॉजिटिविटी प्रतिशत काफी कम हो जाएगा। निजी लैब्स ने लगभग 20 निगेटिव रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड नहीं की थी, जिसके चलते उन्हें चेतावनी दी गई थी। इसके बाद निजी लैब की तरफ से लगभग 10 निगेटिव रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड कर दी गईं, हालांकि लगभग दस हजार निगेटिव रिपोर्ट अभी अपलोड नहीं की गई हैं। इसके लिए तीन निजी लैब को कारण बताओ नोटिस भी जारी किए गए हैं। यदि निजी लैब सभी निगेटिव रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड नहीं करती हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों के अनुसार सरकारी लैब में ज्यादातर ऐसे लोगों की जांच की जा रही है, जो कोरोना पॉजिटिव मरीज के संपर्क में किसी भी तरह से आए हैं, इनमें से अधिकांश निगेटिव होते हैं जबकि निजी लैब में केवल उन्हीं लोगों की जांच की जा रही है, जिन्हें बुखार, खांसी जैसे कोरोना के लक्ष्ण हैं। पॉजिटिविटी प्रतिशत पर इसका भी कुछ असर हो सकता है।