शिलांग। मेघालय में वायुसेना के तीन जवानों समेत कोविड-19 के 12 नए मरीज सामने आए हैं। इसके साथ ही राज्य में संक्रमितों की संख्या 1,191 हो गई। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने कहा कि पिछले 24 घंटों में 30 लोगों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। अब तक कुल 547 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि नए मामलों में से वायुसेना के तीन जवान सहित 11 मरीज पूर्वी खासी हिल्स और एक मरीज उत्तरी गारो हिल्स जिले से सामने आया है।
शुक्रवार, 14 अगस्त 2020
हथौड़े से पीट-पीटकर बेटे की हत्या
अमरावती। आंध्र प्रदेश के शहर विशाखापट्टनम से एक डरावना सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। इस फुटेज में एक व्यक्ति हथौड़े से अपने बेटे पर वार करता हुआ दिखाई दे रहा है और तब तक मारता है, जब तक की उसकी मौत नहीं हो जाती। हथौड़े से वार करने वाले व्यक्ति की पहचान वीरा राजू के रूप में हुई है। अपने 40 साल के बेटे जाला राजू की हत्या के बाद उसने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। हत्या की वजह उसने संपत्ति का विवाद बताया है।
स्टूल पर बैठे बेटे पर पीछे से किया वारः सीसीटीवी फुटेज में घर के बरामदे या कार-पार्किंग एरिया में उसका बेटा एक स्टूल पर बैठा दिखाई देता है और वीरा राजू उसके पीछे जाकर खड़ा होता है और फिर उसके सिर पर हथौड़े से वार करने लग जाता है। उसके बाद उसका बेटा नीचे गिर जाता है। बताया जा रहा है कि बाप-बेटे के बीच संपत्ति को लेकर पहले बहस हुई थी, उसके बाद पिता ने इस घटना को अंजाम दिया। विशाखापट्टनम के एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, "वीरा राजू ने एक संपत्ति विवाद को लेकर गर्मागर्म बहस होने के बाद अपने बेटे जाला राजू की हत्या की। वीरा राजू ने हथौड़े से बेटे पर वार किया जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई।
समस्या हल होने तक कोई परिवर्तन ना हो
ऑल अरुणाचल प्रदेश स्टूडेंट्स यूनियन ने राज्य के सभी विधायकों, सांसदों और राजनीतिक दलों का आह्वान किया कि वे राज्यों के अधिकार क्षेत्र और प्रशासन को बदलने के किसी भी संभावित प्रयासों का पुरज़ोर विरोध करें।
इमरान सैफी
ईटानगर। ऑल अरुणाचल प्रदेश स्टूडेंट्स यूनियन (आपसू) ने केंद्र सरकार से अपील की है कि दशकों पुरानी नगा राजनीतिक समस्या हल होने तक किसी भी प्रकार का क्षेत्रीय परिवर्तन न किया जाए। आपसू ने कहा कि बातचीत से राज्य और यहां के लोगों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए। यूनियन की ओर से जारी एक वक्तव्य में कहा गया है, ‘नगा मसले को सुलझाने के लिए सरकारों द्वारा उठाए गए कदमों का हम स्वागत करते है। हालांकि हम यह भी स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि नगालैंड में दशकों पुराने नगा संघर्ष का समाधान होने तक यदि राज्य के क्षेत्राधिकार में परिवर्तन किया जाता है या किसी भी प्रकार का प्रशासनिक, राजनीतिक या अन्य प्रकार से हस्तक्षेप किया जाता है तो अरुणाचल प्रदेश के मूल निवासी ऐसे किसी भी प्रकार के प्रयास का विरोध करेंगे।आपसू ने कहा कि केंद्र सरकार को उनके मध्यस्थ और वर्तमान में नगालैंड के राज्यपाल आरएन रवि द्वारा 2015 में दिए गए आश्वासन पर अडिग रहना चाहिए। नगा शांतिवार्ताकार राज्यपाल आरएन रवि ने 2015 में आपसू के साथ हुई बैठक में वचन दिया था कि नगा शांति समझौते के अंतिम प्रारूप को लागू करते समय अरुणाचल वासियों के हितों का ध्यान रखा जाएगा। आपसू ने राज्य के सभी विधायकों, सांसदों और राजनीतिक दलों का आह्वान किया कि वे प्रस्तावित समझौते के लिए राज्यों के अधिकार क्षेत्र और प्रशासन को बदलने के किसी भी संभावित प्रयासों का पुरजोर विरोध करे। आपसू ने कहा, ‘हम नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड-इसाक मुइवाह (एनएससीएन-आईएम) के नगालिम या ग्रेटर नगालैंड के दृष्टिकोण के बारे में जानते हैं, लेकिन अरुणाचल प्रदेश में कोई नगा नहीं है। हमने हमेशा उनके निहित स्वार्थ डिजाइनों पर आपत्ति जताई है। यूनियन ने कहा कि कुछ साल पहले एनएससीएन-आईएम द्वारा जारी नगालिम के नक्शे में अरुणाचल प्रदेश के तिरप, चांगलांग, लोंगडिंग, अंजॉ, लोहित और नामसाई जिले शामिल हैं। द अरुणाचल टाइम्स के मुताबिक यूनियन ने यह भी याद दिलाया कि केंद्र सरकार ने आश्वासन दिया था कि समझौते का अंतिम मसौदा तैयार होने से पहले अरुणाचल सरकार और राज्य के विभिन्न संगठनों के साथ विचार-विमर्श किया जाएगा।इसमें कहा गया है कि आपसू ने इस सबंध में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के राज्य में पहली यात्रा के दौरान आवेदन दिया था।इसके अलावा तत्कालीन केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, राज्य सरकार और राज्यपाल को इस संबंध कई आवेदन दे चुकी है।एनएससीएन-आईएम नेतृत्व इस समय दिल्ली में है और पिछले कुछ दिनों में आधिकारिक स्तर की दो दौर की वार्ता हुई है। इस बीच नगा जनजातीय समूहों के शीर्ष संगठन ‘नगा होहो’ के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को केंद्र से एनएससीएन-आईएम के साथ चल रही शांति प्रक्रिया का जल्द समापन करने और नगालैंड में दशकों पुराने हिंसक आंदोलन का समाधान निकालने का आग्रह किया।
हिमाचल में रिकॉर्ड तोड़ 180 नए केस
शिमला। हिमाचल प्रदेश में कोरोना के मामलों में एकदिन में रिकॉर्डतोड़ बढ़ोतरी हुई है। गुरुवार को गुरुवार को प्रदेश में 80 कामगारों समेत रिकॉर्ड 180 नए केस रिपोर्ट हुए हैं। कुल्लू जिले में सबसे ज्यादा 69 नए संक्रमित आए हैं। इसके अलावा, हमीरपुर 19, सिरमौर 17, मंडी में 14, किन्नौर में 10, सोलन नौ, चंबा में 13, शिमला में 9, बिलासपुर में 4 और कांगड़ा में दो पॉजिटिव मामले आए हैं। वहीं, सूबे में गुरुवार को एक शख्स की मौत भी हुई है। मंडी में नेरचौक अस्पताल में एक मरीज ने दम तोड़ा है।
सीएम की मुश्किल: सीएम जयराम ठाकुर के साथ कांगड़ा और ऊना दौरे के दौरान सुरक्षा में तैनात एस्कॉर्ट वाहन के चालक, कांस्टेबल और तीन अन्य पुलिस कर्मी संक्रमित निकले हैं। सीएम सुरक्षा में तैनान दोनों कर्मियों में ऊना से लौटने के बाद शिमला में कोरोना के लक्षण मिले थे, उन्हें शिमला के रिपन अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां टेस्ट के दौरान दोनों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
पंजाब में बढ़ रहा है महामारी का खौफ
राणा ऑबराय
चंडीगढ़। पंजाब में कोरोना की महामारी का खौफ कम होने की बजाय बढ़ता ही जा रहा है। कोरोना के 1035 नए केस सामने आए है, जबकि 36 लोगों की मौत हुई है। सबसे ज्यादा पंजाब के तीन बड़े शहरों लुधियाना, जालंधर और पटियाला में कोरोनावायरस के बढ़ते मरीजों से जिला प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। हॉट स्पॉट बने लुधियाना जिले में 227, जालंधर जिले में 157 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है और तीन-तीन की मौत हो गई, वहीं अमृतसर में 4 लोगों की मौत हो गई। साथ ही 60 लोगों को आज कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है।
स्वास्थ्य विभाग ने माना-चरम पर पहुंचने लगा संक्रमण
कुल मिलाकर पंजाब के हालात अब पहले के मुकाबले और बिगड़ने लगे हैं और नौबत यहां तक आ गई है कि स्वास्थ्य विभाग को अपने सभी अधिकारियों-कर्मचारियों की छुटि्टयां 30 सितंबर तक के लिए रद्द कर दी गई हैं। स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि राज्य में कोरोना अपने चरम पर पहुंचना शुरू हो गया है। इसकी पुष्टि करते हुए स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिद्धू ने कहा है कि हम कोरोना महामारी से लड़ रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि मेडिकल स्टाफ व डॉक्टर अस्पताल में मरीजों के इलाज पर ध्यान दें। 30 सितंबर तक बाबा फरीद यूनिवर्सिटी भर्ती प्रक्रिया को भी पूरी कर लेगी। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग के पास स्टाफ की कमी काफी हद तक पूरी हो जाएगी, लेकिन इससे पहले सभी की छुटि्टयां रद्द की जाती हैं। स्टाफ को अपने-अपने स्टेशन पर ही रहने के आदेश दिए गए हैं।
ऐसे कैसे कर पाएंगे कोरोना पर फतेह?
दूसरी ओर सेहत विभाग की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। विभाग 3 दिन में भी कोरोना पॉजिटिव रोगियों को घर में शिफ्ट नहीं कर पाया। मामला जालंधर का है। मिली जानकारी के अनुसार जिले में अभी भी कोरोना पॉजिटिव 388 रोगियों को स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने घरों से स्वास्थ्य केंद्रों में शिफ्ट करना है। इन 388 पॉजिटिव रोगियों में से ऐसे भी हैं, जिनकी रिपोर्ट सोमवार को पॉजिटिव आई थी और वह 3 दिन से ऐसे ही अपने घरों में और इधर-उधर घूम रहे हैं और उन्हें कोई पूछने वाला नहीं।
हरियाणाः वायरस की रफ्तार को लगा ब्रेक
राणा ओबरॉय
चंडीगढ़। हरियाणा में कोरोना परास्त हो रहा है। अब एक महीने में मरीज दोगुने हो रहे हैं, जबकि एक समय में मरीज दोगुने होने की अवधि 11 दिन तक पहुंच गई थी। एक सप्ताह से रिकवरी रेट 83 फीसद के पार बना हुआ है, जिससे पॉजिटिव रेट में निरंतर गिरावट आ रही है। पिछले 24 घंटों में 793 नए मरीज मिले हैं, जबकि 792 मरीज कोरोना को मात देकर घर लौट गए। आठ मरीजों की मौत हुई है और 146 की हालत चिंताजनक है। पानीपत में तीन, फरीदाबाद में दो और गुरुग्राम, सोनीपत व अंबाला में एक-एक मरीज ने दम तोड़ा।
प्रदेश में अभी तक 44 हजार 817 लोग महामारी की चपेट में आए हैं जिनमें 37 हजार 486 ठीक हो चुके हैं। छह हजार 820 मरीजों का इलाज चल रहा है। पिछले 24 घंटे के दौरान 18 जिलों में सबसे ज्यादा फरीदाबाद में 136, पानीपत में 119, गुरुग्राम में 78, अंबाला में 63, करनाल में 62, पलवल में 51, सोनीपत में 50, हिसार में 43, नारनौल में 37, पंचकूला व कुरुक्षेत्र में 36-36, कैथल में 27, रेवाड़ी में 18, फतेहबाद में 12, भिवानी में 10, नूंह में सात तथा जींद में तीन संक्रमित मिले।
कविता गर्ग
उत्तराखंडः 4 दिनों से जोरदार बारिश जारी
पंकज कपूर
देहरादून। उत्तराखंड में भारी बारिश का अलर्ट: बीते 4 दिनों से यहां जोरदार बारिश हो रही है, गंगा और सहायक नदियां किनारे तोड़ने पर आमादा हैं। भूस्खलन के कारण उत्तराखंड और हिमाचल में कई जगहों पर पहाड़ी रास्ते बंद पड़े हैं। उत्तराखंड में पहाड़ों को भी चकनाचूर कर देने वाली बारिश हो रही है।
उत्तराखंड में भारी बारिश से तबाही, उफान पर गंगा, टूट रहे पहाड़, बहे घर
उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में बारिश ने हाहाकार मचा रखा है। हफ्ते भर से जारी मूसलाधार बारिश थमने का नाम नहीं ले रही है। पहाड़ धंस रहे हैं, सड़कें टूटकर बिखर रही हैं और जहां देखो वहीं सैलाब है। यहां 5 दिनों की मूसलाधार बारिश का अलर्ट था और आज चौथा दिन है। जितनी आशंका जताई गई थी, उत्तराखंड में अभी तक उससे ज्यादा ही आफत बरसी है। बीते 4 दिनों से यहां जोरदार बारिश हो रही है, गंगा और सहायक नदियां किनारे तोड़ने पर आमादा हैं। भूस्खलन के कारण उत्तराखंड और हिमाचल में कई जगहों पर पहाड़ी रास्ते बंद पड़े हैं। उत्तराखंड में पहाड़ों को भी चकनाचूर कर देने वाली बारिश हो रही है। बद्रीनाथ में मूसलाधार बारिश के चलते अलकनंदा नदी की धार हाइवे पर आ पड़ी है। पहाड़ों से उतरती नदी तेज उफान के चलते बिखरकर बद्रीनाथ हाइवे पर आ गई और सैलाब के आगे सड़क गुम हो गई। पहाड़ दरकने से भी हाइवे में कई जगहों पर मलबा जमा हो गया है। सड़क दो दिनों से बंद पड़ी है और मौसम को देखते हुए फिलहाल खुलने के आसार नहीं हैं।
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