गुरुवार, 13 अगस्त 2020

दीवार के नीचे दबकर पिता-पुत्र की मौत

सुल्तानपुर। उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में 12 घंटे से अधिक समय से हो रही बारिश जानलेवा साबित हुई है। बारिश के चलते कच्ची दीवार गिरने से पिता-पुत्र की मौत हो गई है। इस हादसे में दो अन्य लोग जख्मी हो गए, जिनको जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना के बाद से परिवार में मातम पसरा हुआ है। जानकारी के अनुसार हृदय विदारक घटना जिले के हलियापुर थाना क्षेत्र का है। लगातार हो रही बारिश से बुधवार रात कस्बे में राम अचल के कच्चे मकान की दीवार गिर गई। हादसे में मलबे में दबकर पिता राम अचल (55) व राम हृदय (16) की दर्दनाक मौत हो गई। इसके अलावा मृतक की पत्नी बचाना देवी (50) और पुत्री आरती (12) गंभीर रूप से घायल हुई हैं। दोनों को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है।


एसओ हलियापुर अरशद खान ने बताया कि पिता-पुत्र के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। मौके पर राजस्व टीम भी पहुंची, नुकसान का आकलन कर आपदा राहत कोष से परिवार को मदद पहुंचाने की कवायद किया जा रहा है। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।              


योगी ने फैलाया जातिवाद, ठाकुरों की सरकार

उमेश भट्ट


लखनऊ/गोरखपुर। उत्तर प्रदेश में सिर्फ ठाकुरों की सरकार, यूपी मे योगी सरकार ने फैलाया जातिवाद। योगी सरकार की एसटीएफ स्पेशल ठाकुर फोर्स है जो लोगों को चुन चुन कर मार रही है। योगी सरकार बताए की जिलों और मुख्यमंत्री कार्यालय में कितने डीएम, एसपी, थानेदार निषाद, कुर्मी पाल, मौर्य, नाई, तेली, वाल्मीकि, जाटव और खटिक समाज से है।



योगी सरकार में ब्राह्मणों पर चुन-चुन अन्याय, अत्याचार हो रहा है, उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ब्रह्मणो के साथ हो रहे अन्याय के ख़िलाफ़ आवाज़ क्यों नहीं उठाते ? दिनेश शर्मा इस सरकार में इतने लाचार और बेबस क्यों है ?–संजय सिंह

आम आदमी पार्टी के उत्तरप्रदेश प्रभारी और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने राजधानी लखनऊ में प्रेसवार्ता कर यह आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में सिर्फ ठाकुरों की सरकार चल रही है। 

योगी सरकार मे है दलित नाराज- संजय सिंह 

उन्होंने कहा कि दो दिन पहले मैंने योगी जी से पूछा था कि यदि राम मंदिर के भूमि पूजन में यूपी की राज्यपाल को बुलाया गया था तो देश के राष्ट्रपति को क्यों नहीं बुलाय गया ? क्या इसलिए नहीं बुलाया गया क्योंकि वे दलित हैं ? पूरे देश में इस बात पर दलितों में भारी रोष है कि भाजपा ने इस कृत्य से दलितों का अपमान किया है। जब से मैंने ये बोला, मेरे पास पूरे यूपी से ढेरों फ़ोन आ रहे हैं। लोग कह रहे हैं कि योगी सरकार ना केवल दलितों के ख़िलाफ़ है बल्कि योगी सरकार केवल ठाकुरों की सरकार है। ठाकुरों के अलावा ये और किसी के लिए कोई काम नहीं करते। यूपी का बच्चा बच्चा बोल रहा है कि योगी सरकार केवल ठाकुरों की सरकार है।

यूपी की एसटीएफ है स्पेशल ठाकुर फोर्स- संजय सिंह

इनकी जो STF है लोग उसे स्पेशल ठाकुर फ़ोर्स बोलते हैं। स्पेशल ठाकुर फ़ोर्स लोगों को चुन चुन कर मार रही है। योगी सरकार ने पूरे यूपी में ज़बरदस्त जातिवाद फैला दिया है जहां ठाकुरों को छोड़कर बाक़ी सभी जातियों के लोगों के साथ अन्याय हो रहा है।

योगी सरकार ब्राह्मण विरोधी- संजय सिंह

आज प्रदेश के ब्राह्मण योगी जी से बेहद नाराज़ हैं। आप किसी भी ब्राह्मण से पूछ लीजिए। वो आपको योगी जी के ख़िलाफ़ अपना ग़ुस्सा बताएगा। ब्रह्मणो का चुन चुन कर मार रही है। भाजपा के अपने 58 विधायक ब्राह्मण हैं । वे सभी बेहद ग़ुस्सा हैं। दिनेश शर्मा जी खुद ब्राह्मण हैं। मैं उनसे पूछना चाहता हूँ, वो ब्रह्मणो के साथ अन्याय के ख़िलाफ़ आवाज़ क्यों नहीं उठाते? दिनेश शर्मा इस सरकार में इतने लाचार और बेबस क्यों है ?

मौर्या समाज योगी से नाराज- संजय सिंह

आज प्रदेश के मौर्या समाज के लोग भी योगी जी से नाराज़ हैं। केशव प्रसाद मौर्या जी अपने कार्यकाल में एक भी मौर्या के लिए कोई काम नहीं करवा पाए। बताइए प्रदेश में केशव प्रसाद जी ने कितने मौर्या लड़कों को नौकरी दिलवायी? आज कितने मौर्या, तेली प्रदेश में DM SP, थानेदार हैं ? केशव मौर्या का भाजपा ने केवल वोट के लिए इस्तेमाल किया। आज केशव मौर्या खून के आंसू रोते हैं लेकिन बेबस हैं। कुछ बोलेंगे तो उन्हें पार्टी से निकाल दिया जाएगा। पूरा मौर्या समाज इस बात से नाराज़ है।

राजभर समाज है योगी से नाराज- संजय सिंह

आज पूरे यूपी के राजभर योगी जी से नाराज़ हैं। उनका कहना है कि योगी सरकार केवल ठाकुरों की सरकार है। प्रदेश भर से मेरे पास ना जाने कितने राजभर समाज के फ़ोन आए। खजुरी गांव, जलालपुर अम्बेडकर नगर के आकाश राजभर ने फोन पर बताया कि किस तरह पिछले चुनाव में उन्होंने एक एक गाँव ने जाकर भाजपा के लिए काम किया था। आज भाजपा के बड़े नेता फ़ोन तक नहीं उठाते। योगी सरकार ने कितने राजभर लड़कों को नौकरी दी, कितने राजभर समाज के काम किए? एक काम नहीं किया। 

तमाम जाति के लोग हैं काफी नाराज- संजय सिंह

उन्होंने कहा मेरे पास पिछले दो दिन में ना जाने कितने फ़ोन आए हैं। कुर्मी समाज के, गड़रिया समाज के, कश्यप समाज के, लोध समाज के, कुम्हार समाज के, तेली समाज के, नाई समाज के, बढ़ई समाज के, बाल्मीकि समाज, जाटव समाज, सोनकर समाज, पासवान समाज के, धोबी समाज के, कोली समाज के - इन सबके फ़ोन आए। सब लोग योगी सरकार से ग़ुस्सा हैं। सबका कहना है कि योगी सरकार केवल ठाकुरों के लिए काम करती है। उन्होंने इनके समाज के लिए अभी तक कोई काम नहीं किया। योगी सरकार केवल ठाकुरों की सरकार है।

आम आदमी पार्टी के एससी/एसटी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष महेश वाल्मीकि ने इस दौरान कहा कि उत्तर प्रदेश में दलित समाज की घोर उपेक्षा हो रही है जिसको लेकर दलितों में बड़ा आक्रोश है, संजय सिंह के सवाल पूरी तरह से जायज़ हैं और हमारा समाज पूरी तरीके से अरविंद केजरीवाल, आम आदमी पार्टी और संजय सिंह के साथ है। 

समाज सेविका सन्ध्या राजभर ने कहा कि पिछले चुनावों में राजभर समाज भाजपा के साथ था, योगी सरकार ने हमारे समाज की बड़ी उपेक्षा की, समाज के लोगों को न रोज़गार मिला और न अच्छे पदों पर तैनाती मिली, समाज मे इन सब बातों को लेकर आक्रोश है, इस सरकार में महिलाओं पर हिंसक वारदात बढ़ी हैं और सरकार महिलाओं को सुरक्षा देने में नाकाम है, राजभर समाज के साथ साथ, में चूंकि एक महिला हूँ, अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रही हूं। 

प्रेस कॉन्फ़्रेंस में मुख्य रूप से आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह, सह प्रभारी ब्रिज कुमारी, सह प्रभारी नदीम अशरफ जायस, प्रदेश प्रवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह, प्रिंस सोनी, सरबजीत सिंह मक्कड़, राजीव बख्शी, यूथ विंग के प्रदेश अध्यक्ष फैसल वारसी, महिला विंग की प्रदेश अध्यक्ष नीलम यादव, CYSS प्रदेश अध्यक्ष वंशराज दुबे, प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश यादव, अनुराग मिश्र, इमरान लतीफ, हरि नारायण चौहान, प्रदेश सचिव विनय पटेल आदि उपस्थित रहे। यह जानकारी आम आदमी पार्टी गोरखपुर के जिला महासचिव अजय साहनी ने आज दी।           


पुलिस कांस्टेबल की 5846 पदों पर भर्ती

नई दिल्ल।  कर्मचारी चयन आयोग (SSC) ने दिल्ली में कांस्टेबल (Executive) के 5846 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन शुरू हो गए हैं। एसएससी की ओर आयोजित की जाने वाली दिल्ली पुलिस कांस्टेबल भर्ती लिए आवेदन एक अगस्त से एसएससी की वेबसाइट ssc.nic.in पर शुरू हो गए हैं। एसएससी दिल्ली पुलिस कांस्टेबल भर्ती 2020 के लिए शैक्षिक योग्यता, नियम व अन्य शर्तों से जुड़ी जानकारी–

महत्वपूर्ण तिथियां


कांस्टेबल भर्ती के आवेदन शुरू होने की तिथि – 01 अगस्त 2020
आवेदन की अंतिम तिथि – 7 सितंबर 2020
ऑनलाइन आवेदन फीस जमा कराने की अंतिम तिथि – 9 सितंबर 2020
ऑफलाइन चालान से आवेदन फीस जमा कराने की अंतिम तिथि -14 सितंबर 2020
कम्प्यूटर बेस्ड परीक्षा (CBT) की तिथि – 27 नवंबर से 14 दिसंबर 2020 तक


शैक्षिक योग्यता –







दिल्ली पुलिस कांस्टेबल भर्ती के लिए अभ्यर्थी को किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से सीनियर सेकंडरी (10+2) पास होना जरूरी है।






आयु सीमा –आवेदक की उम्र 18 से 25 वर्ष के बीच होनी चाहिए। आयु में छूट के लिए नोटिफिकेशन देखें।


आवदेन शुल्क –



  1. सामान्य व ओबीसी के लिए- 100 रुपए

  2. महिला उम्मीदवारों और एससी-एसटी व एक्स सर्विसमैन के लिए कोई आवेदन शुल्क नहीं।

  3. अभ्यर्थी भीम यूपीआई, नेट बैंकिंग, वीजा, मास्टर कार्ड आदि के जरिए ऑनलाइन पेमेंट कर सकते हैं। इसके अलावा बैंक चालान से

  4. ऑफलाइन मोड से भी आवेदन किया जा सकता है।


वेबसाइट – http://ssc.ni.in/


रूसी वैक्सीन का दिख रहा है साइड इफेक्ट

मास्को/नई दिल्ली। दुनियाभर में रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-वी पर सवाल उठ रहे हैं। 11 अगस्त को दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन के रजिस्ट्रेशन के दौरान पेश किए दस्तावेजों से कई खुलासे हुए हैं। दस्तावेजों के मुताबिक, वैक्सीन कितनी सुरक्षित है, इसे जानने के लिए पूरी क्लीनिकल स्टडी हुई ही नहीं।


डेली मेल की खबर के मुताबिक, ट्रायल के नाम पर 42 दिन में मात्र 38 वॉलंटियर्स को वैक्सीन की डोज दी गई। ट्रायल के तीसरे चरण पर भी कोई जानकारी सामने नहीं आई है। रूसी सरकार का दावा था कि वैक्सीन के कोई साइड इफेक्ट नहीं दिखे, जबकि दस्तावेज बताते हैं कि 38 वॉलंटियर्स में 144 तरह के साइड इफेक्ट देखे गए हैं। ट्रायल के 42 वें दिन भी 38 में से 31 वॉलंटियर्स इन साइडइफेक्ट से जूझते दिखे। वॉलंटियर्स को डोज लेने के बाद कई तरह दिक्कतें हुईं। पिछले कई दिनों से विश्व स्वास्थ्य संगठन भी इस वैक्सीन पर सवाल उठा रहा है।


वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन का कहना है कि रूस ने वैक्सीन बनाने के लिए तय दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया, ऐसे में इस वैक्सीन की सफलता पर भरोसा करना मुश्किल है।


पहला दावा : रशिया के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, वैक्सीन ट्रायल के जो नतीजे सामने आए हैं, उनमें बेहतर इम्युनिटी विकसित होने के प्रमाण मिले हैं। किसी वॉलंटियर में निगेटिव साइड इफेक्ट नहीं देखने को मिले।


सच्चाई: दस्तावेजों के मुताबिक, जिन वालंटियर्स को वैक्सीन दी गई, उनमें बुखार, शरीर में दर्द, शरीर का तापमान बढ़ना, जहां इंजेक्शन लगा, वहां खुजली होना और सूजन जैसे साइड इफेक्ट दिखे। इसके अलावा शरीर में ऊर्जा महसूस न होना, भूख न लगना, सिरदर्द, डायरिया, गले में सूजन, नाक का बहना जैसे साइड इफेक्ट कॉमन थे।जब वैक्सीन की पहली डोज पुतिन की बेटी को दी गई तो शरीर का तापमान पहले एक डिग्री बढ़ा फिर कम हुआ। लेकिन, राष्ट्रपति पुतिन ने दावा किया कि मेरी बेटी के शरीर में एंटीबॉडीज बढ़ी हैं।


दूसरा दावा : रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा, हम वैक्सीन तैयार करने में दूसरों से कई महीने आगे चल रहे हैं। इसी महीने में बड़े स्तर पर तीन और ट्रायल किए जाएंगे। फिर रजिस्ट्रेशन के बाद राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि वैक्सीन से जुड़े सभी जरूरी ट्रायल पूरे हो गए हैं।


सच्चाई: रूस ने अब तक वैक्सीन के जितने भी ट्रायल किए हैं, उससे जुड़ा साइंटिफिक डाटा पेश नहीं किया। तीसरे चरण का ट्रायल किया है या नहीं, इस पर भी संशय है। WHO ने रूस द्वारा बनाई गई कोरोना की वैक्सीन को लेकर कई तरह की शंकाएं जताई हैं। संगठन के प्रवक्ता क्रिस्टियन लिंडमियर ने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा कि अगर किसी वैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल किए बगैर ही उसके उत्पादन के लिए लाइसेंस जारी कर दिया जाता है, तो इसे खतरनाक मानना ही पड़ेगा। दस्तावेज भी कहते हैं, जो भी ट्रायल हुए हैं वो मात्र 42 दिन के अंदर पूरे हो गए हैं।              


उद्घाटन से पहले बारिश में बह गया पुल

मनोज सिंह ठाकुर 


पटना। बिहार अपने कुशासन के लिए पूरे देश में कुख्यात है। अब फिर से बिहार एक घटना के चलते चर्चा में है। यहां सीएम के उद्घाटन से पहले ही एक पुल नदी में बह गया।









बिहार में फिर एक पुल नदी में बह गया है। खास बात ये है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस पुल का आज ही उद्घाटन करने वाले थे। इससे पहले पिछले महीने की 15 तारीख को गोपालगंज के सत्तरघाट पुल का अप्रोच उद्घाटन के कुछ ही दिनों में टूट गया जिसके बाद राज्य सरकार की काफी छीछालेदर हुई थी। खास बात ये है कि पिछला पुल मुख्यमंत्री के उद्घाटन के बाद बह गया था तो इस बार मुख्यमंत्री के उद्घाटन के पहले ही पुल बह गया।








मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को छपरा में बंगरा घाट मेगा ब्रिज का उद्घाटन वीडियो कांफ्रेंसिंग से करना था लेकिन ये पुल उद्घाटन से पहले ही बह गया। गौरतलब है कि बिहार में विधानसभा चुनाव सिर पर है। इसको देखते हुए सरकार ताबड़तोड़ उद्घाटन समारोह करने में जुटी है। उसी कड़ी में इस पुल का भी उद्घाटन मुख्यमंत्री को करना था लेकिन उनके उद्घाटन करने के पहले ही पुल भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया।           


कंटेनमेंट जोन में सब की जांच होनी चाहिए

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रयास किए जाने चाहिए कि निषिद्ध क्षेत्रों में सभी लोगों की कोविड जांच हो, तभी ऐसे क्षेत्र बनाने का उद्देश्य पूरा होगा।  उन्होंने घरों में पृथकवास में रहने वाले कोविड-19 मरीजों से नियमित संवाद के जरिए उनके स्वास्थ्य की जानकारी प्राप्त करते रहने के निर्देश भी दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यहां एक उच्चस्तरीय बैठक में अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने संक्रमित लोगों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने (कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग) के कार्य में तेजी लाने पर बल देते हुये कहा कि इसके माध्यम से बीमारी के प्रसार को नियंत्रित करने में मदद मिल रही है। मुख्यमंत्री ने कोविड-19 के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए कोविड अस्पतालों में डॉक्टरों की संख्या में वृद्धि करने के भी निर्देश दिए हैं। 


उन्होंने कहा कि कानपुर नगर, लखनऊ तथा वाराणसी के कोविड चिकित्सालयों में बिस्तरों की संख्या बढ़ाई जाए तथा लखनऊ के कैंसर संस्थान में कोविड चिकित्सालय स्थापित किए जाएं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को प्रत्येक जनपद में एल-2 कोविड चिकित्सालयों में बिस्तरों की संख्या को बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी जनपदों में खाद की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि किसानों के लिए कृषि सम्बन्धी अन्य सामग्री की भी सुचारु व्यवस्था कायम रखी जाए। उन्होंने पिछले दिन कुछ क्षेत्रों में उपभोक्ताओं की विद्युत आपूर्ति बाधित होने के प्रकरण की जांच एसटीएफ से कराए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि दोषी पाए जाने वाले लोगों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए।             


पूर्व राष्ट्रपति की हालत में नहीं कोई सुधार

नई दिल्ली। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की तबीयत में आज भी कोई सुधार देखने को नहीं मिला है। प्रणब मुखर्जी कोमा में हैं, मगर उनकी हालत स्थिर बनी हुई है। वह आर्मी रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल में वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं। अस्पताल के अधिकारियों ने कहा, “प्रणब मुखर्जी की हालत आज सुबह भी वैसी ही है। उनकी हालत स्थिर है और वह वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं।” भारत के 13वें राष्ट्रपति मुखर्जी कोविड -19 पॉजीटिव भी पाए गए थे। वहीं मुखर्जी की स्वास्थ्य स्थिति के बारे में सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर फर्जी खबरें सामने आने के बाद अस्पताल के अधिकारियों ने एक बयान जारी किया है।


पूर्व राष्ट्रपति के बेटे अभिजीत मुखर्जी ने पिता के बिगड़ते स्वास्थ्य के बारे में अटकलों का खंडन करते हुए कहा कि उनके पिता जीवित हैं। उन्होंने ट्वीट किया, “मेरे पिता श्री प्रणव मुखर्जी अभी भी जीवित हैं और हेमोडायनामिक रूप से उनकी हालत स्थिर हैं। प्रतिष्ठित पत्रकारों द्वारा सोशल मीडिया पर प्रसारित की जा रही अटकलों और फर्जी खबरों से साफ जाहिर होता है कि भारत में मीडिया फेक न्यूज का कारखाना बन गया है।” वहीं मुखर्जी की बेटी व कांग्रेस की कार्यकर्ता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने भी अपने पिता के बारे में अफवाहों का खंडन किया।            


यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई  संदीप मिश्र  लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन को लेकर उत्तर प्रदेश में भी 7 दिनों के...