मंगलवार, 11 अगस्त 2020

युवक के बदले, 65 वर्षीय बुजुर्ग का शव

सुजल गुप्ता


रीवा। मध्यप्रदेश के रीवा में स्वास्थ्य विभाग की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां अस्पताल में 22 साल के एक युवक की मौत हो गई लेकिन परिजनों को 65 साल के एक बुजुर्ग का शव सौंप दिया गया। लापरवाही की यह बड़ी घटना उजागर होते ही प्रशासन हरकत में आया और अस्पताल के डॉक्टर को सस्पेंड कर दिया गया। पीड़ित परिवार ने अस्पताल के बाहर इस घोर लापरवाही पर हंगामा किया और शव लेने से इनकार कर दिया। परिवार वालों ने इस बात पर विरोध जताया कि उन्हें किसी और का शव सुपुर्द कर दिया गया है। मृतक युवक के पिता रामविलास कुशवाहा ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा कि डिस्ट्रिक्ट चीफ मेडिकल एंड हेल्थ ऑफिसर ने बताया कि उसके बेटे का अंतिम संस्कार कर दिया गया है।


यह लापरवाही उजागर होने के बाद अस्पताल के डॉक्टर को सस्पेंड कर दिया गया। यह अस्पताल जिस मेडिकल कॉलेज से जुड़ा है, बर्खास्त डॉक्टर उस कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर है। 22 साल के युवक को 3 अगस्त को संजय गांधी हॉस्पिटल के आईसीयू में दाखिल कराया गया था। युवक के पिता ने कहा कि बदन दर्द की शिकायत होने के बाद मौगंज में उसका शुरुआती इलाज कराया गया था। बाद में डॉक्टरों ने युवक को कोविड सेंटर में रेफर कर दिया। युवक के पिता ने कहा कि उनका बेटा जब से अस्पताल में भर्ती हुआ, तब से उसके बारे में डॉक्टरों ने कोई सूचना नहीं दी।


दाखिले के तीन-चार दिन बाद जब लोगों ने युवक की तबीयत के बारे में जानकारी मांगी तो डॉक्टरों ने उसकी मौत की बात कही और मॉर्चरी में शव पहचानने को कहा। युवक के पिता ने कहा, जिस बैग में शव रखा हुआ था, जब उसे खोला गया तो वे दंग रह गए क्योंकि उसमें 65 साल के एक व्यक्ति का शव रखा और उसपर युवक का टैग लगा था। इस पर नाराज होकर मृतक युवक के परिजनों ने कमिश्नर और पुलिस सुपरिटेंडेंट के ऑफिस का घेराव किया और हंगामा किया। लोगों ने लापरवाही के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई।


डैमः ग्रामीणों पर पुनर्विचार करे सरकार

मसान नदी डैम ग्रामीणो पर पुनर्विचार करें सरकार: मंजुबाला पाठक
प्रमोद साह की रिपोर्ट
बिहार। पश्चिमी चम्पारण दिनांक 11 अगस्त 2020 को बगहा पश्चिमी चंपारण के रामनगर प्रखंड अंतर्गत मसान नदी की भयावहता सर्वविदित है। लग भग लाखों एकड़ कृषि योग्य भूमि नदी ने बरबाद कर दिया। चूंकि, यह नदी पहाड़ी स्थानों से निकलती है। तो इस नदी के पानी में वेग बहुत जादा होता है। मशान नदी के पानी से कटाव भी बहुत तेजी से होता है। दर्जनों गांव इसके चपेट में रहते है। तथा लाखों जनसंख्या इससे प्रभावित होती है।दूसरा पहलू देखा जाए तो इसके पानी के वेग से बिजली पैदा की जा सकती है।हालांकि कुछ जगहों पे इससे हल्की बिजली पैदा की जाती है। परन्तु इसको व्यापक स्तर पर परियोजना लाकर सरकार को चाहिए कि इसके जल का उचित मात्रा में दोहन किया जा सकें जिससे स्थानिय लोगों को रोजगार भी मिल,सेक।             


जातिगत राजनीति का केंद्र बने 'ब्राह्मण'

अकांशु उपाध्याय


लखनऊ। जातिगत राजनीति की पुरानी जंजीरों को तोड़ दिया, लेकिन लगता है कि यह वापस लौट रही है। राजनीतिक दलों, जिन्होंने जातियों के वोट बैंक बनाकर अपने समीकरण बनाए रखे हैं, ने फिर से पुराने पैटर्न का पालन करने के प्रयास जारी किए हैं। लेकिन इस बार केंद्र में 'ब्राह्मण ’हैं। पहले कांग्रेस ने उन्हें अपने जाल में फंसाया, फिर समाजवादी पार्टी ने परशुराम की मूर्ति का पासा फेंका और अब बसपा भी उन्हें लुभाने की कोशिश कर रही है।


यूपी में पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों के इर्द-गिर्द घूमती विपक्ष की राजनीति में अचानक ब्राह्मण प्रेम का कोई संयोग नहीं है।


2014 के बाद, बदली स्थिति ने जातिवाद और सांप्रदायिकता के टुकड़े डालकर सत्ता हासिल करने के समीकरण बिगाड़ दिए हैं। पिछले 3 चुनावों (लोकसभा और विधानसभा) में, बीजेपी के पक्ष में दिखाए गए ब्राह्मणों की एकजुटता ने विपक्ष की बेचैनी बढ़ा दी है। भाजपा ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की नींव रखकर इस चिंता को बढ़ा दिया है। न केवल ब्राह्मण, बल्कि हिंदू-मुस्लिम ध्रुवीकरण का खतरा विपक्ष को सतर्क कर रहा है। ऐसी स्थिति में, ध्रुवीकरण में जाति के माध्यम से छोटे छेद बनाने का प्रयास किया गया है।


कांग्रेस कई महीनों से ब्राह्मण वोट बैंक की राजनीति की मदद से अपने पुराने दलित-मुस्लिम-ब्राह्मण गठजोड़ को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रही है, इसलिए बीएसपी ने भगवान परशुराम की एक बड़ी प्रतिमा और शोध संस्थान की घोषणा करके सपने संजोना शुरू कर दिया है। दूसरी ओर, ब्राह्मणों के आशीर्वाद से 2007 में पूर्ण बहुमत प्राप्त करने वाली मायावती ने भगवान परशुराम की प्रतिमा और अस्पताल की भी घोषणा की, यह संकेत देते हुए कि यह विपक्षी पार्टी इस वोट बैंक को खींचने और बढ़ाने के लिए है।


विपक्षी राजनीतिक दलों में ब्राह्मण वोटों को लेकर बेचैनी का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा रहा है कि विकास दुबे जैसे बाहुबली के एनकाउंटर में केवल उसके 'ब्राह्मण' को ही बढ़ावा दिया जा रहा है। एक दिन पहले, मुख्तार के शूटर राकेश पांडेय उर्फ ​​हनुमान पांडे का एनकाउंटर भी इसी तरह का प्रयास करता रहा है। ऐसे में यह भाजपा के लिए अपनी किलेबंदी को मजबूत करने के लिए दिया गया है। भाजपा के प्रदेश महासचिव विजय बहादुर पाठक का कहना है कि दोनों सरकारों में ब्राह्मणों पर न केवल अत्याचार हुए, बल्कि उन्हें अपमानित करने का कोई अवसर नहीं छोड़ा गया। लेबर वेलफेयर बोर्ड के अध्यक्ष सुनील भराला ने भी ब्राह्मणों पर एसपीए-बीएसपी सरकार में उपेक्षा का आरोप लगाया।            


भाजपा विधायक पर हमला, गनर को धुना


 




बृजेश केसरवानी


लखनऊ। बांदा के तिंदवारी से बीजेपी विधायक बृजेश प्रजापति के काफिले पर हमला हुआ है। हमले में दबंगों ने विधायक के गनर की जमकर पिटाई की है। दबंगों ने गनर की वर्दी भी फाड़ दी है। गनर की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।


ये घटना पीजीआई थाना क्षेत्र के तेलीबाग कुम्हार मंडी की है। इस इलाके में बृजेश प्रजापति की ससुराल है। बृजेश को उनकी ससुराल में पड़ोसियों से मारपीट की खबर मिली थी। हमले की खबर के बाद विधायक काफिले के साथ अपनी ससुराल पहुंचे थे। ससुराल पहुंचते ही दबंगों ने विधायक के काफिले पर हमला बोल दिया। आरोपियों ने विधायक के साले और गनर की जमकर पिटाई की। हमले में गनर को काफी चोटें आई हैं। वहीं, हमले की खबर मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने गनर की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।


सपा ने कसा तंज
उधर, इस घटना को लेकर समाजवादी पार्टी ने सरकार पर तंज कसा है। सपा ने ट्वीट कर कहा, "जिस सरकार में सत्ता पक्ष का विधायक तक सुरक्षित नहीं उस जंगलराज में आम नागरिक कितना असुरक्षित होगा अंदाज़ा लगाना मुश्किल नहीं! लखनऊ में बांदा के तिंदवारी से BJP MLA बृजेश प्रजापति पर हमला भाजपा सरकार के जंगलराज का एक और सबूत है। हमलावरों पर कार्रवाई करे सरकार।"           





मांगों को लेकर आशाओं का धरना-प्रदर्शन

आशा कार्यकर्ता ने अपनी मांग को लेकर किया धरना प्रदर्शन
लकमुद्दीन अंसारी की रिपोर्ट
कुशीनगर। जनपद के खडडा ब्लाक के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर आशा कार्यकर्ताओ ने अपनी विभिन्न मांगो को लेकर धरना पर बैठी थी, इनकी निम्न मांगे इस प्रकार है। 
1-आशाओं को कोरोना वायरस में मिलने वाले विभिन्न धन राशि /मानदेय/प्रोत्साहन राशि माह अप्रैल सन् 2020 से अब तक नही मिलने से आशा कार्यकर्ता भूखमरी के कगार पर पहुंच गयी है। 
2-आशा कार्यकर्ताओ को 7 माह पहले पोलियो कार्यक्रम में किये गये कार्य कि प्रोत्साहन धनराशि अभितक नही मिली है।
3- कोरोना काल में गांव में कार्य करने के लिए न तो मास्क दिया जा रहा है। न तो सेनेटाइजर न तो दास्ताना 
4- खडडा प्रा0स्वा0केंद्र पर नसबन्दी और जननी सुरक्षा योजना के लाभार्थियों को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि का एक वर्ष से भुगतान नही हुआ है।
5- कोरोना काल में 1000 रुपया मार्च से मिलना था लेकिन उसको अप्रैल से दिया जा रहा है।
6- खडडा प्रा0स्वा0केंद्र पर आशा कार्यकर्ता को संचारी रोग जागरुकता कार्यक्रम में काम करने पर पैसा नही दिया जाता है।
7- उतर प्रदेश सरकार के द्धारा 750 रुपये की प्रोत्साहन धनराशि माह अप्रैल 2020 से अब तक भुगतान नही किया गया है।
8- आशा कार्यकत्रियों को ड्रेस के लिऐ मिलने वाला पैसा एक बर्ष से नही मिला है।
9- आशा कार्यकत्रियों का प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा और प्रधानमंत्री बीमाअभी तक नहीं हुआ है। इस विषय में सासंद विधायक और उच्च अधिकारियों को भी अवगत करा दिया गया है।
10- प्रा0स्वा0केंद्र खडडा में इमरजेन्सी सुविधा की शुरुआत होने के बाद भी कोई डाक्टर रात में निवास नही करता है। और रात को बिजली न रहने पर जरनेटर नही चलाया जाता है। अंधेरे में टार्च और मोबती के सहारे डिलीवरी करायी जाती है। आशा और ए0एन0एम0 अंधेरे में वहां रहती है।
11- प्रा0स्वा0केंद्र खडडा के B P M O कार्यालय का कोई भी अधिकारी आशा कार्यकत्रियों के बातो पर ध्यान नही देते और तव्जो नही देते ज्ञापन को कुशीनगर के माननीय सासंद विजय कुमार दूबे जी को दिया गया है।            


टिप्पणी पर मौलाना के खिलाफ याचिका

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 5 अगस्त को अयोध्या में भगवान श्रीराम मंदिर के भूमि पूजन के बाद मुस्लिम तुष्टीकरण के लिए बहुत से नेताओं ने विवादित बयान दिए हैं। इन बयानों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में वकील विनीत जिंदल ने एक याचिका दायर की है, जिसमें संभल से सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सेक्रेटरी मौलाना मोहम्मद वली रहमानी समेत अन्य पर अदालत के फैसले की अवमानना करने का आरोप लगाया गया है।


अयोध्या में मस्जिद थी और मस्जिद ही रहेगी – सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क
संभल से सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा था कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद थी, है और आगे भी रहेगी। जहां एक बार मस्जिद बन जाती है वह जमीन और वह हिस्सा हमेशा मस्जिद का ही रहता है और मस्जिद का ही रहेगा। यह इस्लाम का कानून है। मुसलमानों को डरने की कोई जरूरत नहीं है। मुसलमान यह समझे कि हम किसी की रहमों करम पर जिंदा नहीं बल्कि ऊपर वाले के रहमों करम पर जिंदा है।उन्होंने कहा था कि यह हमारे साथ नाइंसाफी हुई है लेकिन फिर भी मुसलमानों ने बहुत सब्र के साथ काम किया है। इसलिए हमें विश्वास है कि यह मस्जिद है और मस्जिद ही रहेगी। इसको कोई मिटा नहीं सकता। इस देश के लिए मुसलमानों ने जितनी बड़ी कुर्बानी दी है उसको दुनिया भुला नहीं सकती।


मौलाना मोहम्मद साजिद रशीदी के बयान
ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद साजिद रशीदी ने कहा, ‘इस्लाम कहता है कि एक मस्जिद हमेशा एक मस्जिद होगी। इसे कुछ और बनाने के लिए नहीं तोड़ा जा सकता है। हमारा मानना है कि यह एक मस्जिद थी और हमेशा एक मस्जिद ही रहेगी। मस्जिद को मंदिर ध्वस्त करने के बाद नहीं बनाया गया था मगर अब मस्जिद बनाने के लिए मंदिर को ध्वस्त किया जा सकता है।            


मनचलों की हरकतों से होनहार की मौत

बुलंदशहर । महिला सुरक्षा के दावों का दंभ भरने वाली योगी सरकार के राज्य में आज एक और बेटी मनचलों की हरकतों का शिकार होकर अपना जीवन खो बैठी।  अमेरिका में पढ़ रही बुलंदशहर निवासी होनहार छात्रा सुदीक्षा भाटी कुछ आवारा मनचलों की छेड़छाड़ से बचने के लिए बाइक से गिरी और उसकी मौत हो गई। पुलिस ने अज्ञात मोटर साइकिल सवारों के खिलाफ के दर्ज कर छात्रा के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।


बुलेट सवार युवकों ने शुरू की छेड़खानी 
भयंकर कोरोना संक्रमण के कारण अमेरिका घर लौटीं सुदीक्षा घटना के समय अपने चाचा के साथ बाइक पर किसी रिश्तेदार के घर जा रही थीं। इस दौरान रास्ते में बुलेट सवार कुछ शोहदों ने छेडख़ानी शुरू कर दी। मनचलों की छेडख़ानी के बचने के प्रयास में सुदीक्षा अपने चाचा की बाइक से नीचे गिर गई। जिससे उसके सिर पर काफी चोट आई और उसकी मौत हो गई।










सुदीक्षा को मिली थी 3.80 करोड़ रुपए की स्कॉलर्शिप 









प्रतिभाशाली सुदीक्षा भाटी का परिवार गौतमबुद्धनगर के दादरी क्षेत्र में रहता है। सुदीक्षा भाटी ने दो वर्ष पहले ही इंटरमीडिएट की परीक्षा में बुलंदशहर जनपद टॉप किया था। सुदीक्षा को एससीएल की तरफ से 3 करोड़ 80 लाख रुपये की स्कॉलरशिप मिलने के बाद सुदीक्षा भाटी अमेरिका में उच्च शिक्षा ग्रहण करने चली गई थी। सुदीक्षा अमेरिका के बॉब्सन कॉलेज में भारत सरकार के खर्च पर पढ़ रही थी। एक शानदार करियर उनके सामने था, लेकिन मनचलों की हरकतों ने एक प्रतिभा देश से छीन ली।


बसपा सुप्रीमो ने उठाया कानून व्यवस्था पर सवाल 
दीक्षा की मौत को लेकर उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने कानून व्यवस्था को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कठघरे में खड़ा करते हुए ट्वीट किया कि ऐसे में बेटियां कैसे पढ़ सकेंगी?         


यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...