सुजल गुप्ता
रीवा। मध्यप्रदेश के रीवा में स्वास्थ्य विभाग की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां अस्पताल में 22 साल के एक युवक की मौत हो गई लेकिन परिजनों को 65 साल के एक बुजुर्ग का शव सौंप दिया गया। लापरवाही की यह बड़ी घटना उजागर होते ही प्रशासन हरकत में आया और अस्पताल के डॉक्टर को सस्पेंड कर दिया गया। पीड़ित परिवार ने अस्पताल के बाहर इस घोर लापरवाही पर हंगामा किया और शव लेने से इनकार कर दिया। परिवार वालों ने इस बात पर विरोध जताया कि उन्हें किसी और का शव सुपुर्द कर दिया गया है। मृतक युवक के पिता रामविलास कुशवाहा ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा कि डिस्ट्रिक्ट चीफ मेडिकल एंड हेल्थ ऑफिसर ने बताया कि उसके बेटे का अंतिम संस्कार कर दिया गया है।
यह लापरवाही उजागर होने के बाद अस्पताल के डॉक्टर को सस्पेंड कर दिया गया। यह अस्पताल जिस मेडिकल कॉलेज से जुड़ा है, बर्खास्त डॉक्टर उस कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर है। 22 साल के युवक को 3 अगस्त को संजय गांधी हॉस्पिटल के आईसीयू में दाखिल कराया गया था। युवक के पिता ने कहा कि बदन दर्द की शिकायत होने के बाद मौगंज में उसका शुरुआती इलाज कराया गया था। बाद में डॉक्टरों ने युवक को कोविड सेंटर में रेफर कर दिया। युवक के पिता ने कहा कि उनका बेटा जब से अस्पताल में भर्ती हुआ, तब से उसके बारे में डॉक्टरों ने कोई सूचना नहीं दी।
दाखिले के तीन-चार दिन बाद जब लोगों ने युवक की तबीयत के बारे में जानकारी मांगी तो डॉक्टरों ने उसकी मौत की बात कही और मॉर्चरी में शव पहचानने को कहा। युवक के पिता ने कहा, जिस बैग में शव रखा हुआ था, जब उसे खोला गया तो वे दंग रह गए क्योंकि उसमें 65 साल के एक व्यक्ति का शव रखा और उसपर युवक का टैग लगा था। इस पर नाराज होकर मृतक युवक के परिजनों ने कमिश्नर और पुलिस सुपरिटेंडेंट के ऑफिस का घेराव किया और हंगामा किया। लोगों ने लापरवाही के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई।