पंकज कपूर
नैनीताल। उत्तराखण्ड में नैनीताल से लगे रौखड़ गांव के लोगों ने सरकारी आश्वासनों से आहत होकर खुद ही फावड़े और बैलचे लेकर वाहन की सड़क बना डाली । गांव के लोग अब इस सड़क से ही आ जा रहे हैं । नैनीताल शहर से लगभग 30 किलोमीटर दूर रौखड़ गांव के लोग हर छोटी बड़ी जरूरत या मजबूरी में पैदल आने जाने के लिए मजबूर थे । नैनीताल-कालाढूंगी मार्ग में मंगोली से जलाल गांव की तरफ कच्चे मार्ग में, आधे रास्ते बाद पखडण्डी पड़ती है । इस पखडण्डी से स्कूली बच्चे, बीमार, गर्भवती महिलाओं समेत गांव के हरएक व्यक्ति को पैदल ही आना जाना पड़ता है । लॉक डाउन में गांव के लोगों ने युवाओं और महिलाओं की एक टोली बनाई और फावड़े बैलचे लेकर हंसते खेलते हुए श्रमदान कर पखडण्डी को सड़क बना डाला ।
इस दौरान कुछ युवक जंगली जानवरों और सांपों से इन लोगों की सुरक्षा करने के लिए लाठियां लेकर खड़े भी दिखे । उपजाऊ भूमि वाले इस गांव में अदरक, गडेरी, मिर्च, प्याज, लहसुन, ककड़ी, तोरई, कटहल समेत आम और पपीते जैसे फल भी उगते हैं । यहां से नजदीकी स्कूल ढाई किलोमीटर दूर जलाल गांव में है, जबकि नजदीकी मंडी नैनीताल और कालाढूंगी में है । गांव के लगभग 30 युवाओं ने 17 जून से काम शुरू कर अबतक आधे से अधिक सड़क का निर्माण कर दिया है । गांव वालों का आरोप है कि नेता चुनावी सीजन में आते हैं और सड़क निर्माण समेत कई वादे करके चले जाते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत अभी भी अनसुलझी है ।