टोक्यो/बीजिंग/मास्को। चीन और जापान के बीच पूर्वी चीन सागर में द्वीपों को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। दोनों देशों में जंग जैसे हालात के बीच पूर्वी चीन सागर में रूस के बढ़ते दखल ने शिंजो आबे सरकार की चिंताओं को और बढ़ा दिया है। जापानी एयरफोर्स ने देश की दक्षिण-पश्चिम सीमा पर हाईअलर्ट भी घोषित कर दिया है। इस इलाके में स्थित जापानी एयरबेस 24 घंटे हाई अलर्ट पर हैं। जापानी फाइटर पायलट देश की हवाई सीमा की सुरक्षा के लिए लगातार कॉम्बेट एयर पेट्रोलिंग भी कर रहे हैं।
एक साल में 947 बार घुसपैठ
जापानी रक्षा मंत्रालय के अनुसार, पिछले एक साल में उसके एयरस्पेस में 947 बार घुसपैठ की कोशिश हुई। इनमें से घुसपैठ की अधिकतर कोशिशें चीनी एयरफोर्स की तरफ से की गई थी। वहीं, मंत्रालय ने यह भी कहा कि वर्तमान समय में दोनों देशों के बीच जैसे हालात हैं उसमें घुसपैठ की कोशिशों में भारी इजाफा हो सकता है।
रविवार, 2 अगस्त 2020
चीन की 947 बार घुसपैठ की कोशिश
देश के लिए बलिदान देना 'सौभाग्य की बात'
सेना में भर्ती होना भाग्य की बात है लेकिन देश के लिए बलिदान देना सौभाग्य की बात है। विष्णु गौड़
रतन सिंह चौहान
पलवल। कारगिल शहीद नायक समुंद्र सिंह हुड्डा की जयंती पर संस्था के आदर्श कॉलोनी स्थित कार्यालय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बृजेश शर्मा अध्यक्ष अखंड भारत संस्कार सभा मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित थे जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता एच.जी.एम. विद्यालय के निदेशक ज्ञानचन्द सौरौत ने की तथा संचालन प्रवक्ता विष्णु गौड़ ने किया। इस अवसर पर सतीश गर्ग, रमेश बघेल, मोहित कालडा और धीरज जटवानी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि बृजेश शर्मा ने कहा कि जो व्यक्ति जन्म लेता है उसकी मृत्यु निश्चित है परंतु देश के लिए बलिदान देने वालों का नाम इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में अंकित हो जाता है। कारगिल शहीद नायक समुंद्र सिंह हुड्डा यादगार सेवा समिति के अध्यक्ष रामफल हुड्डा एवं महासचिव दीपचंद सौरौत ने बताया कि एक अगस्त 1969 को शहीद समुंद्र सिंह हुड्डा का जन्म ग्राम सांघी जिला रोहतक में हुआ हुआ। उन्होंने 30 वर्ष की अल्पायु में कारगिल के युद्ध में अदम्य साहस का परिचय देते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान कर दिया। उन्हें मरणोपरांत भारत सरकार द्वारा वीरता के लिए सेना मेडल से पुरस्कृत किया गया।संस्था द्वारा उनकी पुण्य स्मृति में विभिन्न प्रकार के सामाजिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस बार कोरोना संक्रमण की वजह से मुख्य कार्यक्रम का आयोजन नहीं हो पाया। ज्ञानचंद सौरौत ने कहा कि सेना में भर्ती होना भाग्य की बात है लेकिन देश के लिए बलिदान देना सौभाग्य की बात है। आज हम शहीदों के अमित बलिदान के परिणाम स्वरूप ही खुली हवा में सांस ले रहे हैं। प्रत्येक भारतवासी शहीदों का आजीवन ऋणी रहेगा। इस अवसर पर प्रदीप मित्तल, योगेश सौरौत, सुखीराम सौरौत, प्रताप सौरौत, रवि सौरोत, नवीन शर्मा आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।
5 अगस्त को लेकर तैयारियां की तेज
5अगस्त को स्थापना दिवस को लेकर इनसो ने तैयारियां तेज कर दी है।
रतन सिंह चौहान
पलवल। छात्र संगठन इंडियन नेशनल स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन ने 5 अगस्त को मनाए जाने वाले स्थापना दिवस को लेकर तैयारियां तेज कर दी है। इसको लेकर पलवल इनसो के प्रभारी भाई अमर सिंह दलाल ने इनसो जिला अध्यक्ष विशाल तेवतिया द्वारा हथीन में जननायक जनता पार्टी के कार्यालय पर इनसो की मीटिंग कर कार्यकर्ताओं को स्थापना दिवस को लेकर दिशा निर्देश दिए। बैठक मे पलवल इनसो प्रभारी अमर सिंह दलाल ने कहा कि छात्र संगठन इनसो हर बार कि तरह इस बार भी अपना स्थापना दिवस एक सामाजिक संदेश के साथ प्रदेशभर में मनाएगी। दलाल ने कहा कि इस बार इनसो के साथी प्रदेशभर में 2 दिन सामाजिक कार्य करते हुए स्थापना दिवस मनाएंगे। उन्होंने बताया कि 4 अगस्त को सुबह इनसो प्रदेश भर में पौधारोपण अभियान चलाएगी और 4 अगस्त दोपहर बाद प्रत्येक जिले में ब्लड डोनेशन कैंप लगाएगी। 5 अगस्त को कोरोना संक्रमण के फैलाव के मद्देनजर स्थापना दिवस के दिन इनसो सामाजिक दूरी का ध्यान रखते हुए प्रदेशभर के गांवो व शहरों में सैनिटाइज करते हुए मास्क, सैनिटाइजर आधी बांटकर कोरोना के खिलाफ लड़ी जा रही लडाई को और मजबूत करेगी। युवा जिला अध्यक्ष बृजेश आटोहा ने कहा की स्थापना दिवस के दिन शाम को युवाओं के प्रेरणा स्रोत डॉक्टर अजय सिंह एक ऑनलाइन वेबीनार के माध्यम से युवाओं से जोड़कर उन्हें संदेश देंगे। इनसो जिलाध्यक्ष विशाल तेवतिया ने कहा कि 4 अगस्त को सीनियर सेकेंडरी स्कूल पलवल मैं पौधारोपण व 11:00 बजे जाट धर्मशाला पलवल में ब्लड डोनेशन कैंप लगाया जाएगा । इनसो जिला प्रवक्ता अजय देशवाल पौंडरी,वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष गौरव, डागर हलका अध्यक्ष हथीन नरवीर कुंडू, जिला अध्यक्ष श्रमिक सैल सोनू ने भी मीटिंग को सम्बोधित किया।इस अवसर पर सतपाल डागर,राहुल,सोनू रावत, जोशी,हसीन,शहीद,खलिद,भूपेन्द्र सौरोत,सतेन्द्र गहलब ,नरेंद पुनिया,अमित,गौरव,बबली,रूप सिंह।
एक पौधा अवश्य लगाना चाहिएः नायर
प्रत्येक नागरिक को एक एक पोधा अवश्य लगाना चाहिए: जगदीश नायर
रतन सिंह चौहान
पलवल। विधायक जगदीश नायर ने रविवार को स्वर्गीय हीरालाल स्वतंत्रता सेनानी खेल स्टेडिय़म बंचारी में नीम, पीपल, बड़ और जामुन के पौधे लगाकर पौधारोपण किया।
विधायक जगदीश नायर ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि देश व प्रदेश में पौधारोपण अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पौधों का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। यह हमारे पर्यावरण को स्वच्छ रखते है। पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक नागरिक को एक एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए और उस पौधे को पेड़ बनने तक उसकी देखभाल भी करनी चाहिए। इस मौके पर विधायक जगदीश नायर ने ग्रामीणों की बिजली,पानी,सडक़ की समस्याओं को सुनकर संबंधित विभाग के अधिकारियों को हल करने के दिशा निर्देश जारी किए। इस अवसर पर जन स्वास्थ्य विभाग के एसडीओ राजवीर सिहं, बिजली विभाग के जेई भरत राम, खेल विभाग व अन्य विभागों के अधिकारीगण मौजूद थे। इस मौके पर लालचंद ,सतवीर नंबरदार ,गजन पुर्व सरपंच बेढ़ा,बलदेव पूर्व सरपंच, देवी पंडित,नारायण नंबरदार, अतर सिहं सरपंच, सूका मेंबर, तेज सिहं, लालू, सहित गणमान्य लोग मौजूद रहे।
पोधा रोपण कार्यक्रम में हिस्सा लेते विधायक जगदीश नायर और ग्रामीण।
यूपी कैबिनेट मंत्री की संक्रमण से मौत
कोरोना संक्रमण से हुई कैबिनेट मंत्री कमला रानी वरुण की मौत
अतुल आक्रोश
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट मिनिस्टर कमला रानी वरुण की कोरोना संक्रमण के चलते एसपीजीआई लखनऊ में मृत्यु हो गई ! विगत 18 जुलाई को उनकी कोरोना की जांच की गई थी, जिसमें उनके संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी साथ ही जांच में उनके परिवार के कई अन्य लोग भी संक्रमित पाए गए थे। पॉजिटिव आने के बाद से ही उनका इलाज लखनऊ के एसपीजीआई में चल रहा था।
राजनैतिक कैरियर- कमला रानी वरुण का जन्म 3 मई 1958 को हुआ था।
सन 1989 में भाजपा से टिकट मिलने पर उन्होंने कानपुर शहर के द्वारकापुरी वार्ड से पार्षद पद का पहला चुनाव जीतकर अपने राजनैतिक कैरियर की शुरुआत की थी। सन 1995 में लगातार दूसरी बार पार्षद का चुनाव जीतने के बाद 1996 में भाजपा ने घाटमपुर की संसदीय सीट (सुरक्षित) से चुनाव मैदान में उतारा था। सन 1998 के चुनाव में दोबारा उसी सीट पर जीत हासिल की लेकिन 1999 के लोकसभा चुनाव में बसपा के प्यारेलाल संखवार से मात्र 585 मतों से हार का सामना करना पड़ा था..!
2017 में घाटमपुर सीट से भाजपा ने उन्हें चुनावी मैदान में उतारा जहां उन्होंने जीत हासिल की। पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा को देखते हुए 2019 में योगी सरकार में उन्हें तकनीकी शिक्षा (कैबिनेट मंत्री) बनाया गया था..!
महंत नरेंद्र गिरी को भूमि पूजन का न्योता
बृजेश केसरवानी
प्रयागराज। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी अयोध्या में पांच अगस्त को श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए होने वाले भूमि पूजन कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। महंत गिरि ने रविवार को बताया कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव संपत राय ने कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए उन्हें निमंत्रण पत्र भेजा है। वह और अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरि गिरी चार अगस्त को अयोध्या में संपन्न होने वाले भूमि पूजन कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए प्रस्थान करेंगे।
गौरतलब है कि संपत राय ने अपने पत्र में लिखा है,“ आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी द्वारा पांच अगस्त को श्रीराम जन्मभूमि, मन्दिर निर्माण का कार्य प्रारम्भ किये जाने वाले ऐतिहासिक क्षण का आमंत्रण देते हुए हम अत्यन्त हर्ष एवं उल्लास का अनुभव कर रहे हैं। हम आपस से सादर अनुरोध करते हैं कि आप इस सुभवसर पर पधारने की कृपा करें।”
योगी ने रक्षाबंधन की शुभकामनाएं दी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रक्षाबंधन पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस अवसर पर कोविड-19 के प्रोटोकाॅल का पूर्ण पालन किया जाए। आज यहां जारी एक बधाई सन्देश में मुख्यमंत्री ने कहा है कि रक्षाबंधन भाई-बहन के पारस्परिक प्रेम, स्नेह व विश्वास का त्यौहार है। यह पर्व कर्तव्य, आत्मीयता, त्याग, सामाजिक एकता व सद्भाव की भावना का प्रतीक है। सीएम योगी ने कहा कि रक्षा बन्धन के अवसर पर कोविड-19 के प्रोटोकाॅल का पूर्ण पालन किया जाए। कोई भी सार्वजनिक आयोजन न किया जाए। पर्व के सभी अनुष्ठान घर पर ही रहकर किए जाएं।
गौरतलब है कि रक्षाबंधन भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक पर्व तो है ही, यह भारत की गुरु-शिष्य परम्परा का त्योहार भी है। यह दान के महत्व को प्रतिष्ठित करने वाला पावन त्योहार है। रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। श्रावण मास में ऋषिगण आश्रम में रहकर अध्ययन और यज्ञ करते थे। श्रावण पूर्णिमा को मासिक यज्ञ की पूर्णाहुति होती थी। यज्ञ की समाप्ति पर यजमानों और शिष्यों को रक्षासूत्र बांधने की प्रथा थी, जिसका पालन रक्षाबंधन के रूप में भी किया जाता है। रक्षाबंधन का त्योहार समाज में प्रेम और भाईचारा बढ़ाने का कार्य भी करता है।
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