देहरादून। उत्तराखंड के उत्तरकाशी वन प्रभाग क्षेत्र में देश का पहला स्नो लैपर्ड कंजर्वेशन सेंटर बनाया जाएगा। यह संरक्षण केंद्र जिले के भैरों घाटी के लंका क्षेत्र में बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य में हिम तेंदुओं की गणना के भी निर्देश दिए हैं। आपको बता दें कि विभिन्न शोधों के आधार पर उत्तराखंड में अभी 86 हिम तेंदुए मिले हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत और वन विभाग के अधिकारियों के साथ इस संबंध में बैठक की। इस दौरान सीएम रावत ने निर्देश दिए कि राज्य में हिम तेंदुओं की गणना की जाए। हिम तेंदुओं के सरंक्षण और इनकी संख्या में वृद्धि के लिए विशेष प्रयास किए जाए। पिछले कुछ वर्षों में जिन क्षेत्रों में हिम तेंदुए देखे गए हैं। स्थानीय लोगों और सैन्य बलों के सहयोग वन विभाग द्वारा ऐसे क्षेत्र चिह्नित किए जाए। ऐसे क्षेत्रों में ग्रिड बनाकर इनकी गणना।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिम तेंदुए और अन्य वन्य जीवों के संरक्षण से राज्य में विंटर टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में वन्य जीवों की अनेक प्रजातियां हैं, जो पर्यटकों के आर्कषण का केंद्र बनती हैं। वन्य जीवों की लुप्त हो रही प्रजातियों के संरक्षण की दिशा में प्रयासों की जरूरत है। आज वन्य जीवों के संरक्षण के लिए लोग भी जागरूक हैं। उत्तराखंड के प्राकृतिक और नैसर्गिक सौन्दर्य में वन और वन्य जीवों का महत्वपूर्ण योगदान है। बैठक में जानकारी दी गई कि उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ जिले में हिम तेंदुए अधिक मात्रा में देखे गए हैं। अभी तक इनकी गणना नहीं की गई है।
विभिन्न शोधों के आधार पर उत्तराखंड में अभी 86 हिम तेंदुए हैं। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पिछले कुछ सालों में वन्य जीवों की संख्या में वृद्धि हुई है। इस अवसर पर प्रो. एन फिन्स्ट्रा ने हिम तेंदुए के संरक्षण केंद्र पर विस्तार से प्रस्तुतिकरण दिया। बैठक में प्रमुख सचिव वन और पर्यावरण आनन्द बर्द्धन, प्रमुख वन संरक्षक जयराज, चीफ कंजरवेटर वाइल्डलाइफ रंजना काला, राजीव भरतरी, जीएस सुहाग और वन विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।