शनिवार, 1 अगस्त 2020

24 राज्यों में मिलेगी पोर्टेबिलिटी की सुविधा

कविता गर्ग


नई दिल्ली। केंद्र सरकार की वन नेशन वन राशनकार्ड योजना में आज 4 और नए राज्य शामिल हो गए है। केंद्रीय खाद्य मंत्री रालविलास पासवान का कहना है कि सरकार की महत्वाकांक्षी योजना वन नेशन वन राशन कार्ड में आज मणिपुर, नागालैंड, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड जुड़ गये हैं और अब कुल 24 राज्यों के बीच राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी की सुविधा उपलब्ध हो गई है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत आने वाले इन 24 राज्यों के 65 करोड़ से ज्यादा लाभार्थियों को अब वन नेशन वन राशन कार्ड के तहत इन राज्यों में कहीं भी निवास करते हुए वहीं अपने हिस्से का अनाज प्राप्त करने की सुविधा होगी। जिससे दूसरे राज्यों में काम करने वाले लाभान्वित होंगे।


क्या है राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी-जिस तरह मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (MNP) करते हैं, वैसे ही अब राशन कार्ड को भी पोर्ट कराया जा सकेगा। मोबाइल पोर्ट में आपका नंबर नहीं बदलता है और आप देशभर में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इसी तरह, राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी में आपका राशन कार्ड नहीं बदलेगा। मतलब ये कि एक राज्य से दूसरे राज्य में जाते हैं तो अपने राशन कार्ड का इस्तेमाल करके दूसरे राज्य से भी सरकारी राशन खरीद सकते हैं।


मान लीजिए कि राम कुमार बिहार के निवासी हैं और उसका राशन कार्ड भी बिहार का है। लेकिन इस योजना के तहत अब अपने राशन कार्ड के जरिए उत्तर प्रदेश, दिल्ली में भी उचित मूल्य पर सरकारी राशन खरीद सकते हैं। मतलब साफ है कि किसी भी तरह की सीमा या नियमों का बंधन नहीं होगा। वह देश के किसी भी राज्य में राशन खरीद सकता है। अहम बात ये है कि इसके लिए किसी नए राशन कार्ड की जरूरत नहीं होगी। मतलब ये कि आपके पुराने राशन कार्ड ही इसके लिए मान्य होंगे।


31 मार्च 2021 तक पूरे देश में 81 करोड़ लाभार्थियों को इसका फायदा मिलेगा- रामविलास पासवान का कहना है कि 31 मार्च 2021 तक देश के सभी राज्यों को वन नेशन वन राशन कार्ड योजना से जोड़ दिया जाएगा. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत आने वाले सभी 81 करोड़ लाभार्थियों को इसका लाभ मिल सकेगा।


आक्रोशः लापता अधिवक्ता का शव मिला




















प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, ‘उप्र में जंगलराज फैलता जा रहा है। क्राइम और कोरोना कंट्रोल से बाहर है। बुलंदशहर में श्री धर्मेन्द्र चौधरी जी का 8 दिन पहले अपहरण हुआ था। कल उनकी लाश मिली। कानपुर, गोरखपुर, बुलंदशहर। हर घटना में कानून व्यवस्था की सुस्ती है और जंगलराज के लक्षण हैं। पता नहीं सरकार कब तक सोएगी?’


पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार अधिवक्ता का शव जलाकर मार्बल गोदाम में दबाया गया था। बीते आठ दिनों से वकील के घर आने का इंतजार कर रहे परिजनों ने अपहरण के बाद हत्या का आरोप लगाया। पुलिस ने बताया है कि अधिवक्ता के शरीर पर धारदार हथियार के निशान मिले हैं। बुलंदशहर के खुर्जा कोतवाली नगर में तनाव को देखते हुए पीएसी के साथ जिले में भारी सुरक्षा बल तैनात कर दिया गया है।            


















लखनऊ में कोरोना संक्रमण ने तोड़ा रिकॉर्ड

प्रशांत कुमार


लखनऊ। महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण तेजी से इस समय फैल रहा हैं।। सूबे में बढ़ते संक्रमण से सरकार के साथ जनता भी परेशान है। शुक्रवार शाम को जारी आंकड़ा और भी भयभीत करने वाला है। प्रदेश में आज 4453 पॉजिटिव केस सामने आए हैं। यह अब तक एक दिन में मिले रोगियों की सबसे बड़ी संख्या है। इसी तरह से लखनऊ में भी 562 कोरोना पॉजिटिव केस मिले हैं। लखनऊ प्रदेश में शीर्ष पर है। सर्वाधिक एक्टिव केस होने साथ रोज संख्या में बढ़ोतरी सभी को भयभीत कर रही है। बीते 24 घंटे में सर्वाधिक 1.15 लाख नमूनों की जांच भी की गई। इससे पहले बीते गुरुवार को ही सबसे ज्यादा 3765 मरीज मिले थे। जुलाई में कोरोना के कुल 63,018 मरीज मिले हैं, जबकि मार्च से जून तक केवल 23,070 रोगी मिले थे। प्रदेश में अब तक कुल 23,25,428 लोगों की कोरोना जांच की जा चुकी है।                


पिता की रोड से पीट-पीटकर हत्या की

विकास पाल


कानपुर। कानपुर शहर में प्लास्टिक कोरोबारी की उसके अपने ही बेटे ने लोहे की रॉड से पीट-पीट कर हत्या कर दी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कारोबारी नशे में धुत बेटे को डांट रहे थे, इसी दौरान पीछे से आए बेटे ने पिता को लोहे की रॉड से पीटना शुरू कर दिया, और मरणासन्न हालत में छोड़कर भाग गया। परिजन बुजुर्ग को हैलट अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉटर्म के लिए भेज दिया है।


बता दें कि सीसामऊ थाना क्षेत्र स्थित गांधी नगर में रहने वाले धर्मेश विश्वकर्मा की पनकी फैकटरी एरिया में प्लास्टिक का कारखाना है। परिवार में पत्नी विमला और तीन बेटे ऋषि, रवि और रजत है। धर्मेश विश्वकर्मा का बड़ा बेटा ऋषि अपने परिवार के साथ काकादेव स्थित फ्लैट में रहता है। मंझला बेटा रवि पत्नी मेनका और बच्चो के साथ पिता के साथ ग्राउंड फ्लोर में रहता था। सबसे छोटा बेटा रजत पिता के साथ रहता है। धर्मेश विश्वकर्मा के बड़े बेटे ने बताया कि पिता शुक्रवार शाम को किसी काम से जा रहे थे। जब वो दूसरे मंजिल से नीचे उतरे तो रवि के कमरे में चले गए। उन्होने देखा कि रवि नशे में धुत पड़ा हुआ है। रवि की हालत देखकर वो उसे डांटने लगे, पापा जब मुड़कर चलने लगे तो रवि ने पीछे से लोहे की रॉड से हमला कर दिया। इसके बाद रवि मौके से भाग निकला, घर पर मौजूद रवि के बच्चे चीखने चिल्लाने लगे। सभी लोग गंभीर हालत में पापा को अस्पताल पहुंचे जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।  


मामले में परिजनों ने बताया कि रवि की संगत गलत थी, वो दिनभर दोस्तों के साथ घूमता था। पिता के काम में हाथ नहीं बंटाता था, उसकी आर्थिक स्थिति न बिगड़े इसलिए पिता उसकी मदद करते थे। इसके बाद भी रवि की हरकतें सुधरने का नाम नहीं ले रही थीं। नशे की टेबलेट खाकर उसका मानसिक संतुलन बिगड़ गया था। इस मामले में सीसामऊ सीओ त्रिपुरारी पांडेय के मुताबिक धर्मेश विश्वकर्मा का मंझला बेटा रवि नशे का आदी था। रवि नशे की दवाईयों का सेवन करता था, आए दिन पिता से पैसे मांगता और झगड़ा करता था। इसी क्रम में उसने पिता पर लोहे की रॉड से हमला कर दिया। जिससे उनकी मौत हो गई। हालांकि पुलिस इस केस में मुकदमा पंजीकृत कर कार्रवाई कर रही है।             


मां-बेटे ने एक साथ दसवीं कक्षा पास की










पारिवारिक कारणों से अधूरा रह गया था सपना, अब जाकर किया पूरा













मुंबई। इंसान कुछ करने की ठान ले तो कुछ भी मुश्किल नहीं होता। ये बात साबित कर दिखाई हैं महाराष्ट्र की एक महिला ने। बारामती के रहने वाली एक महिला ने अपने बेटे के साथ दसवीं की परीक्षा में पास की। बारामती की रहने वाली बेबी गुरव ने घर का काम और कंपनी में सिलाई का काम करते हुए ये सफलता हासिल की है। बेबी बारामती के टेक्सटाइल पार्क में पायनियर कैलिकोज़ कंपनी में सिलाई का काम करती हैं। पारिवारिक कारणों से 10वीं पास करने का उनका सपना अधूरा रह गया था। तब घर की परिस्थ‍ितियों के कारण वो अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाई थीं। कई बार उन्होंने पढ़ाई पूरी करने की सोची, मगर हालात खराब होने के कारण ये मुमकिन नहीं हो पा रहा था। जब उनका लड़का सदानंद दसवीं कक्षा (10th class) में पढ़ रहा था, तब उनके मन में पढ़ाई की इच्छा एक बार फिर जागी। इसमें उनके पति प्रदीप ने उन्हें काफी प्रोत्साहि‍त किया। पति का प्रोत्साहन और बेटे का साथ पाकर उन्होंने दोबारा किताबें उठाईं और पढ़ाई शुरू कर दी। अपने काम से वक्त निकालकर वो दिन में खाली वक्त पर पढ़ाई करने लगीं।

बेबी गुरव ने मैट्रिक की परीक्षा देने का फैसला किया और सभी जिम्मेदारियों को निभाते हुए पढ़ाई (Study) शुरू की। घर का काम संभालते हुए और कंपनी में सिलाई का काम करते हुए बेबी को जितना भी खाली वक्त मिला, वो तैयारी में लगी रहीं। जब परीक्षा का वक्त आया तो उन्होंने बेटे के साथ अपनी तैयारी और तेज कर दी। इस तरह उन्होंने अपने बेटे के साथ दसवीं की परीक्षा दी। जब दसवीं का रिजल्ट सामने आया तो मां और बेटा दोनों ही अच्छे अंकों से उत्तीर्ण हुए। बेबी ने बताया कि मेरे बेटे सदानंद ने मुझे कठिन गणित, अंग्रेजी और विज्ञान समझाया। खाना बनाते समय बेटे ने लगातार पढ़ाई में मदद की। बेबी के पति प्रदीप गुरव ने कहा कि वो अपनी पत्नी पर बहुत गर्व महसूस कर रहे हैं। किस तरह घर में काम करके और कंपनी में समय पर जाने की मजबूरी भी बेबी को नहीं हरा पाई। उन्हें इतने काम के चलते पढ़ाई में दिक्कत होती थी, लेकिन जब भी टाइम मिलता तो बस स्टॉप या लंच ब्रेक में अपनी किताब लेकर बैठ जाती थी।            

 








बदमाशों से मुठभेड़ में पुलिसकर्मी घायल

रिपोर्ट-- रोहित मिश्र

रायबरेली। योगीराज में उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बदमाशो व पुलिस की मुठभेड़ की खबरे सामने आ रही है वही रायबरेली जिले में भी देर रात बदमाशो व पुलिस की मुठभेड़ हो गई जिसमें एक बदमाश के पैर में गोली लगी है वही एसओजी टीम का एक सिपाही भी गंभीर रूप से घायल हो गया है। घायलो को सीएचसी से  जिला अस्पताल रेफर कर दिया गयक है जहां उनका इलाज चल रहा है।वही बदमाश के साथी को भी पुलिस ने नाकेबंदी कर गिरफ्तार कर लिया है।

कहा की है घटना और क्या है पूरा मामला

दरअसल मुखबिर की सूचना पर रायबरेली जिले के लालगंज कोतवाली क्षेत्र में  देर रात फतेहपुर रोड पर पुलिस और बाइक सवार बदमाशों के बीच हुई मुठभेड़ में बदमाश सोनू यादव के दोनों पैरों में 3 गोलियां लगी जबकि इस मुठभेड़ में एसओजी के सिपाही सुरेश वर्मा भी गोली लगने से घायल हो गए।वही भाग रहे बदमाश के दूसरे साथी को भी पुलिस ने नाकेबंदी कर गिरफतार कर लिया है। जानकारी के अनुसार  घायल बदमाश के दोनों पैरों पर तीन गोलियां लगी हैं। इलाज के लिए लालगंज सीएचसी लाया गयाजहाँ हालत गंभीर होने के कारण चिकित्सकों ने उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया है। वही इस मुठभेड़ में एसओजी के सिपाही सुरेश वर्मा के दाहिने बांह में गोली छूकर निकल गई है। मुठभेड़ में घायल बदमाश सोनू यादव भदोखर थाना क्षेत्र के  पूरे मेहरबान बेहटा खुर्द गाँव का रहने वाला है और उस पर कई आपराधिक मामले दर्ज है।

एसपी स्वप्निल ममगाई ने क्या कहा?

वही इस पूरे मामले में जिला अस्पताल पहुँचे पुलिस अधीक्षक की माने तो अचानक पुलिस टीम व बदमाशो में मुठभेड़ हो गई जिसमें बाइक सवार बदमाश भागने लगा और पुलिस टीम पर फ़ायरींग शुरू कर दी जिसमे बचाव के लिए पुलिस टीम की तरफ से भी फायरिंग की गई जिसमें एक बदमाश के पैर पर गोली लगी है वही एसओजी टीम का एक सिपाही भी घायल हुआ है जिनका इलाज चल रहा है।               

गाजीपुर से 42 संक्रमित हुए लापता

प्रशांत कुमार


गाजीपुर। जनपद में कोरोना से संक्रमित 42 मरीज लापता हैं। प्रशासन उनकी तलाश में जुटा है। कई टीमों को खोजने में लगाया गया है। इन 42 मरीजों ने कोविड-19 सैंपल जांच के दौरान फार्म पर अपनी गलत जानकारियों को दर्ज किया था। इसके कारण रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद प्रशासन उन तक नहीं पहुंच सका है। उनके द्वारा दिया गया मोबाइल नंबर भी गलत है या स्विच आफ बता रहा है। अब सीसीटीवी फुटेज और अन्य विवरण के आधार पर इन संक्रमितों की तलाश हो रही है।गाजीपुर में लगातार बढ़ते संक्रमण के बीच मरीजों की संख्या 1100 के पार पहुंच चुकी है। यहां  553 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं।एक्टिव केस 554 हैं। अब तक 10 मरीजों की मौत हो चुकी है। प्रशासन की लगातार कोशिशों के बाद भी 42 संक्रमितों का कोई अता पता नहीं चल रहा है। गलत नाम पता और मोबाइल नंबर के चलते उनकी पहचान नहीं हो पा रही है। उनके हुलिये के आधार पर चिकित्सक, पुलिस, प्रधान और लेखपाल मिलकर तलाश कर रहे हैं।


कोराेना के नोडल डाक्टर और एसीएमओ डॉ. केके वर्मा ने बताया कोविड-19 सैंपलिंग के दौरान फार्म भी भराया जाता है। पहले कम मरीज होने के दौरान जांच के बाद मरीजों को रेलवे जोनल ट्रेनिंग सेंटर के अलग-अलग रूम में क्वारंटीन करते थे। अब मरीज बढ़ने पर जांच के बाद लोगों को रिपोर्ट आने तक होम क्वारंटीन का आप्प्शन दिया जाता है। गंभीर मरीजों को भर्ती कर लेते हैं और ट्रू नाट में जांच के बाद रिपोर्ट के अनुसार इलाज भी शुरू कर देते हैं। जो 42 मरीज नहीं मिल रहे हैं वह उन्होंने जांच के दौरान फार्म में गलत जानकारियां भरी हैं। उनका नाम, पता और मोबाइल नंबर सब गलत है। हम उनकी तलाश में जुटे हैं और जल्द ही सभी को अस्तपाल में भर्ती कराया जाएगा। ऐसे मरीज अगर होम आइसोलेशन चाहते हैं तो उसका फार्म भरकर सुविधाएं ले सकते है।               


यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई  संदीप मिश्र  लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन को लेकर उत्तर प्रदेश में भी 7 दिनों के...