शनिवार, 1 अगस्त 2020

इजराइली तकनीक से 30 सेकंड में जांच

अनिल मिश्रा


नई दिल्ली। कोरोना वायरस की जांच में और तेजी लाने के लिए भारत और इजराइल साथ मिलकर एक खास तरह की रैपिड टेस्टिंग किट विकसित करने पर काम कर रहे हैं। राम मनोहर लोहिया अस्पताल (आरएमएल) में एक ट्रायल किया जा रहा है, अगर यह ट्रायल सफल रहा है तो महज 30 सेकेंड में कोरोना की रिपोर्ट हासिल की जा सकती है। दरअसल, इजराइल के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित 30 सेकंड में कोरोना वायरस यानी कोविड-19 का पता लगाने वाले चार तकनीकों का मूल्यांकन दिल्ली के डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में किया जा रहा है।


इस नई तकनीक के ट्रायल में करीब 10,000 लोगों का दो बार टेस्ट किया जाएगा; एक बार गोल्ड स्टैंडर्ड मॉलिक्युलर आरटी-पीसीआर टेस्ट और फिर चार इजराइली तकनीकों का उपयोग करके ये जांचा जाएगा कि क्या ये नवाचार सही से काम करेंगे। स्वैब सैंपल संग्रह विधि के विपरीत इस टेस्ट में लोगों को एक श्वासनली जैसे उपकरण के सामने झटका देना या बोलना होगा जो टेस्ट के लिए नमूना एकत्र करेगा।


शोधकर्ताओं का मानना है कि अगर यह ट्रायल सफल होता है तो न सिर्फ लोगों को महज तीस सेकेंड में कोरोना का रिजल्ट मिल जाएगा, बल्कि ये प्रौद्योगिकियां व्यवसायों के भी सुरक्षित मार्ग प्रशस्त कर सकती हैं और लोग वैक्सीन विकसित होने तक कोरोना वायरस के साथ जीने में सक्षम भी हो सकेंगे। बता दें आरएमएल अस्पताल में इसका ट्रायल शुरू हो चुका है। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले कुछ दिनों में इसके नतीजे आ सकते हैं। 


इजराइल और भारत चार अलग-अलग तरह की तकनीकों के लिए परीक्षण कर रहे हैं, जिसमें लगभग 30 सेकंड में कोविड-19 का पता लगाने की क्षमता है। इसमें एक श्वास विश्लेषक और आवाज परीक्षण (वॉयस टेस्ट) शामिल हैं। एक इजराइली बयान में यह जानकारी दी गई है।  इनमें से दो टेस्ट लार नमूनों की जांच के बाद मिनटों में परिणाम देंगे। तीसरे तरीके में किसी के आवाज से ही बताया जा सकता है कि वह कोरोना संक्रमित है या नहीं। चौथे तरीके में सांस नमूने के रेडियो वेव से संक्रमण का पता लगाया जा सकेगा।


इजराइली विज्ञप्ति के अनुसार, भारत में इजराइली राजदूत रोन माल्का ने शुक्रवार को डा.राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल में बनाये गए विशेष परीक्षण स्थल का दौरा किया, जहां उन्होंने पिछले तीन दिन से तीव्र कोविड-19 जांच के लिए किये जा रहे परीक्षणों को देखा।


इजराइल के रक्षा मंत्रालय के रक्षा अनुसंधान और विकास निदेशालय, भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद और प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार, भारत के सहयोग और इजराइल एवं भारत के विदेश मंत्रालयों के समन्वय से संयुक्त रूप से तीव्र जांच विकसित की जा रही है। माल्का के साथ प्रो. के विजयराघवन भी थे, जो प्रधानमंत्री के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार हैं। बयान में कहा गया है, ‘आरएमएल अस्पताल परीक्षण स्थलों में से एक है, जिसने चार अलग-अलग प्रकार की तकनीकों का परीक्षण शुरू किया है, जिसमें कोरोना वायरस का पता लगाने की क्षमता 30 सेकंड से कम है।’ बता दें कि भारत की आबादी के लिहाज से कोरोना टेस्ट भी एक बड़ी समस्या है। अगर यह प्रयोग सफल होता है तो कोरोना की जांच सुलभ हो जाएगी और कोरोना के साथ लोगों का जीना भी आसान हो जाएगा।


मनीष तिवारी ने पार्टी से पूछे 4 सवाल

जयपुर। कांग्रेस में वरिष्ठ और युवा नेताओं के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट में झगड़े के बीच पार्टी में यूपीए सरकार को लेकर आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरु हो गया है। इस सिलसिले में पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने भी पार्टी से कई सवाल पूछे हैं। मनीष तिवारी ने ट्वीट कर चार सवाल पूछे हैं। पहला क्या 2014 के चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के लिए यूपीए जिम्मेदार थी। दूसरा, क्या यूपीए के अंदर ही साजिश रची गई थी। तीसरा, 2019 की हार की भी समीक्षा होनी चाहिए। चौथा सवाल यह कि पिछले छह साल में यूपीए पर किसी तरह का आरोप नहीं लगाया गया।


पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यूपीए सरकार ने सूचना का अधिकार, खाद्य सुरक्षा कानून और शिक्षा का अधिकार कानून बनाए। ऐसे में अगर मूल्यांकन करना है, तो इसका भी होना चाहिए कि यूपीए के ऊपर जो गलत लांछन लगे, उस राजनीतिक षडयंत्र में कौन-कौन लोग शामिल थे। तत्कालीन सीएजी विनोद राय की क्या मंशा थी। उन्होंने कहा कि यह मूल्यांकन करना चाहिए कि 2014 में इतनी उपलब्धियों के बाद हम क्यों हार गए। इसके बाद 2019 में क्यों हारे।


मनीष तिवारी ने कहा कि यह कहना है कि यूपीए ने बर्बाद कर दिया, यह गलत है। उन्होंने कहा कि जब आप दस साल सरकार में रहते हैं, तो लोगों का मन आपसे भर जाता है। भाजपा भी दस साल बाहर रही थी। मनीष तिवारी ने कहा कि अगर कोई अपनी ही सरकार को दोषी ठहराना शुरु कर दे, तो वह निशाना डॉ मनमोहन सिंह पर साध रहा है। उन्होंने कहा कि यूपीए- दो में कुछ नहीं हुआ। जो भी हुआ वह यूपीए एक में हैं। ऐसे में 2009 से 2020 तक अभी तक निचली अदालत से भी किसी को दोषी करार नहीं दिया गया है।दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता ने गुरुवार को पार्टी के राज्यसभा सांसदों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की थी। बैठक में मौजूदा राजनीतिक हालात पर भी चर्चा हुई। सूत्रों के मुताबिक कपिल सिब्बल ने हार पर मंथन करने की जरुरत पर जोर दिया। पर इस मामले में युवा सांसदों की राय अलग थी।गुजरात के प्रभारी और राज्यसभा सांसद राजीव सातव ने कहा कि हमें यह भी आत्मनिरीक्षण करना चाहिए कि हम 44 पर कैसे आ गए। जबकि 2009 में कांग्रेस के पास दो सौ से अधिक सांसद थे। कपिल सिब्बल की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि जो यूपीए में मंत्री रहे हैं, उन्हें देखना चाहिए कि वह कहां असफल रहे।


17 वर्षीय लड़के ने सबको किया हैरान

मनोज सिंह ठाकुर


फ्लोरिडा। बिल गेट्स, इलॉन मस्क, कान्ये वेस्ट, बराक ओबामा और जो बाइडेन जैसी हस्तियों के ट्विटर अकाउंट्स पर हुए अटैक ने पूरी दुनिया को हैरानी में डाल दिया था। इसके पीछे दिमाग था फ्लोरिडा के एक 17 साल के लड़के का जिसे अब जेल में डाल दिया गया है। इस लड़के के ऊपर 30 आरोप लगाए गए हैं। ये ट्विटर अटैक बिटकॉइन स्कैम को प्रमोट करने के लिए किया गया था। इस मामले में FBI (फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन) और डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस ने पूरे देश में छानबीन की थी जिसके बाद लड़के को गिरफ्तार कर लिया गया।


एक दिन में कमाए 1 लाख डॉलर
फ्लोरिडा के टैंपा के रहने वाले इस लड़के पर खिलाफ संस्थागत फर्जीवाड़ा, कम्यूनिकेशन फ्रॉड, पहचान चुराने और हैकिंग जैसे आरोप लगे गए हैं। हिल्सबरो स्टेट अटर्नी ऐंड्रू वॉरन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी है। उन्होंने इस लड़के को इस हमले का मास्टरमांड बताया है। स्टेट अटर्नी ने बताया कि उसने बिटकॉइन से एक लाख डॉलर एक दिन में कमा लिए।


मदद के आरोप में दो और लोग गिरफ्तार
वॉरन ने यह भी कहा कि भले ही यह अपराध मशहूर लोगों के नाम पर किया गया हो लेकिन उसका मकसद आम लोगों से चोरी करना था। बाद में डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस ने ब्रिटेन के 19 साल के जॉन शेपर्ड और ओरलैंडो के नीमा फजेली को इस काम में मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। वहीं, पूरी जांच और कार्रवाई तेजी से करने के लिए ट्विटर ने अथॉरिटीज की तारीफ की है।


ऐसे किया था स्कैम
इस साइबर हमले के बारे में क्रिप्टोकरंसीज में होने वाले ट्रांसफर को मॉनिटर करने वाली साइट Blockchain.com ने बताया था कि करीब 12.58 बिटकॉइन स्कैमर्स की ओर से बताए गए ईमेल अड्रेसेज पर भेजे गए और इनकी वैल्यू 116,000 डॉलर ( करीब 87.2 लाख रुपये) होती है। लगभग हर ट्वीट में स्कैमर्स ने लिखा कि अकाउंट होल्डर अपने फॉलोअर्स को बिटकॉइन दे रहे हैं और इसके लिए उन्हें बताए गए अड्रैस पर बिटकॉइन भेजने होंगे। कई ट्वीट्स में यूजर्स को दिए गए लिंक पर क्लिक करने को भी कहा गया।             


100 हत्या की, मगरमच्छ को शव खिलाएं

मनोज सिंह ठाकुर


नई दिल्ली। डॉक्टर जैसा पेशे में रहकर लोगों की बेरहमी से जान लेनेवाले हैवान देवेंद्र शर्मा के बारे में और चौंकानेवाली जानकारी मिली हैं। सीरियल किलर डॉक्टर देवेंद्र शर्मा ने पहले कबूला था कि 50 कत्ल के बाद वह मर्डर्स की गिनती भूल गया था। अब उसने माना है कि अबतक वह 100 से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है, जिसमें से ज्यादातर को उसने यूपी की एक नहर में मौजूद मगरमच्छ का खाना बना दिया।


देवेंद्र शर्मा नाम के इस डॉक्टर को पिछले दिनों दिल्ली से पकड़ा गया है। वह किडनी केस में पिछले 16 साल से सजा काट रहा था और अब परोल पर बाहर था। 20 दिन बाद उसे वापस जेल जाना था लेकिन वह अंडरग्राउंड हो गया था। अब पकड़ेजाने के बाद उसे काले कारनामों का कच्चा चिट्ठा खुल रहा है।


गैस एजेंसी में लूटकर बेचता सिलेंडर
देवेंद्र शर्मा राजस्थान में डॉक्टरी करते करते कैसे कातिल बन गया यह सब जानना चाहते हैं। पता चला है कि एक निवेश में धोखे के बाद उसने जुर्म का रास्ता चुना था। फिर वह डॉक्टरी के साथ-साथ किडनी ट्रांसप्लांट रैकिट, फर्जी गैस एजेंसी भी चलाने लगा। इतना ही नहीं वह चोरी के वाहन भी बेचता था। अपनी फर्जी गैस एजेंसी के लिए जब उसे सिलेंडर चाहिए होते तो वह गैस डिलिवरी ट्रक लूट लेता और उसके ड्राइवर को मार देता।


ड्राइवर्स का शव नहर में फेंका
देवेंद्र कैब ड्राइवर्स को उनकी गाड़ियों के लिए मार देता था। दिल्ली से यूपी जाने के लिए इसके गैंग के लोग जिस टैक्सी को बुक करके उसे ही लूट लेते। पकड़ेजाने के बाद शर्मा ने बताया कि उसने ज्यादातर शवों को उत्तर प्रदेश, कासगंज के हजारा नहर में फेंक दिया। इस नहर में बड़ी संख्या में मगरमच्छ रहते हैं।


डॉक्टर ऐसे बना शैतान
शर्मा को अब बीते बुधवार को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था। साल 1984 में देवेंद्र शर्मा ने आर्युवेदिक मेडिसिन में अपनी ग्रेजुएशन पूरी करके राजस्थान में क्लीनिक खोला। फिर 1994 में उसने गैस एजेंसी के लिए एक कंपनी में 11 लाख का निवेश किया। लेकिन कंपनी अचानक गायब हो गई। फिर नुकसान के बाद उसने 1995 में फर्जी गैस एजेंसी खोल ली।


शर्मा ने एक गैंग बनाया जो एलपीजी सिलेंडर लेकर जाते ट्रकों को लूट लेता। इसके लिए वे लोग ड्राइवर को मार देते और ट्रक को भी कहीं ठिकाने लगा देते। इस दौरान उसने गैंग के साथ मिलकर करीब 24 मर्डर किए। फिर देवेंद्र शर्मा किडनी ट्रांसप्लांट गिरोह में शामिल हो गया। उसने सात लाख प्रति ट्रांसप्लांट के हिसाब से 125 ट्रांसप्लांट करवाए। साथ ही साथ ये लोग कैब ड्राइवर्स को मारकर उनकी कैब लूट लेते। ड्राइवर की बॉडी को नहर में फेंक दिया जाता था, और कैब को यूजड कार बताकर बेच दिया जाता।


इसके बाद वह 2004 में पकड़ा गया और 16 साल जयपुर जेल में रहा। फिर अच्छे बर्ताव के लिए उसे जनवरी 2020 को 20 दिन की परोल मिली। लेकिन वह भाग गया और अंडर ग्राउंड हो गया। फिर वह दिल्ली के मोहन गार्डन में छिपकर रहने लगा। यहां वह एक बिजनसमैन को चूना लगाने वाला था। लेकिन पुलिस को उसके यहां होने की भनक लगी और आखिर में उसे पकड़ लिया गया।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस   (हिंदी-दैनिक)


 अगस्त 02, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-353 (साल-01)
2. रविवार, अगस्त 02, 2020
3. शक-1943, श्रावण,शुक्ल-पक्ष, तिथि- चतुर्दशी, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 05:20,सूर्यास्त 07:18।


5. न्‍यूनतम तापमान 22+ डी.सै.,अधिकतम-36+ डी.सै.। भारी बरसात की संभावना।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
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शुक्रवार, 31 जुलाई 2020

सोशल डिस्टेंसिंग के साथ करें 'हज यात्रा'

सऊदी अरब: सोशल डिस्टेंसिंग के साथ हज शुरू


रियाद। सऊदी अरब में बुधवार से हज शुरू हो गया। हालांकि, इसमें सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जा रहा है। एक बार में सिर्फ 20 जायरीनों को मक्का आने की इजाजत दी जा रही है। यहां आने से पहले सभी को एक दिन आइसोलेशन में रहना जरूरी है। हज के दौरान जायरीनों को मास्क लगाए रहना भी जरूरी होगा। इस बार किसी भी विदेशी जायरीन को यहां आने की इजाजत नहीं है।
सऊदी अरब में बुधवार को हज शुरू होने के बाद भी मक्का के पास जायरीनों का हुजूम नहीं आया। इस बार यहां विदेशी जायरीनों को आने की इजाजत नहीं है।              


इटली में 15 अक्टूबर तक लॉकडाउन लागू

इटली: लॉकडाउन 15 अक्टूबर तक बढ़ा


रोम/ अंकारा। इटली ने लॉकडाउन का समय 15 अक्टूबर तक बढ़ा दिया है। प्रधानमंत्री ​​​​​​ग्युसेप कोंटे ने बढ़ते मामलों को देखते हुए संसद में पाबंदियां बढ़ाने का सुझाव रखा था। मंगलवार को संसद के ऊपरी सदन में इस पर चर्चा होने के बाद इसे मंजूरी दे दी गई।इटली के प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री ग्युसेप कोंटे ने मंगलवार को संसद में लॉकडाउन बढ़ाने का प्रस्ताव रखा। इसे मंजूरी दे दी गई।
तुर्की: संक्रमण के 963 मामले


तुर्की में 24 घंटे में संक्रमण के 963 नए मामले आए हैं। कुल संक्रमितों की संख्या 2 लाख 27 हजार 982 हो गई है। अब तक यहां 5645 लोगों ने दम तोड़ा है। स्वास्थ मंत्री फहरेतिन कोजा ने बताया कि देश में 46 लाख 65 हजार 383 लोगों का टेस्ट किया गया है। तुर्की ने एक अगस्त से चार देशों के साथ फ्लाइट्स शुरू करने का फैसला किया है। ये देश भारत, रूस, कुवैत और साउथ अफ्रीका हैं।         


'सैनिक बंधू' की बैठक आयोजित की: सीडीओ

'सैनिक बंधू' की बैठक आयोजित की: सीडीओ  गणेश साहू  कौशाम्बी। मुख्य विकास अधिकारी अजीत कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में बुधवार को जिल...